भारत में राष्ट्रीयता की उत्पत्ति के कारण (भारतीय राष्ट्रवाद के उत्थान के सहायता तत्व)

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-: भारत में राष्ट्रीयता की उत्पत्ति के कारण (भारतीय राष्ट्रवाद के उत्थान के सहायता तत्व) :-

 

1.भारत में संगठित राष्ट्रीय आंदोलन 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्धमें प्रारंभ हुआ था

2.मुख्य रूप से ब्रिटिश साम्राज्यवाद की नीतियों की चुनौतियो के  प्रत्युत्तर में भारतीयों ने एक राष्ट्र के रूप में सोचना प्रारंभ किया

 

प्रेरणा अनुक्रिया वाद विवाद :-

1.परंपरागत भारतीय इतिहास लेखकों ने भारतीय राष्ट्रवाद के उत्थान को अंग्रेजी प्रशासनकी बनाई गई संस्थाओं, अवसरो और साधनों द्वारा उत्पादित प्रेरणाके फलस्वरुप भारतीय अनुक्रिया का परिणामबताया गया था

2.दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि भारतीय राष्ट्रवाद कुछ सीमा तक उपनिवेशवादी नीतियों और कुछ सीमा तक नीति की प्रतिक्रिया के परिणाम स्वरूप ही विकसित हुई थी

3.उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भारतीय राष्ट्रीय जागरण अंग्रेजी औपनिवेशिक शासकों को पसंद नहीं आया पहले तो अंग्रेजी विद्वान शासकों ने भारत में राष्ट्रीयता के अस्तित्व को मानने से इनकार कर दिया था

4.1883 में श्री जे आर सीले ने भारत को केवल एक भोगोलिक इकाई की संज्ञा दी थी

जिसमें राष्ट्रीय एकता की कोई भावनानहीं थी

5.जॉन स्ट्रेची जो  एक भूतपूर्व भारतीय जनपद सेवक थे

6.इन्होने 1884 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के भूतपूर्व छात्रों को भारत के विषय में सबसे पहली और प्रमुख आवश्यक जानने योग्य बात बताई थी

7.वह बात यह थी की भारत न एक है और न था और अंत में भविष्यवाणीकी थी कि भारत कभी भी एक संयुक्त राष्ट्रनहीं होगा

8.19वींशताब्दी के अंत और 20शताब्दी के प्रथम दशकने यह दिखा दिया कि राष्ट्रवाद उभर चुका है ,और शक्तिशाली बनगया है

9.इसके विरूद्ध अंग्रेजी विद्वानों ने एक नया रुख अपनाया

10.मोंट फोर्ड रिपोर्टके लेखकों ने भारत में अंग्रेजी राज को ही राष्ट्रीय भावना के उदय के लिए श्रेय दिया

11.इस रिपोर्ट में लिखा था कि “”राजनीतिक भावना से प्रेरित भारतीय बौद्धिक रुप से हमारी ही संतान थे

12.उन्होंने वही विचार अपनाए हैं जो हमने उनके सामने रखे थे और इसका श्रेय हमें ही मिलना चाहिए

13.भारत में आधुनिक बौद्धिक और नैतिक हलचल से हमारी भर्त्सना नहीं होती बल्कि यह हमारे कार्य के लिए एक श्रद्धांजलि”” है

14.ऑर कुपलैंडने लिखा है कि भारतीय राष्ट्रवाद तो अंग्रेजी राज की ही संततिथी लेकिन कूपलैंड महोदय यह कहना भूल गएथे कि भारतीय राष्ट्रवाद एक अनैच्छिक संतत्तिथी

15.जिसे उन्होंने जन्म के समय दूध पिलाने से इंकार* कर दिया और फिर उसका गला घोटने का प्रयासकिया था

16.भारतीय राष्ट्रवाद कुछ अंश में समूचे संसार में उभरते हुए राष्ट्रवाद और आत्म निर्णय की भावना जो फ्रांसीसी क्रांतिसे आरंभ हुई थी का ही एक भाग था

