पेटेंट वाली दवा के लिए अनिवार्य लाइसेंस की सिफारिश, कैंसर के मरीजों को होगा फायदा

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राष्टीय न्यूज़:

1.पेटेंट वाली दवा के लिए अनिवार्य लाइसेंस की सिफारिश, कैंसर के मरीजों को होगा फायदा:-

सरकार अगर अंतर मंत्रालयी समिति की सिफारिशों को मान लेती है तो कैंसर और अन्य असाध्य बीमारियों की पेटेंट वाली महंगी दवाइयों की कीमत कम हो सकती है। इनमें पेटेंट रखने वाली कंपनी की अनुमति के बिना ही दवाइयों के उत्पादन के लिए किसी भी भारतीय कंपनी को ‘अनिवार्य लाइसेंस’ देने का सुझाव भी शामिल है।

भारत में बेचे जाने वाली ज्यादातर पेटेंट वाली दवाइयों पर बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों का एकाधिकार है। ये कंपनियां ऐसी दवाइयों की अधिकतम मूल्य सीमा तय करने और दूसरी कंपनियों को इसके उत्पादन के लिए अनिवार्य लाइसेंस देने किसी भी योजना खुलकर विरोध करती हैं। मौजूदा समय में भारत में सालाना 2.3 लाख करोड़ रुपये का दवा का कारोबार होता है। इसमें लगभग 30 फीसद हिस्सा पेटेंट दवाइयों का है, जबकि शेष धनराशि की कमाई जेनेरिक दवाइयों की बिक्री से होती है।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में पेटेंट दवाइयों की कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए एक प्रभावकारी व्यवस्था बनाना आवश्यक है। मौजूदा व्यवस्था के तहत कोई कंपनी शोध के बाद किसी दवा को तैयार करती है तो बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत उस पर उसे 20 साल के लिए पेटेंट मिल जाता है। पेटेंट मिलने के बाद कंपनी किसी दूसरी कंपनी को उस दवा का उत्पादन करने से रोक सकती है।

एक भी दवा खराब मिलने पर पूरे बैच के लिए देना होगा जुर्माना:-

अगर एक भी दवा घटिया पाई जाती है तो निर्माता को पूरे बैच के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के बराबर का जुर्माना देना पड़ सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर एक बैच में 1,000 से लेकर एक लाख यूनिट होती हैं।

2.चीन के एक केमिकल पर लगा एंटी डंपिंग शुल्क, फोटोग्राफी और डाई के उत्पादन में होता है प्रयोग:-

सरकार ने चीन के एक केमिकल पर पांच साल के लिए एंटी डंपिंग शुल्क लगाया है। इस केमिकल का उपयोग फोटोग्राफी और डाई के उत्पादन में होता है। शुल्क लगाने का मकसद घरेलू उत्पादकों को सस्ते आयात से बचाना है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) की एक अधिसूचना के मुताबिक चीन से आयात होने वाले मेटा फिनाइलीनडायमीन (एमपीडीए) पर यह शुल्क प्रति टन 573.92 डॉलर से 1,015.44 डॉलर के दायरे में लगेगा।

इस केमिकल के आयात पर लगातार दूसरी बार एंटी डंपिंग शुल्क लगाया गया है। पहले लगाया गया शुल्क मार्च 2019 में एक्सपायर होने वाला था। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाले डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रिमेडीज (डीजीटीआर) की सिफारिश के बाद यह शुल्क लगाया गया है।

डीजीटीआर का नाम पहले डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ एंटी डंपिंग एंड अलायड ड्यूटीज (डीजीएडी) था। डीजीएडी की सिफारिश पर मार्च 2014 में भी इस केमिकल पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाया गया था। इसके बाद आरती इंडस्ट्रीज ने डीजीएडी को एक आवेदन कर इस केमिकल पर शुल्क की समीक्षा करने और इसे जारी रखने का अनुरोध किया था।

3.Union Budget 2019: हर बजट में होता है ऐसे शब्दों का इस्तेमाल, क्या आप इनका मतलब जानते हैं:-

