प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी में दो राष्ट्रीय राजमार्ग और गंगा नदी पर एक अंतर देशीय जलमार्ग टर्मिनल  राष्ट्र को समर्पित करेंगे

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राष्टीय न्यूज़

1.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी में दो राष्ट्रीय राजमार्ग और गंगा नदी पर एक अंतर देशीय जलमार्ग टर्मिनल  राष्ट्र को समर्पित करेंगे:-

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग और गंगा नदी पर अंतरदेशीय जलमार्ग टर्मिनल राष्ट्र को समर्पित करेंगे। अन्य तीन टर्मिनल साहिबगंज, हल्दिया और गाजि‍पुर में बनाये जा रहे हैं।

श्री मोदी जलमार्ग पोत पर भेजी जाने वाली देश की पहली कंटेनर खेप भी प्राप्त करेंगे। इसे कोलकाता से अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में भेजा गया था। हमारे संवाददाता ने बताया है कि श्री मोदी एक जनसभा सम्‍बोधित करने के अलावा रोड शो में भी शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी वाराणसी में अपने पन्‍द्रहवें भ्रमण के दौरान अन्‍य परियोजनाओं के अलावा एक हज़ार पांच सौ इकहत्‍तर करोड़ पिचान्‍वे लाख की लागत वाले 34 किलोमीटर लम्‍बे दो महत्‍वपूर्ण राष्‍ट्रीय राजामार्गों को राष्‍ट्र को समर्पित करेंगे। इन राजमार्गों से जहां शहर में यातायात व्‍यवस्‍था में सुधार आएगा, वहीं प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी और साथ ही शहर और पूर्वांचल में विकास के मार्ग खुल जाएंगे। वह शहर में तीन सीवरेज निस्‍तारण परियोजनाओं का भी शुभारंभ करेंगे। इन परियोजनाओं से शहर का कायाकल्‍प होगा। श्री मोदी गाजीपुर में एक जनसभा को सम्‍बोधित करने के लिए जाने के दौरान नवनिर्मित बाबतपुर राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर रोड-शो भी करेंगे।

2.दो दिवसीय ‘ग्‍लोबल कूलिंग इनोवेशन’ शिखर सम्‍मेलन नई दिल्‍ली में शुरू:-    

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कूलिंग प्रौद्योगिकी से जुड़े अभिनव उत्‍पादों के विकास के लिए पुरस्‍कार के रूप में 3 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे  

आवासीय शीतलन (कूलिंग) प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्‍साहित करने के लिए एक अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतिस्‍पर्धा ‘ग्‍लोबल कूलिंग पुरस्‍कार’ की घोषणा नई दिल्‍ली में आयोजित दो दिवसीय‘ग्‍लोबल कूलिंग इनोवेशन’ शिखर सम्‍मेलन के उद्घाटन सत्र में की गई। इसका उद्देश्‍य ऐसे आवासीय शीतलन (कूलिंग) प्रौद्योगिकी के विकास में तेजी लाना है, जिसका जलवायु पर असर मानक रूम एयर कंडीशनिंग (आरएसी) की तुलना में न्‍यूनतम पांचवां हिस्‍सा ही होगा।

इस पुरस्‍कार के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग एवं इसके साझेदार संगठनों यथा विद्युत मंत्रालय, ऊर्जा दक्षता ब्‍यूरो और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के जरिए भारत सरकार के मिशन इनोवेशन द्वारा सहयोग दिया जा रहा है। इसका संचालन प्रमुख अनुसंधान संस्‍थानों यथा रॉकी माउंटेन इंस्‍टीट्यूट (आरएमआई), कंजर्वेशन X लैब्‍स, द एलायंस फॉर एन एनर्जी एफिशिएंट इकोनॉमी (एईईई) और सीईपीटी विश्‍वविद्यालय के गठबंधन द्वारा किया जाएगा। यह गठबंधन अभिनव प्रौद्योगिकी के इन्‍क्‍यूबेशन, वाणिज्‍यीकरण और अंतत: व्‍यापक स्‍तर पर इसे अपनाने के प्रयासों को नई गति के साथ-साथ आवश्‍यक सहयोग भी देगा। इसका शुभारंभ भारत से किया जाएगा और बाद में विश्‍व भर के अन्‍य देशों में इसका विस्‍तार किया जाएगा। इस प्रतिस्‍पर्धा में विजेता या चयनित साबित होने वाली प्रौद्योगिकी की बदौलत वर्ष 2050 तक 100 गीगाटन (जीटी) के समतुल्‍य कार्बन डाई ऑक्‍साइड (सीओ2) के उत्‍सर्जन की रोकथाम हो सकेगी और इसके साथ ही दुनिया वर्ष 2100 तक ग्‍लोबल वार्मिंग में 0.5 डिग्री सेंटीग्रेड तक की कमी करने के मार्ग पर अग्रसर हो सकेगी।

