फिल्म पद्मावत को लेकर राजपूतों में उबाल, मनाने में जुटी सरकार

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  1. ताजा खबरः फिल्म पद्मावत को लेकर राजपूतों में उबाल, मनाने में जुटी सरकार :- फिल्म पद्मावत को लेकर राजस्थान में बवाल मचा हुआ है। राज्य सरकार जहां राजपूत समाज को शांत करने में जुटी है, वहीं राजपूत समाज की महिलाओं ने रविवार को हाथों में तलवारें लेकर चित्तौड़गढ़ में रैली निकाली। उन्होंने 24 जनवरी को चित्तौड़गढ़ दुर्ग के उसी स्थान पर जौहर करने की फिर से चेतावनी दी है, जहां रानी पद्मनी ने 16 हजार रानियों और दासियों के साथ जौहर किया था। करणी सेना का कहना है कि जौहर के लिए अब तक दो हजार महिलाओं का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।
  2. राजनाथ की पाकिस्तान को चेतावनी- वक्त आने पर दुश्मन को घर में घुसकर मार सकते हैं :- केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि वक्त आने पर भारतीय सेना सीमा पार कर दुश्मन को उसके घर में घुसकर भी मार सकती है। ‘भारत की छवि अब दुनिया में एक मजबूत देश के रूप में बन चुकी है। हम अपने पड़ोसी (पाकिस्तान) के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं लेकिन वे अपने हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। हमने विश्व को एक मजबूत संदेश दिया है कि भारत सीमा के इस पार ही नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर सीमा पार घुसकर भी दुश्मन का खात्मा कर सकता है।’ राजनाथ सिंह रविवार को लखनऊ में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, ‘हम देश यकीन दिलाना चाहते हैं कि हमारी सरकार हिंदुस्तान का सिर नहीं झुकने देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में देश की अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है और अब अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ भी इसे स्वीकार करते हैं।’

 

  1. बसंत पंचमी पर देवी सरस्‍वती प्रतिमा स्‍थापित कर करें पूजन और अगले दिन करें विसर्जन :- इस बसंत पंचमी पर विद्या और ज्ञान के दान हेतु माता सरस्‍वती की मूर्ति स्‍थापित करके आराधना करें और फिर अगले दिन इस प्रतिमा का विर्सजन कर दें।जिस ज्ञान और वाणी के बिना संसार की कल्पना करना भी असंभव है, और माता सरस्वती उसी की देवी हैं। अत: मनुष्य ही नहीं, देवता और असुर भी उनकी भक्ति भाव से पूजा करते हैं। बसंत पंचमी इसी देवी सरस्वती पूजा का दिन है। इस दिन अपने-अपने घरों में माता की प्रतिमा स्‍थापित करके उनकी पूजा करनी चाहिए। कई पूजा समितियों द्वारा भी बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का भव्य आयोजन किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले सरस्वती जी की प्रतिमा अथवा तस्वीर को सामने रखें। इसके बाद कलश स्थापित करके गणेश जी तथा नवग्रह की विधिवत् पूजा करें, फिर सरस्वती जी की पूजा करें।
  2. हर मतदाता को चुनाव प्रक्रिया से जोड़ना हमारी पहली प्राथमिकता: ओपी रावत :-नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने खास बातचीत में कहा कि भारत जैसे विशाल देश में हर मतदाता को चुनाव प्रक्रिया से जोड़ना और मतदान में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना हमारी पहली प्राथमिकता है। निर्वाचन आयोग ने अपना ध्येय वाक्य ही रखा है- कोई मतदाता छूट न जाए। स्कूल, कॉलेज, आंगनवाड़ी, सामाजिक संस्थाएं सहित जहां से भी हम मतदाताओं को जोड़ सकते हैं, जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कब तक 100 फीसद मतदाता सूची में जुड़ जाएंगे, यह कहना संभव नहीं है, क्योंकि हर साल 18 साल के होने वाले महिला-पुरुष को जोड़ने की प्रक्रिया सतत चलती रहेगी। नई व्यवस्था के तहत मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, पता बदलवाने सहित कई ऑनलाइन सेवाएं शुरू की हैं।
  3. मोबाइल टावरों में सौर ऊर्जा के प्रयोग से रोशन हो सकते हैं हजारों गांव :देश के लाखों मोबाइल टावरों को सौर ऊर्जा से संचालित कर न केवल पर्यावरण को सुधारा जा सकता है, बल्कि ऊर्जा खर्च में भारी कमी के साथ-साथ हजारों गांवों को बिजली पहंुचाई जा सकती है। देश में इस समय 7.36 लाख से ज्यादा मोबाइल अथवा टेलीकॉम टावर हैं। इनमें 6.86 लाख टावर बिजली अथवा डीजल से चलते हैं। इनमें से केवल 50 हजार टावर स्वच्छ ऊर्जा से चलते हैं। लेकिन इन हरित टावरों में भी मात्र 2500 टावरों में ही सौर ऊर्जा का प्रयोग हो रहा है। बाकी में अन्य स्वच्छ ईधनों का प्रयोग होता है। सौर ऊर्जा चालित ज्यादातर टावर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हैं।

