मन की बात’ के 100 एपिसोड पूरे हुए

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1. ‘मन की बात’ के 100 एपिसोड पूरे हुए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अप्रैल को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड पर अपने विचार साझा किया। यह प्रसारण सुबह 11 बजे शुरू हुआ और आकाशवाणी, दूरदर्शन, आकाशवाणी समाचार वेबसाइट, न्यूज ऑन एयर मोबाइल ऐप और कई YouTube चैनलों सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर उपलब्ध था। ‘मन की बात’ कार्यक्रम एक ऐसा मंच है जिसका उपयोग प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर भारत और विदेशों के लोगों के साथ जुड़ने के लिए करते हैं। 3 अक्टूबर, 2014 को अपनी स्थापना के बाद से यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री के लिए नागरिकों से जुड़ने और उनकी चिंताओं पर चर्चा करने का एक लोकप्रिय माध्यम बन गया है। इस कार्यक्रम का प्रारूप सरल है; प्रधान मंत्री विभिन्न विषयों पर अपने विचार साझा करते हैं और नागरिकों को उसी पर अपनी प्रतिक्रिया और विचार साझा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति हब योजना के अंतर्गत पंजीकृत लाभार्थियों की संख्या एक लाख से अधिक होने पर बधाई दी है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति हब योजना के अंतर्गत पंजीकृत लाभार्थियों की संख्या एक लाख से अधिक होने पर बधाई दी है। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे के ट्वीट के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम को मजबूत करने का अर्थ है समाज के हर वर्ग को सशक्त करना। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति हब योजना की सफलता उत्साहित करने वाले है।

3. सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी राज्य अब केवल अपना नहीं, बल्कि अन्य राज्यों का स्थापना दिवस भी मनाएंगे

सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी राज्य अब केवल अपना नहीं, बल्कि अन्य राज्यों का स्थापना दिवस भी मनाएंगे। एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह परंपरा शुरू की गयी है। सभी राज्यों का स्थापना दिवस अब देश के सभी राजभवनों में मनाया जाएगा। 1 मई को गुजरात और महाराष्ट्र का स्थापना दिवस था। अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी अपने-अपने राजभवनों में गुजरात और महाराष्ट्र का स्थापना दिवस मना रहे हैं। गुजरात और महाराष्ट्र के निवासियों को भी राजभवनों में आमंत्रित किया गया है।

4. उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी – वह विवाह के असाध्य मामलों में दोनों पक्षों की सहमति से तलाक का आदेश पारित कर सकता है

उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी कि वह हर संभव प्रयासों के बावजूद विवाह टूटने के मामलों में तलाक मंजूर करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी पूर्ण शक्तियों का इस्तेमाल कर सकता है। ऐसा तभी संभव जब पति-पत्नी के बीच सुलह की सभी संभावनाएं समाप्त हो गई हो। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और अन्य की संविधान पीठ ने व्यवस्था दी कि हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित छह महीने की अवधि छोड़ी जा सकती है। हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 12बी के अंतर्गत निर्धारित कानूनी बाध्यकारी अवधि की प्रतीक्षा के लिए पारिवारिक न्यायालय में मामला भेजे बिना विवाह विच्छेद के लिए शीर्ष न्यायालय की पूर्ण शक्तियों के उपयोग संबंधी याचिकाओं पर यह फैसला दिया गया। अनुच्छेद 142 शीर्ष न्यायालय को किसी भी मामले में पूरा न्याय उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक आदेश देने के लिए अधिकृत करता है। यह मामला एक खंडपीठ द्वारा लगभग पांच वर्ष पूर्व 29 जून, 2016 को पांच न्यायाधीशों की पीठ को सौंपा गया था। दलीलें सुनने के बाद संविधानपीठ ने 29 सितम्बर 2022 को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

5. सर्वोच्च न्यायालय ने हेट स्पीच पर प्रथिमिकी दर्ज करने के आदेश दिये

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों को हेट स्पीच की घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज करने और शिकायत दर्ज होने की प्रतीक्षा किये बिना अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनश्य को बढ़ावा देना), 153B (आरोप, राष्ट्रीय एकता के प्रतिकूल दावे), 505 (सार्वजनिक अनिष्ट), 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) सहित विशिष्ट दंड प्रावधानों के तहत हेट स्पीच के अपराधियों की पहचान करने एवं कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल दिया। न्यायालय ने अक्तूबर 2022 में इसी तरह का एक आदेश पारित किया था। हालाँकि यह तर्क दिया गया था कि हेट स्पीच से निपटने की आड़ में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला नहीं घोंटा जाना चाहिये और न्यायालय का मानना है संविधान भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में देखता है जिसमें व्यक्ति की गरिमा एवं एकता तथा देश की अखंडता भी सुनिश्चित होनी चाहिये।

