प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नौ साल पूरे हुए

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1 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नौ साल पूरे हुए

18 फरवरी 2025 को, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नौ साल पूरे हो रहे हैं, जो भारत के किसानों को सशक्त बनाने के प्रयासों के क़रीब एक दशक का जश्न मनाती है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 में शुरू की गई यह योजना, अप्रत्याशित प्राकृतिक खतरों के कारण होने वाले फसल नुकसान के लिए एक व्यापक ढाल प्रदान करती है। यह सुरक्षा न केवल किसानों की आय को स्थिर बनाती है, बल्कि उन्हें नई पद्धतियों को अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित करती है। किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए फसल बीमा, जोखिम को कम करने का एक अहम उपाय है। इसका मकसद ओलावृष्टि, सूखा, बाढ़, चक्रवात, भारी और बेमौसम बारिश, बीमारी और कीटों के हमले आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हुई फसल हानि/क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) मौसम सूचकांक पर आधारित योजना है, जिसे पीएमएफबीवाई के साथ पेश किया गया था। पीएमएफबीवाई और आरडब्ल्यूबीसीआईएस के बीच मूल अंतर, किसानों के लिए स्वीकार्य दावों की गणना किए जाने के तरीके में है।

2 मृदा स्वास्थ्य कार्ड के एक दशक पूरा होने का जश्न

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 19 फरवरी, 2015 को राजस्थान के सूरतगढ़ में की थी। यह योजना देश के सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने में राज्य सरकारों की सहायता के लिए शुरू की गई थी। मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उनकी मिट्टी की पोषक स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है, साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य और उसकी उर्वरता में सुधार के लिए पोषक तत्वों की उचित खुराक की सिफारिश भी करता है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल (www.soilhealth.dac.gov.in) देश भर में सभी प्रमुख भाषाओं और 5 बोलियों में एक समान और मानकीकृत प्रारूप में किसानों के लाभ के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड में 12 मापदंडों के संबंध में मिट्टी की स्थिति शामिल होती है, अर्थात् नाइट्रोजन, फ़ॉस्फोरस, पोटैशियम, सल्फर (मैक्रो-पोषक तत्व);जिंक, लौह तत्व, तांबा, मैंगनीज, बोरन (सूक्ष्म पोषक तत्व); और पीएच (अम्लता या क्षारीयता), ईसी (विद्युत चालकता) और ओसी (कार्बनिक कार्बन) ।

3 केंद्र सरकार ने पीएम-आशा योजना को 2025-26 तक बढ़ाया

केंद्र सरकार ने किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने और देश में दालों की आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) योजना को 2025-26 तक बढ़ाने का फैसला किया है। इस योजना के तहत सरकार ने तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की 100 फीसदी खरीद सुनिश्चित करने का ऐलान किया है इससे देश में दालों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। सरकार ने 2024-25 की खरीद वर्ष में राज्यों में दालों के कुल उत्पादन के बराबर खरीद की अनुमति दी है।

4 झारखंड में गुटखा और पान मसाला पर पूर्ण प्रतिबंध

झारखंड में गुटखा और निकोटिन एवं तंबाकू युक्त पान मसाला के उत्पादन, वितरण, बिक्री और भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध लग गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इससे संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह प्रतिबंध नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि से अगले एक साल तक के लिए प्रभावी होगा। बताया गया है कि स्थिति की समीक्षा के बाद प्रतिबंध की अवधि आगे भी बढ़ाई जाएगी। झारखंड में इसके पहले वर्ष 2020 में भी गुटखा और पान मसाला के 11 ब्रांडों पर प्रतिबंध लगाया गया था, जो वर्ष 2023 के जून महीने तक प्रभावी था।

5 मध्य प्रदेश ने भारत की पहली समर्पित जीसीसी नीति 2025 का अनावरण किया

मध्य प्रदेश (एमपी) भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने एक समर्पित वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) नीति 2025 पेश की है, जो खुद को वैश्विक नवाचार, प्रौद्योगिकी और व्यापार सहयोग के लिए एक अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित करता है। मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) नीति को लागू करने के लिए जिम्मेदार नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। एक समर्पित नीति कार्यान्वयन इकाई (पीआईयू) परियोजना अनुमोदन, प्रोत्साहन आवंटन और अनुपालन निगरानी का प्रबंधन करेगी।

6 केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने महाकुंभ 2025 पर स्मारक डाक टिकट जारी किए