हर वित्त वर्ष के दौरान जब वित्त मंत्री बजट भाषण सुनाते हैं तो वो बजट से जुड़े कुछ भारी भरकम शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जिनका मतलब आम लोगों को पता नहीं होता है।

अगर आप भी बजट की शब्दावली से अपरिचित हैं या आपको उनके बारे में कम जानकारी है तो हमारी बजट सीरीज की यह खबर आपके काम की है।:-

1.बजट अनुमान: इस तरह के अनुमान में एक साल का राजकोषीय एवं राजस्व घाटा शामिल होता है। इसका मतलब यह होता है कि एक वित्त वर्ष के दौरान केंद्र सरकार ने कितना खर्चा किया और उसे कर राजस्व के जरिए कितनी आमदनी हुई।

2.गैर योजनागत व्यय: ऐसे सार्वजनिक खर्च जो कि विकास कार्यों की श्रेणी से अलग आते हैं उन्हें गैर योजनागत व्यय की श्रेणी में गिना जाता है। जैसे – रक्षा व्यय, पेंशन, महंगाई भत्ता, बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि आदि पर किया गया खर्च।

3.विनिवेश : निवेश की उल्टी प्रक्रिया को विनिवेश कहा जाता है। निवेश का मतलब किसी कारोबार, संस्था या परियोजना में रकम लगाना होता है। इसी के उलट विनिवेश का मतलब होता है उसी रकम को वापस निकालना। सरकार विनिवेश प्रक्रिया के जरिए सार्वजनिक सेक्टर की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचती है।

4.योजनागत व्यय: सरकारी बजट के मोटे तौर पर दो भाग होते हैं- आय और व्यय। इसके बाद व्यय को भी दो हिस्सों में, योजनागत व्यय और गैर योजनागत व्यय में बांटा जाता है। योजनागत व्यय का अनुमान विभिन्न मंत्रालय और योजना आयोग मिलकर बनाते हैं, जिसमें मोटे तौर पर वह सभी खर्चें आते हैं जो विभिन्न विभागों की चलाई जा रही योजनाओं पर किए जाते हैं।

5.सार्वजनिक ऋण : देश की सरकार आम जनता और वित्तीय संस्थाओं से जो कर्ज लेती है उसे सार्वजनिक ऋण या पब्लिक डेब्ट कह जाता है। इसे सरकारी ऋण या राष्ट्रीय कर्ज भी कहा जाता है। किसी भी वक्त सरकार पर कुल कर्ज का आंकड़ा देश की वित्तीय स्थिति के बारे में सटीक जानकारी देता है।

6.ट्रेजरी बिल: कर्ज लेने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारें बॉन्ड्स जारी करती हैं। एक साल से कम परिपक्वता अवधि वाले बॉन्ड्स या सर्टिफिकेट को टी-बिल्स या ट्रेजरी बिल कहते हैं। भारत में केन्द्र सरकार ही टी-बिल्स जारी करती है। राज्य सरकारें केवल बॉन्ड्स जारी करती हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़:

4.अमरीका में 35 दिन तक चली कामबंदी ख़त्म:-

अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक अल्पावधि व्यय विधेयक पर हस्ताक्षर कर देश में पिछले 35 दिन से जारी कामबंदी को तीन हफ्ते के लिए खत्म कर दिया। उन्होंने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए कांग्रेस से कोष की अपनी मांग पूरी नहीं होने बावजूद भारी दबाव के बीच यह क़दम उठाया।

व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप ने अतिरिक्त विनियोग विधेयक 2019 पर हस्ताक्षर कर दिया है। इसके तहत 15 फरवरी तक संघीय सरकार के खर्च के लिए धन आवंटित किया गया है। ट्रंप ने रोज गार्डन में शुक्रवार को अपने भाषण में अपने इस फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा, इससे संघीय सरकार की फिलहाल बंद पड़ी एजेंसियों को 15 फरवरी तक के लिए कोष मिल जाएगा। इससे पहले शुक्रवार को ही श्री ट्रंप और अमरीकी कांग्रेस के नेतागण कामबंदी खत्म करने के एक समझौते पर सहमत हुए थे। दोनों पक्ष इस पर भी राजी हुए कि इस दौरान डेमाक्रेटिक और रिपब्लिक सांसद बातचीत करके अमरीका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की राष्ट्रपति की योजना के लिए मतभेद दूर करने का प्रयास करेंगे।

