1. पिनाराई विजयन ने केरल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
केरल में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के नेतृत्व में नये मंत्रिमंडल ने शपथ ग्रहण की और पदभार संभाला। सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट एलडीएफ ने लगातार दूसरी बार राज्य की सत्ता संभाली है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने तिरूवनंतपुरम के सेंट्रल स्टेडियम में 21 सदस्यों वाले मंत्रिमंडल को पद और गोपनियता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने सबसे पहले शपथ ली। इसके बाद अन्य मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की।
2. भारतीय ब्रिटिश बालासुब्रमण्यन मिलेनियम टेक प्राइज से सम्मानित, डीएनए का अध्ययन होगा आसान
कैंब्रिज विश्वविद्यालय के भारतीय मूल के ब्रिटिश रसायनशास्त्री शंकर बालासुब्रमण्यन और उनके साथी डेविड क्लेनरमैन को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित पुरस्कार 2020 मिलेनियम टेक्नोलाजी प्राइज से सम्मानित करने का एलान किया गया। उन्हें डीएनए का अध्ययन त्वरित, सटीक और किफायती बनाने में मदद करने वाली क्रांतिकारी अनुक्रमण तकनीक विकसित करने के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया गया है। टेक्नोलाजी अकेडमी फिनलैंड प्रत्येक दो साल के अंतराल पर 2004 से यह पुरस्कार देती आ रही है। वर्ष 2004 में सर टिम बर्नर्स-ली को वर्ल्ड वाइड वेब की खोज के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। भारत में जन्मे औषधीय रसायन शास्त्र के प्रोफेसर बालासुब्रमण्यन और ब्रिटिश जैव भौतिकी रसायन शास्त्री क्लेनरमैन ने मिलकर सोलेक्सा-इलुमिना नेक्स्ट जेनरेशन डीएनए सीक्वेंसिंग (एनजीएस) की खोज की। इसकी मदद से किसी जीव के संपूर्ण डीएनए अनुक्रमण का पता लगाने की प्रक्रिया त्वरित, सटीक और किफायती बनाने में मदद मिली। यह तकनीक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मानवता के लिए अहम साबित हो रही है। बालासुब्रहमण्यम का जन्म भारत के तामिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई में साल 1966 में हुआ था। लेकिन, जब शंकर बालासुब्रहमण्यम सिर्फ 2 साल के थे, तभी उनके माता-पिता चेन्नई से ब्रिटेन शिफ्ट हो गये थे।
3. भारतीय नौसेना ने मौजूदा ऑक्सीजन संकट को कम करने के लिए ओआरएस तैयार की
भारतीय नौसेना ने मौजूदा ऑक्सीजन संकट को कम करने के लिए ऑक्सीजन पुनर्चक्र प्रणाली यानी ओआरएस तैयार की है। नौसेना के दक्षिणी कमान के डाइविंग स्कूल ने मौजूदा ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए इस तरह की प्रणाली संबंधी अवधारणा और डिजाइन को तैयार किया है। यह मौजूदा मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडरों के क्षमता को दो से चार गुना बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। इस तथ्य का इस्तेमाल करते हुए यह जानकारी सामने आई है कि एक रोगी द्वारा नाक से ली गई ऑक्सीजन का केवल एक छोटा सा प्रतिशत फेफड़ों द्वारा खीचा जाता है और बाकी को कार्बन-डाइऑक्साइड के साथ बाहर निकाला जाता है। रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, नैदानिक परीक्षणों के लिए इस प्रणाली को आगे बढ़ाया जा रहा है, जिसके तेजी से पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद देश में बड़े पैमाने पर उत्पादन स्वतंत्र रूप से शुरू हो जायेगा। इसमें कहा गया है कि ओआरएस में इस्तेमाल होने वाले सभी घटक स्वदेशी हैं और देश में अच्छे खासे मौजूद हैं। ओआरएस प्रोटोटाइप की कुल लागत 10 हजार रुपये रखी गई है, जबकि ऑक्सीजन के पुनर्चक्र के कारण रोजाना 3 हजार रुपये की बचत सोची गई है।
4. भारत की यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में 6 स्थान जोड़े गये
केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने हाल ही में घोषणा की कि 6 सांस्कृतिक विरासत स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों (UNESCO World Heritage Sites) में जोड़ा गया है। निम्नलिखित छह स्थानों ने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में प्रवेश किया है-
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वाराणसी के गंगा घाट(उत्तर प्रदेश)
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तमिलनाडु में कांचीपुरम के मंदिर
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मध्य प्रदेश में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
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महाराष्ट्र सैन्य वास्तुकला
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हीरे बेंकल मेगालिथिक साइट( कर्नाटक)
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मध्य प्रदेश में नर्मदा घाटी के भेड़ाघाट लमेताघाट