राष्टीय न्यूज़
1.ऐतिहासिक धरोहरों को सुधारने में मुफीद रही योजना ‘हृदय’:-
ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के साथ उन्हें सुधारने में केंद्र की योजना ‘हृदय’ काफी मुफीद साबित हुई है। लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपये की लागत से बनारस, अमृतसर, अजमेर, पुरी, द्वारका और अमरावती के लिए प्रस्तावित 20 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इनमें बनारस की ऐतिहासिक विरासत टाऊन हाल और अमृतसर के राम बाग गेट को नया रूप दे दिया गया है।
वर्ष 2015 में नेशनल हेरिटेज सिटी डवलपमेंट एंड एगुमेंटेशन योजना (हृदय) लांच की गई, जिसमें देश के प्रमुख 12 शहरों को शामिल किया गया। चालू वित्त वर्ष के दौरान तीन प्रमुख शहर बनारस, अजमेर, अमरावती और अमृतसर में 59 प्रमुख ऐतिहासिक धरोहर स्थलों को जोड़ने वली सड़कों को दुरुस्त किया गया। यहां के सार्वजनिक पार्क और बगीचे विकसित किये गये। इनमें अमृतसर का गोल बाग, अजमेर का सुभाष उदयन और पुरी का बांकी मुहाना प्रमुख है। इसके अगले चरण में कुछ और ऐसे ही ऐतिहासिक विरासत वाले शहरों को इसमें शामिल किया जाएगा।बनारस, अजमेर और पुष्कर जैसे प्राचीन शहरों के अंदरुनी क्षेत्रों के प्रमुख धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों तक पैदल जाने के लिए हेरिटेज वॉक लेन का निर्माण पूरा किया गया। अमृतसर के रामबाग गेट और बनारस के हाऊन हाल को नया रूप दिया गया। राम बाग गेट एक संग्रहालय है, जबकि टाऊन हाल एक सांस्कृतिक केंद्र है। बनारस के मैदागिन क्षेत्र में स्थित टाऊन हाल का निर्माण 1870 में विजयनगरम के महाराजा ने बनवाया था। इसे बनारस की शान के रूप में देखा जाता है।केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने देश के सभी प्राचीन शहरों की प्रमुख धरोहरों को संरक्षित करने के साथ उसका विकास करने की योजना तैयार की है। इसके पहले चरण में जिन शहरों को योजना में शामिल किया गया है, उनमें अजमेर, अमरावती, अमृतसर, बदामी, द्वारका, गया, कांचीपुरम, मथुरा, पुरी, बनारस, वेलनकन्नी और वारांगल का नाम प्रमुख है।
2.भारत-पाक के बीच हुई जंग के हीरो थे ‘अल्बर्ट एक्का‘, पेश की थी बहादुरी की मिसाल:-
ये देश है वीर जवानों का, ऐसे ही नहीं कहा जाता। सीमा पर युद्ध का माहौल हो या देश के भीतर दुश्मनों की चुनौती, भारतीय जांबाजों ने हर मोर्चे पर अपनी वीरता और अदम्य साहस की कहानी लिखी है। भारत सरकार का हमेशा मत रहा है कि दुनिया की स्थिरता के लिए अलग अलग देशों के बीच शांति और सद्भाव जरूरी है। ये ऐतिहासिक तथ्य है कि भारत की पीठ में न केवल चीन ने छूरा भोंका, बल्कि पाकिस्तान ने 1948, 1965, 1971 और 1999 में प्रत्यक्ष लड़ाई लड़ी। ये बात अलग है कि भारतीय सेना अधिकारियों और जवानों ने दुश्मन देशों द्वारा थोपे गए सभी युद्धों में वीरता का जबरदस्त उदाहरण पेश किया। 1971 की लड़ाई में अल्बर्ट एक्का ने बहादुरी की वो मिसाल पेश की जो आज भी करोड़ों भारतीयों के आदर्श हैं।अल्बर्ट एक्का का जन्म 27 दिसंबर 1942 को झारखंड (अविभाजित बिहार) के गुमला मे हुआ था। एक्का के माता-पिता का नाम मरियम और जुलियस था। अल्बर्ट शुरू से ही बड़े मजाकिया स्वभाव के था और अक्सर भारतीय फौज में शामिल होने की बात किया करते थे। उनका ये सपना उनके 20वें जन्मदिन पर साकार हुआ। ब्रिगेड ऑफ गॉर्ड्स के 14वें बटालियन में उनकी नियुक्ति हुई। एक्का की तीरंदाजी उनके सेना में भर्ती होने में सहायक साबित हुई। उनका निशाना अचूक था। कठिन से कठिन लक्ष्य को आसानी से भेद देते थे।
