पीएम मोदी ने किया देश के तीन हाई टेक लैब्स का उद्घाटन, कोरोना टेस्ट की कैपेसिटी में होगा इजाफा

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1.पीएम मोदी ने किया देश के तीन हाई टेक लैब्स का उद्घाटन, कोरोना टेस्ट की कैपेसिटी में होगा इजाफा:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-39 स्थित राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं शोध संस्थान (एनआइसीपीआर), मुंबई और कोलकाता में शुरू होने जा रही हाई टेक लैब का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के करोड़ों नागरिक कोरोना वैश्विक महामारी से बहुत बहादुरी से लड़ रहे हैं। आज जिन Hi-tech State of the Art टेस्टिंग फेसिलिटी का लॉन्च हुआ है उससे पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और ताकत मिलने वाली है। पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली- NCR, मुंबई और कोलकाता, आर्थिक गतिविधियों के बड़े सेंटर हैं। यहां देश के लाखों युवा अपने करियर और अपने सपनों को पूरा करने आते हैं। अब इन तीनों जगह टेस्ट की जो उपलब्ध कपैसिटी है, उसमें 10 हज़ार टेस्ट की कैपेसिटी और जुड़ने जा रही है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जनवरी में हमारे पास कोरोना के टेस्ट के लिए जहां मात्र एक सेंटर था, आज करीब 1300 लैब्स पूरे देश में काम कर रही हैं। आज भारत में 5 लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं। आने वाले हफ्तों में इसको 10 लाख प्रतिदिन करने की कोशिश हो रही है। पीएम ने देश के लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमें कोरोना से खुद भी बचना है और घर में छोटी-बड़ी आयु के सभी परिजनों को भी बचाना है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई, हम सभी मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे भी। पीएम ने कहा कि देश के वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन के लिए तेज़ी से काम कर रहे हैं। लेकिन जब तक कोई प्रभावी दवा या वेक्सीन नहीं बनती, तब तक मास्क, 2 गज़ की दूरी और समय-समय पर हाथ घोते रहें। पीएम ने कहा कि बहुत से त्यौहार आने वाले हैं। ये उत्सव लोगों के लिए खुशी का कारण बनें। लोगों में संक्रमण न फैले इसके लिए हमें सावधानी बरतनी होगी। हमें ये भी देखते रहना होगा कि उत्सव के इस समय में गरीब परिवारों को परेशानी ना हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें मिलकर नया हेल्थ इंफ्रा तो तैयार करना ही है, जो हमारे पास गांव-गांव में सरकारी और प्राइवेट डिस्पेंसरीज़ हैं, क्लीनिक हैं, उनको ज्यादा सक्षम भी बनाना है। ये हमें इसलिए भी करना है ताकि हमारे गांवों में कोरोना से लड़ाई कमजोर न पड़े। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आज हम उस स्थिति पर आ चुके हैं, जहां हमारे पास जागरूकता की कमी नहीं है, साइंटिफिक डेटा का विस्तार हो रहा है और संसाधन भी बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि एक और बड़ा चैलेंज था, कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए देश में Human Resource को तैयार करना। जितने कम समय में हमारे पैरामेडिक्स, आशावर्कर्स, ANM, आंगनबाड़ी और दूसरे Health और Civil Workers को प्रशिक्षित किया गया वो भी अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ 6 महीना पहले देश में एक भी पीपीई मैन्यूफैक्चरर नहीं था। आज 1200 से ज्यादा  मैन्यूफैक्चरर  हर रोज 5 लाख से ज्यादा PPE किट बना रहे हैं। एक समय भारत N-95 मास्क भी बाहर से ही मंगवाता था। आज भारत में 3 लाख से ज्यादा N-95 मास्क हर रोज बन रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान हर कोई सिर्फ एक ही संकल्प के साथ जुटा है कि एक-एक भारतीय को बचाना है। इस संकल्प ने भारत को हैरतअंगेज परिणाम दिए हैं। विशेषकर PPE, मास्क और टेस्ट किट्स को लेकर भारत ने जो किया, वो एक बड़ी सफलता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि  एक एक अच्छी बात ये भी है कि इन हाईटेक लैब्स में सिर्फ कोरोना ही नहीं अन्य बीमारियों की जांच होगी। भविष्य में, Hepatitis B और C, HIV, डेंगू समेत अन्य बीमारियों की टेस्टिंग के लिए भी इन लैब्स में सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। पीएम ने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस बड़ी और लंबी लड़ाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण था कि देश में तेजी के साथ Corona Specific Health Infrastructure का निर्माण हो। इसी वजह से बहुत शुरुआत में ही केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान कर दिया था। उन्होंने कहा कि आइसोलेशन सेंटर हों, कोविड स्पेशल हॉस्पिटल हो, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रैकिंग से जुड़ा नेटवर्क हो, भारत ने बहुत ही तेज़ गति से अपनी क्षमताओं का विस्तार किया। आज भारत में 11 हजार से ज्यादा Covid Facilities हैं, 11 लाख से ज्यादा Isolations Beds हैं।

