राष्टीय न्यूज़
1.बेहद खास होगा पीएम मोदी का पंजाब दौरा, 55 फीट का रोबोट करेगा पीएम का स्वागत:-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पंजाब दौरा बेहद खास होगा। प्रधानमंत्री का दौरा आम लोगों के साथ किसान और विज्ञान का समन्वय होगा। प्रधानमंत्री गुरदासपुर में धन्यवाद रैली को संबोधित करेंगे। इसके बाद वह जालंधर के फगवाड़ा स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) में 106वीं पांच दिवसीय राष्ट्रीय साइंस कांग्रेस का उद्घाटन करेंगे। एलपीयू उनका बेहद खास अंदाज में स्वागत होगा। एलपीयू के गेट पर यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों द्वारा तैयार किया गया 55 फीट का रोबोट रोबोवर्टो उनकी आगवानी करेगा।साइंस कांग्रेस में पहुंचने पर सबसे पहले रोबोट रोबोवर्टो प्रधानमंत्री का स्वागत करेगा। 26 टन वजन के इस रोबोट को यूनिवर्सिटी के 50 विद्यार्थियों ने तैयार किया है। 18 फीट के पैर व 20 फीट के धड़ वाला रोबोट पीएम से बातें करेगा और उन्हें मौसम व खबरों की जानकारी देगा। दो महीने की मेहनत से इस रोबोट को तैयार करवाने वाले मनदीप अपनी टीम के साथ काफी उत्साहित हैं। साइंस कांग्रेस को संबोधित करने के बाद मोदी एलपीयू के विद्यार्थियों द्वारा तैयार पहली ड्राइवरलेस सोलर बस से साइंस प्रदर्शनी तक सफर करेंगे। प्रदर्शनी में डीआरडीओ द्वारा नवीन तकनीक से विकसित किए गए रक्षा उपकरणों को रखा गया है।पंजाब में पहली बार आयोजित हो रही साइंस कांग्रेस को लेकर यूनिवर्सिटी में उत्साह का माहौल है। युवा विद्यार्थियों के अलावा साइंस कांग्रेस में भाग लेने के लिए देश-विदेश से 15 हजार वैज्ञानिक व रिसर्च के क्षेत्र के जुड़े लोग शिरकत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी व हर्षवर्धन भी रहेंगे। यह विज्ञान कांग्रेस 3 से 7 जनवरी तक चलेगी। साइंस कांग्रेस में प्रधानमंत्री नोबल पुरस्कार विजेताओं से बातचीत भी करेंगे। फिजियोलॉजी तथा मेडिसिन के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार विजेता प्रो. थॉमस सुडोफ, केमिस्ट्री में नोबल पुरस्कार विजेता प्रो. अवराम हशर्को तथा फिजिक्स के क्षेत्र में 2016 में नोबल पुरस्कार विजेता डंकन माइकल हाल्डेन भी साइंस कांग्रेस में शिरकत करेंगे। साइंस कांग्रेस का उद्घाटन करने के बाद पीएम युवाओं व वैज्ञानिकों को संबोधित करेंगे। प्रदर्शनी में ब्रह्मोस मिसाइल के मॉडल को भी प्रदर्शित कर दिया गया। इसके अलावा एके-47 से लेकर दुनियाभर की किसी भी प्रकार के हथियार से निकलने वाली गोली को जवानों तक पहुंचने से रोकने वाले बुलेटप्रूफ जैकेट्स, बुलेटप्रूफ हेलमेट, एनबीसी ओवर बूट्स तथा आग के अंदर जाने के लिए पहने जाने वाले अत्याधुनिक फायर सूट प्रदर्शनी के आकर्षण का केंद्र होंगे।
देर रात तक डीआरडीओ व उसकी विभिन्न विंगों के वैज्ञानिक रक्षा उपकरणों के मॉडल्स को प्रदर्शनी के स्टाल्स पर प्रदर्शित करने में जुटे रहे। सभी की कोशिश थी कि दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने वाले शक्तिशाली भारत की सेना की शक्ति को एक बार पीएम नरेंद्र मोदी सहित साइंस कांग्रेस में आने वाले सैकड़ों वैज्ञानिक व लोग भी देखें।
2.बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाता, शहीदों के सम्मान में तैयार हुआ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक:-
एक लंबे इंतजार के बाद आखिरकार शहीदों के लिए प्रस्तावित नेशनल वॉर मेमोरियल अब राजधानी दिल्ली में बनकर तैयार हो गया है। 176 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन प्रधानमंत्री 25 जनवरी को कर सकते है। लंबे वक्त से राजनीतिक और प्रशासकीय उदासीनता का शिकार होते आए वॉर मेमोरियल को 60 साल पहले ही प्रस्तावित किया गया था। वॉर मेमोरियल का उद्घाटन पिछले साल 15 अगस्त 2018 को ही होना था, पर समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण इसको टाल दिया गया था।
शहीदों के सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है नेशनल वॉर मेमोरियल