1971 की लड़ाई जब शुरू हुई तो भारतीय सेना पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर लड़ रही थी। बांग्लादेश में दाखिल होने के लिए गंगा सागर की लड़ाई बेहद अहम थी। एक्का की बटालियन 14 गार्ड्स को गंगासागर में पाकिस्तानी मोर्चे को नाकाम करना था। ये जगह त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से महज 6 किमी दूर था। गंगासागर ढाका को जाने वाली मुख्य रेलवे लाइन के करीब थी। रणनीतिक रुप से गंगासागर पर कब्जा भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण थी। इस पूरे इलाके में पाकिस्तानी सेना ने बारूदी सुरंगे बिछा रखी थी। अखुरा तक पहुंचने के लिए गंगासागर पर कब्जा जरूरी था। अपने मकसद को हकीकत में तब्दील करने के लिए 14 गार्ड्स ने 3 दिसंबर को गंगासागर पर जबरदस्त हमला किया। एक्का के इरादे मजबूत थे वो किसी भी हालात में गंगासागर पर कब्जा करना चाहते थे।
कर्नल ओ पी कोहली एक्का की टीम की अगुवाई कर रहे थे। एक्का की काबिलियत को वो पहले से जानते थे। कर्नल कोहली कहा करते थे कि वो एक ऐसा शख्स है जिसके लिए चुनौतियों का सामना करना किसी पूजा से कम नहीं। वो कठिन से कठिन हालात को भी अपने पक्ष में बदल सकते हैं। एक्का की बहादुरी की जिक्र करते हुए वो कहते हैं कि जब एक्का एक पाकिस्तानी संतरी से टकराए और पूछा कि कौन है वहां, पाकिस्तान का संतरी बोला कि तेरा बाप।
जान पर खतरे की परवाह किए बगैर एक्का ने दो महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। अपने ब्रिगेड के आदर्श वाक्य, पहला हमेशा पहला को अपनी शख्सियत में उतारा। उन्होंने दुश्मन सेना के बंकरों को नष्ट कर दिया। ये बात अलग है कि उनके ऊपर पाकिस्तानी सेना लगातार गोलियां चलाती रही। लेकिन अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए उन्होंने अपने कई सहयोगियों की जान बची। एक्का की बहादुरी से गंगासागर पर भारत का कब्जा और इस तरह से पाकिस्तानी सेना ने अखुरा को खाली कर दिया। अखुरा के खाली होने के बाद भारतीय सेना ढाका की तरफ कूच कर गई। लेकिन देश अपने एक वीर सपूत को खो चुका था। एक्का के असाधारण साहस की हर तरफ सराहना हुई और उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
3.डीआईपीपी स्वच्छ भारत ग्रैंड चैलेंज अवार्ड्स प्रदान किये गये:-