डाक विभाग को महाकुंभ 2025 पर तीन टिकटों के साथ एक स्मारक स्मारिका पत्रक जारी करने पर गर्व है। टिकटों का अनावरण माननीय केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने प्रयागराज के अरैल घाट डाकघर में किया। महाकुंभ 2025 की समृद्ध परंपराओं का सम्मान करते हुए, अन्य डाक टिकट संग्रह सामग्री भी जारी की गई, जिसमें पवित्र स्नान दिवसों पर विशेष कवर और निरस्तीकरण, ‘दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुंभ’ और ‘प्रख्यात प्रयागराज’ का उत्सव मनाते हुए एक चित्र पोस्टकार्ड भी शामिल हैं। ये डाक टिकट महाकुंभ के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हैं। श्री शंख सामंत द्वारा डिजाइन किए गए स्मारक डाक टिकटों में त्रिवेणी तीर्थ के तीन प्रमुख पहलुओं – महर्षि भारद्वाज आश्रम, स्नान और अक्षयवट को खूबसूरती से दर्शाया गया है।

7 बीसीसीआई ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारतीय पुरुष टीम की जर्सी का अनावरण किया

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आगामी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारतीय पुरुष टीम की जर्सी का अनावरण किया है। सोशल मीडिया पोस्ट में बीसीसीआई ने भारतीय खिलाड़ियों की जर्सी दिखाते हुए तस्वीरें साझा की हैं। रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम अपनी सिग्नेचर ब्लू जर्सी में नज़र आएगी, जिसके दोनों कंधों पर तिरंगा और दाईं ओर चैंपियंस ट्रॉफी का लोगो होगा। भारतीय टीम-मेन इन ब्लू गुरुवार को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ़ अपने अभियान की शुरुआत करेगी।

8 चेन्‍नई में शुरू हुई 23वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप

23वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप चेन्‍नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में शुरू हुई। यह प्रतियोगिता 20 फरवरी तक चलेगी। पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश भर के 1476 पैरा-एथलीट भाग ले रहे हैं। उनकी 30 टीमें 155 स्पर्धाओं में भाग ले रही हैं। इसके साथ ही यह देश में सबसे बड़ी पैराएथलेटिक्‍स प्रतियोगिता बन गई है। देश के कई प्रमुख पैरा एथलीट इसमें भाग ले रहे हैं जिनमें भाला फेंक में सुमित अंतिल और नवदीप सिंह, व्‍हीलचेयर दौड में मनोज सबापथी, शॉटपुट में मनोज सिंगराज, मुत्‍थु राजा और होकातो सेमा, ऊंची कूद में मरियप्‍पन थंगावेलू और डिसकस थ्रो में योगेश कथुनिया शामिल हैं। देवेन्द्र झाझरिया के नेतृत्व वाली भारतीय पैरालंपिक समिति और चन्द्रशेखर राजन के नेतृत्व वाले तमिलनाडु पैरालंपिक स्पोर्ट्स एसोसिएशन के प्रयासों से इसे सुचारू रूप से आयोजित किया जा रहा है। तमिलनाडु सरकार भी इसे सक्रियता से सहयोग दे रही है।

9 खेलो इंडिया विंटर गेम्‍स 2025 का दूसरा और अंतिम चरण पर्याप्‍त हिमपात नहीं होने के कारण स्‍थगित

खेलो इंडिया विंटर गेम्‍स 2025 का दूसरा और अंतिम चरण पर्याप्‍त हिमपात नहीं होने के कारण स्‍थगित कर दिया गया है। यह खेल प्रतियोगिता पहले जम्‍मू-कश्‍मीर के गुलमर्ग में शनिवार 22 फरवरी से शुरू होने वाली थी। गुलमर्ग के कंगदूरी फेज-1 और गोल्‍फ कोर्स क्‍लब में अल्‍पाइन स्‍कीइंग, नोर्डिक स्‍कीइंग, स्‍कीइंग माउंटेनियरिंग और स्‍नो बोर्डिग की प्रतियोगिताए होने वाली थीं। मौसम अनुकूल होने के बाद इनका संशोधित कार्यक्रम जारी किया जाएगा। शीतकालीन खेलों का पहला चरण पिछले महीने की 23 से 27 तारीख तक लद्दाख में आयोजित किया गया था। फिलहाल चार स्‍वर्ण पदक, दो रजत और एक कांस्‍य पदक के साथ लद्दाख पदक तालिका में शीर्ष स्‍थान पर है।