6. अभिलाष टॉमी ने Golden Globe Race में शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया

इंडियन नेवी के रिटायर्ड अधिकारी कमांडर अभिलाष टॉमी पहले भारतीय हैं, जिन्होंने गोल्डन ग्लोब रेस को पूरा किया है। वह इस रेस में दूसरे नंबर पर आए हैं। इस रेस में नाविक नाव पर अकेले दुनिया का चक्कर लगाते हैं। पिछले साल 4 सितंबर को यह रेस फ्रांस से शुरू हुई थी। गोल्डन ग्लोब रेस दुनिया की सबसे कठिन नौकायान दौड़ मानी जाती है। गोल्डन ग्लोब रेस के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट की ओर से इसकी जानकारी दी गई। दक्षिण अफ्रीका की 40 वर्षीय नाविक कर्स्टन न्यूसचफर ने पहला स्थान हासिल किया था। वह दुनिया की पहली महिला हैं, जिन्होंने इस रेस को जीता। ये दुनिया की सबसे लंबी और धीमी दौड़ है। 16 प्रतिभागियों ने इस रेस में हिस्सा लिया था। इस खेल में 1968 से पहले की मौजूद तकनीक का इस्तेमाल करके ही रेस को पूरा किया जाता है। इसमें अत्याधुनिक नेविगेशन उपकरण का इस्तेमाल नहीं होता है। कमांडर अभिलाष टॉमी भारतीय नौसेना में कमांडर के पद पर काम कर चुके हैं। वे भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने 20 वर्षों तक भारतीय नौसेना को अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने की घोषणा की है,क्योंकि वे गोल्डन ग्लोब रेस 2022 के लिए अपनी तैयारियों को पुख्ता करना चाहते हैं।

7. यूरोपीय संघ (EU) ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए फिट फॉर 55 जलवायु कार्य योजना पेश की

यूरोपीय संघ (EU) ने ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए फिट फॉर 55 (Fit for 55) पैकेज नामक एक व्यापक जलवायु कार्य योजना पेश की है। Fit for 55 पैकेज प्रस्तावों का एक संग्रह है जिसका उद्देश्य परिषद और यूरोपीय संसद द्वारा सहमत जलवायु उद्देश्यों के साथ यूरोपीय संघ की नीतियों को संरेखित करने के लिए नई पहल शुरू करते हुए मौजूदा यूरोपीय संघ के कानून को अपडेट करना और बढ़ाना है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए कई उपाय शामिल हैं। Fit for 55 पैकेज का मुख्य उद्देश्य 2030 तक शुद्ध ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम से कम 55% तक कम करने के यूरोपीय संघ के उद्देश्य के साथ यूरोपीय संघ के कानून को संरेखित करना है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य वैश्विक तापमान को सीमित करने के पेरिस समझौते के दीर्घकालिक लक्ष्य के अनुरूप है।

8. स्वदेशी मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र स्थायी मंच (UNPFII) का 22वां सत्र आयोजित किया गया

स्वदेशी मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र स्थायी मंच (UNPFII) का 22वां सत्र इस वर्ष 17 से 28 अप्रैल तक आयोजित किया गया। यह स्वदेशी लोगों को उनके सामाजिक-आर्थिक विकास और उनकी संस्कृति, भाषाओं और पर्यावरण के संरक्षण को साकार करने में पूर्ण समावेश पर केंद्रित था। इस सत्र के दौरान “सत्य, संक्रमणकालीन न्याय और सुलह प्रक्रियाओं” के विषयों पर एक रिपोर्ट दी गई। इस रिपोर्ट ने स्वदेशी लोगों के खिलाफ ऐतिहासिक अन्याय को संबोधित करने और उनके अधिकारों का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए संक्रमणकालीन न्याय और सुलह प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। United Nations Permanent Forum on Indigenous Issues – UNPFII 28 जुलाई, 2000 को स्थापित एक उच्च स्तरीय सलाहकार निकाय है, जो आर्थिक और सामाजिक विकास, संस्कृति, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, और मानवाधिकार से संबंधित स्वदेशी मुद्दों पर विशेषज्ञ सलाह और सिफारिशें प्रदान करता है। यह स्वदेशी लोगों (indigenous people) के लिए अपनी चिंताओं को आवाज देने और बेहतर भविष्य की दिशा में मिलकर काम करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।

9. नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के साथ मिलकर सामाजिक क्षेत्र में बेहतरीन पद्धियों : सारांश 2023 जारी किया

नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के साथ मिलकर सामाजिक क्षेत्र में बेहतरीन पद्धियों : सारांश 2023 को जारी किया। देश की स्वतंत्रता के 75 साल के उपलक्ष्य में तथा केंद्रीय मंत्रियों और राज्य सरकारों के प्रयासों को उजागर करने के लिए इस सारांश में 14 प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों के अध्ययन शामिल है। इस बारे में जानकारी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों तथा केंद्र सरकार के 30 मंत्रालय और विभागों से जुटाई गई। इसका उद्देश्य भविष्य के लिए सीख लेना है ताकि जमीनी स्तर पर सुधार किया जा सके।

10. ऑफ-द-शेल्फ घटकों से विकसित नए कम लागत वाले स्टार सेंसर का पहला परीक्षण लॉन्च सफलतापूर्वक आयोजित किया गया

ऑफ-द-शेल्फ घटकों से खगोलविदों द्वारा विकसित एक नया निम्न-लागत स्टार सेंसर हाल ही में इसरो द्वारा पीएसएलवी सी-55 पर लॉन्च किया गया था। अपने पहले अंतरिक्ष परीक्षण में पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (पीओईएम) पर स्थापित सेंसर अच्छा निष्पादन कर रहा है और आरंभिक डेटा ने अब इसकी रूपरेखा तथा इसके कार्य को भी सत्यापित कर दिया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए) द्वारा विकसित स्टारबेरीसेंस पेलोड 22 अप्रैल को लॉन्च किया गया था। इस अभिनव निम्न-लागत सेंसर, जिसका डिजाइन शीघ्रता से यह गणना करने के लिए किया गया है कि उपग्रह कहां इंगित कर रहा है, इसका पहली बार अंतरिक्ष में परीक्षण किया जा रहा है। संस्थान के स्पेस पेलोड्स ग्रुप के खगोलविदों ने घोषणा की है कि स्टार बेरी सेन्स ने न केवल अंतरिक्ष में कठिन स्थितियों को सहन किया है बल्कि अपेक्षा के अनुरूप कार्य कर रहा है, प्रारंभिक डेटा यह भी दर्शाता है कि यह (प्वाइंटिंग डायरेक्शन) इंगित दिशा की गणना करने में सक्षम है। किसी भी अंतरिक्ष मिशन के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि किसी भी समय उपग्रह को कहां इंगित किया जा रहा है। जहां ऐसा करने के कई तरीके हैं, एक स्टार सेंसर किसी स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष यान के ओरिएन्टेशन के बारे में सबसे सटीक जानकारी प्रदान करता है।

11. आसियान भारत समुद्री अभ्यास (एआईएमई-2023) का आयोजन

भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस दिल्ली, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट के आरएडीएम गुरचरण सिंह के नेतृत्व में 1 मई 2023 को सिंगापुर में पहुंच गए हैं। यह नौसेना जहाज 2 से 8 मई 2023 के बीच होने वाले पहले आसियान भारत समुद्री अभ्यास (एआईएमई-2023) में भाग लेंगे। अभ्यास का ‘हार्बर फेज‘ 2 से 4 मई 2023 तक चांगी नौसेना बेस में और ‘सी फेज‘ दक्षिण चीन सागर में 7 से 8 मई 2023 को आयोजित किया जाएगा। एआईएमई-2023 भारतीय नौसेना और आसियान नौसेनाओं को एक साथ मिलकर काम करने और समुद्री क्षेत्र में निर्बाध संचालन करने का अवसर प्रदान करेगा।

12. एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के वायु अधिकारी कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार ग्रहण किया

एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने 01 मई, 2023 को गांधीनगर में दक्षिण पश्चिमी वायु कमान (एसडब्ल्यूएसी) के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (एओसी-इन-सी) का पदभार ग्रहण किया। उन्होंने एयर मार्शल विक्रम सिंह का स्थान लिया, जो 30 अप्रैल, 2023 को सेवानिवृत्त हुए थे।

