भारत सरकार का कड़ा फैसला, चीनी कंपनियां सरकारी खरीद में नहीं लगा पाएंगी बोली

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1.कैसे अधिक कारगर बन सकती है Covid 19 vaccine, इसको लेकर अलग हैं वैज्ञानिकों के विचार:-

वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्‍सीन के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। सभी चाहते हैं कि ये वैक्‍सीन जल्‍द से जल्‍द दुनिया के सामने आ जाए जिससे लोगों की जान बचाई जा सके। पूरी दुनिया में इस वायरस से करीब डेढ़ करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हैं। अकेले अमेरिका में ही इससे 41 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। वहीं पूरी दुनिया में इसकी वजह से 6.37 लाख से अधिक लोगों की अबतक जान जा चुकी है। ऐसे में पूरी दुनिया के वैज्ञानिक एक ऐसी वैक्‍सीन को बनाने में जुटे हैं जो इसके मरीजों पर कारगर साबित हो सके। दुनिया के हर वैज्ञानिक की राय इस बारे में तो एक समान है लेकिन दुनियाभर के वैज्ञानिकों के बीच इस बात को लेकर आम राय नहीं है कि आखिर ये कैसे अधिक कारगर बनाई जा सकती हैजरनल केमिकल एंड एंप इंजीनियरिंग न्‍यूज में छपी एक रिसर्च रिपोर्ट में शोधककर्ताओं की डॉक्‍टरों और बिजनेस लीडर्स के साथ हुई बातचीज के दौरान इस वैक्‍सीन को विकसित करने को लेकर सामने आ रही चुनौतियों का जिक्र किया गया है। आपको बता दें कि इसी माह विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने कहा था कि पूरी दुनिया में इस जानलेवा वायरस की काट करने वाली वैक्‍सीन के करीब 160 प्रोजेक्‍ट चल रहे हैं। इस शोध के लेखक रेयान क्रॉस का कहना है कि इन सभी का एक ही लक्ष्‍य भी है। एक जानकार का कहनाहै कि कोविड -19 का बड़ा कारक SARS-CoV-2 वायरस है। ये वायरस इंसान के शरीर में जाकर सेल्‍स से चिपक जाता है। इसमें कहा गया है कि वैक्‍सीन को विकसित करने के दोनों ही तरीके काफी समय लेते हैं और इनमें खतरा भी कम नहीं है। इसकी वजह एक ये भी है कि इसको विकसित करने के लिए कंपनियों को बड़ी संख्‍या में वायरस की जरूरत पड़ती है। यही वजह है कि कुछ वैज्ञानिक जीन बेस्‍ड वैक्‍सीन के प्रयोग की तरफ मुड़ जाते हैं।क्रॉस के मुताबिक शोधकर्ता हार्मलैस वायरस में स्‍पाइक प्रोटीन के लिए जेनेटिक कोड डालते हैं। ये प्रक्रिया डीएनए के समान ही होती है जहां मानव शरीर की सेल्‍स से जेनेटिक जानकारियां ली जाती हैं। इन सेल्‍स का इस्‍तेमाल स्‍पाइक प्रोटीन बनाने के लिए किया जाता है जो शरीर के इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत करती है। वैज्ञानिक इस तरह की वैक्‍सीन काफी जल्‍दी डिजाइन कर सकते हैं और बना भी सकते हैं। लेकिन, आखिर में तकनीक काफी मायने रखती है। यही वजह है कि इस बात की आशंका बनी रहती है कि विकसित की गई वैक्‍सीन कारगर होगी या नहीं। इसके अलावा कई अन्‍य बदलावों के जरिए भी स्‍पाइक प्रोटीन को बनाया जा सकता है जो हमारे शरीर के इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत करने में सहायक साबित हो सकते हैं।

