प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ओडि़सा के बलांगीर में डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया

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राष्टीय न्यूज़

1.प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ओडि़सा के बलांगीर में डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया:-प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ओडि़सा में बलांगीर में शिक्षा, संस्‍कृति, पर्यटन और कनेक्‍टीविटी से संबंधित डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत के विकास के लिए ओडिसा के विकास के लिए मैं आपके बीच आया हूं। यहां साढ़े 15 सौ करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है। ये परियोजनाएं शिक्षा से जुड़ी हैं, कनेक्टिविटी से जुड़ी हैं, संस्कृति और पर्यटन से जुड़ी हुई हैं और मुझे खुशी है कि केन्द्रीय विद्यालय सोनेपुर के स्थायी भवन का शिलान्यास हुआ है।प्रधानमंत्री ने एक हजार करोड़ रुपये की लागत की कुल 813 किलोमीटर लंबी झारसुगुडा-विजियानगरम और संबलपुर-अंगुल रेल लाइनों की विद्युतीकरण परियोजनाओं को राष्‍ट्र को समर्पित किया। उन्‍होंने बारपाली-डुमरीपाली और बलांगीर-देवगांव रेल लाइनों को दोहरा करने के कार्य का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने 115 करोड़ रुपये की लागत से 15 किलोमीटर लंबी बलांगीर-बिछुपली रेल लाइन का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बलांगीर से बिछुपली के बीच इस रूट पर नई ट्रेन से शुरू हो गई है। इससे न सिर्फ आपका समय बचेगा, बल्कि पैसे की भी बचत होगी। जिस रेललाइन का उद्घाटन हुआ है उसका विस्तार खोर्दा तक हो रहा है, तो हावड़ा-चेन्नई तक से यह क्षेत्र जुड़ जाएगा। दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों से भुवनेश्वर और पुरी की दूरी भी कम हो जाएगी।प्रधानमंत्री ने झारसुगुडा में मल्‍टी मोडल लॉजिस्टिक पार्क को भी राष्‍ट्र को समर्पित किया। यह पार्क घरेलू और वैश्विक व्‍यापार के सिलसिले में वस्‍तुओं के परिवहन को बढ़ावा देगा और इससे झारसुगुडा परिवहन का केन्‍द्र बन जायेगा।तेरुवली और सिंगापुर रोड़ के बीच सड़क पुल का भी प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने जगतसिंहपुर,  केन्‍द्रपाड़ा,  पुरी ,  फुलवनी,  बरगढ़ और बलांगीर में पासपोर्ट सेवा केन्‍द्रों का भी उद्घाटन किया।

उन्‍होंने सोनपुर में केन्‍द्रीय विद्यालय के स्‍थायी भवन और बौध जिले में नीलमाधव तथा सिद्धेश्‍वर के जीर्णोद्धार और रखरखाव के कार्य का भी उद्घाटन किया।बाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जो परियोजनाएं शुरू की गई हैं उनसे न सिर्फ ओडि़सा में बल्कि समूचे पूर्वी भारत में विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि विपक्ष को देश के प्राकृतिक संसाधनों की कोई जानकारी नहीं है और उन्‍होंने सरदार पटेल की प्रतिमा स्‍थापित करने का भी विरोध किया था। जिस स्टैच्यु ऑफ यूनिटी का जो यह मजाक उड़ा रहे थे, उसने सरदार पटेल की ऊंचाई को तो प्रस्थापित किया ही है,  वह देश में पर्यटन के अहम केन्द्रों में से एक बन गई है। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा की वजह से जो आसपास के लोग हैं, उनको रोजगार करने का अवसर मिल रहे हैं। यही टूरिज़्म की ताकत है। भारत के पास तो हैरिटेज़ टूरिज़्म के अनेक संभावनाएं, उनको नया विस्तार देने का काम हम ओड़िशा में भी कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार ने देश के समग्र विकास के लिए पांच कदम उठाये हैं। उन्‍होंने कहा कि ये कदम हैं- बच्‍चों की शिक्षा, युवाओं के लिए रोजगार, बुजुर्गों के लिए दवा, किसानों के लिए सिंचाई और आम लोगों के लिए जन सुनवाई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसमें आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्‍य वर्गों के लिए शिक्षा और नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण के लिए हाल में उठाया गया एक और कदम भी जुड़ गया है।