13. एनपीसीआई की नई पहल: ओएनडीसी के लिए एनबीबीएल ने लॉन्च किया NOCS प्लेटफॉर्म

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की सहायक कंपनी, NPCI भारत बिलपे लिमिटेड (NBBL) ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) नेटवर्क पर किए गए लेनदेन के लिए सुलह और निपटान सेवाएं प्रदान करने के लिए NOCS प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। यह मंच ओएनडीसी नेटवर्क के लिए नींव के रूप में काम करेगा और नेटवर्क प्रतिभागियों को धन के सुरक्षित और समय पर हस्तांतरण को सक्षम बनाएगा। NOCS प्लेटफॉर्म बैंकों, फिंटेक्स और ई-कॉमर्स खिलाड़ियों के साथ एकीकृत है, और जल्द ही ONDC पर पहले पांच बैंकों – एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और यस बैंक के साथ लाइव हो जाएगा।

14. भारतीय-अमेरिकी नीली बेंदापुडी इमिग्रेंट अचीवमेंट अवार्ड 2023

भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक ‘नीली बेंदापुडी’(59) को अमेरिका में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 28 अप्रैल को प्रतिष्ठित‘इमिग्रेंट अचीवमेंट अवार्ड’ 2023 दिया गया। नीली बेंदापुडी ‘पेन स्टेट यूनिर्विसटी’ की अध्यक्ष हैं। अमेरिकी विरासत के प्रति प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष किसी व्यक्ति या संगठन को दिया जाता है। ‘पेन स्टेट यूनिर्विसटी’ की अध्यक्ष डॉ. बेंदापुडी करीब 30 वर्ष से उच्च शिक्षा में छात्रों की सफलता, समावेशी उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और छात्रों, संकाय तथा कर्मचारियों के लिए अवसर उत्पन्न करने के लिए काम कर रही हैं। वह पेन स्टेट यूनिर्विसटी के अध्यक्ष के रूप में सेवा देने वाली वाली प्रथम अश्वेत हैं।

15. आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय और राईट्य ने किया समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

ठोस अपशिष्ट और प्रयुक्त जल प्रबंधन में तेज़ी लाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री मनोज जोशी और संयुक्त सचिव श्रीमती रूपा मिश्रा; अर्बन इंफ्रा के कार्यकारी निदेशक श्री आर.के. दयाल और राइट्स के सीएमडी श्री राहुल मित्तल की उपस्थिति में राइट्स के साथ एसबीएम-यू 2.0 के तहत एसडब्ल्यूएम और यूडब्ल्यूएम के लिए तकनीकी सहायता संबंधी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। राइट्स की तकनीकी सहायता इकाई (टीएसयू) तीन साल की अवधि के लिए एसबीएम-यू की सहायता करेगी। समझौता ज्ञापन का उद्देश्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में तकनीकी सहायता को सक्षम बनाना है।

16. राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के संयुक्त विकास के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) लिमिटेड ने परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए नई दिल्ली में न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के साथ एक पूरक संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर किए। संयुक्त उद्यम कंपनी प्रारंभ में, दो प्रेशराइज्ड हेवी-वाटर रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) परियोजनाओं में 2×700 मेगावाट क्षमता की चुटका मध्य प्रदेश परमाणु ऊर्जा परियोजना और 4×700 मेगावाट क्षमता की माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना विकसित करेगी, जिन्हें फ्लीट मोड परमाणु परियोजनाओं के एक भाग के रूप में पहचाना गया था। ऊर्जा मंत्रालय यह पूरक संयुक्त उद्यम समझौता राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के लिए परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के विकास में सहयोग तथा सहायता करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश को वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए अपनी स्वच्छ ऊर्जा प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सहायता करेगा।

17. रवि वर्मा की आखिरी अधूरी कृति ‘पारसी लेडी’ जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी

औपनिवेशिक काल के दौरान पारंपरिक भारतीय कला में क्रांति लाने वाले महान भारतीय कलाकार राजा रवि वर्मा की एक अधूरी पेंटिंग जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी। वर्ष 1906 में अपनी मृत्यु से पहले रवि वर्मा द्वारा बनाई गई ‘पारसी लेडी‘ नाम की पेंटिंग उनकी आखिरी कृति है। यह पेंटिंग अद्वितीय है क्योंकि यह दादा साहेब फाल्के के साथ रवि वर्मा के जुड़ाव की एक झलक प्रदर्शित करती है, जिन्होंने उस समय उनके लिये काम किया था। रवि वर्मा ने फाल्के को एक बड़ी राशि दी, जिन्होंने बाद में पहली गहन भारतीय फीचर फिल्म, राजा हरिश्चंद्र बनाकर ख्याति प्राप्त की। किलिमनूर पैलेस ट्रस्ट पेंटिंग का मालिक है एवं उसने रवि वर्मा की 175वीं जयंती के अवसर पर एक अन्य पेंटिंग के साथ इसका अनावरण करने का फैसला किया है जिसे अभी तक प्रदर्शित नहीं किया गया है। इस पैलेस ने एक कला पुनर्स्थापक एस. माधन की मदद से पेंटिंग को उसके मूल रूप में बहाल किया है, इन्होंने पेंटिंग पर जमा हुई पुरानी वार्निश की परतों तथा गंदगी को हटाने का काम किया। राजा रवि वर्मा का जन्म 29 अप्रैल, 1848 को हुआ, जो एक भारतीय चित्रकार थे, जिन्हें हिंदू देवी-देवताओं के पश्चिमी, शास्त्रीय प्रतिनिधित्त्व हेतु जाना जाता था। उन्होंने शाही चित्रकार रामास्वामी नायडू से जलरंगों का प्रशिक्षण प्राप्त किया एवं अपने जीवनकाल में लगभग 7,000 चित्र बनाए। वर्मा की लिथोग्राफिक प्रेस की महारत ने उनके काम को दूर-दूर तक विस्तारित करने में मदद की, साथ ही उन्हें वर्ष 1904 में ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा कैसर-ए-हिंद स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। वर्ष 2013 में बुध ग्रह पर एक क्रेटर उनके सम्मान में नामित किया गया था।

18. वाटर फिक्स्चर के लिये स्टार रेटिंग सिस्टम

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) तथा अमृत 2.0 के मिशन निदेशक ने प्लंबेक्स इंडिया 2023 में घोषणा की कि भारत सरकार जल दक्षता को बढ़ावा देने के लिये वाटर फिक्स्चर एक स्टार रेटिंग प्रणाली शुरू करने की प्रक्रिया में है। बिजली के उपकरणों की तरह, भारत टैप की छत्रछाया में इन वाटर फिक्स्चर को उनकी दक्षता के आधार पर 3, 4 या 5 स्टार की रेटिंग दी जाएगी। इन मानकों को अपनाने और बढ़ावा देने के लिये इंडियन प्लंबिंग एसोसिएशन (IPA) और निर्माताओं को शामिल किया गया है। पहल में पहले ही देखा गया है कि औसतन 30% से अधिक जल बचाया जा सकता है। IPA ने इस वर्ष अकेले 10,000 करोड़ लीटर जल बचाने हेतु प्रतिबद्धता व्यक्त की है, सरकार से भविष्य में निविदाएँ देते समय कम प्रवाह वाले फिक्स्चर को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया है।

19. दिल्ली में 2016 के बाद सबसे बेहतर वायु गुणवत्ता दर्ज की गई

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Commission for Air Quality Management – CAQM) ने घोषणा की है कि जनवरी से अप्रैल 2023 तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता 2016 के बाद की इसी अवधि में सबसे अच्छी रही है, 2020 को छोड़कर, जिसमें कोविड-19 महामारी के कारण सख्त लॉकडाउन देखा गया था। CAQM ने बताया है कि दिल्ली में जनवरी से अप्रैल तक औसत PM2.5 सांद्रता 109 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और औसत PM10 सांद्रता 221 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई, जो 2016 के बाद की इसी अवधि में सबसे कम है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें औद्योगिक गतिविधि में कमी, वाहनों की आवाजाही में कमी इत्यादि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, सर्दियों के महीनों के दौरान प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों की एक श्रृंखला ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के कार्यान्वयन का भी वायु गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

20. भारत सरकार ने 14 मैसेजिंग एप्स पर प्रतिबंध लगाया

भारत में आतंकवादी गतिविधियों पर नकेल कसने के उद्देश्य से एक बड़े कदम में, केंद्र ने 14 मोबाइल मैसेजिंग एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा अपने समर्थकों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) के साथ संवाद करने और पाकिस्तान से निर्देश प्राप्त करने के लिए आतंकवादी समूहों द्वारा उपयोग किया जा रहा था। इस प्रतिबंधित ऐप में Crypviser, Enigma, Safeswiss, Wickrme, Mediafire, Briar, BChat, Nandbox, Conion, IMO, Element, Second Line, Zangi और Threema शामिल हैं। यह कार्रवाई सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की सिफारिश पर की गई है।