प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कैच द रेन यानी वर्षा जल संचय अभियान का शुभारंभ करेंगे

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1. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कैच द रेन यानी वर्षा जल संचय अभियान का शुभारंभ करेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी विश्‍व जल दिवस के अवसर पर 22 मार्च को कैच द रेन यानी वर्षा जल संचय अभियान का वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में जल शक्ति मंत्री और मध्‍य प्रदेश तथा उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्रियों के बीच केन-बेतवा संपर्क परियोजना क्रियान्वित करने संबंधी समझौता ज्ञापन पर भी हस्‍ताक्षर किए जाएंगे। नदियों को जोड़ने की राष्‍ट्रीय योजना के तहत यह पहली परियोजना होगी। इस परियोजना के तहत दौधन बांध के निर्माण और केन तथा बेतवा नदियों को जोडने वाली नहर के जरिये केन नदी का जल बेतवा नदी में डाला जाएगा। इससे हर वर्ष दस लाख 62 हजार हेक्‍टेयर कृषि भूमि की सिंचाई और लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल की आपूर्ति के अलावा 103 मेगावाट पनबिजली पैदा की जा सकेगी। इस परियोजना से बुंदेलखंड के पानी की कमी वाले क्षेत्रों—विशेषकर पन्‍ना, टीकमगढ, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी, रायसेन, बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर को पानी की आपूर्ति की जा सकेगी। इससे देश के विकास में बाधक जल की कमी को दूर करने के लिए नदियों को जोडने की अन्‍य परियोजनाओं के लिए भी मार्ग प्रशस्‍त हो सकेगा। वर्षा जल संचय अभियान देशभर में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा और इसका नारा होगा-‘जहां भी गिरे और जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें।’ यह अभियान 21 मार्च से शुरू होकर 30 नवबंर तक मॉनसून पूर्व और मॉनसून के दौरान लागू किया जाएगा।

  1. राजस्थान ने की मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना की घोषणा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 18 मार्च, 2021 को घोषणा की कि बहुप्रतीक्षित सार्वभौमिक स्वास्थ्य योजना जिसे “मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना” कहा जाता है, 1 मई, 2021 को शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि जो लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) या सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) लाभार्थी सूची में शामिल नहीं हैं उनके लिए पंजीकरण 1 अप्रैल, 2021 से शुरू होगा। उन्होंने आगे MLA लोकल एरिया डेवलपमेंट (MLA LAD) को मौजूदा 2.25 करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये तक बढ़ाने की घोषणा की। इस सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज योजना की घोषणा 24 फरवरी, 2021 को राज्य के बजट भाषण में की गई थी। सरकार ने इस योजना की घोषणा 3,500 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ की थी। मुख्यमंत्री ने 25 जिला मुख्यालयों पर नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की भी घोषणा की है। उन्होंने यह भी बताया कि, सभी सात संभागीय मुख्यालयों में सार्वजनिक स्वास्थ्य महाविद्यालय भी स्थापित किए जाएंगे।

  1. हरियाणा ने प्रदर्शनकारियों से नुकसान की वसूली के लिए विधेयक पारित किया

हरियाणा विधानसभा ने 18 मार्च, 2021 को “Haryana Recovery of Damages to Property During Disturbance to Public Bill, 2021” पारित किया, इसके तहत अगर प्रदर्शनकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, तो उनसे मुआवजे की वसूली की जाएगी। यह विधेयक ध्वनिमत से पारित किया गया। इस विधेयक में संपत्तियों की क्षति की वसूली का प्रावधान है। इस बिल में दायित्व का निर्धारण करने के लिए दावा अधिकरण (Claims Tribunal) का गठन करने, नुकसान का आकलन करने और क्षति की क्षतिपूर्ति करने का प्रावधान भी शामिल है। यह बिल लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार का विरोध करने के लिए नहीं है, बल्कि सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के लिए है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य था जिसने आंदोलन और विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से वसूली के लिए एक विधेयक पारित किया था।