2.दो दिन का वैश्विक उड्डयन शिखर सम्मेलन मुंबई में:-वैश्विक उड्डयन शिखर सम्मेलन 2019  मुंबई में आरंभ होगा। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु दो दिन के इस सम्मेलन का उद्धाटन करेंगे। विश्व में अपनी तरह के पहले इस आयोजन में 86 से अधिक देश भाग लेंगे।

वैश्विक उड्डयन शिखर सम्मेलन का शीर्षक है- सभी को और विशेष रूप से छह अरब लोगों को हवाई यात्रा की सुविधा। शिखर सम्मेलन में विमानन क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा और आने वाले समय में हवाई यात्रा को और सुगम बनाने के तरीकों पर चर्चा होगी।

3.सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दस प्रतिशत आरक्षण देने का अधिनियम लागू:-सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दस प्रतिशत आरक्षण देने का अधिनियम लागू हो गया। सरकार ने 103वें संविधान संशोधन अधिनियम 2019 के प्रावधान लागू करने के लिए 14 जनवरी की तिथि अधिसूचित की थी।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले शनिवार को अधिनियम को मंजूरी दी थी। यह अधिनियम संविधान की धारा-15 और 16 में संशोधन कर राज्यों को सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए विशेष प्रावधान की अनुमति देता है।

4.सरकार ने विज्ञान संचार के क्षेत्र में राष्‍ट्रीय स्‍तर की दो पहलों ‘डीडी साइंसऔर इंडिया साइंस’ की शुरुआत की:-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने दूरदर्शन (डीडी), प्रसार भारती के साथ मिलकर नई दिल्‍ली में विज्ञान संचार के क्षेत्र में दो पहलों यथा ‘डीडी साइंस’ और ‘इंडिया साइंस’ की शुरुआत की। डीडी साइंस दरअसल दूरदर्शन न्‍यूज चैनल पर एक घंटे का स्‍लॉट है, जिसका प्रसारण सोमवार से शनिवार तक सायं 05:00 बजे से सायं 06:00 बजे तक किया जाएगा। इंडिया साइंस इंटरनेट आधारित चैनल है, जो किसी भी इंटरनेट आधारित उपकरण पर उपलब्‍ध है और यह मांग पर निर्धारित वीडियो लाइव उपलब्‍ध कराएगा।केन्‍द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इन दोनों महत्‍वपूर्ण पहलों की शुरुआत करते हुए कहा कि यह न केवल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के संचार, बल्कि हमारे समाज की वैज्ञानिक सोच विकसित करने के क्षेत्र में भी एक ऐतिहासिक पल है। भारत की सार्वजनिक प्रसारण सेवा दूरदर्शन द्वारा नब्‍बे के दशक में पल्‍स पोलियो अभियान में निभाई गई महत्‍वपूर्ण भूमिका को स्‍मरण करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत की 92 प्रतिशत से भी अधिक आबादी तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करने वाला दूरदर्शन विज्ञान की लोकप्रियता बढ़ाने की दृष्टि से एक अत्‍यंत प्रभावशाली माध्‍यम साबित होगा। डॉ. हर्षवर्धन ने उम्‍मीद जताई कि निकट भविष्‍य में देश में चौबीसों घंटे चलने वाले ‘डीडी साइंस चैनल’ का शुभारंभ होगा। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘वर्ष 2030 तक हमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शीर्ष तीन देशों में शुमार होना होगा और इस तरह की पहल इस दिशा में अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण प्रयास हैं।’उद्घाटन कार्यक्रम और विज्ञान प्रसार एवं दूरदर्शन के बीच सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर के अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा, सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री अमित खरे, दूरदर्शन के महानिदेशक सुश्री सुप्रिया साहू, प्रसार भारती के सीईओ श्री शशि शेखर वेम्‍पति, विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ. नकुल पाराशर और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।  विज्ञान संचार से जुड़े दो प्‍लेटफॉर्म विज्ञान को बढ़ावा देने और इसे रोजमर्रा की जिंदगी के करीब लाने के लिए राष्‍ट्रीय स्‍तर पर की गई पहल के रूप में है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और दूरदर्शन का उद्देश्‍य मानवता की सेवा के लिए देश में इनकी सार्थकता ज्‍यादा से ज्‍यादा बढ़ाना तथा विज्ञान को और आगे ले जाना है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने इन चैनलों की परिकल्‍पना करने के साथ-साथ इन्‍हें मूर्तरूप देने में काफी सहयोग प्रदान किया है। इनका कार्यान्‍वयन एवं प्रबंधन विज्ञान प्रसार द्वारा किया जा रहा है, जो डीएसटी का एक स्‍वायत्‍त संगठन है। भारत में विज्ञान संचार के इतिहास में मील का पत्‍थर माने जाने वाले ये दोनों विज्ञान चैनल देश में एक राष्‍ट्रीय विज्ञान चैनल का आगाज करने की दिशा में आरंभिक कदम हैं। जहां एक ओर इंडिया साइंस   (www.indiascience.in) ने पहले से ही चौबीसों घंटे वाली अपनी मौजूदगी दर्ज करा रखी है, वहीं दूसरी ओर डीडी साइंस को भी भविष्‍य में एक पूर्ण चैनल में तब्‍दील किया जा सकता है।