2.जानिए क्या है टाइम कैप्सूल? जमीन के अंदर दबाकर रखने के पीछे क्या है कारण?:- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की ओर से राम मंदिर निर्माण स्थल पर जमीन में लगभग 200 फीट एक टाइम कैप्सूल रखे जाने के बाद एक बार फिर से इसकी चर्चा होने लगी है। इस टाइम कैप्सूल का मकसद यह है कि सालों बाद भी यदि कोई श्रीराम जन्मभूमि के बारे में जानना चाहे तो वो इससे जान सकता है। हम आपको इस खबर के माध्यम से बताएंगे कि टाइम कैप्सूल आखिर होता क्या है? इसको जमीन के नीचे ही क्यों रखा जाता है? इसको बनाने में किस धातु का इस्तेमाल किया जाता है? अब से पहले किन-किन जगहों पर ऐसे कैप्सूल रखे जा चुके हैं। ऐसा नहीं है कि किसी जगह पर टाइम कैप्सूल पहली बार रखा जा रहा है इससे पहले भी देश में अलग-अलग जगहों पर टाइम कैप्सूल रखे जा चुके हैं। लाल किला, कानपुर के आइआइटी कॉलेज और कृषि विश्वविद्यालय में इसे रखा जा चुका है। अब ऐतिहासिक रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण में टाइम कैप्सूल रखा जा रहा है। टाइम कैप्सूल का इस्तेमाल दुनिया के अन्य देशों में भी किया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, राम जन्मभूमि के इतिहास को सिद्ध करने के लिए जितनी लंबी लड़ाई कोर्ट में लड़नी पड़ी है, उससे यह बात सामने आई है कि अब जो मंदिर बनवाएंगे, उसमें एक ‘टाइम कैप्सूल’ बनाकर दो सौ फीट नीचे डाला जाएगा। जिससे यदि किसी तरह का विवाद भविष्य में हो तो इससे उसे सुलझाया जा सके। अब तक देश में लगभग आधा दर्जन जगहों पर इस तरह के टाइम कैप्सूल पहले भी रखे जा चुके हैं। इसमें ऐतिहासिक लाल किला भी शामिल है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे 32 फीट नीचे रखा था।

इतिहास रहेगा जमीन के अंदर, नहीं होगी कोई समस्या भविष्य में जब कोई भी इतिहास देखना चाहेगा तो श्रीराम जन्मभूमि के संघर्ष के इतिहास के साथ यह तथ्य भी निकल कर आएगा, जिससे कोई भी विवाद जन्म ही नहीं लेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान इस तथ्य की पुष्टि की है। उनके अनुसार राम मंदिर निर्माण स्थल पर जमीन में लगभग 200 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा।