 

बाज़ार न्यूज़:

5.कृषि पैकेज को जल्द मिल सकती है मंजूरी:-

किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि क्षेत्र की दिक्कतें दूर करने के लिए कृषि पैकेज को जल्द मंजूरी दी जा सकती है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि कैबिनेट की अगली बैठक के एजेंडा में छोटे व सीमांत किसानों की घटती आमदनी की समस्या दूर करने संबंधी कृषि मंत्रलय का प्रस्ताव चर्चा के लिए शामिल है। गौरतलब है कि कैबिनेट की बैठक सोमवार को ही प्रस्तावित थी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह बैठक टाल दी गई है।

मंत्रलय के इस प्रस्ताव को आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किसानों को बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। कृषि मंत्रलय ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए उन्हें छोटी व लंबी अवधि में राहत देने के कई विकल्प सुझाए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट को ही लेना है, क्योंकि इसके लिए बड़ी पूंजी की दरकार होगी।

मंत्रलय द्वारा सुझाए उपायों में समय पर कर्ज चुकता करने वाले किसानों के लिए ब्याज माफ कर देने का प्रस्ताव है। अगर ऐसा होता है तो सरकार के खजाने पर 15,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। दूसरा प्रस्ताव यह है कि खाद्यान्नों के मामले में फसल बीमा का पूरा प्रीमियम सरकार खुद वहन करे। सरकार तेलंगाना और ओडिशा जैसे राज्यों द्वारा अपनाई गई योजनाओं की भी समीक्षा कर रही है, जहां किसानों के खाते में एक निश्चित रकम जमा कर दी जाती है।

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने हाल ही में संकेत दिए थे कि अगले वित्त वर्ष के लिए पहली फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने से पहले सरकार किसानों के लिए एक बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा कर सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान सरकार के पास समय बहुत ज्यादा नहीं है।

6.भारतीय आईटी क्षेत्र के लिए 2019 वृद्धि का साल रहेगा:-

सूचना प्रौद्योगिकी(आईटी) कंपनी टेक महिंद्रा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी.पी. गुरनानी ने कहा है कि भारतीय आईटी क्षेत्र के समक्ष ब्रेक्जिट जैसी वैश्विक चुनौतियां सामने आएंगी लेकिन डिजिटल प्रौद्योगिकी आधारित वैश्वीकरण तथा 5जी मोबाइल दूरसंचार प्रौद्योगिकी के दम पर इस साल क्षेत्र में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि डिजिटल क्षेत्र में निवेश करने से भारतीय आईटी उद्योग को फायदा होगा। अमेरिका में सरकार का कामकाज ठप्प होने तथा ब्रेक्जिट को लेकर अनिश्चितता तथा स्पष्टता की कमी आईटी उद्योग के समक्ष जोखिम हैं। हालांकि आईटी उद्योग भविष्य की वृद्धि के लिए तैयार है क्योंकि वैश्वीकरण 4.0 के लिए प्रौद्योगिकी मुख्य भूमिका निभाने वाला है। गुरनानी ने कहा, हम जो कुछ भी करते हैं उसके केंद्र में प्रौद्योगिकी है, चाहे वह कौशल की समस्या का समाधान करना हो टिकाउपन से जुड़ा मुद्दा हो। भारतीय आईटी खर्च में अमेरिकी की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हमें अन्य मुद्राओं से भी जूझना है। सभी मुद्रा का अमेरिकी डॉलर के साथ अपना समीकरण है और अंत में इन सबों का संतुलन बनाना होता है। मौजूदा भू-राजनीतिक मुद्दों का असर अभी दो या तीन तिमाही दूर है।