 2.भारत सरकार का कड़ा फैसला, चीनी कंपनियां सरकारी खरीद में नहीं लगा पाएंगी बोली:-

गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की कायराना हरकत के बाद से ही भारत सरकार चीन के खिलाफ कड़े फैसले ले रही है। भारत सरकार ने अब देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जनरल फाइनेंशियल रूल्स 2017 में संशोधन किया है। इस संशोधन के जरिए सरकार ने सरकारी खरीद में चीनी कंपनियों की एंट्री बैन कर दी है। अब केंद्र व राज्य सरकार की किसी भी सरकारी खरीद में चीनी कंपनियां बोली नहीं लगा सकेंगी। जनरल फाइनेंशियल रूल्स 2017 में संशोधन का असर भारत की सीमा से सटे देशों- चीन, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और पाकिस्तान पर पड़ेगा। इन देशों के बोलीदाता भारत की केंद्र व राज्य सरकार की खरीद में बोली नहीं लगा सकेंगे। सरकार द्वारा देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक खरीद के संदर्भ में एक विस्तृत आदेश जारी किया गया है।भारत की सीमा से लगते देशों पर सरकारी खरीद में बोली नहीं लगाने का यह नियम पब्लिक सेक्टर के बैंकों व वित्तीय संस्थानों, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, स्वायत्त निकायों और उन सार्वजनिक-निजी भागीदारी वाली परियोजनाओं के लिए लागू होगा, जिसमें सरकार या इसके उपक्रमों से वित्तीय सहायता मिलती हो। इस नियम में ऐसे देशों को छूट दी गई है, जिन्हें भारत विकास के लिए सहायता प्रदान करता है। इस प्रकार यह नियम प्रभावी रूप से चीन और पाकिस्तान पर लागू होता है। साथ ही सरकार ने कई मामलों में इस प्रतिबंध से छूट भी प्रदान की है। इनमें से एक चिकित्सा आपूर्ति की खरीद भी है। 31 दिसंबर 2020 तक कोविड-19 वैश्विक महामारी से रोकथाम के लिए चिकित्सा आपूर्ति की खरीद सहित कुछ सीमित मामलों में इस प्रतिबंध से छूट प्रदान की गई है।

3. एयर मार्शल विवेक राम चौधरी नए पश्चिमी वायु कमान प्रमुख नियुक्त किए गए:-
एयर मार्शल विवेक राम चौधरी नए पश्चिमी वायु कमान प्रमुख के रूप में नियुक्त किए गए हैं। वह एक अगस्त को पदभार ग्रहण करेंगे। बता दें कि विंग कमांडर विवेक राम चौधरी फ्लाइंग पायलट को 29 दिसंबर 1982 को फाइटर पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में जुड़े थे। वह एक क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं।

4. अब चीन से आने वाली हवा पर भी रहेगी नजर, IIT Kanpur का रोबोटिक सैंपलर करेगा निगरानी:-

देश भर में प्रदूषण की समस्या अब कई शहरों के लिए मुसीबत बन गई है। लेकिन, इतना प्रदूषण शहर से जनरेट हो रहा है या फिर हवा के जरिए कहीं और से आ रहा है। अब इसका पता लगाने और निगरानी के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आइआइटी कानपुर ने पहल की है। अब चीन, पाकिस्तान, नेपाल, बांगलादेश, भूटान आदि पड़ोसी देशों से आने वाले वायु प्रदूषण की निगरानी आइआइटी का सेमी ऑटोमेटिक रोबोटिक एयर सैंपलर करेगा।

