पाकिस्तान भी डरता है भारत के इन पांच ब्रह्मास्त्र से, जानें- इन हथियारों की खासियत

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राष्ट्रीय न्यूज़:-

1.पाकिस्तान भी डरता है भारत के इन पांच ब्रह्मास्त्र से, जानें- इन हथियारों की खासियत :-सीआरपीएफ काफिले (CRPF Convoy) पर पुलवामा में हुए आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) में 40 जवानों के शहीद होने के बाद सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ है। दो दिन पहले पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा हमले पर मीडिया के सामने बयान दिया था। इस दौरान उनके चेहरे पर डर साफ झलक रहा था। इसकी वजह पाक पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के अलावा भारत के वो पांच ब्रह्मास्त्र हैं, जो पाकिस्तान में बड़ी तबाही मचा सकते हैं। युद्ध की स्थिति में अगर भारत ने अपने इन हथियारों का इस्तेमाल किया तो पाकिस्तान में लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ सकती है। पाकिस्तान भी इन हथियारों से अच्छे से वाकिफ है।

1.आइएनएस विक्रमादित्य एयरक्राफ्ट कैरियर:-
अत्याधुनिक आइएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) एयरक्राफ्ट कैरियर, नवंबर 2013 में नौसेना में शामिल किये गए हैं। आइएनएस विक्रमादित्य को विशेष रूप से पाकिस्तानी नौसेना का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे समुद्र में भारतीय आक्रमण का नेतृत्व करने के लिए शामिल किया गया है। पाकिस्तान के लिए ये किसी बुरे सपने की तरह है कि भारत आइएनएस विक्रमादित्य को पाकिस्तान के सबसे बड़े कराची बंदरगाह पर खड़ा कर दे। इससे उनकी नौसेना पूरी तरह से ब्लॉक हो जाएगी।

विक्रमादित्य की लंबाई 282 मीटर है और भार ढोने की इसकी क्षमता 44000 टन है। इसके शक्तिशाली एयर विंग हवाई श्रेष्ठता, एंटी-सरफेस, जहाज-रोधी और पनडुब्बी रोधी युद्ध को अंजाम देने में सक्षम हैं। विक्रमादित्य के डेक पर 24, मिग-29के (MIG-29K) या तेजस मल्टीरोल फाइटर (Tejas Multi-Role Fighters) और 10 पनडुब्बी रोधी युद्धक हेलीकॉप्टर (Anti-Submarine Warfare Helicopters) तैनात करने की क्षमता है। इसके साथ ही भारत ने 45 मिग-29के लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए ऑर्डर दिया हुआ है।

2.आइएनएस चक्र न्यूक्लियर अटैक सबमरीन:-

जहां एक तरफ आइएनएस विक्रमादित्य नौसेना की ताकत का समुद्र के ऊपर प्रदर्शन करता है, वहीं दूसरी तरफ भारत की असली ताकत समुद्री सतह के नीचे मौजूद आक्रमणकारी 14 पनडुब्बियां हैं। इन पनडुब्बियों में सबसे शक्तिशाली है आइएनएस चक्र सबमरीन, जो परमाणु हमला करने की भी क्षमता रखती है। अपने 11 युद्धपोत और आठ पनडुब्बियों के साथ आइएनएस चक्र विभिन्न प्रकार के युद्ध टास्क को पूरा करने में सक्षम है। इसलिए ये पाकिस्तानी नौसेना के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

चक्र सबमरीन, पाकिस्तानी सीमा में समुंद्र के अंदर बिछाई गई माइन्स का मुकाबला करने और सर्विलांस में भी सक्षम है। इसकी अधिकतम रफ्तार 30 नॉट (Knots) मतलब समुद्री मील है और ये समुद्र के अंदर 520 मीटर की अधिकतम गहराई में भी काम कर सकता है। आइएनएस चक्र चार 533एमएम व्यास के टारपीडो और चार 650एमएम व्यास के टारपीडो से लैस है। इनमें VA-111 शक्वाल सुपरकविटेटिंग टारपीडो भी शामिल है, जो 220 समुद्री मील की रफ्तार से 15 किलोमीटर की दूरी तय करता है। इसमें एंटी शिप मिसाइल, समुंद्री माइन्स और 40 टारपीडो ले जाने की क्षमता है।