इन दोनों चैनलों के जरिये विज्ञान आधारित वृत्तचित्र, स्टूडियो-आधारित परिचर्चाओं एवं वैज्ञानिक संस्थानों के आभासी पूर्वाभ्यास, साक्षात्कार और लघु फिल्मों पर ध्‍यान केन्द्रित किया जाएगा। ये दर्शकों के लिए पूरी तरह से नि:शुल्‍क होंगे।

5.चुनाव आयोग ने ‘वोटर हेल्पलाइन’ मोबाइल ऐप किया लांच:-

चुनाव आयोग ने आगामी चुनाव से पहले वोटरों की सुविधा के मद्देनजर ‘वोटर हेल्पलाइन’ मोबाइल एप्लीकेशन लांच किया है। इसे प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस एप के जरिये मतदाता एक ही स्थान से निर्वाचन आयोग की वेबसाइट, स्वीप, एनवीएसपी, मतदाता सर्च एवं एनजीएसपी (शिकायत पोर्टल) का उपयोग कर सकते हैं।

वोटर सर्च का विकल्प
आयोग ने अपनी वेबसाइट पर मतदाताओं की सुविधा के लिए वोटर सर्च का विकल्प भी उपलब्ध करा दिया है। इसके माध्यम से मतदाता अपनी डिटेल्स सर्च कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव के पूर्व आयोग दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष एप्लीकेशन भी लांच करने जा रहा है। इसमें दिव्यांग मतदाता मूलभूत सुविधाएं जैसे दिव्यांग रजिस्ट्रेशन, व्हीलचेयर के आवेदन समेत मतदाता सूची में स्थानांतरण जैसे आवेदन कर सकेंगे।

मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम जारी
आयोग के अधिकारी के अनुसार, प्रदेशों में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम जारी है जो 25 जनवरी तक चलेगा। बूथ स्तर पर मतदाता सूची पुनरीक्षण, बूथ लेवल अफसरों (बीएलओ) द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा चुनाव आयोग की वेबसाइट के जरिये भी मतदाता अपना नाम मतदाता सूची में शामिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। मतदाता इस वेबसाइट पर अपना नाम देख सकते हैं। वे मतदाता सूची में अपनी भाग संख्या और सरल क्रमांक भी जान सकते हैं। आयोग के मुताबिक, ऑनलाइन माध्यम अधिक आसान, विश्वसनीय तथा त्रुटिरहित है। मतदाता को कहीं बाहर जाने की भी आवश्यकता नहीं है। मतदाता इसमें नाम जुड़वाने के साथ ही विधानसभा क्षेत्र में बदलाव, एक ही विधानसभा क्षेत्र में बूथ के बदलाव तथा मतदाता सूची में दी गई जानकारी में सुधार का भी आवेदन कर सकते हैं।वेबसाइट में नाम जुड़वाने तथा विधानसभा क्षेत्र में स्थानांतरण के लिए फार्म नंबर-6, नाम हटवाने के लिए फार्म नंबर-7, मतदाता सूची में किसी अन्य सुधार के लिए फार्म नंबर-8 तथा एक ही विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्र बदले जाने के लिए फार्म नंबर-8 भरा जा सकेगा।

 

अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़

6.संयुक्‍त राष्‍ट्र की बहुपक्षी प्रणाली में अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारत को मिली शुभकामनाएं:-