17.आंशिक रूप में भारतीय पुनर्जागरण और भारत में राष्ट्रवाद की उत्पत्ति का परिणाम आंशिक रूप में भारत में अंग्रेजो द्वारा प्रारंभ किए गए आधुनिकरण का ही परिणाम था

18.आंशिक रूप में भारत में चल रही अंग्रेजी औपनिवेशिक नीतियों की तीव्र प्रतिक्रिया का ही परिणाम था

19.भारत में राष्ट्रीय भावना के विकास के लिए स्वयं ब्रिटिश शासन ने आधार तैयार किया था

20.भारत मे राष्ट्रीयता के उदय,उत्पत्ति,उत्थानके निम्न कारण थे

 

अंग्रेजी राज का प्रभाव :-  

1.अंग्रेजी औपनिवेशिक शासकों ने भारत में अपनी पकड़ दृढ करने और भारत के आर्थिक शोषण के लिए राजनीतिक, सैनिक, आर्थिक तथा बौद्धिक सभी क्षेत्रों में आधुनिक पद्धतियोंका ही प्रयोग किया गया

2.औपनिवेशिक प्रशासन में आधुनिक करण की थोड़ी बहुत  मात्रा आवश्यक ही थी

  1. इस आधुनिकरण में यद्यपि यह कुछ विकृत ही थी, कुछ ना कुछ प्रभाव उत्पन्न किए और प्रभाव था भारतीय राष्ट्रवाद का उदयहोना

 

भारत की राजनीतिक एकता :-

1.साम्राज्यवादी इंग्लैंड ने उत्तर में हिमालय से दक्षिण में kanyakumariतक और पूर्व में बंगाल से पश्चिम में दर्रा खैबर तक समस्त भारत विजय कर लिया था

2.उन्होंने मौर्यों अथवा मुगलों से भी बड़ा राज्य स्थापितकर लिया था

3.भारतीय प्रांत तो प्रत्यक्ष अंग्रेजों के अधीन थे

4.भारतीय रियासते अप्रत्यक्ष रुप से इनके अधीन थे

5.अंग्रेजी शक्ति ने भारत पर एक राजनीतिक एकता लाद दी थी

6.एक सी अधीनता ,एक सी समस्याएं एक से कानूनोने भारत को एक से ढांचे में ढालना आरंभ कर दिया था

7.साम्राज्यवादी शक्तियों के देश में सांप्रदायिकता ,क्षेत्रीय और भाषाई विरोध के बीज बोने के बावजूद अखिल भारतीय भावनापनपी

8.राजनीतिक एकता ने भारतीयों की मानसिक एकता को बढ़ावादिया

 

भारत में शांति तथा प्रशासनिक एकता की स्थापना :-

1.18 वीं शताब्दी में विदेशी व्यापारिक कंपनियों के युद्ध के कारण यहां अव्यवस्थाएं उत्पन्न हुई थी

2.इन अव्यवस्थाओं के बाद अंग्रेजों ने यहां शांति तथा व्यवस्था स्थापितकर ली थी

3.अंग्रेजी विद्वान यह मानते थे कि उन्होंने भारत में पहली बार इतनी दीर्घकालीन शांति स्थापितकी है

4.उन्हें इनके इस कार्य पर गर्व होता था

5.इसी प्रकार एक सुव्यवस्थित और शक्तिशाली सरकारका भी गठन किया

6.पर्सिवेल स्पीयर के अनुसार अंग्रेजी प्रशासन का सबसे प्रमुख अंग उसकी अवैयक्तिक्ताथा

7.अवैयक्तिक्ता के अनुसार उच्चस्तरीय प्रशासकों  (वॉयसराय अथवा सचिवो)के बदलने पर प्रशासन में कोई परिवर्तन नहींआता था

