अर्थव्यवस्था से संबंधित  तथ्य

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-: अर्थव्यवस्था से संबंधित  तथ्य :-

 

स्पिनफैड – गुलाबपुरा, गंगापुर व हनुमानगढ़ की सरकारी मिलो व जिनिंग मिल गुलाबपुरा को मिलाकर 1 अप्रैल 1993 को राजस्थान राज्य सहकारी व जिनिगं मिल्स संघ लिमिटेड स्थापित किया गया था जिसका नाम स्पिनफेड रखा गया

 

उद्योग श्री योजना – यह रीको द्वारा संचालित योजना है जिसका उद्देश्य ऐसे पेशेवर लोगों को आकर्षित करना है जिसके पास ज्ञान व अनुभव होता है और जो अपने उपक्रमों द्वारा औद्योगिक विकास की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आवश्यक उद्यमकर्ता की योग्यता* रखता है

 

शिताके –  यह कम तापमान में उगने वाली मशरूम है इसे जापानी मशरूम भी कहते हैं  भारत में तीन स्थानों पर उगाया जाता है  राजस्थान में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर

 

घोड़ा जीरा – पश्चिमी राजस्थान में उगने वाले इसबगोल को स्थानीय भाषा में घोड़ा जीरा कहते हैं

 

इंडिया मिक्स – गेहूं सोयाबीन और मक्का के मिश्रित आटे को इंडिया मिक्स कहा जाता है

 

दमश्क – यह एक गुलाब का प्रकार है यह चैत्र मास में ज्यादा उगता है इसलिए चेती गुलाब भी कहते हैं यह गुलाब श्रेष्ठ किस्म का गुलाब है गुलाब की खेती नाथद्वारा और खमनोर (राजसमंद)में अधिक होती है

 

धमासा – यह एक प्रकार की खरपतवार है

 

लीलोण जैसलमेर जिले में उगने वाली सेवण घास को स्थानीय भाषा में लीलोण कहते है

 

गोचनी – गेहूं जौ चने के मिश्रणको गोचनी कहते हैं इसे बेझड भी कहा जाता है

 

कांगणी यह दक्षिण राजस्थान में पाई जाने वाली एक फसल है जो पशुओं के चारे के काम में आती है

 

सेक्टर रिफार्म परियोजना – यह परियोजना राजस्थान के अलवर राजसमंद सीकर तथा जयपुर जिले में चल रही है

 

बुलमदर – राजस्थान में इसकी स्थापना चांदन गाँव (जैसलमेर) में की गई है इसकी स्थापना थारपाकर नस्ल के सांड तैयार करने के लिए की गई है

 

आइबोमिक्स – भेड़ बकरियों को  दूध वृद्धि हेतु पानी में घोलकर पिलाया जाने वाला रासायनिक मिश्रण है एवं इसका विकास काजरी (जोधपुर)के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है

 

टेक्नोक्रेट योजना – इस योजना के अंतर्गत तकनीकी योग्यता प्राप्त बेरोजगारों को स्वरोजगार हेतु वित्तीय सहायता हेतु ऋण उपलब्ध करवाता है

 

औरण – प्राचीन समय में पेड़ों को सुरक्षित रखने के लिए अपने देवी देवता ,संत महात्मा के नाम पर एक स्थान को संरक्षित किया जाता है जहां पर वनों को कभी नहीं काटा जाता है यह पशुओं की चारागाह के रूप में काम आता है इसे औरण या बिड्स कहते है