केन्‍द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ‘ग्‍लोबल कूलिंग इनोवेशन’ शिखर सम्‍मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘निरंतर गर्म हो रहे जलवायु को ध्‍यान में रखते हुए सरकारों के लिए अब यह आवश्‍यक हो गया है कि वे अपने नागरिकों के स्‍वास्‍थ्‍य एवं तंदरुस्‍ती के लिए उन्‍हें चिलचिलाती गर्मी से बचाव की सुविधा प्रदान करें। इतना ही नहीं, यह सुविधा पर्यावरण अनुकूल ढंग से मुहैया करानी होगी। इन उद्देश्‍यों में संतुलन स्‍थापित करना अत्‍यंत संवेदनशील एवं चुनौतीपूर्ण कार्य है। आने वाले समय में कूलिंग संबंधी व्‍यापक मांग को ध्‍यान में रखते हुए केवल वृद्धिपरक सुधार से अपेक्षित नतीजों के सामने आने की संभावना नहीं है। इस संदर्भ में वैज्ञानिक एवं तकनीकी समुदाय को आगे आकर व्‍यापक बदलाव सुनिश्‍चित करने वाले अभिनव उत्‍पादों को पेश करने की चुनौती का सामना करना चाहिए।’

ग्‍लोबल कूलिंग पुरस्‍कार की पेशकश करने वालों के साथ-साथ इसके समस्‍त साझेदारों का धन्‍यवाद करते हुए केन्‍द्रीय मंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्‍चित करेगी कि स्‍वच्‍छ ऊर्जा से जुड़े अभिनव उत्‍पादों के वित्‍त पोषण के लिए और ज्‍यादा धनराशि उपलब्‍ध हो और इसके साथ ही स्‍वच्‍छ ऊर्जा के क्षेत्र में अभिनव प्रौद्योगिकियां विकसित करने वाली सार्वजनिक-निजी भागीदारी का माहौल भी तैयार हो।

इस सम्‍मेलन के उद्घाटन अवसर पर भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजयराघवन ने कहा कि ग्‍लोबल कूलिंग पुरस्‍कार की एक विशेष खूबी यह है कि इसके जरिए स्‍वच्‍छ ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास हेतु निजी क्षेत्र की सहभागिता के लिए व्‍यावहारिक मॉडलों की पेशकश की गई है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) में सचिव डॉ. रेणु स्‍वरूप ने कहा, ‘तीन साल पहले पेरिस जलवायु शिखर सम्‍मेलन के दौरान मिशन इनोवेशन का शुभारंभ ठीक इसी उद्देश्‍य से किया गया था कि सरकारों, अन्‍वेषकों और निजी क्षेत्र के बीच नए गठबंधन हों, ताकि जलवायु से जुड़ी महत्‍वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास में नवाचार संभव हो सके।’

सम्‍मेलन के उद्घाटन अवसर पर उपस्‍थित मिशन इनोवेशन की संचालन समिति के उपाध्‍यक्ष(वाइस-चेयर) श्री जॉन लोफहेड और रॉकी माउंटेन इंस्‍टीट्यूट में सीनियर फेलो श्री इयान कैम्‍पबेल ने ग्‍लोबल कूलिंग पुरस्‍कार के शुभारंभ पर खुशी जाहिर की और इसके साथ ही कुशल नेतृत्‍व के लिए भारत सरकार को बधाई दी।

