वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी

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1 वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी

वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को 18 सितंबर को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट के मुताबिक शीतकालीन सत्र में बिल पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में वन नेशनल वन इलेक्शन का वादा किया था। वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। ये रिपोर्ट 18,626 पन्नों की है। पैनल का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था। यह रिपोर्ट स्टेकहोल्डर्स-एक्सपर्ट्स से चर्चा के बाद 191 दिन की रिसर्च का नतीजा है। कमेटी ने सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक करने का सुझाव दिया है। पैनल के 5 सुझाव –

  1. सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए।
  2. हंग असेंबली (किसी को बहुमत नहीं), नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।
  3. पहले फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। उसके बाद दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के इलेक्शन कराए जा सकते हैं।
  4. चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करेगा।
  5. कोविंद पैनल ने एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है।

पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अगुआई में 8 मेंबर की कमेटी पिछले साल 2 सितंबर को बनी थी। 23 सितंबर 2023 को दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी की पहली बैठक हुई थी। इसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए हैं।

2 केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजनाएं जारी रखने की मंजूरी दी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजनाएं जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इस पर 15वें वित्त आयोग के दौरान 2025-26 तक 35,000 करोड़ रुपये कुल वित्तीय व्यय होगा। पीएम-आशा न केवल किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करने में मदद करेगा, बल्कि आवश्यक वस्तुओं की मूल्य अस्थिरता को भी नियंत्रित करेगा। सरकार ने किसानों और उपभोक्ताओं को अधिक कुशलता से सेवा मुहैया करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) योजनाओं को पीएम आशा में एकीकृत किया है।

3 कैबिनेट ने जनजातीय कल्याण के लिए 79,156 करोड़ लागत की प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को दी मंजूरी

भारत के जनजातीय समुदायों के जीवन में व्यापक सुधार लाने के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के लिए 79,156 करोड़ रुपये जिसमें (केन्द्रीय हिस्सा : 56,333 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सा : 22,823 करोड़ रुपये) बजट निर्धारित किया गया है। इस योजना मुख्य उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 63,000 गांवों में पांच करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों के जीवन में सुधार लाना है। यह योजना जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों पर केंद्रित होगा। इस पहल को 17 मंत्रालयों के माध्यम से समन्वित ढंग से लागू किया जाएगा, ताकि इन समुदायों के जीवन में व्यापक सुधार हो सके। यह योजना चार मुख्य लक्ष्यों पर केंद्रित है जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास, आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना, शिक्षा की सार्वभौमिक पहुंच और स्वास्थ्य में सुधार शामिल हैं। इस योजना के तहत जनजातीय परिवारों को पक्का मकान, स्वच्छ पानी, बिजली, कौशल विकास कार्यक्रम और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

 

4 चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को केंद्र से मंजूरी मिली

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 सितंबर को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी। इसमें मानवयुक्त चंद्र मिशन के लिए प्रिपरेटरी मेजर्स यानी शुरुआती उपाय भी शामिल हैं। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने शुक्र ऑर्बिटर मिशन और गगनयान के एक्सपेंशन को भी मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और नेक्स्टजेन प्रक्षेपण वाहनों के विकास को भी मंजूरी दी। आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चांद की सतह से चट्टानों और मिट्टी को एकत्र करना तथा उन्हें पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है। इससे पहले 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे के अवसर पर इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि अंतरिक्ष एजेंसी ने अगले चरण के चंद्र मिशन – चंद्रयान 4 और 5 के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है। भारत 2027 में चंद्रयान-4 की लॉन्चिंग करेगा। चंद्रयान-4 चांद की सतह से 3-5 किलो मिट्टी और चट्टान के नमूनों को पृथ्वी पर लाएगा। इस स्पेसक्राफ्ट में पांच अलग-अलग मॉड्यूल होंगे। वहीं, 2023 में चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 में प्रोपल्शन मॉड्यूल (इंजन), लैंडर और रोवर तीन मॉड्यूल थे। इंडियन स्पेस स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 में लॉन्च किया जाएगा, जिसमें केवल रोबोट्स भेजे जाएंगे। इस स्टेशन में कुल पांच मॉड्यूल बारी-बारी से अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे।

5 भारतीय अंतरिक्ष केंद्र (बीएएस): वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए हमारा अपना अंतरिक्ष केंद्र वर्ष 2028 में अपने पहले मॉड्यूल के शुरू होने के साथ स्थापित किया जाएगा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गगनयान कार्यक्रम का दायरा बढ़ाते हुए भारतीय अंतरिक्ष केंद्र की पहली इकाई के निर्माण को स्वीकृति दे दी है। भारतीय अंतरिक्ष केंद्र (बीएएस-1) के पहले मॉड्यूल के विकास और भारतीय अंतरिक्ष केंद्र (बीएएस) के निर्माण और संचालन के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने और मान्यता प्रदान करने के मिशन को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दे दी गई है। अब प्रौद्योगिकी विकास और प्रदर्शन का मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम आठ मिशनों के माध्यम से दिसंबर 2028 तक भारतीय अंतरिक्ष केंद्र (बीएएस -1) की पहली इकाई को शुरू करके पूरा किया जाना है।