संयुक्‍त राष्‍ट्र की बहुपक्षी प्रणाली में अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारत को शुभकामनाएं देते हुए संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा अध्‍यक्ष मारिया फर्नांडा एस्पिनोज़ा ने कहा है कि जलवायु कार्य योजना और गरीबी उन्‍मूलन जैसे क्षेत्रों में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है। एक समाचार एजेंसी के साथ इंटरव्‍यू में सुश्री एस्पिनोज़ा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की विशाल जनसंख्‍या को ध्‍यान में रखते हुए जलवायु परिवर्तन और गरीबी उन्‍मूलन जैसे मुद्दों पर उसके द्वारा उठाये गये कदम बड़ी अहमियत रखते हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि आतंकवाद से निपटने में भी भारत की महत्‍वपूर्ण भूमिका है। सुश्री एस्पिनोज़ा ने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 73वें सत्र की अध्‍यक्ष की हैसियत से भारत के साथ मिलकर कार्य करने की इच्‍छा भी व्‍य‍क्‍त की है।

 

खेल न्यूज़

7.किसान की बेटी अक्षता को भारोत्तोलन में स्वर्ण:-कर्नाटक की अक्षता कमाती ने यहां खेलो इंडिया युवा खेलों में भारोत्तोलन 71 किलो अंडर 21 आयुवर्ग में स्वर्ण पदक जीता।एक किसान की बेटी कमाती ने स्नैच में 73 किलो वजन उठाया और दो बार 76 किलो उठाने में नाकाम रही । उसकी प्रतिद्वंद्वी लावण्या राय (79) और अरूणाचल प्रदेश की पी एच रोशनी ने 77 किलो वजन उठाकर बढत बना ली।इसके बाद क्लीन एंड जर्क में कमाती ने 100 किलो और 103 किलो वजन उठाया लेकिन अगले दो प्रयास में 107 किलो नहीं उठा सकी।कमाती ने कुल 176 किलो वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता जबकि राय 174 किलो वजन उठाकर दूसरे और रोशनी तीसरे स्थान पर रही।

8.हैदराबाद में पहली एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालय खेल स्‍पर्धा 2019 का शुभारंभ हुआ:-हैदराबाद में पहली एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालय खेल स्‍पर्धा 2019 का शुभारंभ हुआ। राष्‍ट्रीय स्‍तर की इस स्‍पर्धा के आयोजन अवसर पर जनजातीय कल्‍याण राज्‍य मंत्री जे.एस. भाभोर ने कहा कि केन्‍द्र सरकार 2022 तक चार सौ से अधिक एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालय स्‍थापित करने की योजना बना रही है। सरकार नवोदय विद्यालयों के समान ही एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालय विकसित करने के लिए आवश्‍यक उपाय कर रही है। इन स्‍कूलों में जनजातीय छात्रों के समग्र विकास पर ध्‍यान दिया जायेगा।देश में पहली बार आयोजित इन खेल स्‍पर्धाओं में देशभर से आए छात्र भाग ले रहे हैं।

9.हैदराबाद में पहला ईएमआरएस राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता, 2019 शुरू :-जनजातीय कार्य राज्‍य मंत्री श्री जसवंत सिंह सुमनभाई भाभोर ने हैदराबाद के जीएमसी बालयोगी स्‍टेडियम,गाचीबावली में ‘प्रथम एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के स्पोसर्ट्स मीट – 2019’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर तेलंगाना सरकार के जनजातीय कल्‍याण सचिव बेनहर दत्‍त एक्‍का, तेलंगाना सरकार के जनजातीय कल्याण आयुक्त डॉ क्रिस्टिना जेड चोंगथु, तेलंगाना जनजातीय कल्याण आवासीय शिक्षा संस्थान, हैदराबाद के सचिव डॉ. आर.एस. प्रवीण कुमार आईपीएस,  तेलंगाना के खेल प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ए वेंकेटेश्वर रेड्डी तथा भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।अपने उद्घाटन भाषण में श्री भाभोर ने जनजातीय आबादी का उत्थान सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार तथा जनजातीय मंत्रालय के संकल्प को व्यक्त किया। यह संकल्प मंत्रालय को आवंटित किये गये धन और केन्द्रीय मंत्रालयों के लिए (अनुसूचित जनजाति घटक पूर्ववर्ती जनजातीय उपयोजना) में व्यक्त होता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2022 तक 462 एकलव्‍य आदर्श विद्यालयों की स्‍थापना करने का निर्णय लिया है। आदर्श आवासीय विद्यालय 50 प्रतिशत और उससे अधिक तथा 20,000 या उससे अधिक व्यक्तियों वाले प्रत्येक ब्लॉक में 2022 तक स्थापित किये जाएंगे।