3.Covid-19 से मुकाबले को कतार में हैं 150 से अधिक वैक्सीन, अंतिम चरण में पहुंची केवल तीन:- किसी भी महामारी को रोकने के लिए वैक्सीन बनाना आसान काम नहीं है। यह लंबी और चरणबद्ध प्रक्रिया है। कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए दुनिया के कई देश वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। आमतौर पर किसी वैक्सीन पर ट्रायल लंबे समय तक चलता है और इसके विकसित होने में वर्षों लग सकते हैं। पूर्व में कई महामारियों के दौरान ऐसे उदाहरण हैं, जब वैक्सीन बनने में सालों का वक्त लगा। हालांकि कोरोना महामारी में बहुत जल्द वैक्सीन के विकसित होने की उम्मीद की जा रही है। स्टेटिस्टा के अनुसार, दुनिया में प्रमुख रूप से 150 से अधिक वैक्सीन पर काम चल रहा है। इनमें से अधिकतर वैक्सीन अभी प्री-क्लीनिकल ट्रायल तक ही पहुंची है। बहुत कम वैक्सीन ऐसी हैं, जो दूसरे या तीसरे चरण में हैं। आइए जानते हैं कि कोरोना वैक्सीन की दिशा में दुनिया कितना करीब पहुंची है।

ऐसे समझिए वैक्सीन ट्रायल के विभिन्न चरणों को कई ट्रायल प्री-क्लीनिकल चरण में हैं। जहां प्रतिरक्षा प्रणाली पर होने वाले प्रभाव को जांचने के लिए वैक्सीन की खुराक पशुओं को दी जाती है। 19 वैक्सीन ट्रायल के पहले चरण में हैं। इसमें लोगों के छोटे समूह को वैक्सीन की खुराक दी जाती है और पता लगाया जाता है कि यह सुरक्षित है या नहीं। 11 वैक्सीन दूसरे चरण में हैं, जिसमें सैंकड़ों लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखने के साथ खुराक के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाता है। आखिर में तीसरा चरण होता है, जिससे तीन वैक्सीन गुजर रही हैं। इसमें हजारों लोगों को शामिल किया जाता है। इसमें आखिरी बार सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है और साइड इफेक्ट्स का भी पता लगाया जाता है। ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के ट्रायल में 70 फीसद लोगों ने सिरदर्द या बुखार की शिकायत की। वैज्ञानिक कहते है कि पेरासिटामोल से यह ठीक हो सकता है।

सर्वाधिक वैक्सीन प्री क्लीनिकल ट्रायल में कोरोना वायरस से दुनिया में संक्रमितों की संख्या डेढ़ करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। ऐसे में वैक्सीन का जल्द से जल्द आना बहुत जरूरी है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की वैक्सीन के ट्रायल में 1,077 लोगों को शामिल किया गया है। जिसमें वैक्सीन ने मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सफलतापूर्वक बढ़ाया है। मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित प्रथम चरण के परिणाम काफी आशाजनक हैं। यह उम्मीद जगाते हैं कि महामारी को समाप्त करने के लिए जल्द ही हमें सुरक्षित, प्रभावी और सुलभ वैक्सीन उपलब्ध होगी। ऑक्सफोर्ड ने 2 अरब वैक्सीन ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोप के अन्य सहयोगियों को देने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके साथ ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और गैवी के साथ भी समझौता किया गया है। इस ट्रायल में वैक्सीन ने 14 दिनों में टी-सेल प्रतिक्रिया हासिल की और 28 दिनों में एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को भी काफी बढ़ाया है। र्गािजयन के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दुनिया में 140 प्रमुख प्री क्लीनिकल ट्रायल को अनुमति दी है। इसके अलावा कई वैक्सीन पहले से ही ट्रायल के उन्नत चरण में हैं।

4.Gold Rate Today: जबरदस्त तेजी के साथ नए उच्च स्तर पर आया सोना, चांदी में बंपर उछाल:- घरेलू सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने के हाजिर भाव में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। इस उछाल से सोने का भाव एक नए उच्च स्तर पर आ गया है। सोने के भाव में सोमवार को 905 रुपये प्रति 10 ग्राम का उछाल दर्ज किया गया है। एचडीएफसी सिक्युरिटीज के अनुसार, इस तेजी से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने का हाजिर भाव 52,960 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। वैश्विक बाजार में कीमतों में उछाल के चलते घरेलू बाजार में यह तेजी देखने को मिली है। गौरतलब है कि पिछले सत्र में सोना 52,055 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। वहीं, चांदी के घरेलू हाजिर भाव में सोमवार को भारी तेजी दर्ज की गई है। चांदी के भाव में सोमवार को 3,347 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी आई है। इस तेजी से चांदी का भाव 65,670 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया है। गौरतलब है कि पिछले सत्र में चांदी 62,323 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बंद हुई थी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वीपी (कमोडिटी) नवनीत दमानी ने बताया, ‘सोने की वैश्विक कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। यूएस-चीन के बीच तनाव के बढ़ने और डॉलर में गिरावट के चलते सोने में यह तेजी आई है। भू-राजनैतिक तनाव में वृद्धि और दूसरी वैश्विक अस्थिरताओं के कारण सोने में यह ऐतिहासिक तेजी का दौर और लंबा हो सकता है। आने वाले सत्रों में वैश्विक स्तर पर सोने का वायदा भाव 1915 से 1955 डॉलर प्रति औंस के बीच और घरेलू भाव 51,750 से 52,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच रह सकता है।’ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतों में सोमवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, सोमवार शाम कॉमेक्स पर सोने का वैश्विक वायदा भाव 2 फीसद या 38.50 डॉलर की बढ़त के साथ 1,963.70 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड कर रहा था। वहीं, सोने का वैश्विक हाजिर भाव इस समय 1.96 फीसद या 37.37 डॉलर की बढ़त के साथ 1939.39 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड कर रहा था। वहीं, वैश्विक स्तर पर चांदी का वायदा भाव कॉमेक्स पर सोमवार शाम 6.98 फीसद या 1.60 डॉलर  की बढ़त के साथ 24.45 डॉलर प्रति औंस पर और चांदी का हाजिर भाव इस समय 6.50 फीसद या 1.48 डॉलर की तेजी के साथ 24.25 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड कर रहा था।

गहनों की अनिवार्य हॉलमार्किंग की समयसीमा बढ़ी सरकार ने सोने के गहनों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग की समयसीमा को बढ़ा दिया है। सरकार ने इसे अगले साल एक जून तक के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने मौजूदा कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए यह फैसला लिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को यह जानकारी दी। गोल्ड हॉलमार्किंग इस कीमती धातु का शुद्धता प्रमाण है और वर्तमान में यह स्वैच्छिक है।

5.FSSAI Shares Guidelines:कोरोना काल में FSSAI ने फल और सब्जियों को कीटाणुरहित करने का बताया खास तरिका:- कोरोनाकाल में घर से बाहर निकलने से, शॉपिंग करने से, यहां तक कि जरूरी सामान खरीने से भी डर लगता है। हम सभी जानते हैं कि कोरोना हर चीज की सतह पर रह सकता है। खाने-पीने की चीजों पर भी कोरोना रह सकता है, इसलिए हम सभी को बेहद संभल कर चलने की जरूरत है। फल और सब्जियां हमारी सबसे बड़ी जरूरत है जिसे हम रोज खरीदते हैं। खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने लोगों को फल और सब्जियां खरीदते समय खास हिदायत बरतने की सलाह दी है। आइए जानते हैं कि कैसे हम FSSAI की सलाह के अनुसार फल और सब्जियों को कीटाणुरहित कर सकते हैं।

