पीएम मोदी 100वीं किसान रेल का आज करेंगे उद्घाटन, महाराष्ट्र से बंगाल के लिए होगी रवाना

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1. अयोध्‍या के सौंदर्य में सितारे जड़ेगा कोरियाई स्मारक, सरयू तट पर बनेगा राजा सूरो का स्मारक:- रामजन्मभूमि के समानांतर सरयू तट पर कोरियाई स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना प्रतिष्ठित किया जा रहा है। यह निर्माण कोरियाई राजा सूरो व अयोध्या की राजकुमारी हो के स्मारक में देखने को मिलेगा, जिसके लिए कोरिया से विशेष सामग्री तथा कोरियाई आर्किटेक्ट रामनगरी पहुंच गए हैं। इस पार्क में बुद्ध भगवान की प्रतिमा को नतमस्तक करती हुई रानी हो व राजा की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र होगी। रानी हो तथा राजा सूरो का पैवेलियन बनेगा। पवेलियन पूरी तरह कोरियाई शैली में ही निर्मित होगा। वहीं रानी हो का पवेलियन भारतीय शैली में। यह स्मारक रानी हो के पूर्व में निर्मित पार्क के ठीक सामने है। इसके पश्चिम व पूर्व में आकर्षक पर्यावरण संरक्षण की डिजाइन होगी।पश्चिम दिशा में दीवारनुमा ढ़ाचे पर पेड़ पौध लगेंगे। बगल में ही दो हजार क्षमता का ओपेन थियेटर बनेगा। इसी के जरिए दो हजार वर्ष पुरानी अयोध्या व कोरिया की साझी विरासत का दर्शन हो सकेगा। कोरियाई राजा सूरो से अयोध्या की रानी हो का विवाह हुआ था। इस वजह से कोरियाई लोग अयोध्या से अगाध प्रेम करते हैं। प्रतिवर्ष कोरियाई दल अयोध्या आकर पूर्व निर्मित रानी हो के स्मारक में श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। वहां का प्रतिनिधि मंडल अयोध्या राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र से सहित राजपरिवार के सदस्यों से आत्मीय भेंट करना नहीं भूलता। कोरियाई कल्चर सेंटर के सदस्य ओम प्रकाश ङ्क्षसह ने कोरयाई आर्किटेक्ट्स से भेंट की और हो रहे कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने स्मारक को रामनगरी के विकास का प्रतीक करार दिया
2. पीएम मोदी 100वीं किसान रेल का आज करेंगे उद्घाटन, महाराष्ट्र से बंगाल के लिए होगी रवाना:- सोमवार को 100वीं किसान रेल शुरू की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम को साढ़े चार बजे इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे, जो महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार तक जाएगी। इस कार्यक्रम का आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से मिली जानकारी के मुताबिक, मल्टी-कमोडिटी ट्रेन सेवा में फूलगोभी, शिमला मिर्च, गोभी, ड्रमस्टिक, मिर्च, प्याज के साथ-साथ अंगूर, संतरा, अनार, केला, कस्टर्ड सेब इत्यादि सब्जियां ले जाई जाएंगी। इस दौरान ट्रेन को रास्ते में रुकने और योग्य वस्तुओं की लोडिंग एवं अनलोडिंग की अनुमति होगी। भारत सरकार ने फलों और सब्जियों के परिवहन पर 50 फीसद की सब्सिडी दी है। बता दें कि इस साल सात अगस्त को देवलाली से दानापुर तक पहली किसान रेल शुरू की गई थी, जिसे मुजफ्फरपुर तक बढ़ा दिया गया था। इसकी आवृत्ति भी सप्ताह में एक सप्ताह से बढ़ाकर हफ्ते में तीन दिन बढ़ाई गई थी। किसान रेल देश भर में ‘कृषि उपज का तेजी से परिवहन’ सुनिश्चित करने में एक ‘गेम-चेंजर’ साबित हुई है। इसके अलावा, पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सोमवार को सुबह 11 बजे दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन (जनकपुरी पश्चिम-बॉटनिकल गार्डन) पर भारत की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन संचालन का भी उद्घाटन करेंगे।
3. कतर से व्यापार और निवेश बढ़ाने की पहल, रिश्ते बढ़ाने को दोहा पहुंचे हुए हैं एस जयशंकर:- गैस संपदा संपन्न कतर से संबंधों को विस्तार देने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर दोहा पहुंचे हैं। वहां पर उन्होंने अपने कतरी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में जयशंकर ने कतर के उप प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री शेख मुहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जासिम अल-थानी से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर वार्ता की। जयशंकर ने कतर के खलीफा से भी मुलाकात की। विदेश मंत्रालय की ओर जारी बयान में कहा गया है कि भारत के कतर के साथ नजदीकी रिश्ते हैं। दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक, सांस्कृ तिक और नागरिक स्तर पर रिश्ते हैं। वहां पर बड़ी संख्या में भारतीय कार्य करते हैं, जो वहां की तरक्की में बड़ा योगदान दे रहे हैं। कतर में सात लाख से ज्यादा भारतीय मूल के लोग हैं और दोनों देशों का 2019-20 में व्यापार 10.95 अरब डॉलर (करीब 80 हजार करोड़ रुपये) का रहा।