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने 01 से 15 नवम्बर, 2018 तक स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत स्वच्छ भारत ग्रैंड चैलेंज का आयोजन किया।यह आयोजन देश में डीआईपीपी द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स के नवोन्मेषी समाधानों को सम्मानित करने के लिए किया गया। ग्रैंड चैलेंज के लिए चार क्षेत्रों – स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन, जल और अपशिष्ट जल प्रबंधन तथा वायु प्रदूषण का चयन किया गया।22 राज्यों के 70 जिलों से 165 आवेदन प्राप्त हुए। स्टार्टअप्स से विलक्षण समाधान प्राप्त हुए, जिन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकारों के लिए भी आवेदन किया है।स्वच्छ भारत ग्रैंड चैलेंज के लिए प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये तथा दूसरे पुरस्कार के लिए 01 लाख रुपये और साथ ही प्रशंसा प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये। विभिन्न श्रेणियों के विजेता निम्नलिखित हैं –
पुरस्कार | क्षेत्र-वायु | विवरण | स्थान |
प्रथम पुरस्कार | मैकलेक टेक्निकल प्रोजेक्ट लैब्रटॉरी प्राइवेट लिमिटेड | एमवी-1 (उत्पाद) यातायात के वाहनों से उत्सर्जित प्रदूषकों को इकट्ठा करता है और पीएम, धूल के कणों तथा संपीडि़त वायु का इलेक्ट्रिक उत्पादन के लिए भंडारण करता है। | दिल्ली |
दूसरा पुरस्कार | स्मॉल स्पार्क कॉन्सेप्ट्स टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड | एससीएचओआरएलटीएम एयर फिल्टर टेक्नॉलॉजी है, जो ऊष्मा के संचरण को बढ़ाने के लिए इंजन को आपूर्ति किये जाने वाले ईंधन के दहन को बेहतर बनाती है, इसका पेटेंट लंबित है। | महाराष्ट्र (पुणे) |
क्षेत्र-स्वच्छता | |||
प्रथम पुरस्कार | ऑल्टरसॉफ्ट इनोवेशन्स इंडिया प्रा.लिमिटेड | स्व-सफाई सुविधा, फर्श की सफाई की अवधारणा तथा उपयोग की निगरानी के लिए आईओटी सक्षम कंट्रोल बोर्ड युक्त इंटेलीजेंट पब्लिक टॉयलेट्स (आईपी टॉयलेट) | केरल (कोच्चि) |
दूसरा पुरस्कार | नेचर्सएनी प्रा.लिमिटेड | गंधहीन, जल रहित और रसायन मुक्त मूत्रालय प्रणालियों का निर्माण करती है, जो एक ऐसा एयर लॉक सिस्टम उपलब्ध कराती है, जो मूत्र को हवा या ऑक्सीजन के सम्पर्क में नहीं आते देता। | तेलंगाना |
क्षेत्र-अपशिष्ट | |||
प्रथम पुरस्कार | संशोधन एन ई-वेस्ट एक्सचेंज प्रा.लिमिटेड | ई-वेस्ट एक्सचेंज लोगों को सरकार के नियमों का पालन करते हुए अपने ई-कचरे का निपटान करने में समर्थ बनाता है। | तेलंगाना |
दूसरा पुरस्कार | फ्लाईकैचर टेक्नोलॉजिज एलएलपी | कचरा सामग्री को संसाधित करने के लिए भंडारण इकाइयां सृजित करता है, जिससे घरेलू रसोई-घर में इस्तेमाल होने वाली बायो-गैस का उत्पादन होता है। | महाराष्ट्र (मुम्बई) |
क्षेत्र-जल | |||
प्रथम पुरस्कार | आरईवीवाई एनवॉयरमेंटल सोल्युशन्स प्रा.लि. | 650 संख्या से अधिक के विविध बैक्टीरिया की अवायवीय दानेदार गाद का सृजन करता है, जिसका इस्तेमाल अपशिष्ट जल को उपचारित करने के लिए किया जाता है। इस जल को सीधे सिंचाई के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। | गुजरात |
दूसरा पुरस्कार | ईएफ पॉलीमर प्रा.लि. | एक ऐसे मिश्रण का सृजन किया है, जो प्राकृतिक तरीके से सड़नशील कचरे को इस्तेमाल करते हुए जल को अवशोषित और प्रतिधारित करता है। यह मिश्रण पानी को सोख लेता है और उसे खेतों में बहने से रोकता है। | राजस्थान |
