दुनिया भर में दिखेगा भारत का स्वच्छता अभियान, इस देश की प्रोडक्शन कंपनी बना रही फिल्म

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राष्ट्रीय न्यूज़

1.दुनिया भर में दिखेगा भारत का स्वच्छता अभियान, इस देश की प्रोडक्शन कंपनी बना रही फिल्म:-भारत का स्वच्छता अभियान अब फ्रांस सहित दुनिया भर में बड़े पर्दे पर प्रदर्शित होगा। फ्रांस की मोनालिसा प्रोडक्शन कंपनी इस अभियान के तहत गांव-गांव में बने शौचालयों पर आधारित फिल्म ‘गेम ऑफ ट्रोन्स’बना रही है। जिसे पूरी दुनिया में प्रदर्शित किया जाएगा। इसकी शूटिंग के लिए कंपनी की टीम बैतूल जिले के मुलताई आई है।इस फिल्म में जिले के भीमपुर ब्लॉक की अनिता नर्रे द्वारा ससुराल में शौचालय नहीं होने को लेकर किए गए संघर्ष को भी शामिल किया जाएगा। मोनालिसा प्रोडक्शन कंपनी के डायरेक्टर थैरी बेरोड, कैमरामेन जीन पीयरे और दिल्ली की दिव्या दुग्गड ने फिल्म के संबंध में मीडिया को जानकारी दी। फिल्म के डायरेक्टर थैरी बेरोड ने कहा कि उन्होंने भारत में बनी ‘टायलेट एक प्रेम कथा’ फिल्म देखी है। वे उससे बहुत प्रभावित हैं।

अब वे भी स्वच्छता थीम को लेकर नई फिल्म बना रहे हैं। जो पूरे विश्व में लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करेगी। इसमें वे बैतूल जिले के भीमपुर ब्लॉक की निवासी अनिता नर्रे की कहानी भी शामिल करेंगे। उन्हें आंक़़डों पर यकीन नहीं था, इसलिए वह फ्रांस से खुद वास्तविकता देखने मुलताई आए थे। यहां घरों में शौचालय देखकर उन्हें खुशी हो रही है कि वाकई में घर-घर शौचालय बन गए हैं।

दिल्ली से आई दिव्या दुग्गड ने कहा कि वे इस प्रोडक्शन को भारत में सपोर्ट कर रही हैं। स्वच्छता को लेकर क्या–क्या काम हुआ है और अभी क्या–क्या काम होना बाकी है, इसको लेकर स्टोरी बनाकर उसका फिल्मांकन कर रही हैं।

2.तीन बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके डॉ. शेष सिंगापुर में टॉप-50 वक्ताओं में शुमार:-तीन बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके छत्तीसगढ़ के कोरबा निवासी अंतरराष्ट्रीय वक्ता, चिकित्सक व प्रशिक्षक डॉ. अजय शेष के नाम एक और कीर्तिमान जुड़ गया है। उन्हें सिंगापुर में सर्टिफिकेशन मेकिंग द स्टेज की पदवी प्रदान की गई। इसी के साथ वे विश्व के टॉप-50 वक्ताओं की सूची में शामिल हो गए हैं। इन्हें यह उपलब्धि विश्व के सर्वश्रेष्ठ चार वक्ताओं की कड़ी परीक्षा से गुजरने के बाद उनकी अनुशंसा से मिली है।अपने ओजस्वी बोलों से युवाओं के प्रेरणास्रोत बन चुके कोरबा जिले के पैथोलॉजिस्ट डॉ. शेष को यह सम्मान आसानी से नहीं मिला। पहले विश्व के चार शीर्ष वक्ता व प्रशिक्षकों ब्लेयर सिंगर, माक्र्स डी मारिया, लैरी गिल्मैन व जॉल्टन रोटोको ने गहन परीक्षण किया। इसके बाद उन्हें यह पदवी मिली।