दो वर्ष तक चलने वाली इस प्रतिस्‍पर्धा के दौरान पुरस्‍कार राशि के रूप में 3 मिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक की रकम प्रदान की जाएगी। मध्‍यवर्ती पुरस्‍कारों के तहत 10 चयनित प्रतिस्‍पर्धी प्रौद्योगिकियों में से प्रत्‍येक के लिए पुरस्‍कार के रूप में दो लाख अमेरिकी डॉलर तक की राशि दी जाएगी। इसका उद्देश्‍य संबंधित अभिनव आवासीय शीतलन प्रौद्योगिकी के डिजाइन के साथ-साथ इसके प्रारूप (प्रोटोटाइप) के विकास के लिए आवश्‍यक सहयोग प्रदान करना है। इस प्रतिस्‍पर्धा में विजेता साबित होने वाली प्रौद्योगिकी के लिए पुरस्‍कार के रूप में कम से कम एक मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि दी जाएगी, ताकि इसके इन्‍क्‍यूबेशन और आरंभिक चरण में इसके वाणिज्‍यीकरण में आवश्‍यक सहयोग प्रदान किया जा सके। वर्तमान में विश्‍व भर में 1.2 अरब रूम एयर कंडीशनिंग यूनिटें कार्यरत हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2050 तक रूम एयर कंडीशनिंग यूनिटों की संख्‍या बढ़कर कम से कम 4.5 अरब के आंकड़े को छूने लगेगी। अकेले भारत में वर्ष 2050 तक बाजार में एक अरब से भी अधिक रूम एयर कंडीशनिंग यूनिटों को पेश कर दिया जाएगा। आरामदेह कूलिंग प्रदान करने  में होने वाली ऊर्जा खपत की भी गिनती जलवायु के लिए सर्वाधिक जोखिमपूर्ण माने जाने वाले कारकों (फेक्‍टर) में की जाती है और इस वजह से सर्वाधिक कमजोर एवं असुरक्षित मानी जाने वाली आबादी का स्‍वास्‍थ्‍य खतरे में पड़ता नजर आ रहा है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़

3.प्रथम विश्व युद्ध के अंत के 100 साल पूरे होने पर पेरिस में जुटेंगे दुनिया के अग्रणी नेता:-

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प्रथम विश्व युद्ध के अंत के 100 साल पूरे होने के अवसर पर  दुनिया भर के कई नेता यहां वैश्विक स्मृति समारोह में शिरकत करेंगे। दुनिया के बड़े नेताओं का यह जमावड़ा बढ़ते राष्ट्रवाद और कूटनीतिक तनाव की पृष्ठभूमि में हो रहा है।

अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन सहित दुनिया के करीब 70 नेता 1918 में हुए युद्धविराम समझौते की शताब्दी पर फ्रांस की राजधानी में एकत्र हो रहे हैं।

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय लंदन में इसी संबंध में आयोजित एक अन्य समारोह में हिस्सा लेंगी। वहीं न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया अपने स्तर पर इस संबंध में आयोजन कर रहे हैं।

पेरिस में यह आयोजन ‘आर्क दे ट्रायम्फ’ के नीचे बने अनाम सैनिकों के कब्रों के पास होगा। इसमें आधुनिक काल में राष्ट्रवाद के खतरों के प्रति चेतावनियों के संबंध में बात होने की संभावना है।

पूर्वी फ्रांस के जंगलों में जिस जगह युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था, वहां की यात्रा करने के बाद  जर्मनी की चासलर एंजेला मर्केल ने कहा, ‘‘यह दिन सिर्फ याद करने के लिए नहीं है, इस दिन कार्रवाई की अपील की जानी चाहिए।’’

मर्केल और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस पेरिस पीस फोरम सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

4.भारत-मोरक्को ने आपराधिक मामलों में सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये:-