  • जो भी फल या सब्जि आप घर में खरीद कर ला रहे हैं उस पैकेट को इस्तेमाल से पहले कुछ समय के लिए एक अलग जगह पर रख दें।
  • फल और सब्जी को धोने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग करें। यदि आवश्यक हो तो सब्जियों को डिसइन्फेक्ट करने के लिए गर्म पानी के एक टब में 50ppm क्लोरीन की सिर्फ एक बूंद का उपयोग किया जा सकता है।
  • सब्जियों को पीने के पानी से साफ करना चाहिए ताकि खाना पकाते समय आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं रहे।
  • डिटर्जेंट कपड़े साफ करने के लिए होता है और किटाणुनाशक फ्लोर, फर्नीचर आदि की सफाई के लिए। वहीं सैनिटाइजर हाथों और त्वचा के लिए अधिक कारगर होता है। खाने की चीजों पर कीटाणुनाशक स्प्रे का इस्तेमाल या साबुन का उपयोग करना उचित नहीं है। कीटाणुनाशक फल और सब्जियों की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकता है। इन्हें साफ करने के लिए सिर्फ ताजे पानी का उपयोग करें।
  • अगर आपने सब्जियों को सही तरीके से साफ कर लिया है तो इस बात के लिए परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है कि आप इन्हें रेफ्रिजरेटर या फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं या नहीं।सब्जियों या फलों को फ्रीजर में स्टोर नहीं करें। जो सामान खराब हो सकते हैं उन्हें रेफ्रिजरेटर में रखना चाहिए, बाकि शेष सब्जियों को कमरे के तापमान पर बास्केट या रैक में संग्रहीत किया जा सकता है।

6.Rafale Fighter Jets: फ्रांस से भारत के लिए रवाना हुए पांच राफेल, 29 जुलाई को अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे विमान:- पूर्वी लद्दाख में चीन से तनातनी के बीच दुनिया का सबसे ताकतवार लड़ाकू विमान राफेल 29 जुलाई को भारत पहुंच जाएगा। 5 राफेल लड़ाकू विमानों ने फ्रांस के एयरबेस से भारत के लिए उड़ान भर दी है। भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट 7000 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे। राफेल से भारतीय वायुसेना की मौजूदा ताकत में जबर्दस्त इजाफा होगा क्योंकि पांचवी जेनरेशन के इस लड़ाकू जेट की मारक क्षमता जैसा लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान के पास नहीं हैं। फ्रांस से रवाना हुए इन विमानों को संयुक्त अरब अमीरात में एक एयरबेस पर उतारा जाएगा और फ्रांस के टैंकर विमान से ईंधन भरा जाएगा। इसके बाद विमान अंबाला एयरबेस के लिए आगे का सफर तय करेंगे। फ्रांस से राफेल विमानों को 17 गोल्डेन एरोज कमांडिंग आफीसर के पायलट लेकर आ रहे हैं। सभी पायलटों को फ्रांसीसी दसॉल्ट एविएशन कंपनी द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। इन्‍हें अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन पर 29 जुलाई को वायुसेना में शामिल किया जाएगा।