 

  1. छेड़खानी, यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म में सिर्फ पुरुष ही दोषी क्यों :-कानून में विशेषकर आईपीसी में पुरुषों के साथ भेदभाव की बात फिर उठी है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें छेड़खानी, यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म जैसे अपराध में सिर्फ पुरुष को दोषी माने जाने पर सवाल उठाये गए हैं। वकील ऋषि मल्होत्रा की ओर से दाखिल जनहित याचिका मे आईपीसी की धारा 354 (छेड़खानी), 354ए, बी, सी, डी (यौन उत्पीड़न) और धारा 375 (दुष्कर्म) को पुरुषों के साथ भेदभाव वाला बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 19 मार्च को सुनवाई कर सकता है। मल्होत्रा ने याचिका में संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 में दिये गए बराबरी के अधिकार को आधार बनाते हुए आइपीसी की उपरोक्त धाराओं की वैधानिकता को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि संविधान का अनुच्छेद 14 और 15 धर्म, जाति, वर्ण, लिंग और निवास स्थान के आधार पर भेदभाव की मनाही करता है लेकिन आईपीसी की धारा 354, 354ए, बी, सी, डी और धारा 375(दुष्कर्म) के प्रावधानों में पुरुष को अपराधी माना गया है और महिला को पीडि़ता। मल्होत्रा का कहना है कि अपराध और कानून को लिंग के आधार पर नहीं बांटा जा सकता। क्योंकि महिला भी उन्हीं आधारों और कारणों से अपराध कर सकती है जिन कारणों से पुरुष करते हैं। ऐसे में जो भी अपराध करे उसे कानून के मुताबिक दंड मिलना चाहिए।
  2. यह गांव है नारी सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल, जानें :- महिलाओं का सम्मान किए बगैर कोई कौम तरक्की नहीं कर सकती। महिलाओं को सम्मान और बराबरी का हक देने के लिए बठिंडा जिले के गांव हिम्मतपुरा की पंचायत ने एक नए दौर की शुरुआत की है। गांव की महिला सरपंच ने सफलता की यह कहानी बिना सरकारी मदद के लोगों के साथ मिलकर लिखनी शुरू की है। महिलाओं के आत्मसम्मान को कोई ठेस न पहुंचाए इसलिए नए नियम बनाए गए हैं। गांव में किसी महिला को अपशब्द कहने पर 500 रुपये लगाया जाएगा। कानूनन किसी महिला को अपशब्द कहने पर धारा 509 के तहत एक साल की सजा व जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन इस गांव से अभी तक ऐसा कोई भी मामला पुलिस थाने तक नहीं पहुंचा है।
  3. खत्‍म हुआ इंतजार, दहेज व बाल विवाह मिटाने को हाथ थाम गरजा बिहार :- बिहार के करोड़ों लोगों ने रविवार को एक दूसरे का हाथ पकड़कर दहेज और बाल विवाह उन्मूलन का संकल्प लिया। साल भर पहले आज ही के दिन प्रदेश के तीन करोड़ से अधिक लोगों ने नशे के खिलाफ सामूहिक संघर्ष के लिए मानव श्रृंखला बनाई थी। इस बार दहेज और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ पूरा प्रदेश और प्रतिबद्ध दिखा। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने राज्य भर से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर दावा किया कि रविवार को साढ़े चार करोड़ से ज्यादा लोगों ने 14.19 हजार किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाकर इस सामाजिक बदलाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
  4. ले लिया बदला, ऑस्ट्रेलिया को उनकी ही धरती पर शर्मशार कर दिया इंग्लैंड ने :- एशेज टेस्ट सीरीज की हार का बदला इंग्लैंड की टीम वनडे सीरीज में ऐसे लेगी इसकी कल्पना कंगारू टीम ने तो शायद ही की होगी। ऑस्ट्रेलियाई वनडे क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब उसे अपनी ही धरती पर किसी वनडे सीरीज के पहले तीन मुकाबलों में हार मिली और सीरीज गवांनी पड़ी। इंग्लैंड का ये करारा जवाब कंगारू टीम शायद ही कभी भूल पाएगी। इंग्लैंड को एशेज टेस्ट सीरीज में 4-0 से हराने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम का मनोबल सातवें आसमान पर था और उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद थी कि वनडे सीरीज भी उन्हीं के नाम पर होने वाली है लेकिन इंग्लैंड ने जैसी वापसी की वो हैरान कर देने वाली रही।
  5. बजट 2018: जेटली के चौथे आम बजट में इन सेक्टर्स को हैं बड़ी उम्मीदें:-
    आम बजट 2018, 1 फरवरी को पेश किया जाना है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने चौथे और आखिरी पूर्णकालिक बजट में देश के बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। साल 2019 के आम चुनावों को देखते हुए यह बजट मोदी सरकार का सबसे अहम बजट माना जा रहा है। बीते साल ही संकेत मिल गए थे कि इस साल के आम बजट में सरकार का ध्यान बुनियादी सुविधाओं के विकास पर हो सकता है।