एक बार चार्ज करने पर महीने भर बताएगा गुणवत्ता रोबोटिक एयर सैंपलर को एक बार चार्ज करने पर ये महीने भर तक हवा की गुणवत्ता बताएगा। हानिकारक गैसों और अति सूक्ष्म कणों का आकलन करने की क्षमता वाले सैंपलर के खास सेंसर सूक्ष्म कणों के घनत्व की जानकारी दे सकेंगे। इसमें अति सूक्ष्म कणों के आइसोटोप (मेटल्स के अलग अलग रूप) की भी खासियत है। इसको मोबाइल फोन के जरिए चलाया जा सकता है और ऑनलाइन सभी डेटा मोबाइल फोन में आ जाएंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के डिजाइन इनोवेशन सेंटर से सहयोग से तैयार सैंपलर के एडवास वर्जन पर काम चल रहा है। इसे क्रूज शिप के सहारे अरब सागर, बंगाल की खाड़ी में तैनात किया जा सकेगा। इसे समुद्रतल से पाच हजार फीट की ऊंचाई पर ग्लेशियर या रेगिस्तानी क्षेत्रों में भी स्थापित किया जा सकता है।

इनकी मेहनत रंग लाई सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. तरुण गुप्ता व शोधार्थी डॉ. कनिष्क विश्वास ने सैंपलर तैयार किया है। इसकी खास तरह की डिजाइन और विशेषता की वजह से इसको पेटेंट कराया गया। प्रो. गुप्ता ने बताया कि सैंपलर को बनाने में करीब डेढ़ से दो लाख रुपये की लागत आई है।

  1. Ram Temple : अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर में होंगे छह शिखर, मॉडल पर लगी अंतिम मुहर:- श्री राम जन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर की भव्यता पर उठ रहे सवालों पर आखिरकार विराम लग गया। भक्तों और संतों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर के मॉडल के डिजाइन को नए सिरे से अंतिम रूप दे दिया गया है, जिस पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी अंतिम मुहर लगा दी है। नए लेआउट के तहत मंदिर पहले अधिक भव्य बनेगा। इसमें पांच नहीं, बल्कि आसमान छूते छह शिखर होंगे। भक्तों की भारी से भारी भीड़ प्रभु के चरणों में रम सके, इसलिए परकोटा भी करीब पांच एकड़ में फैला रहेगा। पांच अगस्त को मंदिर के भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र पहुंच रहे हैं। ऐसे में ट्रस्ट ने सभी शंकाओं को खत्म कर दिया है। गत वर्ष नौ नवंबर को रामलला के हक में सुप्रीम फैसला आने के साथ ही मंदिर की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी के साथ सबसे अहम सवाल रामजन्मभूमि न्यास की ओर से तीन दशक पूर्व प्रस्तावित मंदिर की भव्यता पर उठने लगे। आंदोलन से जुड़े कुछ संत और भक्तोंं के मन में टीस थी कि कहीं न कहीं राममंदिर की भव्यता अन्य मंदिरों से कमतर है…। बार-बार उठ रहे इस सवाल पर इसी वर्ष पांच फरवरी को अस्तित्व में आया श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भी मंथन में जुट गया। अंत में मंदिर की भव्यता में वृद्धि की संभावनाएं तलाशने के लिए ट्रस्ट ने मंदिर के मुख्य शिल्पी चंद्रकांत सोमपुरा को जिम्मा सौंप दिया गया।