7.IPL की तैयारियों में जुटी ECB और BCCI, 19 सितंबर से UAE में खेला जाएगा टूर्नामेंट:- इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष बृजेश पटेल ने रविवार को पुष्टि की कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अमीरात क्रिकेट बोर्ड (ECB) को स्वीकृति पत्र भेज दिया है। आइपीएल चेयरमैन बृजेश पटेल ने कहा है, “हां, हमने अमीरात क्रिकेट बोर्ड यानी ईसीबी को स्वीकृति पत्र भेज दिया है और दोनों बोर्ड अब से टूर्नामेंट का मंचन करने के लिए मिलकर काम करेंगे।”बता दें कि ईसीबी ने आइपीएल के 13वें संस्करण की मेजबानी के लिए अप्रैल में ही बीसीसीआई को प्रस्ताव भेजा था, जो मूल रूप से भारत में 29 मार्च को शुरू होने वाला था। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के कारण टूर्नामेंट अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था, लेकिन जैसे ही इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी ने टी20 विश्व कप 2020 को स्थगित करने का फैसला लिया, वैसे ही आइपीएल 2020 को विंडो मिल गई। बृजेश पटेल ने खलीज टाइम्स से बात करते हुए इस बात की भी पुष्टि की है कि सभी आइपीएल टीमें यूएई में ही अपना प्री-टूर्नामेंट ट्रेनिंग कैंप आयोजित करेंगी। 19 सितंबर से 8 नवंबर तक आयोजित होने वाले आइपीएल से पहले ट्रेनिंग कैंप संयुक्त अरब अमीरात में जैव-सुरक्षित वातावरण में आयोजित किया जाएगा। पटेल ने कहा है, “टीमों को टूर्नामेंट की तैयारी के लिए कम से कम तीन से चार सप्ताह की आवश्यकता होगी”। ऐसे में आइपीएल टीमों को अगस्त में ही यूएई के लिए उड़ान भरनी होगी, जहां विदेशी खिलाड़ी भी पहुंचेंगे। इससे पहले शुक्रवार को बृजेश पटेल ने पुष्टि की कि आइपीएल का 2020 संस्करण 19 सितंबर को संयुक्त अरब अमीरात में शुरू होगा। आइपीएल का फाइनल 8 नवंबर को खेला जाएगा। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए जानकारी दी थी, “प्रशंसक 19 सितंबर से 8 नवंबर तक पूरे टूर्नामेंट का आनंद लेंगे और आगे की कार्रवाई (आगे का शेड्यूल) के लिए गवर्निंग काउंसिल की बैठक में फ्रेंचाइजी के साथ चर्चा की जाएगी।”

8.ICC ने लॉन्च की वर्ल्ड कप सुपर लीग, WC 2023 के लिए ऐसे क्वालीफाई करेंगी 10 टीमें:- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आइसीसी ने सोमवार 27 जुलाई 2020 को आधिकारिक तौर पर पहली ICC क्रिकेट विश्व कप सुपर लीग का शुभारंभ किया है। साउथैंप्टन के एजेस बाउल स्टेडियम में 30 जुलाई 2020 से मेजबान और विश्व चैंपियन इंग्लैंड की टीम का सामना तीन मैचों की वनडे सीरीज में आयरलैंड से होगा। इसी के साथ क्रिकेट वर्ल्ड कप सुपर लीग की शुरुआत भी हो जाएगी, जो कि वर्ल्ड कप 2023 के क्वालीफायर मैचों के तौर पर होगी। वनडे इंटरनेशनल (ODI) क्रिकेट के संदर्भ में लाने के लिए शुरू की गई सुपर लीग ICC मेंस क्रिकेट विश्व कप 2023 के लिए क्वालिफिकेशन का निर्धारण करेगी, जिसमें आइसीसी रैंकिंग के हिसाब से शीर्ष सात टीमों को जगह मिलेगी, जबकि मेजबान होने के नाते भारतीय टीम को इवेंट के लिए सीधे क्वालीफाई करने का मौका मिलेगा। शीर्ष की 7 टीमों के साथ एक मेजबान टीम(भारत) के अलावा दो अन्य टीमें भी क्वालीफायर्स के जरिए ये वर्ल्ड कप खेलेंगी। 13 टीमें, जिसमें 12 आइसीसी के पूर्ण सदस्य हैं, जबकि एक नीदरलैंड की टीम शामिल है, जिसने आइसीसी विश्व क्रिकेट सुपर लीग 2015-17 जीतकर क्वालीफाई किया था। इन टीमों को सुपर लीग के तहत 2023 तक चार 3-3 मैचों की सीरीज घर में और चार सीरीज विदेशी सरजमीं पर 3-3 मैचों की खेलनी हैं। उस रैंकिंग के आधार पर इन टीमों को आइसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के लिए क्वालीफाई करने का मौका मिलेगा। लॉन्च के बारे में बात करते हुए आइसीसी महाप्रबंधक ज्योफ अलार्डिस ने कहा है, “हम आयरलैंड के खिलाफ विश्व कप विजेता इंग्लैंड के साथ आइसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप सुपर लीग के आयोजन के लिए खुश हैं। यह लीग अगले 3 वर्षों में वनडे क्रिकेट के लिए प्रासंगिकता और संदर्भ लाएगी, क्योंकि आइसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप 2023 के लिए योग्यता दांव पर है। सुपर लीग दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसकों को अपनी ओर खींचेगी, क्योंकि लीग क्रिकेट काफी रोमांचक होती है।”