  1. IIT बॉम्बे की एनर्जी स्वराज यात्रा बस

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ‘एनर्जी स्वराज यात्रा’ बस में सवारी की, जिसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के प्रोफेसर डॉ. चेतन सोलंकी ने बनाया है। “एनर्जी स्वराज यात्रा” बस (Energy Swaraj Yatra) सौर ऊर्जा पर चलती है। इसमें संपूर्ण कार्य-सह-आवासीय इकाई (work-cum-residential unit) भी शामिल है। प्रोफेसर वर्ष 2020 से सौर ऊर्जा के उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस बस में यात्रा कर रहे हैं। यह यात्रा 2030 तक जारी रहेगी। सवारी लेते समय शिक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि, यह परियोजना “राष्ट्रीय शिक्षा” के अनुरूप है। मंत्री ने यह भी कहा कि इस बस को 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए एक सार्वजनिक आंदोलन बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस बस में रहने वाले को स्नान, खाना पकाने, सोने, काम करने, बैठक और प्रशिक्षण जैसी सभी दैनिक गतिविधियों को करने की अनुमति मिलती है। इस बस को 3.2 kW के सोलर पैनल से लैस किया गया है। इसमें 6 kWh की बैटरी स्टोरेज की क्षमता है।

  1. आरोग्य संजीवनी उत्पाद पर IRDAI ने दिशानिर्देश जारी किये

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Insurance Regulatory and Development Authority of India – IRDAI) ने 19 मार्च, 2020 को सामान्य और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को मानक स्वास्थ्य बीमा उत्पाद के तहत 50,000 रुपये से 10 लाख रुपये के बीच अनिवार्य रूप से बीमा राशि की पेशकश करने को कहा है। इस कदम की घोषणा ‘आरोग्य संजीवनी’ (Arogya Sanjeevani) उत्पाद के तहत उपलब्ध कवरेज को बढ़ाने के लिए की गई थी। IRDAI ने सभी सामान्य और स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक की अधिकतम बीमा राशि और न्यूनतम 1 लाख रुपये के साथ मानक व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा उत्पाद की पेशकश करने का आदेश दिया था। यह भ्रम को कम करने और अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था। बीमाकर्ताओं ने ‘आरोग्य संजीवनी’ उत्पाद के तहत 50,000 रुपये की बीमा राशि की पेशकश की है क्योंकि कोविड-19 मामलों और स्वास्थ्य देखभाल की लागत बढ़ने के कारण इसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है। अधिकांश बीमाकर्ता 5 लाख रुपये की अधिकतम मूल सीमा से ऊपर आरोग्य संजीवनी नीति की पेशकश नहीं कर रहे थे। लेकिन इस संशोधन के बाद बीमाकर्ताओं को 10 लाख रुपये तक की राशि की पेशकश करनी होगी। यह संशोधन 1 मई, 2021 से लागू होगा।

  1. भारत के CDRI में शामिल हुआ यूरोपीय संघ

यूरोपीय संघ में 27 सदस्य शामिल हैं, जो भारत के ‘Coalition for Disaster Resilient Infrastructure’ (CDRI) में शामिल हुए हैं। CDRI के चार्टर के समर्थन के बाद EU इस पहल में शामिल हुआ। CDRI देशों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, निजी क्षेत्रों, बहुपक्षीय विकास बैंकों और शैक्षणिक संस्थानों का एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन है। इस पहल का उद्देश्य आपदा-लचीले बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना है। इस पहल की शुरुआत इंफ्रास्ट्रक्चर रिस्क मैनेजमेंट, फाइनेंसिंग और रिकवरी मैकेनिज्म के क्षेत्रों में रिसर्च और नॉलेज शेयरिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। यह सतत विकास का भी समर्थन करता है। CDRI पहल की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 में की थी। इस पहल की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में की गई थी। यह पहल पारिस्थितिक, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे में आपदा-लचीलापन विकसित करने पर केंद्रित है। यह सदस्य देशों के नीतिगत ढाँचों में पर्याप्त परिवर्तन प्राप्त करना चाहता है।