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भारत और मोरक्को ने आपराधिक मामलों के कानूनी पहलुओं में सहयोग के लिए  एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भारत की ओर से और मोरक्को के न्याय मंत्री मोहम्मद औज्जर ने मोरक्को की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस समझौते से मोरक्को के साथ द्विपक्षीय सहयोग मजबूत बनेगा और अपराधों पर रोक, उनकी जांच और अभियोजन के लिए एक व्यापक कानूनी रूपरेखा तैयार करने में मदद मिलेगी। साथ ही आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने वालों का पता लगाने और से जब्त करने में भी मदद मिलेगी। इस मौके पर दोनों मंत्रियों ने संगठित अपराधों और आतंकवाद के खतरे का मिलकर मुकाबला करने के प्रति वचनबद्धता दोहरायी।

5.भारतीय सैनिकों के योगदान की स्मृति में युद्ध-विराम संधि दिवस के अवसर पर फ्रांस में नई प्रतिमा का अनावरण किया गया:-

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प्रथम विश्‍व युद्ध में भारतीय सैनिकों के योगदान की स्मृति में युद्ध-विराम दिवस के अवसर पर फ्रांस में एक नई प्रतिमा का अनावरण किया गया। प्रथम विश्‍वयुद्ध  के दिन 1918 में समाप्‍त हो गया था। युद्ध के दौरान पश्चिमी मोर्चे पर ब्रिटिश भारत की ओर से अपनी जान गंवाने वाले चार हजार 700 से अधिक सैनिकों और श्रमिकों की याद में फ्रांस के लेवेन्‍टी में यह सात फुट ऊंची कांसे की प्रतिमा लगाई गई है। लेवेन्‍टी का चयन इस स्‍थान पर 39वीं रॉयल गढ़वाल राईफल्‍स में दो भारतीय सैनिकों के अवशेष मिलने के बाद किया गया है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत विश्व शांति तथा सौहार्द और भाईचारे का माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि युद्ध से होने वाली मौतों और विनाश पर स्थाई विराम लगना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि यह एक ऐसा युद्ध था जिसमें भारत सीधे तौर पर शामिल नहीं था लेकिन हमारे सैनिकों ने शांति स्थापना के लिए दुनिया भर में लड़ाई लड़ी।

 

खेल न्यूज़

6.डू प्लेसिस और मिलर के शतकों से द. अफ्रीका ने जीती सीरीज:-

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कप्तान फाफ डू प्लेसिस (125) और डेविड मिलर (139) के बेहतरीन शतकों तथा उनके बीच चौथे विकेट के लिए 252 रन की जबरदस्त साझेदारी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को तीसरे वनडे में  40 रन से हराकर तीन मैचों की सीरीज 2-1 से जीत ली। दक्षिण अफ्रीका ने 50 ओवर में पांच विकेट पर 320 रन का विशाल स्कोर बनाया। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम शान मार्श के 106 रन के बावजूद 50 ओवर में आठ विकेट पर 280 रन ही बना सकी।

 

बाजार न्यूज़

7.देश में मिट्टी की गुणवत्‍ता और उर्वरकता के एकरूप आकलन के लिए पहली बार मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना की शुरूआत की गई:-

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देश में मिट्टी की गुणवत्‍ता और उर्वरकता के एकरूप आकलन के लिए पहली बार मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना की शुरूआत की गई थी। इस कार्ड में 12 श्रेणियों के संदर्भ में मिट्टी की गुणवत्‍ता स्थिति के मानक दिये गए हैं। यह फसल के अनुरूप उर्वरक के इस्‍तेमाल का भी सुझाव देता है।

8.नोटबंदी से प्राप्‍त राशि का इस्‍तेमाल देश के विकास के लिए किया गया है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:-

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि नोटबंदी से प्राप्‍त राशि का इस्‍तेमाल देश के विकास के लिए किया गया है। छत्‍तीसगढ़ में बिलासपुर में  एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध है और विकास ही उसकी पहली प्राथमिकता है।

अगर इस देश को हमारे आजादी के दीवानों के सपनों जैसे पूरा बनाना है, देश को विकास की ऊंचाईयों तक ले जाना है, देश को गरीबी से मुक्‍त करना है, उनका हक दिलाना है और इसलिए भारतीय जनता पार्टी राजनीति में एक नई धारा लेकर के आई, उसे करके दिखाया वो मंत्र है विकास।

प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा कि वे अपने मताधिकार का अधिक से अधिक इस्‍तेमाल करें।