इंसान अब चांद पर बना सकेगा आशियाना, 180 साल पहले सामने आई थी पहली फोटो

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1.इंसान अब चांद पर बना सकेगा आशियाना, 180 साल पहले सामने आई थी पहली फोटो:-

चंद्रमा का जिक्र हमारे पुराणों में है। चंद्रमा नवग्रहों में सूर्य के बाद, ज्योतिष में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह है। भारत में सुंदर चमकीले चंद्रमा को देवताओं के सामान ही पुजनीय माना गया है। कई त्‍योहारों के दिन भारत में चांद को देखकर ही तय किए जाते हैं। ऐसे में आज ही के दिन 1839 में जब पहली बार चांद की तस्‍वीर पूरे विश्‍व के सामने आईं, तो लोगों का चौंकना स्‍वाभाविक था। चांद की पहली फोटा फ्रांसीसी फोटोग्राफर लुई दागुएरे ने प्रदर्शित की थी। विज्ञान ने अब इतनी तरक्‍की कर ली है कि चांद पर बसने की योजना बन रही है। चांद पर इमारतें खड़ी करने की तकनीक भी एक भारतीय वैज्ञानिक ने खोज ली है। ज्योतिष में चन्द्रमा के बिना कोई गणना नहीं की जा सकती, इसलिए चंद्रमा का ज्योतिष में एक प्रमुख स्थान है। भारत में करवाचौथ का व्रत चांद को देखकर ही संपूर्ण होता है। वहीं चांद देखकर ही ईद का दिन तय होता है। इसके अलावा भी कई ऐसे त्‍यौहार हैं, जिनसे चांद का सीधा-सीधा संबंध है। ऐसे में कल्‍पना कीजिए जब इंसान चांद पर घर बनाकर रहने लगेंगे, तब करवाचौथ का व्रत भारतीय महिलाएं कैसे पूरा करेंगी? ईद का दिन कैसे तय किया जाएगा? ‘चंदा मामा दूर के…’, जैसी लोरियों का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।

नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर रखा था पहला कदम

1969 में नील आर्मस्ट्रांग ने पहला कदम चांद पर रखा और इसकी तस्वीर ने लोगों को पृथ्वी से दूर के सपने देखने की कल्पना दी। ये तस्वीर नील आर्मस्ट्रांग के प्लेन क्रू द्वारा ली गयी। नील आर्मस्ट्रांग ने 21 जुलाई, 1969 को चांद पर पहला कदम रख यह कारनामा कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम अमर कर लिया था। इसके बाद 5 और अमेरिकी अभियान भी चांद पर भेजे गए, लेकिन इस बात को अब करीब 46 साल बीत चुके हैं।

चांद पर इमारतें खड़ी करने की तकनीक जमशेदपुर राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों ने खोज ली है। जियो पॉलीमर सीमेंट की सहायता से चंद्रमा पर उपलब्ध सामग्री से भवन निर्माण सामग्री का निर्माण संभव है। यही नहीं इस सीमेंट से वहां इमारतें खड़ी की जा सकती हैं। पिछले दिनों हंगरी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने यूरोपियन यूनियन को इस बाबत प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया है। यह कांफ्रेंस पिछले 23 व 24 नवंबर को रिसाइक्लिंग एंड वेस्ट यूटीलाइजेशन विषय पर आयोजित था। इस कांफ्रेंस में हंगरी के यूनिवर्सिटी ऑफ मिसकोल व स्लोवाकिया के इंस्टीट्यूट ऑफ जियो टेक्नोलोजी और पोलैंड के क्रॉकोव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी के वैज्ञानिक भी शामिल हुए थे। भारत का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला जमशेदपुर के वरीय प्रिंसिपल साइंटिस्ट व ग्रुप लीडर मेटल एक्सट्रेक्शन एंड रिसाइक्लिंग संजय कुमार ने किया। वैज्ञानिक संजय कुमार के अनुसार, इसमें निर्णय लिया गया है कि यूरोपियन यूनियन को प्रस्ताव भेजा जाए कि चांद पर इमारत बनाने में जियो पॉलीमर सीमेंट के उपयोग की संभावना पर विचार किया जाए।

पुराणों के अनुसार चंद्रमा की उत्‍पत्ति

मत्स्य एवम अग्नि पुराण के अनुसार जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि रचने का विचार किया तो सबसे पहले अपने मानसिक संकल्प से मानस पुत्रों की रचना की। उनमें से एक मानस पुत्र ऋषि अत्रि का विवाह ऋषि कर्दम की कन्या अनुसुइया से हुआ जिस से दुर्वासा, दत्तात्रेय व सोम तीन पुत्र हुए। सोम चन्द्र का ही एक नाम है। इसलिए चंद्रमा को देवताओं के सामान ही पुजनीय माना गया है।