3.एएच-64 डी अपाचे लॉन्गबो ब्लॉक III अटैक हेलीकॉप्टर:-

एएच-64डी अपाचे हेलीकॉप्टर भारतीय थल सेना के लिए जमीनी लड़ाई में एक लंबी छलांग है। अपाचे हेलीकॉप्टर अपनी बख्तरबंद संरचना की वजह से पारंपरिक युद्ध या आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान कुछ भी करने में सक्षम है। ये लड़ाई के दौरान सबसे कारगर हेलीकॉप्टरों में से एक है। पर्वतीय इलाकों में काफी ऊंचाई पर भी अपाचे 171 मील प्रति घंटे की गति से उड़ान भरने में सक्षम है। इसके रोटर ब्लेड 12.7एमएम मशीन गन का सामना कर सकते हैं। ये हेलीकॉप्टर दुश्मन पर हमला कर उसे नष्ट करने के लिए तैयार किया गया है।

इसके रडार सेकेंडों में 128 वाहनों लक्ष्यों का पता लगाने और उन पर हमले के लिए प्राथमिकता तय करने में सक्षम हैं। इसके बाद ये कुछ सेकेंडों में 16 लक्ष्यों पर हमला कर सकता है। इसमें थर्मल इमेजिंग सेंसर भी लगे हैं। इसमें नीचे की तरफ चार मिसाइल और एक 30एमएम की तोप अटैच की जा सकती है। भारत ने 2012 में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर का सौदा किया था। अगस्त-2018 में भारत ने 39 और अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया है। इनसे भारत की स्थिति और मजबूत होगी।

4.SU-30MKI फाइटर जेट:-
भारतीय वायु सेना के SU-30MKI फाइटर जेट का उद्देश्य पाकिस्तानी वायु सेना में सेंध लगाना है। भारतीय वायु सेना के पास वर्तमान में 200 SU-30MKI फाइटर जेट विमान हैं और 72 नए विमानों के लिए ऑर्डर दिया जा चुका है। ये विमान लंबी क्षमता वाले डबल इंजन, शक्तिशाली रडार और घातक हथियार से लैस है। SU-30MKI फाइटर जेट, 1980 के दशक के SU-27MKI फाइटर जेट का अपग्रेटेड वर्जन है। ये विमान हवा में पैंतरेबाजी करने में माहिर है और ये एक ही वक्त पर कई लक्ष्यों को टारगेट कर सकता है।

विमान हवा से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल से लैस है, जो 300 से 400 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेद सकते हैं। SU-30MKI फाइटर जेट, पाकिस्तानी वायु सेना के किसी भी लड़ाकू विमान से बेहतर है। इजारयल में निर्मित विमानों में आवश्यक बदलाव कर इन्हें भारतीय सीमा में उड़ते हुए 300 किमी दूर पाकिस्तानी या चीनी सीमा में तबाही मचाने लायक बनाया गया है। अब इसे ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल से लैस किया जा रहा है। प्रत्येक SU-30MKI फाइटर जेट एक ब्रह्मोस मिसाइल ले जाने में सक्षम होगा। इस विमान के साथ ब्रह्मोस मिसाइलें 295 किमी की दूरी पर मौजूद लक्ष्यों को भेद सकेंगी।

5.भारत के परमाणु हथियार:-
भारत ने 1974 में पहली बार 12 किलोटन विस्फोटक के साथ परमाणु हथियार का परीक्षण किया था। भारत के पास मौजूद परमाणु हथियार दुनिया के लिए केवल रहस्य हैं, क्योंकि इन्हें बेहद गोपनीय रखा गया है। लिहाजा भारत के पास कितने परमाणु हथियार हैं, इसकी सटीक जानकारी किसी के पास नहीं है। अनुमान लगाया जाता है कि भारत के पास 90 से 110 परमाणु हथियार हैं। इनकी शक्ति लगभग 200 किलोटन या हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से तकरीबन 10 गुना ज्यादा होने का अंदाजा लगाया जाता है।

2.इमरजेंसी की सूचना मिलने पर कुछ पल में पहुंचेगी मदद, देश में विकसित हो रही तकनीक:-देश में जल्द ही ऐसी तकनीक विकसित कर ली जाएगी, जिससे किसी भी जगह पर आपदा की सूचना अथॉरिटी तक कुछ ही पल (सेकेंड) में पहुंच जाए। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्पेशल सेंटर फॉर डिजास्टर रिसर्च (एससीडीआर) की तरफ से इस दिशा में काम किया जा रहा है। एससीडीआर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये एक प्रणाली तैयार कर रहा है। साथ ही इस परियोजना के लिए जेएनयू में 11 से 13 मार्च तक एससीडीआर की ओर से व‌र्ल्ड सिपोजियम का आयोजन किया जा रहा है।