6. IGNOU TEE June 2020: पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षाओं को दिसंबर में कराने के निर्णय को इग्नू छात्र मानते हैं यूजीसी गाइडलाइंस के खिलाफ:- IGNOU TEE June 2020: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने 22 जुलाई को विभिन्न मास्टर्स डिग्री, बैचलर्स डिग्री, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की सत्रांत/वार्षिक परीक्षाओं को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को सितंबर के पहले सप्ताह से आयोजन किये जाने के साथ-साथ पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षाओं को दिसंबर 2020 टर्म-ईंड एग्जाम के साथ कराये जाने की घोषणा की गयी है। विश्वविद्यालय के इन्हीं निर्देशों को विरोध में न सिर्फ अंतिम वर्ष या अंतिम वर्ष के छात्र कोविड-19 महामारी के बीच स्वास्थ्य सुरक्षा का हवाला देते हुए विरोध कर रहे हैं, बल्कि अब विभिन्न पाठ्यक्रमों के पहले एवं दूसरे वर्ष के छात्र भी अपनी परीक्षाओं के दिसंबर में कराये जाने को लेकर विरोध दर्ज कराने लगे हैं। इन छात्रों का मानना है कि पहले एवं दूसरे वर्ष की परीक्षाओं को दिसंबर में आयोजित करने का इग्नू का निर्णय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा हाल ही परीक्षाओं के बारे में जारी दिशा-निर्देशों के खिलाफ है। यूजीसी द्वारा देश भर के विश्वविद्यालयों एवं अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में परीक्षाओं को लेकर गाइडलाइंस 6 जुलाई 2020 को जारी की गयी है, जिसमें अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को छोड़कर अन्य सभी वर्षों या सेमेस्टर के छात्रों को बिना परीक्षा आंतरिक मूल्यांकन या अब तक के प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अलगे वर्ष या सेमेस्टर में प्रोन्नत किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इन्हीं निर्देशों का हवाला देते हुए इग्नू के पहले एवं दूसरे वर्ष के छात्र विश्वविद्याल के 22 जुलाई के निर्देशों का विरोध कर रहे हैं। यह है वह नोटिफिकेशन जिसका विरोध छात्र कर रहे हैं।

7.IPL 2020 को लेकर BCCI ने किया आधिकारिक ऐलान, 19 सितंबर से UAE में शुरू होगा टूर्नामेंट:- इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल के 13वें सीजन के आयोजन को लेकर आधिकारिक ऐलान हो गया है। आइपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने इस बात कीआधिकारिक पुष्टि कर दी है कि आइपीएल 2020 कब और कहां खेला जाएगा। आइपीएल के चेयरमैन की मानें तो पूरा टूर्नामेंट संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई में खेला जाएगा, क्योंकि भारत में कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ रहे हैं। बृजेश पटेल ने ये भी बताया है कि आइपीएल की शुरुआत 19 सितंबर से होगी, जबकि दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग का फाइनल मुकाबला 8 नवंबर को खेला जाएगा।IPL के चेयरमैन और बीसीसीआइ अधिकारी बृजेश पटेल ने न्यूज एजेंसी पीटीआइ को बताया है कि इंडियन प्रीमियर लीग 2020 की शुरुआत 19 सितंबर से होगी, जबकि फाइनल मुकाबला 8 नवंबर को खेला जाएगा। बीसीसीआइ ने आइपीएल के 13वें सीजन के आयोजन के लिए यूएई की तीन जगहों को फाइनल किया है, जिनमें दुबई, अबुधाबी और शारजाह हैं। इन्हीं तीन जगहों पर आईपीएल के सभी मुकाबले खेले जाएंगे, क्योंकि भारत में कोरोना वायरस महामारी काबू में नहीं है। आइपीएल 2020 का आगाज 29 मार्च से होना था, लेकिन उससे पहले भारत में कोरोना वायरस के मामले सामने आ गए थे। ऐसे में बीसीसीआइ ने लीग को पहले 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित किया था, लेकिन 16 अप्रैल को बीसीसीआइ ने इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था। हालांकि, एक समय ऐसा लग रहा था कि आइपीएल का आयोजन इस साल नहीं हो पाएगा, क्योंकि बीसीसीआइ के पास कोई विंडो नहीं बची थी, लेकिन दो बड़े टूर्नामेंट स्थगित होने से आइपीएल को विंडो मिल गई। पहले एशिया कप और फिर आइसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2020 के स्थगित होने के बाद बीसीसीआइ को दुनिया की सबसे महंगी टी20 लीग के आयोजन के लिए सितंबर-नवंबर की विंडो मिल गई, क्योंकि पहले सितंबर में एशिया कप होना था और फिर अक्टूबर-नवंबर में टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन होना था, लेकिन इस साल के लिए ये टूर्नामेंट कैंसिल हो गए हैं।