7.संस्कृति मंत्रालय, पीएम मोदी को देश-विदेश से मिले प्रतिष्ठित उपहारों की नीलामी का कर रहा आयोजन:-

पर पहुंचने से पहले प्रतीक्षा करूंगा और देखूंगा। गुरनानी ने कहा कि भारतीय आईटी उद्योग वैश्वीकरण 4.0 पर बड़ा दांव लगा रहा है क्योंकि इसमें वैश्विक व्यापार प्रौद्योगिकी पर निर्भर करेगा।

संस्कृति मंत्रालय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश-विदेश से मिले प्रतिष्ठित उपहारों की नीलामी का आज आयोजन कर रहा है। संस्कृति मंत्री डॉ महेश शर्मा ने आकाशवाणी से विशेष बातचीत में बताया कि नीलामी से मिली राशि नमामि गंगे कार्यक्रम के लिए दी जाएगी। उन्होंने कहा- “हमारे प्रधानमंत्री जी ने एक भावनात्‍मक फैसला लिया। उनको मिले हुए देश और विदेश के सभी गिफ्टों को उन्‍होंने मां गंगा को समर्पित कर दिया है। 27 और 28 जनवरी को नैशनल गैलरी ऑफ मॉर्डर्न आर्ट नई दिल्‍ली में इन सबका एक ऑक्‍शन होगा। मैं आह्वान करता हूं कि उन देशवासियों से। इन गिफ्ट्स के माध्‍यम से हम जो प्रधानमंत्री जी का एक सपना है कि एक अविरल गंगा और निर्मल गंगा का इस नमामि गंगे प्रोग्राम को समर्पण के लिए हम सब लोग आगे आएं।”

 

खेल न्यूज़:

8.टेस्ट रैंकिंग में विराट कोहली व टीम इंडिया की बादशाहत कायम:-

टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने आइसीसी की ताजा टेस्ट रैंकिंग में बल्लेबाजों की रैंकिंग में अपनी बादशाहत बरकरार है। वहीं, इंग्लैंड के खिलाफ बारबाडोस टेस्ट में 202 रन की पारी खेलकर इतिहास रचने वाले वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने दो स्थानों की छलांग लगाते हुए विश्व के नंबर एक ऑलराउंडर बन गए हैं।

कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में दमदार प्रदर्शन किया था। वहीं, होल्डर ने इंग्लैंड के खिलाफ बारबाडोस टेस्ट में 229 गेंदों में 202 रन की पारी खेली और पहली पारी में कीटोन जेनिंग्स और जो रूट के दो महत्वपूर्ण विकेट लेते हुए विंडीज की जीत में अहम योगदान दिया। ऑलराउंडरों की सूची में रवींद्र जडेजा तीसरे स्थान पर और बांग्लादेश के शाकिब अल हसन दूसरे स्थान पर खिसक गए हैं।

इंग्लैंड के खिलाफ बारबाडोस टेस्ट में पहली पारी में 17 रन देकर पांच विकेट झटकने वाले केमार रोच ने भी गेंदबाजों की रैकिंग में उछाल लगाई। अब वह 668 अंकों के साथ 20वें स्थान पर पहुंच गए। टेस्ट टीमों की रैंकिंग में भारत ने 116 अंकों के साथ पहला स्थान बरकरार रखा तो वहीं दक्षिण अफ्रीका 110 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। इंग्लैंड तीसरे, न्यूजीलैंड चौथे और ऑस्ट्रेलिया पांचवें स्थान पर है।

9.इंडोनेशिया मास्टर्स बैडमिंटन ख़िताब के लिये साइना नेहवाल का सामना स्पेन की केरोलिना मारिन से:-

इंडोनेशिया मास्टर्स बैडमिंटन ख़िताब के लिए आज जकार्ता में सायना नेहवाल का सामना ओलिंपिक चैम्पियन कैरोलिना मारिन से होगा। सेमी फाइनल में शनिवार को सायना ने चीन की ही बिगचियाओ को पराजित किया।