छत्तीसगढ़ में वे अब तक 252 संस्थाओं में एक लाख से ज्यादा युवाओं का मार्गदर्शन कर चुके हैं और यही उपलब्धि उन्हें इस मुकाम तक ले जाने में अहम साबित हुई। उन्होंने पिछले साल सितंबर में ही माइंड, बॉडी एंड सोल यानी तीन आधार स्तंभ शरीर, दिमाग और हमारी आत्मा, जो हमें जिंदगी में मजबूती के साथ खड़े रहने की शक्ति प्रदान करते हैं, इस विषय पर सबसे लंबा व्याख्यान दिया था। उन्होंने अनवरत 101 घंटे बोलकर विश्व की सबसे लंबी स्पीच का कीर्तिमान बनाया था।डॉ. शेष ने सबसे लंबी स्पीच देकर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में अपना नाम तीसरी बार दर्ज कराया है। सबसे पहले उन्होंने वर्ष 2015 में 53 घंटे 18 मिनट का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद वर्ष 2016 में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा। एमबीबीएस, एमडी, एमबीए, एमफिल व पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर चुके डॉ.शेष ने 60 घंटे व 30 मिनट तक दुनिया की सबसे लंबी स्पीच बोलकर दोबारा गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में अपना नाम दर्ज कराया था। फिर 101 घंटे की स्पीच के बाद वे शिखर पर पहुंच गए। वर्ष 2016 में उन्होंने रायपुर से दिल्ली के बीच 1750 किलोमीटर साइकलिंग की। अजेय भारत प्रकल्प के बैनर तले युवा सशक्तीकरण की मुहिम लेकर डॉ. शेष ने 34 दिन में सात राज्यों से गुजरते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे। इस सफर के दौरान उन्होंने 32 स्थानों पर प्रेरणात्मक कार्यक्रम कर प्रेरित भी किया।

3.कचरे को ‘सोना’ बनाती हैं महिलाएं, देशभर में अपनाया गया मॉडल:छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में महिलाओं का समूह बनाकर शुरू किया गया डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण का प्रयोग देश के लिए रोल मॉडल बन गया। महिलाओं के समूह ने कचरे को सोना बनाना सिखाया और संग्रहित कचरे से कबाड़ अलग कर लाखों की कमाई भी कर रही हैं। इससे करीब 450 महिलाओं को स्थाई रोजगार भी मिला हुआ है। वर्तमान में स्वच्छता के इस मॉडल को सर्वश्रेष्ठ बता पूरे देश में अपनाया गया है और महानगरों के साथ ही देशभर के निकायों से अधिकारी यहां का स्वच्छता मॉडल देखने पहुंच रहे हैं। इस मॉडल ने अंबिकापुर को डंपिंग यार्ड फ्री शहर बना दिया है।छतीसगढ़ के अंबिकापुर नगर निगम में सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत पहला एसएलआरएम सेंटर अप्रैल 2015 में आरंभ किया गया था। 48 वार्डों के शहर में 15 अगस्त, 2016 से स्वच्छ अंबिकापुर मिशन सहकारी समिति द्वारा हर घर से कचरा उठाया जा रहा है। साथ ही कचरे की छंटाई कर कबाड़ को अलग किया जा रहा है औ अपशिष्ट से खाद भी बनाई जा रही है। इस सेवा के लिए प्रतिमाह 50 रुपये का यूजर चार्ज लिया जा रहा है।

