भारत पर्व 2021 का उद्घाटन

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1. जर्मनवॉच के ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2021 में भारत 7 वें स्थान पर

बॉन स्थित पर्यावरण थिंक टैंक जर्मनवॉच द्वारा प्रकाशित ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2021 में भारत को जलवायु परिवर्तन से 10 सबसे अधिक प्रभावित देशों में रखा गया है। 2019 में जलवायु परिवर्तन के मामले में भारत सातवें सबसे प्रभावित देश के रूप में स्थान दिया गया। ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2021 वार्षिक रिपोर्ट का 16 वां संस्करण है और इसमें 2019 और 2000 से 2019 तक उपलब्ध आंकड़ों को ध्यान में रखा गया है। सूचकांक जलवायु-संबंधी भयानक जलवायु घटनाओं (तूफान, बाढ़, हीटवेव आदि) के प्रभाव से किस हद तक देशों और क्षेत्रों को प्रभावित करता है, इसका विश्लेषण कर रैंक करता है। मोज़ाम्बिक, जिम्बाब्वे और बहामा 2019 में क्रमशः शीर्ष तीन सबसे प्रभावित देश थे। पिछले 20 वर्षों (2000-2019 के बीच) में सबसे अधिक प्रभावित शीर्ष 3 देश प्यूर्टो रिको, म्यांमार और हैती ऐसे जलवायु घटनाओं के प्रभावों से सबसे अधिक प्रभावित देश थे।

2. वस्‍त्र मंत्रालय ने जापान के निस्‍सेनकेन क्‍वालिटि इवैल्‍युएशन सेंटर के साथ समझौते पर हस्‍ताक्षर किए

वस्‍त्र मंत्रालय की समिति ने वस्‍त्र और परिधान का निर्यात बढ़ाने के लिए जापान के निस्‍सेनकेन क्‍वालिटि इवैल्‍युएशन सेंटर के साथ समझौते पर हस्‍ताक्षर किए हैं। हस्‍ताक्षर के लिए वर्चुअल समारोह आयोजित किया गया जिसकी अध्‍यक्षता वस्‍त्र मंत्री स्‍मृति ईरानी और जापान के अर्थव्‍यवस्‍था, व्‍यापार और उद्योग राज्‍य मंत्री यासुमासा नागासाका ने की। इस समझौते का मुख्‍य उद्देश्‍य जापानी खरीदारों की आवश्‍यकता के अनुसार गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिए वस्‍त्र, व्‍यापार और उद्योग को अपेक्षित समर्थन देना है।

3. त्रिपुरा की राज्य सरकार का लक्ष्य वहाँ के पारंपरिक परिधान रिसा को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना

त्रिपुरा की राज्य सरकार का लक्ष्य वहाँ के पारंपरिक परिधान रिसा ( Risa) को राष्ट्रीय स्तर पर त्रिपुरा के विशिष्ट परिधान (Tripura’s Signature Garment) के रूप में बढ़ावा देना है। इसके लिये आँगनवाड़ी और आशा कार्यकर्त्ताओं को रिसा वर्दी प्रदान करने के साथ-साथ त्रिपुरा हथकरघा तथा हस्तशिल्प विकास निगम में रिसा बनाने के लिये प्रशिक्षण की सुविधा जैसी विभिन्न पहलों की शुरुआत की गई है। रिसा की ब्रांडिंग ‘इंडिया हैंडलूम ब्रांड’ के तहत की जा रही है जो केंद्र सरकार की ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल का समर्थन करता है। रिसा हाथ से बना एक कपड़ा है जिसका इस्तेमाल महिलाएँ शरीर के ऊपरी हिस्से को ढकने के लिये करती हैं। पारंपरिक त्रिपुरी पोशाक के तीन हिस्से होते हैं- रिसा, रिग्नयी और रिकुतु। रिग्नयी: इसे मुख्य रूप से शरीर के निचले परिधान के रूप में जाना जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ है ‘पहनने के लिये’। इसे भारत के मुख्य परिधान ‘साड़ी’ की स्वदेशी किस्म के रूप में समझा जा सकता है। रिकुतु: रिकुतु से शरीर के ऊपरी हिस्से को साड़ी की तरह ढकते हैं। रिकुतु का प्रयोग भारतीय साड़ी की चुनरी या पल्लू के तौर पर भी किया जाता है।कभी-कभी रिसा का उपयोग किसी व्यक्ति को टोपी या स्टोल देकर उसके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिये भी किया जाता है।