8.Gold Rate Today: सोने में नहीं रुक रही तेजी, रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचा हाजिर भाव, जानिए कीमतें:- सोने की कीमतों में उछाल रुकने का नाम नहीं ले रही है। सोने की कीमत में शुक्रवार को भी भारी बढ़त दर्ज की गई, जिससे यह अब तक के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर आ गई है। एचडीएफसी सिक्युरिटीज के अनुसार, घरेलू हाजिर बाजार में शुक्रवार को सोने के भाव में 475 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोत्तरी हुई है। इस उछाल से सोने का भाव राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 51,946 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। यह दिल्ली में सोने का अब तक का उच्चतम स्तर है। सिक्युरिटीज के अनुसार, वैश्विक बाजार में तेजी और रुपये में गिरावट के चलते सोने के घरेलू हाजिर भाव में यह बढ़त दर्ज की गई है। इससे पहले पिछले सत्र में सोना 51,471 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। चांदी के भाव में शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई है। चांदी में 109 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है। इस गिरावट से चांदी का भाव 62,262 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। इससे पहले पिछले सत्र में चांदी 62,371 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बंद हुई थी।एचडीएफसी सिक्युरिटीज के वरिष्ठ विश्लेशक (कमोडिटीज) तपन पटेल के अनुसार, दिल्ली में 24 कैरेट सोने का हाजिर भाव 475 रुपये की उछाल के साथ नए उच्च स्तर पर पहुंच गया है। वहीं, भारतीय रुपया शुक्रवार को एक डॉलर के मुकाबले 8 पैसे की गिरावट के साथ 74.83 पर बंद हुआ है। घरेलू शेयर बाजारों के कमजोर रहने और यूएस-चीन तनाव के बढ़ने के कारण रुपये में यह गिरावट आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें, तो सोना शुक्रवार को बढ़त के साथ 1,897 डॉलर प्रति औंस पर और चांदी मामूली बढ़त के साथ 22.70 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड करती दिखी।

9. Mutual fund में SIP के जरिये निवेश को तरजीह, वर्ष 2020 के पहले छह महीनों में 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हुआ:- निवेशकों अब भी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये म्‍युचुअल फंड में निवेश करना ज्यादा सहूलियत भरा कदम समझते हैं। उद्योग को 2020 के पहले छह महीनों में SIP के जरिये निवेश से 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हुई है, जो कि एक साल पहले की अवधि से 3 फीसद ज्यादा है। यह बढ़ती प्रवृत्ति COVID-19 के प्रभावों के बीच बिलकुल उल्टा है। सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान खुदरा निवेशकों के लिए म्‍युचुअल फंड में निवेश करने का पसंदीदा जरिया रहा है, क्योंकि इससे उन्हें बाजार के समय जोखिम को कम करना आसान लगता है। एसोसिएशन ऑफ म्‍युचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के अनुसार, जनवरी से जून 2020 में SIP का योगदान 2019 की पहली छमाही में 48,757 करोड़ रुपये से बढ़कर 50,102 करोड़ रुपये हो गया। ग्रोव के सह-संस्थापक हर्ष जैन ने कहा कि भारतीय एसआईपी निवेश बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच भारी लचीलापन दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा ऐसे समझा जा सकता है कि एक माध्यम के रूप में एसआईपी को काफी लोकप्रियता मिली है। पिछले तीन महीनों में एसआईपी के माध्यम से फ्लो थोड़ा कम हो गया है। नवंबर 2018 के बाद पहली बार जून के महीने में निवेश 8,000 करोड़ रुपये से नीचे आ गया है। ऐसे में SIP के जरिये नेट निवेश जून में 7,927 करोड़ रुपये रहा, जबकि मई में 8,123 करोड़ रुपये, अप्रैल में 8,376 करोड़ रुपये था। इससे पहले मार्च में यह 8,641 करोड़ रुपये, फरवरी में 8,513 करोड़ रुपये और जनवरी में 8,532 करोड़ रुपये था।