8.जैसा कि इससे पूर्व के सभी साम्राज्य के विषयमें होता था

9.इसके अतिरिक्त प्रशासनिक एकता का अन्य विभागोंपर भी प्रभाव पड़ा था

10.भारतीय जनपद सेवा के अत्यंत प्रशिक्षित और व्यावसायिक प्रशासकभारत के सभी भागों में जिलों का प्रशासन चलाया करते थे

11.एक ही प्रकार का न्यायिक ढांचा ,संहिताबंद्ध फोजदारी और दीवानी कानूनजिस पर दृढ़ता से आचरणहोता था ,भारत के एक कोने से दूसरे कोनेतक चलता था

12.इसमें भारत की पुरानी चली आ रही सांस्कृतिक एकता को एक नए प्रकार की राजनीतिक एकता प्रदान की थी

13.एडवर्ड बेवनके शब्दों में “”ब्रिटिश राज एक प्रकार का ऐसा लोहे का ढांचा था ,जिसने भारत के क्षतिग्रस्त शरीर को ऐसे समय तक जकड़कर बांधे रखा_जब तक कि विस्थापित हड्डियां और आंतरिक परिवर्धन से टूटे हुए तन्तू धीरे धीरे जुड़ नहीं गए और रोगी ने पुन: अपनी आंतरिक एकता और संबद्धता प्राप्त नहीं कर ली””

 

तीव्र परिवहन तथा संचार साधनों का विकास :-

1.वास्तव में प्रशासनिक सुविधाएं, सैनिक रक्षा के उद्देश्य, आर्थिक व्यापन और व्यापारिक शोषणकी बातों को ध्यान में रखते हुए ही परिवहन के तीव्र साधना की योजनाएंबनाई गई

2.पक्के मार्गोका एक जाल बिछ गया, जिससे प्रांत एक दूसरे से और ग्रामीण प्रदेश बड़े बड़े नगरों से जुड़ गए

3.लेकिन देश को एक बांधने वाला सबसे बड़ा साधन रेलवेथा

4.1853के बाद देश में रेल लाइनें आरंभहो गई और

5.1900 तक 25000 मील लंबी लाइनें बिच गई थी

6.रेलवे के बहुत से अन्य लाभ के अतिरिक्त रेलवे ने देश में राष्ट्रीयता की भावना जगाई 7.1865 में एडिसन अारनल्ड ने लिखा था रेलवे भारत के लिए वह कार्य कर देगी जो बड़े-बड़े वंशों ने पहले कभी नहींकिया था

8.जो अकबर अपनी दया शीलता अथवा टीपू अपनी उग्रताद्वारा नहीं कर सके ,वे भारत को एक राष्ट्र नहीं बनासके थे

9.1850के उपरांत आरंभ हुई आधुनिक डाक व्यवस्था और बिजली के तारों ने देश को एक करने में सहायताकी थी

10.अंतर्देशीय पत्रों के लिए दो पैसेका एक समान टिकट और समाचार पत्रों तथा पार्सलो पर इस से भी कम दरमें भेजने की व्यवस्था ने देश के सामाजिक, शैक्षणिक, बौद्धिक और राजनीतिक जीवन में एक परिवर्तनपैदा कर दिया

11.डाकखानों के द्वारा जो देश के कोने कोने में काम करते थे ,वह राष्ट्रीय साहित्य स्थान स्थान पर भेजा जा सकने लगा

12.संदेशों के शीघ्रातिशीघ्रभेजने में बिजली के तारों ने क्रांति ला दी थी

13.इस प्रकार आधुनिक संचार साधनों ने भारत के भिन्न-भिन्न भागों में रहने वाले लोगों को एक दूसरे से संबंध बनाएरखने में सहायता कि जिससे राष्ट्रवाद को बढ़ावा मिला

14.इस प्रकार रेल, डाक, तार आदि संचार के साधनों के विकास ने भी भारत में राष्ट्रीयता की जड़ों को मजबूत किया

15.रेलवे ने इस में सबसे अहम भूमिका का निर्वाह किया

16.कार्ल मार्क्सने लिखा था कि रेलवे राष्ट्रीयता के उत्थान में सहायक होगी