तत्कालीन कलेक्टर ऋतु सैन की पहल पर शुरू हुई इस व्यवस्था के लिए शासन से 18 से 19 लाख रुपये लेना पड़ता था, लेकिन अब समिति लगभग पूरी तरह स्व वित्त पोषित हो गई है। वर्तमान में शहर में लगभग दो दर्जन एसएलआरएम सेंटर, 105 मैन्यूअल रिक्शा, 37 बैट्री चलित रिक्शा संचालित हैं। प्रतिदिन दो टन कम्पोस्ट खाद बनाने का प्लांट विकसित हो चुका है। इस व्यवस्था ने शहर में डंपिंग यार्ड फ्री शहर बना दिया। वर्षों पुराने डंपिंग यार्ड को स्वच्छता चेतना केंद्र (पार्क) के रूप में विकसित किया गया है,जहां कचरे की दुर्गंध की जगह फूलों की खुशबू फैली है। स्वच्छ अंबिकापुर मिशन सहकारी समिति से जुड़ीं महिलाओं का मानदेय भी लगातार बढ़ा एवं तीन वर्षों में दोगुना हो गया है। शहर के 27200 मकानों, 3200 संस्थाओं से यूजर चार्ज के साथ प्रतिमाह 15 से 16 लाख तथा उपयोगी कचरों, कम्पोस्ट खाद की बिक्री से पांच से छह लाख की आय अर्जित हो रही है, इससे महिलाओं को छह हजार प्रतिमाह का मानदेय मिल रहा है एसएलआरएम व्यवस्था ने शहर को नई पहचान दी। वर्ष 2015 व 2016 में लगातार स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी अवॉर्ड मिला। वर्ष 2016 में ही वी. रामाराव स्वच्छता पुरस्कार, वर्ष 2017 में दो लाख की आबादी वाले शहरों की स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर देश में नंबर-1 रहा। बेस्ट स्वयं सहायता समूह के राष्ट्रीय पुरस्कार के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूनाइटेड नेशन का थ्री-आर पुरस्कार, वर्ष 2018 में इनोवेशन एंड बेस्ट प्रेक्टिसेज में भी स्वच्छ सर्वेक्षण का पहला पुरस्कार मिला है।

4.आवास निर्माण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने के लिए लाइट हाउस परियोजना चुनौतीका शुभारंभ:-
इन परियोजनाओं के लिए राज्‍यों को केन्‍द्रीय सहायता मिलेगी :-केन्‍द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने जीएचटीसी-इंडिया के तहत लाइट हाउस परियोजनाओं के निर्माण के लिए पूरे देश में 6 स्‍थलों का चयन करने के लिए राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों के लिए एक चुनौती की शुरूआत की है। मंत्रालय ने इस चुनौती में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सभी राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों को प्रोत्‍साहित किया है। निर्धारित मानदंडों के अनुसार सबसे अधिक अंक अर्जित करने वाले 6 राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों को लाइट हाउस परियोजनाएं प्रदान की जाएंगी। राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-शहरी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार इन परियोजनाओं के निर्माण के लिए केन्‍द्रीय सहायता उपलब्‍ध कराई जाएगी। इसके अलावा नई प्रौद्योगिकी के उपयोग और अर्थव्‍यवस्‍थाओं से संबंधित मुद्दों से निपटने और अन्‍य संबंधित कारकों के कारण होने वाले किसी अतिरिक्‍त लागत के प्रभाव को दूर करने के लिए राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (टीआईजी) का भी प्रावधान किया गया है। लाइट हाउस परियोजनाओं के लिए चयन किये गए स्‍थलों का सीधे प्रदर्शन के लिए खुली प्रयोगशाला के रूप में उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा शिक्षाविद (सिविल इंजीनियरिंग, योजना और वास्‍तुकला), सार्वजनिक और निजी व्‍यवसायी, नीति निर्माता (केन्‍द्रीय और राज्‍य) और मीडिया इसके बारे में उचित ध्‍यान देंगे और इसके अलावा ग्रांड-एक्‍सपो एवं सम्‍मेलन में सहायता/मान्‍यता भी प्राप्‍त होगी। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने पहले ही वैश्विक आवास प्रौद्योगिकी चुनौती-इंडिया (जीएचटीसी इंडिया) की शुरूआत की है। इस चुनौती के तीन घटक हैं- i) ग्रांड एक्‍सपो एवं सम्‍मेलन का आयोजन करना ii) दुनिया भर से प्रमाणित प्रदर्शन योग्‍य प्रौद्योगिकियों की पहचान करना iii) उष्‍मायन और त्‍वरित सहायता के लिए किफायती, स्‍थायी आवास त्‍वरितों की स्‍थापना के माध्‍यम से संभावित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना। अंतिम रूप से चयनित वैश्विक प्रौद्योगिकी प्रदाताओं को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के ढांचे के अंदर लाइट हाउस परियोजनाओं की योजना बनाने और निर्माण के लिए आमंत्रित किया जाएगा।राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों द्वारा भागीदारी की अंतिम तिथि 20 फरवरी, 2019 है। राज्‍य/केन्‍द्रशासित प्रदेश अपने आवेदन निर्धारित प्रारूप में जल्‍द से जल्‍द 20 फरवरी 2019 तक भेज सकते हैं। चयनित राज्‍य/केन्‍द्रशासित प्रदेशों को जीएचटीसी-इंडिया के तहत अपने राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों में इन लाइट हाउस परियोजनाओं के निष्‍पादन के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ अनुबंध ज्ञापन करना होगा। राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों को मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव और प्रबंध निदेशक (सबके लिए घर) श्री अमित अभिजात द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से इस चुनौती के बारे में अवगत कराया गया। उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि मंत्रालय निर्माण वर्ष के दौरान प्रौद्योगिकी सम्‍मेलन का भी आयोजन करेगा। इससे संभावित लाभार्थी को अनुकूलन के लिए चल रहे कार्यों को देखने के लिए इन स्‍थलों पर जाने के लिए प्रोत्‍साहन मिलेगा। राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों ने इस बारे में उत्‍साही रुख दर्शाया है और वे उत्‍साह के साथ इस विशिष्‍ट चुनौती में भाग ले रहे हैं।