डीआईपीपी द्वारा नवम्बर में आयोजित स्वच्छता पखवाड़े के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिनमें उद्योग भवन के गलियारों, कार्यालय परिसरो, अहातों और पार्किंग स्थल की सफाई आदि शामिल हैं।ये पुरस्कार नई दिल्ली में डीआईपीपी सचिव रमेश अभिषेक ने प्रदान किये।
4.फोटो प्रभाग अगले साल फरवरी में 7वें राष्ट्रीय फोटोग्राफी पुरस्कार प्रतियोगिता का आयोजन करेगा:-
सूचना और प्रसारण मंत्रालय का फोटो प्रभाग अगले साल फरवरी में 7वें राष्ट्रीय फोटोग्राफी पुरस्कार प्रतियोगिता का आयोजन करेगा, जिसमें फोटोग्राफरों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जायेगा। तीन लाख रूपये का एक लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। पेशवर फोटोग्राफरों की श्रेणी में एक लाख का एक पुरस्कारऔर पचास-पचास हजार रूपये के पांच पुरस्कार दिए जाएंगे। शौकिया फोटोग्राफरों की श्रेणी में 75 हजार रूपये का एक पुरस्कार और तीस-तीस हजार रूपये के पांच पुरस्कार दिए जाएंगे। पुरस्कारों के लिए आवेदन इस महीने की 31 तारीख तक भेजे जा सकते हैं।
5.तमिलनाडुः नीलगिरि जिले के बादुगा जनजाति के लोग अपना वार्षिक हेड्डैया अम्मान उत्सव मना रहे हैं:-
तमिलनाडु के नीलगिरि जिले के बादुगा जनजाति के लोग अपना वार्षिक हेड्डैया अम्मान उत्सव मना रहे हैं। परंपरागत सफेद परिधान में सजे-धजे हजारों श्रद्धालु कुन्नूर के पास विभिन्न स्थानों पर देवी की पूजा के लिए इक्ट्ठा हो रहे हैं। इस उत्सव के सिलसिले में यह जनजातीय लोग 48 घंटे का उपवास रखते हैं और वडगा देवी के सम्मान में पवित्र ध्वज दंड लेकर चलते हैं। यह उत्सव अगले सप्ताह भी जारी रहेगा। बडगा जनजाति के लोग नीलगिरी के आदिवासी हैं जो जिले के दूरदराज के चार सौ गांवों में रहते हैं।
खेल न्यूज़
6.प्रीमियर बैडमिंटन लीग में दिल्ली डैशर्स का मुकाबला नॉर्थ ईस्टर्न वॉरियर से:-
हैदराबाद में प्रीमियर बैडमिंटन लीग में दिल्ली डैशर्स का मुकाबला नॉर्थ ईस्टर्न वॉरियर से होगा। हैदराबाद हंटर्स ने चैन्नई स्मैशर्स को 4-1 से हराकर लगातार अपनी दूसरी जीत दर्ज की।
बाजार न्यूज़
7.गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर छह सौ 66 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की आधारशिला रखी:-
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर छह सौ 66 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की आधारशिला रखी। अधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि इनमें से पांच हजार 538 परियोजनाएं शिक्षा क्षेत्र की हैं।श्री रुपाणी ने गांधी नगर सिविल अस्पताल में आयोजित समारोह से रिमोट कंट्रोल के जरिए इन परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें स्कूलों और कॉलेजों के पांच हजार 179 नवनिर्मित क्लास रूम, नौ पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन और 350 आंगनवाड़ी केंद्र शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिए 21 जिलों के लाभार्थियों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओँ से बातचीत भी की।