संपूर्ण पृथ्वी के जल तत्‍व को नियंत्रित करता है चंद्रमा

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चन्द्रमा गुरुत्वाकर्षण शक्ति और सारी पृथ्वी के जल तत्‍व को नियंत्रित करता है। चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में एक शोध ये सामने आया है कि अरबों साल पहले एक बड़ा ग्रह पृथ्वी से टकराया था। इस टक्कर के फलस्वरूप चांद का जन्म हुआ। शोधकर्ता अपने इस सिद्धांत के पीछे अपोलो के अंतरिक्ष यात्रियों के ज़रिये चांद से लाए गए चट्टानों के टुकड़ों का हवाला दे रहे हैं। ये अध्ययन एक साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ। हालांकि ये कोई नया सिद्धांत नहीं है। ये पहले से माना जाता रहा है कि चांद का उदय खगोलीय टक्कर के परिणाम स्वरूप हुआ था।

2.केरल में 35 लाख से ज्यादा महिलाओं ने बनाई 620 किलोमीटर लंबी मानव दीवार:-

केरल में पहली बार 35 लाख से ज्यादा महिलाएं राष्ट्रीय राजमार्ग पर कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी हुई। महिलाओं ने कसारगोड़ के उत्तरी छोर से तिरुवनंतपुरम के दक्षिणी छोर तक 620 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई। राज्य की ओर से लैंगिक बराबरी बनाए रखने के लिए की गई पहल के तहत यह आयोजन किया गया था।हजारों श्रद्धालुओं द्वारा अयप्पा ज्योति जलाने के कुछ दिनों बाद यह आयोजन किया गया है। कसारगोड़ से कन्याकुमारी तक श्रद्धालुओं ने दीप प्रज्ज्वलित किया था। यह कदम सबरीमाला में लंबे समय से जारी परंपरा की रक्षा करने के लिए उठाया गया था।

लेखिका, एथलीट, अभिनेत्री, नेता और तकनीक से जुड़ी महिलाओं ने इसमें भाग लिया। 14 जिलों से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर शाम चार बजे यह कार्यक्रम शुरू हुआ। एकजुटता दिखाते हुए हजारों पुरुषों ने भी समानांतर में दूसरी मानव दीवार बनाई। मानव दीवार बना कर खड़ी महिलाओं पर कसारगोड़ जिले के चेत्तुकुंड में कथित तौर पर भाजपा-आरएसएस के कुछ कार्यकर्ताओं ने पथराव किया। पुलिस ने बताया कि कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों पर भी पथराव किया। कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोली चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े। चेत्तुकुंड भाजपा का गढ़ है।

3.सिद्धरामेश्‍वर सिद्धाराम हयूमनाबढ़े को पिछले महीने आग की घटना में दस लोगों का जीवन बचाने के लिए पुरस्‍कृत किया गया:-

श्रम और रोजगार राज्‍य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने मुंबई के ईएसआईसी अस्‍पताल के एक कर्मचारी सिद्धरामेश्‍वर सिद्धाराम हयूमनाबढ़े को पिछले महीने आग की घटना में दस लोगों का जीवन बचाने के लिए पुरस्‍कृत किया है। उन्‍होंने सिद्धरामेश्‍वर को ईनाम के तौर पर एक लाख रूपए दिए हैं। श्री गंगवार ने कहा कि सिद्धरामेश्‍वर की निस्‍वार्थ सेवा अस्‍पताल के सभी कर्मचारियों के लिए एक मिसाल है।

4.तेलंगाना में अलग उच्‍च न्‍यायालय, यह देश का 25वां उच्‍च न्‍यायालय होगा:-

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का अलग-अलग उच्च न्यायालय होगा। इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है। 2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन होने के बाद अब तक दोनों राज्यों का एक ही उच्च न्यायालय था, जो हैदराबाद में था। फिलहाल यह हैदराबाद उच्च न्यायालय के भवन से ही काम करेगा, जबकि आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय फिलहाल अमरावती के अस्थाई भवन से कार्य करेगा। जानकारी के अनुसार तेलंगाना उच्च न्यायालय देश का 25वां उच्च न्यायालय होगा। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में 16 न्यायाधीश जबकि तेलंगाना उच्च न्यायालय में 10 न्यायाधीश होंगे। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय जाने वाले न्यायाधीशों और कर्मचारियों को भावभीनी विदाई दी गई। राजभवन में तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.बी.एन. राधाकृष्णन के शपथ समारोह के लिए सभी प्रबंध पूरे कर लिये गये हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़

5.दुबई में लगेगी भगवद् गीता की प्रासंगिकता पर एक पोस्टर प्रदर्शनी:-

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के जश्न के हिस्से के तौर पर इस सप्ताह भगवद् गीता की प्रासंगिकता पर पोस्टरों की एक प्रदर्शनी यहां आयोजित की जाएगी।यह दो दिवसीय प्रदर्शनी चार जनवरी से शुरू होगी जिसमें महात्मा गांधी के विचारों का प्रचार किया जाएगा और विभिन्न प्रकार के दस्तकारी वाले खादी उत्पादों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।दुबई में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के जश्न के हिस्से के तौर पर प्रदर्शनी ‘गीता इंटेलिजेंस’ का आयोजन किया जाएगा।भारतीय महावाणिज्य दूतावास ही इस प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है।यह प्रदर्शनी 5000 साल पुराने शास्त्र भगवद् गीता में वणित जीवन, सफलता, पूर्णता के लिए सतत, समावेशी और समृद्ध रणनीतियों की झलक दिखाएगी।