9.18 दिन तक दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में प्रैक्टिस करेंगे ये 27 भारतीय खिलाड़ी:-

कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारतीय टीम के ज्यादातर खिलाड़ी अभी भी मैदान पर नहीं उतरे हैं। ऐसे में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) या फिर किसी द्विपक्षीय सीरीज में खेलने से पहले भारतीय टीम के खिलाड़ियों को प्रैक्टिस की जरूरत है। भारतीय टीम के अनुबंधित खिलाड़ियों की ये जरूरत दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में पूरी होने की उम्मीद है, क्योंकि बीसीसीआइ अहमदाबाद के मोटेरा में बने सरदार पटेल स्टेडियम में अपने कॉन्ट्रैक्टेड प्लेयर्स के लिए एक ट्रेनिंग कैंप आयोजित करने का मन बना चुकी है। मोटेरा में सरदार पटेल स्टेडियम के पुनर्निर्माण के बाद पहली बार जैव-सुरक्षित वातावरण में क्रिकेटरों का प्रशिक्षण अगले महीने शुरू होगा। दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम भारतीय क्रिकेट के सितारों की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है, क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) स्टेडियम में टीम के लिए प्रशिक्षण शिविर की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। यह पहली बार होगा जब 5 साल के बाद 1 लाख 10 हजार की दर्शक क्षमता वाले स्टेडियम का उपयोग किया जाएगा। मोटेरा स्टेडियम को फिर से तोड़कर बनाया गया है। 5 साल पहले यहां कोई मैच खेला गया था, लेकिन इससे बनने के बाद पहली बार खिलाड़ी इस मैदान में उतरेंगे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए जैव-सुरक्षित वातावरण बनाया जाएगा, जिसमें तीन सप्ताह तक भारतीय खिलाड़ी प्रैक्टिस करेंगे। गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन (GCA) के सूत्रों ने मिरर से बात करते हुए कहा है, “कार्यक्रम स्थल के बारे में अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है, लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि मोटेरा 18 अगस्त से 4 सितंबर तक भारतीय टीम की मेजबानी करने जा रहा है।”नवीनीकरण किए गए इस स्टेडियम को भारतीय टीम के ट्रेनिंग के लिए शीर्ष विकल्प के रूप में देखा गया है, जबकि अहमदाबाद और धर्मशाला दोनों को कैंप के लिए पसंदीदा स्थान माना गया है। सूत्र ने कहा कि मोटेरा को विशाल स्टेडियम और अत्याधुनिक सुविधाओं की वजह से फायदा मिला है। सूत्र ने कहा है, “इसके नवीकरण के बाद मोटेरा में स्टेडियम में जो सुविधाएं हैं, वे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्टेडियमों के बराबर हैं। मोटेरा की विशालता खिलाड़ियों को जैव-सुरक्षित वातावरण दे सकती है, जो महामारी के बाद महत्वपूर्ण मानदंड बन गया है।” हालांकि, बीसीसीआइ ने अभी इस पर आधिकारिक फैसला नहीं लिया है। जीसीए के अधिकारी ने इस बात का दावा किया है कि मोटेरा में ही कैंप का आयोजन होगा। अधिकारी ने बताया है, “हम 60 लोगों की टीम के यहां आने की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें 26 खिलाड़ी (27 अनुबंधित खिलाड़ी) और 18 सदस्यीय सपोर्ट स्टाफ होगा। इसके अलावा सिक्योरिटी टीम, किचन स्टाफ और अन्य सपोर्ट स्टाफ भी यहां आएगा। ये सभी लोग बायो-सिक्योर एनवायरमेंट में रहेंगे।” जीसीए के मुताबिक, इस स्टेडियम में ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल से लेकर 3डी प्रोजेक्टर थियेटर समेत 4 ड्रेसिंग और 50 से ज्यादा कमरों वाला क्लब हाउस है।

