अंडमान-निकोबार के इन तीन द्वीप समूहों के नाम बदलने की तैयारी में केंद्र

0
412

राष्टीय न्यूज़

1.अंडमान-निकोबार के इन तीन द्वीप समूहों के नाम बदलने की तैयारी में केंद्र:-

केंद्र सरकार अंडमान निकोबार द्वीप समूह के तीन द्वीपों के नाम बदलने की तैयारी में है। सरकार ने तीन द्वीपों के नाम बदलने की तैयारी की है।

इन तीन द्वीपों में रोस, नील और हैवलॉक शामिल हैं। सरकार की तैयारी है कि रोस का नाम बदलकर सुभाषचंद्र बोस द्वीप, नील का नाम शहीद द्वीप और हैवलॉक का नाम स्वराज द्वीप कर दिया जाए।

2.सिविल सर्विसेज परीक्षा में अधिकतम आयु सीमा घटाने की कोई योजना नहीं : जितेंद्र सिंह:-

केंद्र सरकार ने सिविल सर्विसेज (यूपीएससी) परीक्षा के लिए अधिकतम आयु सीमा घटाने की खबर का खंडन किया है। केंद्रीय मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा है कि फिलहाल सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी रिपोर्ट और अटकलों पर विराम लगाया जाना चाहिए। पिछले कुछ समय से ये अटकलें लगाई जा रही थी कि सरकार, सिविल सर्विसेज परीक्षा के लिए अधिकतम उम्र की सीमा को घटाने पर विचार कर रही है। लेकिन इस बयान के बाद अब अटकलों पर विराम लग गई है।पिछले दिनों नीति आयोग ने सिविल सर्विसेज के उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा घटाने की सिफारिश की थी। नीति आयोग के इस सुझाव को लेकर सिविल परीक्षा की तैयारी करने वाले देश भर के छात्रों ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी किया था।बता दें कि नीति आयोग ने सुझाव दिया था कि सिविल सर्विसेज के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों की अधिकतम आयुसीमा को 32 साल से घटाकर 27 साल कर दिया जाए। आयोग ने इसे सत्र 2022-23 से लागू करने के लिए कहा था। आयोग ने अपनी ‘स्ट्रेटजी फॉर न्यू इंडिया @75’ नाम की रिपोर्ट में ये बातें शामिल की हैं। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि सभी सिविल सर्विसेज के लिए एक ही परीक्षा कराई जाए। नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सभी भर्तियां केंद्रीय टैलेंट के आधार पर हों।

नीति आयोग का यह भी कहना है कि नौकरशाही के उच्च स्तर पर विशेषज्ञों की लेटरल एंट्री को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए जिससे हर क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा विशेषज्ञों की सेवाएं मिल सकें।

3.सरकार ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्म के दुरुपयोग को रोकने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में बदलाव का प्रस्ताव किया:-

सरकार ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्म के दुरुपयोग को रोकने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में बदलाव का प्रस्ताव किया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जारी संशोधनों के मसौदे में कहा गया है कि सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्म को सरकारी एजेंसियों की आवश्यकता पर सूचना के सही स्रोत की जानकारी देनी होगी।विपक्ष के आरोपों पर मंत्रालय ने कहा कि वह सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सामग्री का नियमन नहीं करता, लेकिन इन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्लेटफार्म का इस्तेमाल आतंकवाद, उग्रवाद, हिंसा और अपराध के लिए या इन्हें बढ़ावा देने में न किया जाये।इस मुद्दे पर लोगों से 15 जनवरी तक सुझाव और प्रतिक्रिया मांगी गई है।

4.सहिष्‍णुता भारतीय संस्‍कृति का एक महत्‍वपूर्ण पहलू है – सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी:-

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सहिष्‍णुता भारतीय संस्‍कृति का एक महत्‍वपूर्ण पहलू है, जिसने विभिन्‍न देशों से भारत में आकर बसने वाले लोगों को शरण दी है। श्री नीतिन गडकरी नई दिल्‍ली में गुप्‍तचर ब्‍यूरो की 31वीं व्‍याख्‍यानमाला में बोल रहे थे। उन्‍होंने यह बात उस समय कही है जब देश में भीड़ की हिंसा पर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान पर बहस जारी है।श्री नीतिन गडकरी ने देश को सुरक्षित और संरक्षित स्‍थान बनाने में गुप्‍तचर ब्‍यूरो की मौन और अथक भूमिका की सराहना की।

5.नीति आयोग ने दिया डिजिटल साक्षरता बढ़ाने पर जोर, छोटे शहरों में शुरू हो रहा डेल आरम्भअभियान:-

नीति आयोग ने 2022-23 तक देश में बेसिक डिजिटल साक्षरता शत प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। आयोग का कहना है कि डिजिटल लिटरेसी को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों और कालेजों पर विशेष फोकस करने का सुझाव दिया है।