4. राजस्थान सरकार ने मैन्युफैक्चर्ड सैंड (एम-सैंड) पॉलिसी-2020 जारी की

राजस्थान सरकार ने हाल ही में मैन्युफैक्चर्ड सैंड (एम-सैंड) को लेकर अपनी बहुप्रतीक्षित नीति जारी की है, जिससे तहत निर्माण कार्य के लिये मैन्युफैक्चर्ड सैंड का उत्पादन करने वाली इकाइयों को उद्योग का दर्जा दिया गया है। साथ ही इससे ‘बजरी’ (रिवर सैंड) पर निर्भरता को भी कम किया जा सकेगा। विदित हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2017 में ‘बजरी’ (रिवर सैंड) के अवैध खनन पर रोक लगा दी थी। यह नीति निर्माण उद्योग के लिये भविष्य में काफी महत्त्वपूर्ण साबित होगी। यह नीति नई इकाइयों के माध्यम से रोज़गार के अवसर पैदा करने में मदद के साथ-साथ खनन क्षेत्रों में भारी मात्रा में उत्पन्न कचरे के मुद्दे को भी संबोधित करने में सहायक होगी। यह नई नीति प्राकृतिक ‘बजरी’ के दीर्घकालिक विकल्प के रूप में मैन्युफैक्चर्ड सेंड (एम-सैंड) की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। यह नीति निवेशकों को राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले प्रोत्साहन और सुविधाओं का उपयोग कर एम-सैंड इकाइयों को स्थापित करने में सक्षम करेगी। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि इससे आम जनता के बीच एम-सैंड की प्रभावकारिता को लेकर विश्वास पैदा किया जा सकेगा। मैन्युफैक्चर्ड सैंड (एम-सैंड) का उत्पादन खदानों से निकाले गए कठोर ग्रेनाइट पत्थरों और चट्टानों को तोड़कर किया जाता है। वर्तमान में राजस्थान में तकरीबन 20 एम-सैंड इकाइयाँ कार्यरत हैं, जो प्रतिदिन 20,000 टन एम-सैंड का उत्पादन करती हैं।

5. वित्‍त मंत्रालय ने 18 राज्‍यों के ग्रामीण स्‍थानीय निकायों को अनुदान के रूप में 12 हजार करोड रूपए से अधिक की राशि जारी की

वित्‍त मंत्रालय के व्‍यय विभाग ने ग्रामीण स्‍थानीय निकायों को अनुदान उपलब्‍ध कराने के लिए 18 राज्‍यों को एक खरब 23 अरब 51 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की है। यह राशि इस वित्‍त वर्ष में जारी किए गए मूल अनुदान की दूसरी किस्‍त है। पहली किस्‍त के उपयोग का प्रमाण-पत्र मिलने और पंचायती राज मंत्रालय की सिफारिशों के आधार पर ये किस्‍त जारी की गई है। सामुदायिक परिसंपत्तियां सृजित करने और ग्रामीण स्‍थानीय निकायों की वित्‍तीय वहनीयता में सुधार के लिए 15वें वित्‍त आयोग की सिफारिशों के अनुसार यह अनुदान जारी किया जा रहा है। राज्‍यों को केंद्र सरकार से यह राशि प्राप्‍त होने के दस दिन के अंदर इसे ग्रामीण स्‍थानीय निकायों को स्‍थांतरित करना होगा। 2020-21 में अब तक ग्रामीण स्‍थानीय निकायों को कुल 45,738 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया गया है।

6. भारत ने वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा बढाने के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के सदस्‍यों के साथ कार्यनीतिक भागीदारी तंत्र पर हस्‍ताक्षर किए

ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि भारत और अंतर्राष्‍ट्रीय ऊर्जा एजेंसी-आई ई ए के सदस्‍यों ने महत्‍वपूर्ण साझेदारी की रूपरेखा के समझौते पर हस्‍ताक्षर किए हैं। यह समझौता आपसी विश्‍वास और सहयोग को मजबूत करने तथा वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और टिकाऊपन बढ़ाने के लिए किया गया है। इस साझेदारी से ज्ञान का व्‍यापक आदान-प्रदान बढ़ेगा। यह भारत के अंतर्राष्‍ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का पूर्ण सदस्‍य बनने की दिशा में महत्‍वपूर्ण कदम होगा।

7. इलेक्‍ट्रॉनिकी, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री कल वर्चुअल इंटेलीजेंस टूल तेजस का शुभारंभ करेंगे

इलेक्‍ट्रॉनिकी, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद वर्चुअल इंटेलीजेंस टूल तेजस का शुभारंभ करेंगे। तेजस से नागरिक केन्‍द्रित सेवाएं उपलब्‍ध कराने और नीतिगत निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुधार तथा सरकारी सेवाओं की दक्षता बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