5.प्रधानमंत्री हरियाणा में कुरुक्षेत्र का दौरा करेंगे :- 
कई विकास परियोजनाओं का अनावरण प्रधानमंत्री झज्जर में भाडसा स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान का लोकार्पण करेंगे प्रधानमंत्री पंचकूला में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान का शिलान्यास करेंगे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 12 फरवरी, 2019 को हरियाणा में कुरुक्षेत्र का दौरा करेंगे। वे स्वच्छ शक्ति-2019 में हिस्सा लेंगे। वे हरियाणा में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।

स्वच्छ शक्ति-2019

प्रधानमंत्री स्वच्छ शक्ति – 2109 में हिस्सा लेंगे और स्वच्छ शक्ति-2019 पुरस्कार प्रदान करेंगे। वे कुरुक्षेत्र में स्वच्छ सुंदर शौचालय प्रदर्शनी का भी दौरा करेंगे और एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

स्वच्छ शक्ति-2019 एक राष्ट्रीय आयोजन है, जिसमें देश भर की महिला पंच और सरपंच सम्मिलित होंगी। संभावना है कि इस वर्ष स्वच्छ शक्ति आयोजन में 15,000 महिलाएं हिस्सा लेंगी। इस आयोजन का उद्देश्य महिलाओं का सशक्तिकरण है।प्रथम स्वच्छ शक्ति कार्यक्रम की शुरूआत अंतर्राष्टीय महिला दिवस पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर, गुजरात से की थी। दूसरे स्वच्छ शक्ति-2018 की शुरूआत लखनऊ, उत्तर प्रदेश से हुई और इसका तीसरा कार्यक्रम कुरुक्षेत्र में हो रहा है।

विकास परियोजनाएं

झज्जर में भाडसा स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान का लोकार्पण

राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) एक उत्कृष्ट तीसरे स्तर का कैंसर और अनुसंधान संस्थान है, जो अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान झज्जर परिसर में निर्मित हुआ है। यह 700 बिस्तरों वाला अस्पताल है, जिसमें सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, एनेस्थेसिया, पेलिएटिव केयर और न्यूक्लियर मेडिसिन जैसी विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा डॉक्टरों और कैंसर मरीजों के तीमारदारों के लिए रिहाइश की व्यवस्था भी है। एनसीआई देश में कैंसर संबंधी सभी गतिविधियों के लिए नोडल संस्थान होगा और क्षेत्रीय कैंसर केंद्रों तथा अन्य कैंसर संस्थानों के साथ उसका संपर्क होगा। एनसीआई झज्जर देश का प्रमुख कैंसर संस्थान है तथा वह अनुसंधान तथा विकास के प्रमुख क्षेत्रों की निशानदेही करने की जिम्मेदारी निभाएगा। यह संस्थान मोलेक्यूलर बायोलॉजी, जेनोमिक्स, प्रोटियोमिक्स, कैंसर एपीडेमियोलॉजी, रेडियाएशन बायोलॉजी और कैंसर वैक्सीन में अनुसंधान का काम करेगा।