नीति आयोग ने यह सुझाव ‘स्ट्रैटेजी फॉर न्यू इंडिया एट 75’ में दिया है। आयोग का यह सुझाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में फिलहाल डिजिटल साक्षरता का स्तर काफी कम है। आबादी के बड़े हिस्से के पास कंप्यूटर, लैपटॉप या स्मार्ट फोन भी नहीं हैं। आयोग के इस दस्तावेज के अनुसार भारत में डिजिटल साक्षरता का लगभग 10 प्रतिशत होने का अनुमान है। ऐसे में डिजिटल साक्षरता का स्तर बढ़ाने के लिए सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

वर्ष 2022-23 तक देश में डिजिटल लिटरेसी का स्तर शत प्रतिशत करने का लक्ष्य करते हुए आयोग ने कहा कि इसके लिए स्कूल व कालेज के स्तर फोकस देने की जरूरत है। राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन को सभी सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर पर डिजिटल साक्षरता के लिए फोकस करना चाहिए। इसके अलावा एडवांस लेवल के लिए उच्च कक्षाओं व कालेजों में डिजिटल साक्षरता पर फोकस करना चाहिए। आयोग का कहना है कि इस अभियान का असर उस समय होगा जब ये विद्यार्थी अपने परिवारों के सदस्यों को डिजिटल साक्षर बनाएंगे। डिजिटल साक्षरता बढ़ने से देश में कंप्यूटर हार्डवेयर का उपयोग भी बढ़ेगा।

डिजिटल साक्षरता की नजीर पेश कर रहा ‘डेल आरम्भ’

डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के मामले में आइटी कंपनी डेल की पहल अलग नजीर पेश कर रही है। ‘डेल आरम्भ’ नाम के इस अभियान के तहत स्कूलों में विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को डिजिटल साक्षरता देने पर जोर दिया जा रहा है। डेल आरम्भ के तहत अब तक 75 शहरों में 4500 स्कूलों में इस तरह के अभियान चलाए जा चुके हैं और 10 लाख विद्यार्थियों को इस अभियान से जोड़ा जा चुका है। डेल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट कृष्णकुमार पी ने कहा कि नई श्रेणी की नौकरियां उभर रही हैं जिससे पुरानी नौकरियां काफी हद तक बदल रही हैं। इसलिए नए और पुराने सभी पेशों में नए तरह के कौशल की आवश्यकता होगी। भविष्य की नौकरियों के लिए रचनात्मकता आवश्यक है। इसके लिए डिजिटल साक्षरता को बढ़ाना जरूरी है।

 

खेल न्यूज़

6.प्रीमियर बैंडमिंटन लीग में हैदराबाद हंटर्स का मुकाबला चैन्‍नई स्‍मैशर्स से होगा:-

प्रीमियर बैडमिंटन लीग के चौथे दिन शाम सात बजे हैदराबाद हंटर्स का मुकाबला चेन्नई स्मैशर्स से होगा। अवध वारियर्स ने पुणे सेवन एसिस को दो के मुकाबले तीन अंक से हराया।

 

बाजार न्यूज़

7.देश में तीन साल में सभी बिजली मीटर होंगे स्मीर्ट प्रीपेड:-

बिजली मंत्रालय ने देश में एक अप्रैल 2019 से अगले तीन साल में सभी मीटर को स्मार्ट प्रीपेड मीटर में तब्दील करने का फैसला किया है। मंत्रालय ने जारी बयान में यह कहा। इसमें कहा गया है, ‘‘इससे पारेषण और वितरण नुकसान में कमी, वितरण कंपनियों की बेहतर स्थिति, ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहन, बिल भुगतान में सुगमता तथा कागजी बिल जारी करने की व्यवस्था समाप्त होने के साथ बिजली क्षेत्र में एक क्रांति आएगी।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘स्मार्ट मीटर गरीबों के हित में है क्योंकि ग्राहकों को पूरे महीने का बिल एक बार में देने की जरूरत नहीं होगी। इसके बजाए वे अपनी जरूरतों के अनुसार बिल का भुगतान कर सकते हैं।’’ इतना ही नहीं बड़े पैमाने पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर के विनिर्माण से युवाओं के लिये रोजगार भी सृजित होंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकारों ने सभी के लिये बिजली दइस्तावेज पर हस्ताक्षर किये हैं और अपने ग्राहकों को सातों दिन 24 घंटे बिजली देने पर सहमति जतायी थी। इसके तहत वितरण लाइसेंस में एक अप्रैल 2019 या उससे पहले से ग्राहकों को सातों दिन 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का प्रावधान होगा। हालांकि उपयुक्त प्राधिकरण अपरिहार्य कारणों के आधार पर लिखित में इस समयावधि में विस्तार दे सकता है।