6 चंद्रमा और मंगल के बाद भारत की नजर शुक्र पर, ‘वीनस ऑर्बिट मिशन’ को कैबिनेट ने दी मंजूरी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अंतरिक्ष से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों सहित ‘वीनस ऑर्बिटर मिशन (वीओएम)’ को मंजूरी दी। ”शुक्र ऑर्बिटर मिशन” (VOM) के लिए स्वीकृत कुल निधि 1236 करोड़ रुपये है, जिसमें से 824.00 करोड़ रुपये अंतरिक्ष यान पर खर्च किए जाएंगे। लागत में अंतरिक्ष यान का विकास और निर्माण शामिल है, जिसमें इसके विशिष्ट पेलोड और प्रौद्योगिकी तत्व, नेविगेशन और नेटवर्क के लिए वैश्विक ग्राउंड स्टेशन समर्थन लागत और साथ ही लॉन्च वाहन की लागत शामिल है। वीनस ऑर्बिटर मिशन (वीओएम) का उद्देश्य वैज्ञानिक अन्वेषण करना, शुक्र ग्रह के वायुमंडल, भूविज्ञान को बेहतर ढंग से समझना तथा इसके घने वायुमंडल की जांच करके बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक आंकड़े जुटाना है।

 

7 राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और सेना की दक्षिणी कमान ने चेन्नई में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया

राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और सेना की दक्षिणी कमान की दो दिन की राष्‍ट्रीय संगोष्ठी-ऐक्‍य चेन्‍नई में आयोजित की जा रही है।इसका मुख्‍य उद्देश्‍य आपदा तैयारियों को बढ़ावा देना और मुख्‍य हितधारकों में सहयोग को मजबूत करना है। रेलवे, परिवहन, नागर विमानन, स्‍वास्‍थ्‍य, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग तथा राज्‍य और राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय सेना के प्रतिनिधि इस संगोष्ठी में शामिल होंगे। इसमें मौसम विभाग के अधिकारी, राष्‍ट्रीय दूरस्‍थ संवेदी केंद्र, केंद्रीय जल आयोग तथा भारतीय वन सर्वेक्षण के प्रतिनिधि भी भागीदारी करेंगे। इस संगोष्ठी में सुनामी, भूस्‍खलन, बाढ, जंगल की आग और चक्रवात तथा हाल की आपदाओं जैसी प्राकृतिक समस्‍याओं की समीक्षा की जाएगी और इस प्रकार की चुनौतीपूर्ण स्थिति को रोकने के तरीकों पर चर्चा होगी।

8 भारतीय सेना ने तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू (टीएमआर) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

भारतीय सेना ने दिल्ली कैंट स्थित सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (सीएलएडब्ल्यूएस) में तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू (टीएमआर) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी मौजूद रहे। यह समझौता पहाड़ी इलाकों में भारतीय सेना के राहत और बचाव अभियानों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समझौता ज्ञापन में यह प्रावधान है कि टीएमआर सेना के प्रशिक्षकों के लिए अनुकूलित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने में भारतीय सेना के साथ सहयोग करेगा, जिसका उद्देश्य हिमस्खलन बचाव और बचाव कौशल में सैनिकों को प्रशिक्षित करने की उनकी क्षमता को बेहतर बनाना है।

9 स्क्वाड्रन लीडर मोहना सिंह LCA तेजस की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं

भारतीय वायुसेना की स्क्वॉड्रन लीडर मोहना सिंह LCA तेजस उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं। 18 सितंबर को वे LCA तेजस को ऑपरेट करने वाली ‘18 फ्लाइंग बुलेट्स‘ स्क्वाड्रन में शामिल हो गई हैं। LCA तेजस पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे ‘मेड इन इंडिया‘ पहल के तहत निर्मित किया गया है। मोहना सिंह लगभग 8 साल पहले फाइटर स्क्वाड्रन में शामिल होने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनी थीं। वे स्क्वाड्रन लीडर भावना कंठ और अवनी चतुर्वेदी के साथ भारतीय वायु सेना में महिला फाइटर पायलट की शुरुआती तिकड़ी का हिस्सा थीं। वर्तमान में भावना कंठ और अवनी चतुर्वेदी पश्चिमी रेगिस्तान में सुखोई 30 MKI फाइटर जेट उड़ा रही हैं। स्क्वाड्रन लीडर वायु सेना में एक कमीशन रैंक है, जो फ्लाइट लेफ्टिनेंट से ऊपर होता है और विंग कमांडर से ठीक नीचे होता है। भारतीय वायु सेना, थल सेना और नौसेना के उप प्रमुखों ने जोधपुर में आयोजित किए गए ‘तरंग शक्ति 2024‘ एयर एक्सरसाइज के दौरान स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस में उड़ान भरी थी। LCA तेजस को ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)’ ने बनाया है। यह विमान हवाई युद्ध और आक्रामक हवाई सहायता मिशन के लिए एक ताकतवर विमान है। इसकी मदद से किसी स्थान का सैनिक सर्वेक्षण और जहाज-रोधी अभियान को भी संचालित किया जा सकता है।