प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की

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1 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने नई दिल्‍ली में मुख्‍य सचिवों के राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन की अध्यक्षता की। तीन दिन का यह सम्मेलन था। यह अपने तरह का तीसरा सम्मेलन है। पहला सम्मेलन जून 2022 में धर्मशाला में और दूसरा इस वर्ष जनवरी में आयोजित किया गया था। सहकारिता संघवाद के सिद्धांत पर चलने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना से प्रेरित इस सम्मेलन का आयोजन केंद्र और राज्‍य सरकारों के बीच भागीदारी को प्रोत्‍साहित करने के लिए किया गया है। इसमें दो सौ से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, इनमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, मुख्‍य सचिव और सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य सरकारी प्रयासों की डिलीवरी व्यवस्था को मजबूत करके ग्रामीण तथा शहरी जनसंख्‍या के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए सहयोगी कार्रवाई का आधार तैयार करना है।

2 CISF की पहली महिला चीफ नीना सिंह बनीं

आईपीएस अधिकारी नीना सिंह को सीआईएसएफ यानी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का प्रमुख बनाया गया है। नीना सिंह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की पहली महिला प्रमुख बनीं हैं। आईपीएस अधिकारी नीना सिंह वर्तमान में सीआईएसएफ की विशेष महानिदेशक हैं। सीआईएसएफ के पास पूरे देश में हवाई अड्डों, दिल्ली मेट्रो, सरकारी भवनों और रणनीतिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।

3 पोंग बाँध वन्यजीव अभयारण्य की सीमाओं से एक किलोमीटर के क्षेत्र को इको-सेंसिटिव ज़ोन घोषित किया

केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने हाल ही में एक मसौदा अधिसूचना जारी कर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में पोंग बाँध वन्यजीव अभयारण्य की सीमाओं से एक किलोमीटर के क्षेत्र को इको-सेंसिटिव ज़ोन घोषित किया है। पोंग बाँध वन्यजीव अभयारण्य पोंग बाँध झील (महाराणा प्रताप सागर के नाम से भी जाना जाता है) के आसपास स्थित है, जो ब्यास नदी पर पोंग बाँध के निर्माण के कारण बना एक मानव निर्मित जलाशय है। पोंग बाँध भारत का सबसे ऊँचा अर्थ-फिल डैम है और इसका निर्माण वर्ष 1975 में किया गया था। वर्ष 1983 में, पूरे जलाशय को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था। वर्ष 1994 में भारत सरकार ने इसे “राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि” घोषित किया। पोंग बाँध झील को वर्ष 2002 में रामसर साइट घोषित किया गया था। अभयारण्य क्षेत्र उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय वनों से आच्छादित है।

4 आंगनवाड़ी-सह-क्रैच (पालना) पर राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ‘पालना’ योजना के तहत पूरे भारत में आँगनवाड़ी केंद्रों के भीतर 17,000 क्रेच स्थापित करने की योजना बनाई है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों के संज्ञानात्मक, पोषण और स्वास्थ्य विकास को बढ़ाते हुए सुरक्षित डे-केयर सुविधाएँ प्रदान करना है। कार्यबल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी दर के साथ, वर्ष 2022 में 37% तक पहुँचने के साथ, क्रेच का यह विस्तार भावी पीढ़ियों के विकास का पोषण करते हुए महिलाओं का समर्थन करने के लिये एक ठोस प्रयास का प्रतीक है। जुलाई 2022 में, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ‘मिशन शक्ति’ के तहत राष्ट्रीय क्रेच योजना को पालना योजना में बदल दिया। इस परिवर्तन से आँगनवाड़ी सह क्रेच की शुरुआत हुई और मौजूदा क्रेच को पुरानी योजना से स्टैंड अलोन क्रेच के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया गया।

5 विश्वभारती विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर बैक्टीरिया की खोज की

विश्वभारती विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं ने बैक्टीरिया की एक नई प्रजाति की खोज़ की है जो कृषि पद्धतियों को बदल सकती है। उन्होंने प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर के नाम पर इसका नाम ‘पैंटोइया टैगोरी’ रखा। पेंटोइया टैगोरी बैक्टीरिया जीनस पेंटोइया से संबंधित है, जो एंटरोबैक्टीरियासी परिवार का हिस्सा है। पेंटोइया बैक्टीरिया को जल, मिट्टी, मनुष्य, पशु और पौधों सहित विभिन्न वातावरणों से पृथक किया जा सकता है। इसे पौधे के विकास को बढ़ावा देने वाले बैक्टीरिया के रूप में भी वर्णित किया गया है, पेंटोइया टैगोरी ने धान, मटर और मिर्च जैसी फसलों की खेती को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय क्षमताओं का प्रदर्शन किया है।