17 सेकेंड में तैयार होगा मैप

प्रो. अमिता सिंह ने कहा कि आज के दौर में हमारे स्मार्ट फोन का इस्तेमाल बेहद बढ़ गया है। इसमें भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का इस्तेमाल हो रहा है। ठीक इसी तरह से हमारी तरफ से ऐसी प्रणाली विकसित करने पर काम किया जा रहा है, जिससे इस एआइ के जरिये किसी भी तरह की आपदा की जानकारी सेकेंडों में अथॉरिटी तक पहुंच जाए। एआइ का आपदा प्रबंधन में बहुत बड़ा महत्व है। इससे आपदा का पुर्वानुमान जानने में भी बेहद मदद मिल सकती है।

आमतौर पर जब भी कोई आपदा आती है तो वहां से लोगों को बचाने के लिए एक मैप अथॉरिटियो की तरफ से तैयार किया जाता है। इसको तैयार करने में सात दिनों से दस दिनों तक का समय लग जाता है, जबकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से यह मैप महज 17 सेकेंडों में तैयार हो जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम हो रही तैयार

प्रो. अमिता ने बताया कि हमारी तरफ से अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम तैयार की जा रही हैं। एआइ से आपदा प्रबंधन की प्रक्रिया को बहुत तेजी से तैयार किया जा सकेगा। हमारा प्रयास यह भी है कि इस क्षेत्र में भारतीय मूल के विदेशों के विशेषज्ञों को भारत में लाया जाए।

अन्तराष्ट्रीय न्यूज़:-

3.श्रीलंका के ढेड़ सौ छात्रों को भारत में अध्ययन के लिए मिली महात्मा गांधी छात्रवृत्ति:-श्रीलंका के ढेड़ सौ छात्रों को भारत में अध्ययन के लिए महात्मा गांधी छात्रवृत्ति दी गई है। श्रीलंका के शिक्षा मंत्री अकिला विराज करियावासम और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त तरनजीत सिंह संधु ने कोलंबो में छात्रवृत्ति से संबंधित कागजात छात्रों को सौपें। इस अवसर पर श्रीलंका के शिक्षा मंत्री ने भारत के इस प्रयास की सराहना की।

बाज़ार न्यूज़:-

4.खुशखबरी: अब PF जमा पर ज्यादा मिलेगा ब्याज, मोदी सरकार ने बढ़ाई दरें:-कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारी प्रॉविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज दर को 8.55 फीसद से बढाकर 8.65 फीसद कर दिया है। 2015-16 के बाद यह पहली बार है, जब ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए लागू होंगी।

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने गुरुवार को इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले से 6 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा।

गौरतलब है कि 2016-17 में ईपीएफओ ने 8.55 फीसद की दर से ब्याज दिया था, जो पांच सालों में सबसे कम था।

श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाला न्यासी बोर्ड ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है, जो वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर पर निर्णय लेता है।

बोर्ड की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होगी। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही ब्याज दर को अंशधारकों के खाते में डाला जाएगा।

ईपीएफओ ने 2017-18 में अपने अंशधारकों को 8.55 फीसद ब्याज दिया था। वित्त वर्ष 2016-17 में 8.65 फीसद और 2015-16 में 8.8 फीसद ब्याज दिया था। वहीं 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 फीसद थी।

खेल न्यूज़:-

5.सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस जैन को बनाया बीसीसीआई का पहला लोकपाल:-सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस डीके जैन को बीसीसीआई का पहला लोकपाल नियुक्त किया है। इस मामले में पिछले महीने हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल पर खोज समिति के लिए देश के पहले लोकपाल की नियुक्ति के वास्ते नामों के पैनल की सिफारिश करने की समय सीमा फरवरी के अंत तक निर्धारित की थी। खोज समिति की प्रमुख सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई हैं। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को निर्देश दिया था कि खोज समिति को आवश्यक सुविधाएं और श्रमबल मुहैया कराया जाए, ताकि वह अपना काम पूरा कर सके। शीर्ष न्यायालय ने 4 जनवरी को केंद्र सरकार को लोकपाल की नियुक्ति के लिए अभी तक उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा देने के निर्देश दिए थे।

6.खेल मंत्री राठौड़ करेंगे आई.एस.एस.एफ विश्वकप प्रतियोगिता का उद्घाटन:-खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ आज अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी खेल परिसंघ (आई.एस.एस.एफ) की विश्व कप प्रतियोगिता का उद्घाटन करेंगे। विश्वकप प्रतियोगिता के मुकाबले 23 फरवरी से शुरू होकर 27 फरवरी तक चलेंगे। आई.एस.एस.एफ विश्वकप प्रतियोगिता भारतीय निशानेबाजों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि टोकियों में 2020 में होने वाले  ओलंपिक खेलों के लिए 16 निशानेबाजों का कोटा इसके आधार पर तय होगा।