ये खिलाड़ी होंगे ट्रेनिंग कैंप का हिस्सा विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, केएल राहुल, शिखर धवन, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा, कुलदीप यादव, रिषभ पंत, रिद्धिमान साहा, उमेश यादव, युजवेंद्र चहल, हार्दिक पांड्या, मयंक अग्रवाल, केदार जाधव, नवदीप सैनी, दीपक चाहर, मनीष पांडे, हनुमा विहारी, शार्दुल ठाकुर, श्रेयस अय्यर और वाशिंगटन सुंदर।

10.यूके और भारत 8 मिलियन पाउंड के एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध अनुसंधान में करेंगे एक साथ काम:-यूनाइटेड किंगडम और भारत एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) से निपटने के लिए आठ मिलियन पाउंड की पांच नई परियोजनाओं के साथ अपने मौजूदा वैज्ञानिक अनुसंधान सहयोग को गहरा कर रहे हैं जिससे एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया और जीन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में महत्वपूर्ण प्रगति हो सकती है। ब्रिटिश उच्चायोग के एक बयान के अनुसार, 28 जुलाई को भारत के एक आभासी मुलाकात से पहले, विंबलडन के लॉर्ड तारिक अहमद, दक्षिण एशिया राज्य मंत्री और राष्ट्रमंडल के वित्त पोषण पुरस्कारों की घोषणा की गई थी। भारत फार्मास्युटिकल उद्योग वैश्विक आपूर्ति चैन में एंटी-माइक्रोबियल का एक प्रमुख उत्पादक है, और अनुसंधान परियोजनाओं का उद्देश्य बेहतर समझ विकसित करना है कि कैसे एंटी-माइक्रोबियल विनिर्माण से अपशिष्ट एएमआर को भर सकता है। मंजूरी के अधीन, इस साल सितंबर में पांच परियोजनाओं की योजना है। यूके इंटरनेशनल रिसर्च के लिए यूके रिसर्च एंड इनोवेशन फंड से चार मिलियन पाउंड का योगदान दे रहा है, और भारत अपने संसाधनों के साथ इसका मिलान कर रहा है। बयान में कहा गया है कि अनुसंधान को पूरा करने के लिए कुल मिलाकर आठ मिलियन पाउंड का इस्तेमाल किया जाएगा। अहमद ने कहा, ‘यूके ने पहले ही सीओवीआईडी -19 के लिए वैक्सीन के निर्माण के लिए भारत के सीरम इंस्टीट्यूट के साथ साझेदारी की है, यदि क्लिनिकल परीक्षण सफल होते हैं, तो विकासशील देशों में एक अरब लोगों को वितरित करने की योजना है। लेकिन और भी बहुत कुछ है जो हम एक साथ कर सकते हैं। दुनिया में तत्काल वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों से निपटने। हमारे संपन्न अनुसंधान और नवाचार साझेदारी से यूके और भारत में और इससे परे लोगों को भी लाभ होगा।’ भारत में उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन ने कहा, ‘यूके भारत का दूसरा सबसे बड़ा अनुसंधान साझेदार है, जिसके साथ संयुक्त अनुसंधान अगले वर्ष तक 400 मिलियन पाउंड होने की उम्मीद है। यह विशाल निवेश हमें वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों पर एक साथ मिलकर काम करने में सक्षम बनाता है। COVID-19 वैक्सीन की खोज के रूप में।’ उन्होंने कहा कि आज की घोषणा हमारे उत्कृष्ट अनुसंधान संबंधों का एक और प्रदर्शन है और यह माइक्रोबियल विरोधी प्रतिरोध के खिलाफ महत्वपूर्ण लड़ाई को मजबूत करेगा।