उद्घाटन समारोह में सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने मार्च पास्ट किया और इसके बाद तेलंगाना के विभिन्न जनजातीय कल्याण आवासीय विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। श्री भाभोर ने इस अवसर पर ‘ईएमआरएस स्पोटर्समीट’ ऐप्प भी लांच किया। इस खेल प्रतियोगिता में देश के 20 राज्यों के 1777 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं इनमें 975 लड़के और 802 लड़कियां हैं। 16 जनवरी, 2019 तक चलने वाली इस खेल प्रतियोगिता में हॉकी, कुश्ती, फुटबॉल, तीरंदाजी, वालीबॉल, कबड्डी, हैंडबॉल, खो-खो तथा एथलेटिक्स सहित 13 विभिन्न वर्गो में स्पर्धा होगी।.इस खेल आयोजन का समापन केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुयाल ओराम द्वारा 16 जनवरी को किया जाएगा। इस अवसर पर जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री सुर्दशन भगत तथा जनजातीय कार्य सचिव श्री दीपक खांडेकर भी उपस्थित होंगे।एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की एक अग्रणी योजना है जो 1997-1998 में जनजातीय विद्यार्थियों के लिए दूरदराज के जनजातीय क्षेत्रों में गुणवत्ता संपन्न शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू की गयी थी।

 

बाजार न्यूज़

10.चीन की अंतरिक्ष एजेंसी ने चांद पर उगाना शुरू किया कपास, ऐसे उगाए जा रहे पौधे:-चंद्रमा के अनदेखे हिस्से में उतरने वाले चीन के चांग ई 4 अंतरिक्ष यान ने सफलतापूर्वक वहां पर पौधे उगाने शुरू कर दिए हैं। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी (सीएनएसए) द्वारा मंगलवार को जारी की गई तस्वीर में कपास के बीज को अंकुरित होते हुए देखा जा सकता है। यह पहली बार हुआ कि चंद्रमा की सतह पर जैविक सामग्री की खेती की गई है। चांग ई -4 मिशन के अन्य जैविक पदार्थों में कपास, तिलहन, आलू, अरेबिडोप्सिस, खमीर और फल शामिल हैं। चीनी अंतरिक्ष एजेंसी का दावा है कि अगले 100 दिनों में और अधिक पौधे उगने की उम्मीद है। इन पौधों पर अध्ययन यान पर विशेष रूप से डिजायन किए गए बायोस्फीयर में किया जा रहा है।

अंतरिक्ष में नई नहीं खेती
इससे पहले अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) पर पौधों की खेती कर चुके हैं। चीन के तियांगोंग -2 स्पेस लैब पर चावल और अरेबिडोप्सिस भी उगाए गए थे।

अभियान
सात दिसंबर, 2018 को चीन ने अपने पहले जैविक अनुसंधान मिशन के तहत चांग ई-4 लूनर अंतरिक्ष यान को लांच किया था। चार जनवरी, 2019 को इस यान ने 4 जनवरी को चांद के अनदेखे हिस्स में सफलतापूर्वक उतरकर एक वैश्विक सफलता हासिल की थी।

बड़ी सफलता
वैज्ञानिकों ने कहा है कि चंद्रमा पर कठोर परिस्थितियों में प्रयोग करने के बाद मानव जाति ने पहले पौधे को अंकुरित किया है, जो मनुष्य के पहले चंद्रमा पर जैविक विकास प्रयोग को साकार करता है। अंतरिक्ष में मौजूद यान से धरती पर भेजी गई तस्वीर को देखने से पता चलता है कि कपास का बीज अच्छी तरह से अंकुरित हुआ है। शेष सभी पौधों के बीज जैसे के तैसे हैं।

ऐसे उगाए जा रहे पौधे
सभी पौधे के बीजों को गोलाकार टिन के कंटेनर में रखा गया है। तीन किलो वजनी और सात इंच लंबे इस कंटेनर को दक्षिण-पश्चिम चीन के चोंगकिंग विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने डिजायन किया है। यह इंसुलेट परतों और एक मिनी एयर कंडीशनिंग सिस्टम से सुसज्जित है। 0.8 लीटर वाले इस कंटेनर को एक विशेष रूप से विकसित एल्यूमीनियम मिश्रित धातु से बनाया गया है।

बीजों के साथ-साथ इसमें पानी, मिट्टी, एक पोषक तत्व समाधान, हवा, एक छोटा कैमरा और डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम जैसे उपकरण शामिल हैं। पौधों के बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सूर्य की किरणों के लिए इसमें एक ट्यूब लगाया गया है। जिसके जरिये सूर्य की किरणें इसकेअंदर प्रवेश कर सकेंगी।