  1. UNESCO जल संरक्षण कार्यक्रम के लिए USO India में शामिल हुआ

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) छात्रों के लिए जल संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम में USO India और Toonz Media Group में शामिल हो गया है। जल संरक्षण कार्यक्रम के लिए, छात्रों ने एनीमेशन वीडियो बनाए हैं जिनका अनावरण 22 मार्च 2021 को विश्व जल दिवस के अवसर पर किया जाएगा। इसका अनावरण “H2Ooooh! – Waterwise Program” के एक भाग के रूप में किया जाएगा। यह कार्यक्रम नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा, वाटर डाइजेस्ट पत्रिका, यूनाइटेड स्कूल्स ऑर्गनाइजेशन इंडिया (USO India) और Toonz Media Group की साझेदारी में आयोजित किया गया है। H2Ooooh! – Waterwise Program जल संरक्षण कार्यक्रम सितंबर 2020 में यूनेस्को नई दिल्ली द्वारा शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम भारत के स्कूली बच्चों के लिए शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम 6-14 वर्ष के आयु वर्ग के स्कूली बच्चों को भारत में बढ़ते जल संकट के संबंध में कहानी के विचारों और कार्टून प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

  1. Mobile Seva Appstore – भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित एप्प स्टोर

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा को एक लिखित जवाब में कहा है कि भारत ने अपना पहला स्वदेशी रूप से विकसित एप्प स्टोर “मोबाइल सेवा एप्प स्टोर” (Mobile Seva Appstore) विकसित किया है। यह एप्प स्टोर कई डोमेन और सार्वजनिक सेवाओं की श्रेणियों के कुछ 965 लाइव एप्पको होस्ट करता है। यह भारतीय एप्प स्टोर प्रारंभिक चरणों में मुफ्त में उपलब्ध होगा। मंत्री ने आगे कहा कि, सरकार जहां निजी खिलाड़ियों को ऐप्स की मेजबानी के लिए प्रोत्साहित कर रही है, वहीं अपने स्वयं के मोबाइल एप्प स्टोर को विकसित करने और मजबूत करने के लिए भी अपनी रुचि दिखा रही है। यह उत्तर मंत्री द्वारा इस सवाल पर दिया गया था कि क्या भारत के अपने डिजिटल स्टोर की अनुपस्थिति और Google और Apple के बाहरी एप्प स्टोरों पर इसकी निर्भरता भारत के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए समस्याएं पैदा कर रही है या मंत्रालय स्वयं के लिए अपना डिजिटल स्टोर रखने पर विचार कर रहा है।

  1. भारत और जापान ने पेटेंट सत्यापन में सहयोग के लिए सहमती जताई

भारत और जापान अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदन के लिए “सक्षम अंतर्राष्ट्रीय खोज और अंतर्राष्ट्रीय प्रारंभिक परीक्षा प्राधिकरण (ISA / IPEA)” के रूप में सहयोग करने के लिए एक दूसरे के कार्यालयों को मान्यता देने के लिए सहमत हुए हैं। औद्योगिक संपत्ति पर सहयोग के ज्ञापन के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) और जापान पेटेंट कार्यालय (JPO) की चौथी समीक्षा बैठक के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। पहले चरण की बैठक की अध्यक्षता गुरुप्रसाद महापात्रा ने की, जो DPIIT के सचिव हैं, और जापान की ओर से इसमें तोशीहिदे कासुतानी ने हिस्सा लिया , जो JPO के आयुक्त हैं। इस बैठक के दौरान, पायलट Patent Prosecution Highway (PPH) कार्यक्रम के पहले वर्ष की समीक्षा की गई।

  1. हरियाणा में एक हजार चार सौ 11 करोड़ रुपये लागत की विभिन्‍न विकास परियोजनाओं का शुभारम्‍भ

हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ से वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से एक हजार चार सौ 11 करोड़ रुपये लागत की विभिन्‍न विकास परियोजनाओं का शुभारम्‍भ किया। मुख्‍यमंत्री ने राज्‍य स्‍तरीय आभासी कार्यक्रम में 22 जिलों में शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, खेल, सड़क, जल, बिजली आदि से संबंधितह लगभग एक सौ 63 परियोजनाओं का शुभारम्‍भ किया और आधारशिला रखी। इनमें नौ सौ 35 करोड़ रुपये लागत वाली 83 परियाजनाओं की आधारशिला रखी गई और चार सौ 75 करोड़ रुपये की लागत की 80 परियोजनाओं का शुभारम्‍भ किया गया।