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक आजादी के बाद से विभिन्न युद्धों में शहीद होने वाले 22600 से अधिक सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है। केंद्र की सरकार ने अक्टूबर 2015 में इसके लिए ये धनराशि स्वीकृत की थी। वॉर मेमोरियल सैन्य बलों की लंबे अर्से से लंबित भावुक मांग को पूरा करेगा, जिसमें उन्होंने सालों तक इसे दिल्ली से बाहर कहीं शिफ्ट किए जाने का विरोध किया।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार दुनिया के प्रमुख देशों में भारत शायद एक मात्र ऐसा देश था जिसके पास वॉर मेमोरियल नहीं था। इससे पहले प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए 84000 भारतीय जवानों की याद में अंग्रेजों शासकों ने इंडिया गेट बनवाया थ। बाद में 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3843 सैनिकों के सम्मान में अमर जवान ज्योति बनाई गई थी।
अधिकारियों का कहना है कि नेशनल वॉर मेमोरियल को ऐसे तैयार किया गया है ताकि राजपथ और इसकी भव्य संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ न हो। इससे लगे प्रस्तावित नैशनल वॉर म्यूजियम के लिए एक उपयुक्त डिजाइन तय किए जाने की प्रक्रिया में है। अधिकारी ने बताया कि इसकी शुरुआती लागत करीब 350 करोड़ रुपये है और इसे तैयार होने में कुछ साल लगेंगे।
इस राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अमर चक्र, वीर चक्र, त्याग चक्र और रक्षा चक्र के साथ शाश्वत लौ भी जलता रहेगी, जो दर्शाता है कि सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाता है। केंद्रित गोलाकार डिजाइन में बनाया गया यह स्मारक लगभग 40 एकड़ में फैला है और इसके केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बनाया गया है।
3.उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 6 करोड़वें लाभार्थी को गैस कनेक्शन दिया:-
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 6 करोड़वें लाभार्थी को गैस कनेक्शन दिया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने खाना पकाने के लिए रसोई गैस के इस्तेमाल के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना, दुनिया में गरीबी उन्मूलन का सबसे बड़ा कार्यक्रम है।उपराष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि दिसंबर तक एक करोड़ तीन लाख लोगों ने रसोई गैस सब्सिडी छोड़ दी थी, जिसने बेहद गरीब वर्ग तक उज्ज्वला योजना का विस्तार करने में मदद की। उप राष्ट्रपति ने इस अवसर पर उज्ज्वला योजना पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया।
4.मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय को स्वीकृति दी:-
देश का पहला तीन बैंकों का विलय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक तथा देना बैंक के विलय के लिए विलय योजना को अपनी मंजूरी दे दी है। बैंक ऑफ बड़ौदाहस्तांतरिती बैंक होगा और विजया बैंक तथा देना बैंक हस्तांतरणकर्ता बैंक होंगे।भारत में पहली बार यह त्रिपक्षीय विलय होगा। विलय के बाद यह बैंक भारत का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक होगा।विलय से बैंक को मजबूत वैश्विक स्पर्धी बैंक बनने में मदद मिलेगी। आकार और आपसी समन्वय की दृष्टि से बैंक को एक-दूसरे के नेटवर्कों, कम लागत की जमा और तीनों बैंकों की सहायक संस्थाओं की शक्तियों का लाभ मिलेगा और इसका उपभोक्ता आधार, बाजार पहुंच, संचालन क्षमता, उत्पाद और सेवा आधार में बढ़ोतरी होगी।
विलय योजना के प्रमुख बिन्दु :-
- विजया बैंक और देना बैंक हस्तांतरणकर्ता बैंक हैं और बैंक ऑफ बड़ौदा हस्तांतरिती बैंक है।
- योजना04.2019 से प्रभावी होगी।
- योजना प्रारंभ होने पर हस्तांतरणकर्ता बैंकों के सभी व्यवसाय हस्तांतरिती बैंक को हस्तांतरित कर दिये जाएंगे और हस्तांतरिती बैंक के पास सभी व्यवसाय परिसम्पत्तियां, अधिकार, स्वामित्व, दावे, लाइसेंस, स्वीकृतियां, अन्य विशेषाधिकार और सभी सम्पत्ति, सभी उधारी, देनदारियां और दायित्व होंगे।
- हस्तांतरणकर्ता बैंक के सभी स्थायी और नियमित अधिकारी या कर्मचारी हस्तांतरिती बैंक में अधिकारी और कर्मचारी होंगे। हस्तांतरिती बैंक में उनकी सेवा में दिये जाने वाले वेतन और भत्ते हस्तांतरणकर्ता बैंकों के अपने-अपने वेतन और भत्ते से कम आकर्षक नहीं होंगे।
- हस्तांतरिती बैंक का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि हस्तांतरित होने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के हित सुरक्षित है।
- हस्तांतरिती बैंक हस्तांतरणकर्ता बैंक के शेयर धारकों को शेयर अदला-बदली अनुपात के अनुसार शेयर जारी करेगा। हस्तांतरिती बैंक तथा हस्तांतरणकर्ता बैंकों के शेयर धारक शेयर अदला-बदली अनुपात के संबंध में यदि कोई शिकायत है, तो उसे विशेषज्ञ समिति के माध्यम से उठाने में सक्षम होंगे।
विलय के बाद बैंक की शक्तियां :-
- विलय के बाद बैंक बढ़ती अर्थव्यवस्था की ऋण जरूरतों को पूरा करने, आघात सहन करने और संसाधन बढ़ाने की क्षमता को पूरा करने में बेहतर तरीके से लैस होगा। बैंक का व्यवसाय आकार बढ़ेगा और व्यापकता, मुनाफा, व्यापक उत्पाद पेशकश, टेक्नोलॉजी अपनाने और श्रेष्ठ व्यवहारों की दृष्टि से सुधार होगा और व्यापक पहुंच के माध्यम से लागत क्षमता, सुधरा हुआ जोखिम प्रबंधन और वित्तीय समावेश होगा।
- विलय से वैश्विक बैंकों की तुलना में बड़े आकार का बैंक बनेगा, जो भारत और विश्व में क्षमता के साथ स्पर्धा में सक्षम होगा।
- प्रत्येक बैंक की स्थिति –कम लागत सीएएसए जमा में देना बैंक की ऊंची पहुंच, विजिया बैंक का मुनाफा और पूंजी उपलब्धता तथा बैंक ऑफ बड़ौदा की व्यापकता, वैश्विक नेटवर्क और पेशकश से बाजार पहुंच, संचालन क्षमता और व्यापक उत्पाद और सेवा देने के संदर्भ में लाभ होगा।
- बैंकों के विलय के बाद प्रतिभा का व्यापक पूल प्राप्त होगा और बड़ा डाटाबेस मिलेगा, जिसका लाभ तेजी से डिजिकृत हो रही बैंकिंग प्रणाली में स्पर्धी लाभ लेने के लिए उठाया जा सकता है। व्यापक पहुंच के कारण लाभ में प्रवाह आएगा। वितरण नेटवर्क बढ़ेगा और सहायक संस्थाओं के साथ उत्पाद और सेवाओं के लिए वितरण लागत में कमी आएगी।
- जन साधारण की पहुंच मजबूत नेटवर्क के माध्यम से व्यापक बैंकिंग सेवाओं तक होगी और उन्हें विभिन्न प्रकार के उत्पाद सेवाएं मिलेगी तथा उनके लिए ऋण सहजता होगी।
अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़
5.डोनल्ड ट्रंप ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ संबंधों को मजबूत बनाने वाले कानून पर हस्ताक्षर किया:-
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ बहुमुखी संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्र में अपनी धाक मजबूत करने के लिए सोमवार को एक विधेयक पर हस्ताक्षर किया। साथ ही उन्होंने चीन की गतिविधियों को नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को “कमजोर” करने वाला बताया।
भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, अधिनियम की धारा 204 दोनों देशों के बीच राजनयिक, आर्थिक तथा सुरक्षा संबंधों को मजबूत एवं व्यापक बनाती है।बयान में ट्रंप ने अमेरिका की ताकत और सुरक्षा को बनाए रखने के संबंध में कांग्रेस का उद्देश्य साझा किया, लेकिन बाहरी,सैन्य और विदेशी मामलों में अमेरिका की नीति को निर्धारित करने या अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ कुछ कूटनीतिक पहल करने के लिए कार्यकारी शाखा की आवश्यकता संबंधी कांग्रेस की सिफारिशों को मानने की गारंटी नहीं दी।
अधिनियम 2005 के ‘यूएस-इंडिया डिफेंस रिलेशनशिप’, ‘डिफेंस टेक्नोलॉजी एंड ट्रेड इनिशिएटिव’ (2012) की नई रूपरेखा, हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए 2015 के संयुक्त रणनीतिक दृष्टिकोण और साझेदारी के माध्यम से समृद्धि पर 2017 का संयुक्त वक्तव्य की प्रतिबद्धता को दोहराता है।
खेल न्यूज़
6.इन दो खिलाड़ियों ने रचा इतिहास, भारतीय क्रिकेट में पहली बार हुआ कुछ ऐसा:-
सिडनी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैच के पहले दिन दो भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया। इस मुकाबले में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया। इस मैच में ओपनिंग करने के लिए मयंक अग्रवाल के साथ लोकेश राहुल उतरे। इन दोनों के बल्लेबाज़ी के लिए मैदान पर उतरते ही 1932 से चले आ रहे भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कुछ ऐसा हो गया, जो पहले कभी नहीं हुआ था।
पहले कभी नहीं हुआ था ऐसा
मयंक अग्रवाल और लोकेश राहुल सिडनी टेस्ट मैच में ओपनिंग के लिए उतरे तो 87 साल के भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। मयंक अग्रवाल और लोकेश राहुल ये दोनों ही खिलाड़ी कर्नाटक से घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। सिडनी में जैसे ही ये दोनों पारी की शुरुआत करने उतरे तो ये भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पहला मौका बन गया, जब कर्नाटक से खेलने वाले दो ओपनरों ने टीम इंडिया के लिए पारी का आगाज़ किया।सिडनी टेस्ट मैच में भारत के ओपनिंग बल्लेबाज़ मयंक अग्रवाल ने टेस्ट करियर का अपना दूसरा अर्धशतक जड़ा। मंयक ने इससे पहले मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में भी 76 रन की शानदार पारी खेली थी। मंयक ने इस अर्धशतक को जमाने के लिए 96 गेंदों का सामना किया। इस दौरान उनके बल्ले से छह चौके भी निकले।भले ही राहुल ने मयंक के साथ ओपनिंग पर उतरकर एक रिकॉर्ड बना दिया हो, लेकिन वो अपने बल्ले से इस मुकाबले को खास नहीं बना सके। सिडनी टेस्ट की पहली पारी में लोकेश राहुल मैच के दूसरे ही ओवर में हेजलवुड़ को अपना विकेट दे बैठे। 6 गेंदों में नौ रन बनाकर खेल रहे राहुल शॉन मार्श को स्लिप में कैच दे बैठे। जिस तरह राहुल आउट हुए उसे देखकर ऐसा लगा कि जैसे वो मार्श को कैच प्रैक्टिस करवा रहे हों।राहुल ने इस टेस्ट सीरीज़ के पहले दो मैच भी खेले थे और दोनों ही मैचों में उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी से निराश किया था। मेलबर्न में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में उन्हें नहीं टीम से बाहर रखा गया था। मौजूदा सीरीज के पहले दो टेस्ट मैच में उन्होंने 2, 44, 2, और शून्य रन बनाए थे। सिडनी टेस्ट की पहली पारी में भी राहुल सिर्फ नौ रन बनाकर आउट हो गए।
बाजार न्यूज़
7.सबसे तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था बना रहा भारत:-
पिछले साल कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी और व्यापार युद्ध जैसी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेज विकास वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बनी रही। देश की विकास दर में हालांकि इस दौरान काफी उतार-चढ़ाव भी देखा गया, लेकिन यह सात फीसद से ऊपर बनी रही। जनवरी-मार्च तिमाही में देश की विकास दर 7.7 फीसद रही, उसके बाद अप्रैल-जून तिमाही में विकास दर 8.2 फीसद और जुलाई-सितंबर तिमाही में यह 7.1 फीसद रही। इस बीच ब्याज बढ़ने और नकदी की उपलब्धता घटने के कारण फिच रेटिंग ने चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर के अपने अनुमान को 7.8 फीसद से घटाकर 7.2 फीसद कर दिया।नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार के मुताबिक नए साल में सरकार का ध्यान विकास दर में तेजी लाने के लिए सुधार की गति को तेज करने पर रहेगा। नए साल में भारत की विकास दर 7.8 फीसद रहेगी। इस दौरान निवेश में और तेजी आएगी और निजी निवेश बढ़ेगा। विशेषज्ञों का हालांकि मानना है कि विकास दर में गिरावट को देखते हुए सरकार अगले आम चुनाव से पहले खर्च बढ़ाने को बाध्य हो सकती है और इसके कारण वित्तीय स्थिति दबाव में आ सकती है।तेल कीमत में अचानक बढ़ोतरी (जिसमें अब काफी गिरावट आई है), डॉलर में मजबूती, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की विकास दर में गिरावट और सालभर में ही फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) द्वारा चार बार ब्याज दर बढ़ाने का नकारात्मक असर 2018 में भारत की अर्थव्यवस्था पर रहा।
गत वर्ष बैंकिंग सेक्टर सुर्खियों में रहा। साल के शुरू में सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला सामने आया। 14 फरवरी को पंजाब नेशनल बैंक ने कहा कि उसे 11,400 करोड़ रुपये के एक घोटाले का पता चला है। इस घोटाले में अरबपति ज्वेलर नीरव मोदी की संलिप्तता थी।