8. 2 एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी वाला देश का पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर कुरीभर के पास एक नई 3,300 मीटर लंबी हवाई पट्टी का निर्माण किया गया है। इस नई हवाई पट्टी के साथ, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे पर दो हवाई पट्टी वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भी एक हवाई पट्टी है. एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी आपातकालीन लैंडिंग और लड़ाकू विमानों के टेक-ऑफ की सुविधा के लिए डिज़ाइन की गई हैं। इससे पहले, भारतीय वायु सेना ने यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा एक्सप्रेसवे की जांच की थी. मिराज 2000, जगुआर, सुखोई 30 और सुपर हरक्यूलिस जैसे विमान पहले ही लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर उतर चुके थे.उत्तर प्रदेश सरकार देश के पूरे उत्तरी भाग को एक्सप्रेसवे से जोड़ने का प्रयास कर रही है। भारतीय वायु सेना के हिंडन और आगरा एयरबेस, जरूरत पड़ने पर तीनों एक्सप्रेसवे के रनवे का उपयोग कर सकेंगे। साथ ही, उत्तर प्रदेश के ये हवाई पट्टी किसी भी युद्ध के मामले में चीन और पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिक्रिया देने के लिए वायु सेना की सेवा कर सकते हैं।

9. CM शिवराज सिंह चौहान ने बालिका के लिए शुरू किया ‘PANKH अभियान’

मध्य प्रदेश में, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर 24 जनवरी को एक नई योजना ‘PANKH अभियान’ शुरू की है। इस योजना को बालिकाओं के सशक्तीकरण और विकास के लिए ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ योजना के तहत शुरू किया गया है। सीएम ने लाडली लक्ष्मी योजना के तहत 26,099 लड़कियों के लिए 6.47 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति की भी घोषणा की। इस योजना को लॉन्च करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंख (PANKH) के अंग्रेजी शब्दों के स्टैंड की जानकरी दी. उन्होंने कहा कि पी -सुरक्षा, ए- जागरुकता (लड़िकयों के अधिकारों के बारे में जागरुकता) एन- पोषण, के- ज्ञान और एच- हेल्थ लिए स्टैंड करते हैं. यह सभी जरुरी चीजें इस योजना में शामिल है था ताकी सभी स्तर पर लड़कियां अपने अधिकारों के लिए लड़ सके. यह अभियान एक साल तक चलेगा.

10. तमिलनाडु की पूर्व मुख्‍यमंत्री जयललिता का आवास वेदा निलयम को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा, मरीना बीच पर जयललिता के स्‍मारक का उद्घाटन

तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री ई पलानीसामी राज्‍य की पूर्व मुख्‍यमंत्री जयललिता के आवास वेदा निलयम को आम लोगों के लिए 28 जनवरी को खोल देंगे। मुख्‍यमंत्री ने चेन्‍नई के मरीना बीच पर बनाए गए जयललिता के स्‍मारक का उद्घाटन किया। इसके निर्माण पर 79 करोड रुपये की लागत आई है। फीनिक्‍स के आकार के इस स्‍मारक में जयललिता और एम.जी.रामचन्‍द्रन की प्रतिमाएं की रखी गई हैं और एक कृत्रिम झरना भी बनाया गया है। इसका निर्माण रिकार्ड 30 महीने की अवधि में किया गया है।

11. भारत पर्व 2021 का उद्घाटन

हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने ‘भारत पर्व 2021’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल भी उपस्थित थे। पर्यटन मंत्रालय इस वर्ष अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के सहयोग से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को प्रदर्शित करते हुए 26 से 31 जनवरी 2021 तक इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। यह देश की विविध संस्कृति, व्यंजनों और हस्तशिल्प को प्रदर्शित करने वाला एक आभासी राष्ट्रीय त्योहार हैं।इस मेगा आयोजन का उद्देश्‍य देशभक्ति की भावना को जागरूक करना और देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करना है।यह आयोजन देश के 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों की कला, संस्कृति, भोजन, कपड़े और परंपराओं को जानने और समझने का अवसर प्रदान करेगा।दुनिया भर के लोग इस भारत पर्व यात्रा का आनंद http://www.bharatparv2021.com पर लॉग इन करके अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर पर अपनी सुविधानुसार देख सकते हैं और भारत की विविध रूपों का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर लाल किले से 2016 से हर साल पर्यटन मंत्रालय भारत पर्व का आयोजन करता आ रहा है।