6 कर्नाटक में केएसआरटीसी ने किया ‘नम्मा कार्गो’ लॉजिस्टिक्स का अनावरण

कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) ने लॉजिस्टिक्स व्यवसाय में प्रवेश करके अपनी यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने केएसआरटीसी रूट बसों पर कार्गो सेवाओं की शुरुआत करते हुए ब्रांड नाम “नम्मा कार्गो” के तहत पहल का उद्घाटन किया। लॉन्च इवेंट में राज्य भर के विभिन्न जिलों में ‘नम्मा कार्गो’ सेवाओं को शुरू करने के लिए 20 कार्गो ट्रकों की तैनाती देखी गई। केएसआरटीसी ने कार्गो परिवहन के लिए अपने बेड़े के संसाधनों में विविधता लाने के लिए एस एम कन्नप्पा ऑटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता किया है। यह साझेदारी एक माह तक चलेगी, जो अपनी लॉजिस्टिक्स क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सहयोगी संबंध स्थापित करने में केएसआरटीसी की चपलता को प्रदर्शित करती है।

7 जम्मू-कश्मीर: ‘गोल मेला’ उत्सव उधमपुर के जगन्नाथ मंदिर में आयोजित

जम्मू-कश्मीर में ‘गोल मेला‘ के नाम से प्रसिद्ध लोकप्रिय उत्सव उधमपुर के जगन्नाथ मंदिर में आयोजित किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां इकट्ठे हुए और उन्‍होंने जगन्नाथ मंदिर के दर्शन किए। महोत्सव स्थल पर विभिन्न स्टॉल लगाए गए थे। उधमपुर जिले के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के बाहर से आए श्रद्धालुओं ने अपने परिवारों के साथ त्योहार का आनंद लिया। गोल मेले का आयोजन हर वर्ष दो बार किया जाता है। भक्तों का मानना है कि आज से रात का समय कम होने लगता है और दिन का समय बढ़ने लगता है।

8 कैबिनेट ने बिहार में गंगा नदी पर दीघा और सोनपुर को जोड़ने वाले 4.56 किमी लंबे, 6-लेन वाले नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने गंगा नदी पर (मौजूदा दीघा-सोनपुर रेल-और सड़क पुल के पश्चिमी किनारे के समानांतर) 4556 मीटर लंबे, 6-लेन वाले उच्च स्तरीय/अतिरिक्त केबल वाले नए पुल और ईपीसी मोड पर बिहार राज्य में पटना और सारण जिलों (एनएच-139डब्ल्यू) में दोनों तरफ इसके पहुंच मार्ग के निर्माण को मंजूरी दे दी। यह पुल यातायात को तेज़ और आसान बना देगा जिसके परिणामस्वरूप राज्य, विशेषकर उत्तर बिहार का समग्र विकास होगा।

9 सरकार ने धनशोधन रोकथान अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर नौ ऑफशोर क्रिप्टोकरंसी प्लेटफार्मों को नोटिस जारी किया

फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ऑफ इंडिया – वित्तीय आसूचना इकाई ने नौ ऑफशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट सेवा प्रदाताओं को धन शोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन डिजिटल सेवा प्रदाताओं को मार्च 2023 में अधिनियम के तहत धन-शोधन रोकथाम और आतंकवाद वित्त पोषण के खिलाफ कार्रवाई के दायरे में लाया गया था।

10 इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा- स्‍थानिक खुफिया जानकारी जुटाने के लिए देश का अगले पाँच वर्ष में 50 उपग्रह भेजने का लक्ष्‍य

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो अगले पांच वर्ष में महत्वपूर्ण स्थानिक खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए पचास उपग्रह प्रक्षेपित करेगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान-बॉम्‍बे द्वारा आयोजित वार्षिक टेक-फेस्‍ट में इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि विभिन्‍न कक्षाओं में उपग्रहों के कई स्‍तर स्‍थापित किये जायेंगे, जो हजारों किलोमीटर के दायरे से विभिन्‍न गतिविधियों का पता लगाने में सक्षम होंगे।

11 भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन

भारत का लक्ष्य अगले 25 वर्षों में ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ नामक अपना स्वयं का स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च करने का लक्ष्य रखा है। यह भारत की महत्वाकांक्षी भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं का हिस्सा है, जिसमें क्रू मिशन, गहन अंतरिक्ष अन्वेषण और अधिक उन्नत प्रक्षेपण क्षमताएं भी शामिल हैं। इसरो अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ के हालिया बयानों के अनुसार, इसरो 2028 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल लॉन्च करने की योजना बना रहा है। यह 8 टन का मॉड्यूल होने की संभावना है, इसे LVM3 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा। इसके बाद अगले 7 वर्षों में अतिरिक्त मॉड्यूल लॉन्च किए जाएंगे। 2035 तक, इसरो का लक्ष्य अधिक प्रक्षेपण क्षमता, डॉकिंग क्रू और कार्गो ट्रांसपोर्टरों के लिए सुविधाओं, शून्य गुरुत्वाकर्षण अनुसंधान प्रयोगशालाओं इत्यादि के साथ एक पूरी तरह से परिचालन अंतरिक्ष स्टेशन बनाना है।