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालफरीदाबाद का उद्घाटन

यह उत्तर भारत में पहला ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल होगा। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन ईएसआईसी के तहत बीमाधारी व्यक्तियों और उनके लाभार्थियों, विशेषकर कामगार आबादी तथा उनके आश्रितों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाती है।

पंचकूला में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान का शिलान्यास

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना पंचकूला में श्री माता मनसा देवी मंदिर परिसर में की जा रही है। यह आयुर्वेदिक उपचार, शिक्षा और अनुसंधान का राष्ट्र स्तरीय संस्थान होगा। इसका निर्माण पूरा हो जाने के बाद यह संस्थान हरियाणा और अन्य पड़ोसी राज्यों के निवासियों के लिए बहुत लाभकारी होगा।

श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालयकुरुक्षेत्र का शिलान्यास

श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय हरियाणा में भारतीय चिकित्सा पद्धति से संबंधित पहला विश्वविद्यालय और भारत में अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय है।

पानीपत में ‘पानीपत संग्राम संग्राहलय’ का शिलान्यास

यह संग्राहलय पानीपत के विभिन्न युद्धों के नायकों का सम्मान करने के लिए बनाया जा रहा है। राष्ट्र निर्माण में महान योगदान करने वाले भारत के गुमनाम नायकों के सम्मान के संबंध में भारत सरकार की पहलों के अनुरूप यह संग्राहलय निर्मित किया जा रहा है।  

पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालयकरनाल का शिलान्यास

प्रधानमंत्री करनाल में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का शिलान्यास करेंगे।

इन कदमों से हरियाणा में शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक सुविधाओं में तेजी आने की आशा है।

अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़

6.69वें बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दौरान इंडिया नेटवर्किंगका आयोजन:-
भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव स्वर्ण जयंती समारोह में विश्व को भारत का आमंत्रण कांस फिल्म मार्केट 2019 में भारत की भागीदारी और कांस फिल्म महोत्सव में आईएफएफआई की रणनीतिक स्थिति पर भी चर्चाबर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव- 2019 में हिस्सा लेने गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ‘इंडिया नेटवर्किंग’ का आयोजन किया। इसमें भारत के साथ सहयोग करने के इच्छुक फिल्म उत्सव के प्रमुख दिग्गजों, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म संघों, फिल्म एजेंसियों और प्रसिद्ध फिल्म निर्माताओं ने हिस्सा लिया।

इस दौरान फिल्मों के सह-निर्माण और इस वर्ष होने वाले आईएफएफआई के स्वर्ण जयंती समारोह के लिए साझेदारी करने के विषयों पर चर्चा की गई। इस आयोजन में शिरकत करने वालों को भारत में फिल्म बनाने की आसानी के बारे में बनाई गई नीतियों की भी जानकारी दी गई। आयोजन के दौरान यह भी बताया किया कि सिनेमाटोग्राफ अधिनियम में संशोधन के जरिए फिल्म पायरेसी को रोकने के प्रयास भी किए गए हैं।इसके पूर्व भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कांस फिल्म महोत्सव की बिक्री एवं संचालन प्रमुख सुश्री माउद एम्सन से मुलाकात की और उन्हें कांस फिल्म मार्केट 2019 में भारत सरकार की शिरकत के बारे में चर्चा की। चर्चा के दौरान कांस में आईएफएफआई 2019 की रणनीतिक स्थिति पर भी विचार किया गया। इसके मद्देनजर इस वर्ष स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने चीन अंतर्राष्ट्रीय बाल फिल्म उत्सव के अध्यक्ष श्री ह्वो खमिंग, एआरएस वीडियर स्टूडियो की निर्माता सुश्री अन्ना समर्तसेवा, एकोमे एसए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री पनोस कवोनिस से भी मुलाकात की। श्री पनोस कवोनिस ने कहा कि यूनानी सरकार आईएफएफआई के स्वर्ण जयंती समारोह में शिरकत करने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सक्रिय भागीदारी से संबंध मजबूत होंगे।

अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सवों और कमीशनों ने भारत और आईएफएफआई- 2019 के साथ संभावित सहयोग की इच्छा व्यक्त की। इससे इस बात को बल मिलता है कि भारत में फिल्म निर्माण के लिए आकर्षक अवसर मौजूद हैं और यहां मीडिया तथा मनोरंजन उद्योग के लिए बहुत आकर्षण है।

बाजार न्यूज़

7.भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस ने पेश किया नया चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान:-जीवन बीमा क्षेत्र की कंपनी भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस ने सोमवार को ‘भारती एक्सा लाइफ शाइनिंग स्टार्स’ नाम से एक चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान पेश किया है। इस खास प्लान में माता-पिता को बीमा कवर प्रदान करने के साथ-साथ उनके बच्चों एवं परिवार को किसी भी वित्तीय समस्या से सुरक्षा प्रदान की गई है।

कैसा है प्लान?

भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस के मुताबिक ‘भारती एक्सा लाइफ शाइनिंग स्टार्स’ एक नॉन-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग लिमिटेड पे लाइफ इंश्योरेंस प्लान है। इस प्लान में मैच्योरिटी पर एक लंप-सम राशि दी जाती है। यह प्लान माता-पिता को बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए पैसे जोड़ने में मदद करता है। माता-पिता की ओर से की जाने वाली यह बचत उनके बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ उनकी आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने के काम आती है।

क्या कहना है कंपनी का?

कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ विकास सेठ ने बताया, “बच्चे की शिक्षा और करियर प्लानिंग किसी भी माता-पिता की प्राथमिकताओं में शुमार होता है। उन्हें इसके लिए उचित तरीके से वित्तीय प्रबंधन करने की जरूरत होती है। शिक्षा एवं बदलती जरूरतों के खर्चों को पूरा करने के लिए सिर्फ मासिक बचत ही काफी नहीं होती है। और इसीलिए हमने भारती एक्सा लाइफ शाइनिंग स्टार्स के रूप में एक व्यापक चाइल्ड प्लान बनाया है।”

विकास सेठ ने बताया कि अगर इस इश्योरेंस प्लान के फायदों के बारे में बात करें तो इसमें बचत से साथ साथ आपको आर्थिक सुरक्षा मिलती है। यह माता-पिता के लिए उनके बच्चों की भावी वित्तीय जरूरतों के लिहाज से काफी बेहतर है। यह प्लान करियर के तमाम पड़ावों पर वित्तीय सहायता देता है और बिना किसी तकलीफ के बच्चों को उनके सपनों को पूरा करने में समर्थ बनाता है। इस प्लान की सबसे बड़ी खूबी यह है कि माता पिता अपनी जरूरत के हिसाब से विकल्प का चुनाव कर सकते हैं। इस प्लान में माता-पिता फ्लेक्सी पे-आउट या वार्षिक पेआउट विकल्प में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं। इसका चुनाव आप पॉलिसी लेने के दौरान कर सकते हैं। साथ ही आप मैच्योरिटी के वक्त बच्चों की जरूरतों के हिसाब से इसमें बदलाव भी करवा सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि माता-पिता को वर्षों पहले चुने गए विकल्प से मजबूरन जुड़ा नहीं रहना पड़ेगा। इस इंश्योरेंस प्लान को लेने के लिए आपकी न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और अधिकतम उम्र 60 वर्ष होनी चाहिए। इस पर टैक्स लाभ की भी सुविधा है। जिस व्यक्ति के नाम पर बीमा होगा उसके लिए अदा किए गए प्रीमियम और उस पर मिलने वाले लाभ पर टैक्स बेनिफिट्स की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।