एस जयशंकर ने मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में बताया
बयान में कहा गया है कि दोनों देश अपना व्यापार और निवेश अब और बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। इसी के तहत जयशंकर ने अपने समकक्ष को भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में बताया। कहा कि भारत अब आत्मनिर्भरता के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए वहां पर निवेश बढ़ाकर आपसी रिश्तों को मजबूत किया जा सकता है और लाभ कमाया जा सकता है।
4. कोरोना को लेकर अब रामदास अठावले ने जारी किया नया नारा, बोले- इससे नया स्ट्रेन नहीं आएगा पास:- केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने रविवार को कहा कि उन्होंने ‘गो कोरोना, कोरोना गो’ (Go Corona, Corona Go) का नारा दिया था और अब कोरोना का संक्रमण जा रहा है। लेकिन वह मेरे करीब भी आ गया और मुझे कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ा था। मुझे लगता था कि कोरोना वायरस मुझ तक नहीं पहुंच सकता है। लेकिन यह वायरस हर कहीं पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि नए कोरोना वायरस स्ट्रेन के लिए भी वह ‘नो कोरोना, कोरोना नो’ (No Corona, Corona No) कहेंगे। चूंकि हम नहीं चाहते कि ना तो हम पुराना कोरोना वायरस चाहते हैं और ना ही नए कोरोना वायरस का संक्रमण चाहते हैं।
5. Driverless Metro Delhi : जानें- देश की पहली चालक रहित मेट्रो ट्रेन की खासियत:- Driverless Metro Delhi : देश की राजधानी दिल्ली में ड्राइवर रहित मेट्रो ट्रेन की शुरुआत होने से लाखों लोगों को फायदा होगा। इससे न केवल लोगों को सफर आसान होगा, बल्कि इसे देश में नई क्रांति की शुरुआत होगी। फिलहाल ड्राइवर रहित मेट्रो का संचालन कुछ ही देशों में किया जाता है।
दुनिया में होगा नाम
इससे दिल्ली मेट्रो के 94 किलोमीटर हिस्से पर चालक रहित मेट्रो रफ्तार भरने लगेगी, जो दुनिया के बगैर चालक वाले कुल मेट्रो नेटवर्क का नौ फीसद हिस्सा होगा। मौजूदा समय में दुनिया के कुल मेट्रो नेटवर्क के सिर्फ सात फीसद हिस्से पर चालक रहित मेट्रो का परिचालन हो रहा है।
रुपे डेबिट कार्ड एनसीएमसी के रूप में होगा इस्तेमाल
नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) जारी होने के बाद एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर इस कार्ड से सबसे पहले किराया भुगतान हो सकेगा। दरअसल, रुपे डेबिट कार्ड एनसीएमसी के रूप में काम करेगा। देशभर के 23 बैंक एनसीएमसी के नियम का पालन करते हैं, इसलिए रुपे डेबिट कार्ड धारक यात्री एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर किराया भुगतान कर सकेंगे। वर्ष 2022 तक दिल्ली मेट्रो के सभी नेटवर्क पर इसके जरिये किराया भुगतान हो सकेगा। नोएडा के कारिडोर पर भी यह लागू होगा। मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो लगभग 390 किलोमीटर लंबे नेटवर्क पर मेट्रो का संचालन कर रही है। इसमें 11 कारिडोरों (नोएडा-ग्रेटर नोएडा सहित) पर 285 स्टेशन हैं।
6. Ayodhya Dhannipur Masjid: हिंदू-मुस्लिम की साझी विरासत दर्शाएगा अयोध्या का धन्नीपुर म्यूजियम:- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या के धन्नीपुर में मिली पांच एकड़ भूमि में बनने वाले अस्पताल और मस्जिद के साथ ही म्यूजियम भी खास होगा। म्यूजियम में हिंदू-मुस्लिम की साझी विरासत को दर्शाया जाएगा। 1857 की क्रांति से लेकर आजाद भारत तक के सफर में किस तरह हिंदू-मुस्लिमों ने साझा संघर्ष किया, इसे प्रमुखता से दिखाया जाएगा। इस म्यूजियम में पूरा फोकस अवध पर रहेगा। अमीर खुसरो, कबीर, रसखान आदि कवियों के महत्वपूर्ण योगदान को भी लोगों को बताया जाएगा। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने पांच एकड़ भूमि पर अस्पताल, मस्जिद, म्यूजियम, लाइब्रेरी, कम्युनिटी किचन आदि बनाने के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट बनाया है। मस्जिद कॉम्प्लेक्स के बगल में भूमिगत म्यूजियम बनाया जाएगा। म्युजियम 500 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। इसे स्थापित करने की जिम्मेदारी जेएनयू में अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय के प्रोफेसर रहे और खानपान विशेषज्ञ पुष्पेश पंत को सौंपी गई है। 1857 में अवध के बगावत के नायकों में फैजाबाद के मौलवी अहमदुल्लाह शाह का नाम सबसे बड़ा है। उन्होंने न सिर्फ हिंदू-मुस्लिम एकता की बेल सींची, बल्कि अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए।