भारत की मुख्य योजनाएं जिन्हें विश्व बैंक की सहायता प्राप्त है

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विश्व बैंक अपने सदस्य देशों को विकास परियोजनाएं चलाने के लिए IDA के माध्यम से सस्ती दरों पर लोन मुहैया कराता है. वर्ष 2017 में भारत ने विश्व बैंक से 1776 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया था इस मामले में चीन का नंबर पहला है क्योंकि उसने 2420 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया हुआ है. वर्तमान में विश्व बैंक, भारत के 783 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स में आर्थिक सहायता दे रहा है. इस लेख में द्वारा भारत में विश्व बैंक की सहायता से चलायी जा रही कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में बताया गया है.

  1. कौशल भारत मिशन ऑपरेशन –

स्वीकृति तिथि : 23 जून, 2017

समाप्ति तिथि : 31 मार्च, 2023 को

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 3188.88 मिलियन

विश्व बैंक सहायता: यूएस $ 250 मिलियन

उधारकर्ता: आर्थिक मामलों का विभाग, मंत्रालय

कार्यान्वयन एजेंसी: कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय

  1. स्वच्छ भारत मिशन –

स्वीकृति तिथि : 15 दिसंबर, 2015

समाप्ति तिथि :  31 जनवरी, 2021

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 22000 मिलियन

विश्व बैंक सहायता:  यूएस $ 1500 मिलियन अमरीकी डालर

उधारकर्ता:  भारत सरकार

कार्यान्वयन एजेंसी: पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय

  1. राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन परियोजना –

स्वीकृति तिथि : 31 मई, 2011

समाप्ति तिथि :  31 दिसंबर, 2019

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 1556 मिलियन

विश्व बैंक सहायता:  यूएस $1000 मिलियन अमरीकी डालर

उधारकर्ता:  भारत सरकार

कार्यान्वयन एजेंसी: पर्यावरण और वन मंत्रालय

 

  1. प्रधानमन्त्री ग्रामीण सड़क परियोजना –

स्वीकृति तिथि : 20 दिसंबर, 2010

समाप्ति तिथि :  15 दिसंबर, 2020

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 1500 मिलियन

विश्व बैंक सहायता:  यूएस $ 1500 मिलियन अमरीकी डालर

उधारकर्ता:  भारत सरकार

कार्यान्वयन एजेंसी: राष्ट्रीय ग्रामीण मार्ग विकास एजेंसी

  1. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका परियोजना –

स्वीकृति तिथि : 5 जुलाई, 2011

समाप्ति तिथि :  30 जून, 2023

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 1171 मिलियन

विश्व बैंक सहायता:  यूएस $ 1000 मिलियन अमरीकी डालर

उधारकर्ता:  भारत सरकार

कार्यान्वयन एजेंसी: ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार

  1. समन्वित बाल विकास सेवाएं (ICDS) –

स्वीकृति तिथि : 6 सितंबर, 2012

समाप्ति तिथि :  30 अगस्त, 2022

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 151.50 मिलियन

विश्व बैंक सहायता:  $ 106 मिलियन अमरीकी डालर

उधारकर्ता:  भारत सरकार

कार्यान्वयन एजेंसी: भारत सरकार

  1. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण सहायता परियोजना –

स्वीकृति तिथि : 1 मई, 2013

समाप्ति तिथि :  31 दिसंबर, 2019

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 510 मिलियन

विश्व बैंक सहायता:  यूएस $ 255 मिलियन अमरीकी डालर

उधारकर्ता:  भारत सरकार

कार्यान्वयन एजेंसी: राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन

  1. गरीबों के लिए आवास योजना –

स्वीकृति तिथि : 14 मई, 2013

समाप्ति तिथि :  31 दिसंबर, 2018

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 100 मिलियन

विश्व बैंक सहायता:  यूएस $ 100 मिलियन

उधारकर्ता:  भारत सरकार

कार्यान्वयन एजेंसी: राष्ट्रीय आवास बैंक

  1. MSME विकास नवाचार और समावेशी वित्त परियोजना –

स्वीकृति तिथि : 24 फरवरी, 2015

समाप्ति तिथि :  31 मार्च, 2020

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 550 मिलियन

विश्व बैंक सहायता:  यूएस $ 550 मिलियन

उधारकर्ता:  सिडबी

कार्यान्वयन एजेंसी: सिडबी

  1. राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना –

स्वीकृति तिथि : 15 मार्च, 2017

समाप्ति तिथि :  31 मार्च, 2025

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 350 मिलियन

विश्व बैंक सहायता:  यूएस $ 175 मिलियन अमरीकी डालर

उधारकर्ता:  आर्थिक मामले विभाग, भारत सरकार

कार्यान्वयन एजेंसी: जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार

  1. उत्तर प्रदेश के गरीबों के लिए पर्यटन विकास परियोजना –

स्वीकृति तिथि : 20 दिसंबर, 2017

समाप्ति तिथि :  30 दिसंबर, 2022

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 57.14 मिलियन

विश्व बैंक सहायता:  यूएस $ 40 मिलियन

उधारकर्ता:   भारत सरकार

कार्यान्वयन एजेंसी: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग

  1. पूर्वी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर -3 (Eastern Dedicated Freight Corridor) –

स्वीकृति तिथि : 30 जून, 2015

समाप्ति तिथि :  30 नवंबर, 2021

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 1107 मिलियन

विश्व बैंक सहायता:  यूएस $ 650 मिलियन

उधारकर्ता:   समर्पित फ्रेट कॉरिडोर (लिमी), भारत

कार्यान्वयन एजेंसी: N/A

  1. अटल भूजल योजना (अभय) –

स्वीकृति तिथि : 5 जून, 2018

समाप्ति तिथि :  N/A

कुल परियोजना लागत : यूएस $ 1000 मिलियन

विश्व बैंक सहायता:  यूएस $ 500 मिलियन अमरीकी डालर

उधारकर्ता:   आर्थिक मामले विभाग, वित्त मंत्रालय

कार्यान्वयन एजेंसी: जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय

 

हालाँकि इन सभी प्रोजेक्ट्स की पूरी लागत विश्व बैंक से प्राप्त नहीं हो रही है लेकिन फिर भी इस दिशा में विश्व बैंक का योगदान सराहनीय अवश्य है.