खेल न्यूज़

6.स्मृति मंधाना आईसीसी की ‘वर्ष की महिला क्रिकेटर’ और ‘वर्ष की वनडे क्रिकेटर’ बनी:-

भारतीय उप कप्तान स्मृति मंधाना को आईसीसी ने ‘वर्ष की महिला क्रिकेटर’  और  ‘वर्ष की महिला एकदिवसीय खिलाड़ी’ चुना।बायें हाथ की प्रतिभाशाली बल्लेबाज मंधाना को ‘वर्ष की महिला क्रिकेटर’ बनने पर राचेल हेयो फ्लिंट पुरस्कार जीता। उन्होंने 2018 में 12 वनडे में 669 रन और 25 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 622 रन बनाये। वनडे में उन्होंने 66.90 की औसत से रन बनाये जबकि टी-20 में उनका स्ट्राइक रेट 130.67 रहा।मंधाना ने वेस्टइंडीज में महिला विश्व टी-20 में भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभायी थी। उन्होंने इस टूर्नामेंट में पांच मैचों में 125.35 की औसत से 178 रन बनाये थे।आईसीसी ने एक बयान में कहा कि वह अभी वनडे रैंकिंग में चौथे और टी-20 रैकिंग में दसवें स्थान पर हैं।मंधाना तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी के बाद आईसीसी पुरस्कार पाने वाली केवल दूसरी भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। झूलन को 2007 में आईसीसी वर्ष का खिलाड़ी चुना गया था। मंधाना ने इस उपलब्धि पर कहा, ‘‘जब इस तरह से पुरस्कारों से आपके प्रदर्शन को मान दिया जाता है तो इससे कड़ी मेहनत करने और टीम के लिये अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है।’’आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने भी मंधाना को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘स्मृति ने महिला क्रिकेट के लिये इस यादगार साल में अपने शानदार प्रदर्शन से प्रशंसकों को रोमांचित किया।’’आस्ट्रेलिया की सलामी बल्लेबाज और विकेटकीपर एलिसा हीली को आईसीसी की वर्ष की टी-20 अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेटर चुना गया। उन्होंने महिला विश्व टी-20 में छह मैचों में 225 रन बनाये थे।इंग्लैंड की 19 वर्षीय स्पिनर सोफी एक्लेसटोन को वर्ष की उदीयमान खिलाड़ी चुना गया। उन्होंने नौ वनडे में 18 विकेट और 14 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 17 विकेट लिये।

7.टी-20 विश्व कप के सुपर 12 में सीधे क्वालीफाई करने में नाकाम रहे श्रीलंका और बांग्लादेश:-

पूर्व चैंपियन श्रीलंका और बांग्लादेश अपनी कम रैंकिंग के कारण पुरूष टी-20 विश्व कप सुपर 12 के लिये सीधे क्वालीफाई करने में नाकाम रहे और अब उन्हें 2020 में होने वाले इस टूर्नामेंट में जगह बनाने के लिये ग्रुप चरण की प्रतियोगिता में हिस्सा लेना होगा।अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को सुपर 12 के लिये सीधे क्वालीफाई करने वाली टीमों की घोषणा की जिनमें शीर्ष रैंकिंग के पाकिस्तान, भारत, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान शामिल हैं।लेकिन पूर्व चैंपियन और तीन बार के उप विजेता श्रीलंका और बांग्लादेश को टूर्नामेंट के ग्रुप चरण में छह अन्य क्वालीफायर्स के साथ खेलना होगा। यह टूर्नामेंट 18 अक्टूबर से 15 नवंबर 2020 के बीच आस्ट्रेलिया में आयोजित किया जाएगा।क्वालीफिकेशन मानदंडों के अनुसार चोटी की आठ टीमों को सीधे सुपर 12 चरण में जगह मिलती है जबकि बाकी दो टीमों को अन्य टीमों के साथ ग्रुप चरण में खेलना होगा। ग्रुप चरण की अन्य टीमों का निर्धारण 2019में होने वाले आईसीसी टी-20 विश्व कप क्वालीफायर्स से होगा। ग्रुप चरण से चार टीमें सुपर 12 में जगह बनाएंगी।श्रीलंका के कप्तान लेसिथ मलिंगा ने निराशा व्यक्त की कि 2014 का चैंपियन सुपर 12 में जगह बनाने में असफल रहा लेकिन उन्हें टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।मलिंगा ने कहा, ‘‘यह थोड़ा निराशाजनक है कि हम सुपर 12 में सीधे जगह नहीं बना पाये लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि हम टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। ’’बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने कहा कि हाल के प्रदर्शन से टीम का विश्वास बढ़ा है कि वह चुनौती का डटकर सामना करेगी।