12 XPoSat: भारत का एक्स-रे पोलारिमेट्री मिशन – ISRO

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 1 जनवरी को प्रस्तावित अपने अग्रणी पोलारिमेट्री मिशन, XPoSat के प्रत्याशित लॉन्च के साथ नए साल की शुरुआत करने की तैयारी कर रहा है। यह मिशन देश की तीसरी अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला के रूप में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। XPoSat मिशन का प्राथमिक उद्देश्य खगोलीय एक्स-रे के “ध्रुवीकरण” का अध्ययन करना है। यह अनूठा दृष्टिकोण उन प्रक्रियाओं में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है जो आकाशीय पिंडों से एक्स-रे उत्सर्जन का कारण बनती हैं। पोलारिमेट्री, खगोलीय घटनाओं का अध्ययन करने की एक विधि के रूप में, पारंपरिक इमेजिंग विधियों का पूरक है और इसमें आकाशीय पिंडों द्वारा उत्सर्जित प्रकाश और ऊर्जा में उतार-चढ़ाव का विश्लेषण करना शामिल है। इस वेधशाला का लक्ष्य ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों-विशाल सितारों के ढह गए कोर जैसे दिलचस्प स्रोतों से उत्सर्जन तंत्र के बारे में हमारी समझ को बढ़ाना है। ध्रुवीकरण का अध्ययन करके, XPoSat इन ब्रह्मांडीय घटनाओं के रहस्यों को उजागर करने में योगदान देने के लिए तैयार है।

13 IIT Bombay के साथ Bharat GPT पर काम कर रहा है जियो

चेयरमैन आकाश अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस जियो इन्फोकॉमभारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बॉम्बे के सहयोग से ‘भारत जीपीटी’ कार्यक्रम शुरू करने के लिए तैयार है। अंबानी ने कंपनी की व्यापक योजनाओं का खुलासा किया, जिसमें स्मार्ट टीवी के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) का विकास भी शामिल है, जो जियो के “जियो 2.0” के दृष्टिकोण के विकास का संकेत देता है। रिलायंस जियो भारत जीपीटी कार्यक्रम पर आईआईटी बॉम्बे के साथ सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।

14 नया फॉर्मेल्डिहाइड सेंसर बिना किसी नुकसान के कमरे के तापमान पर मिलावटी मछली का पता लगा सकता है

असम के गुवाहाटी विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं की एक टीम ने धात्विक ऑक्साइड-सह ग्राफीन ऑक्साइड (धात्विक ऑक्साइड- rGO) मिश्रण से बना एक नया सेंसर विकसित किया है जो गैर-आक्रामक तरीके से कमरे के तापमान पर ही मछलियों में फॉर्मेलिन अपमिश्रण/मिलावट का पता लगा सकता है। खाद्य अपमिश्रण भोजन को अधिक आकर्षक दिखाने या उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिये उसमें अवैध या हानिकारक पदार्थ मिलाने की प्रथा है। फॉर्मेल्डिहाइड एक रंगहीन, तीखी गैस है जिसका उपयोग विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है, जिसमें कुछ खाद्य पदार्थों में परिरक्षक के रूप में, आमतौर पर विकासशील देशों में मछली में उपयोग किया जाता है। हालाँकि, भोजन में फॉर्मल्डिहाइड का उपयोग कई देशों में अवैध है, क्योंकि यह एक ज्ञात कार्सिनोजेन है।

15 फील्ड पैंसी का विकास

हाल ही में वैज्ञानिकों ने पेरिस, फ्राँस में पाए जाने वाले एक पुष्पी पौधे में तेज़ी से विकास के साक्ष्य का खुलासा किया है। फील्ड पैंसी (वियोला अर्वेन्सिस) के रूप में पहचाने जाने वाला यह पौधा स्व-परागण में सक्षम है जो बाह्य परागणक पर पारंपरिक निर्भरता के विपरीत है। फील्ड पैंसी (वियोला अर्वेन्सिस), एक सामान्य वन्य पुष्प है जो यूरोप, एशिया तथा उत्तरी अमेरिका के कई हिस्सों में पाया जा सकता है। यह आवृतबीजियों (Angiosperms) नामक पौधों के समूह से संबंधित है, जो फल नामक एक सुरक्षात्मक संरचना के भीतर बीज पैदा करते हैं। आवृतबीजी पादप अपने परागण तथा प्रजनन में सहायता के लिये कीटों एवं अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं।