यूआइडीएआइ ने आधार के इस्तेमाल को लेकर बैंकों को जारी किया दिशानिर्देश

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राष्ट्रीय न्यूज़

1.यूआइडीएआइ ने आधार के इस्तेमाल को लेकर बैंकों को जारी किया दिशानिर्देश:-

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने आधार के इस्तेमाल को लेकर बैंकों के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किया है। उसने बैंकों को स्पष्ट किया है कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिये सब्सिडी और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले उपभोक्ताओं की शिनाख्त वे आधार ईकेवाईसी से करें। प्राधिकरण ने आगे सुझाव दिया है कि अन्य ग्राहकों के सत्यापन के लिए बैंक ऑफलाइन आधार यानी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेने वाले ग्राहक अपनी पहचान के लिए बैंक को आधार उपलब्ध कराते है या नहीं, यह उनकी इच्छा पर निर्भर होगा। यूआइडीएआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उपरोक्त जानकारी दी। उक्त अफसर ने बताया कि पिछले हफ्ते प्राधिकरण ने बैंकों को पत्र लिखकर आधार के इस्तेमाल को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। इस पत्र की एक प्रति रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) को भी भेजी गई है। आधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कानूनी सलाह हासिल करने के उपरांत यूआइडीएआइ ने बैंकों को यह पत्र लिखा है। शीर्ष कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में निजी कंपनियों के आधार इस्तेमाल पर रोक लगाई, लेकिन कल्याणकारी योजनाओं के लिए इसे हरी झंडी दी है।

अपना नाम ना जाहिर करने की शर्त पर प्राधिकरण के उक्त अधिकारी ने उपरोक्त जानकारी दी। उसके मुताबिक, यूआइडीएआइ ने बैंकों को सूचित कर दिया है कि जो ग्राहक यह घोषणा करें कि वे सरकारी सब्सिडी और कल्याणकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि का हस्तांतरण सीधे अपने खाते में करना चाहते हैं, बैंक उनका खाता खोलने के क्रम में पहचान के लिए आधार ईकेवाईसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि अन्य ग्राहकों का खाता खोलने के लिए बैंक आधार ईकेवाईसी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। ऐसे मामलों में ग्राहक अगर अपना आधार कार्ड स्वेच्छा से देता है तो खाता खोलने में बैंक उसका इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता है।

क्या है डीबीटी

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) भारत सरकार का एक ऐसा नया तंत्र है, जिसके जरिये सरकारी सब्सिडी एवं कल्याणकारी योजनाओं की धनराशि लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे भेजी जाती है

क्या है आधार ईकेवाईसी

आधार कार्ड सरकार द्वारा जारी एक विशिष्ट पहचान पत्र है। इसमें व्यक्तिगत बायोमेट्रिक (शारीरिक निशानी या आंखों की पुतलियों द्वारा व्यक्ति विशेष की पहचान की पद्धति) जानकारी दर्ज है। चूंकि आधार मंच डिजिटल है, इसलिए उन्होंने एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म डिजाइन किया है, जिसे ईकेवाईसी यानी इलेक्ट्रानिक नो योर कस्टमर (अपने ग्राहक को जानो) कहते हैं।

2.वर्जिन ऑर्बिट विमान से छोड़ेगा रॉकेट लॉन्चर वन, अंतरिक्ष में आवाज से 20 गुना तेज होगी गति:-

अब तक दुनिया भर में विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियां जमीन से रॉकेट के जरिये पृथ्वी की कक्षाओं में उपग्रहों को लॉन्च कर रही हैं। हालांकि एक रॉकेट को लॉन्च करने के लिए कई संसाधनों के साथ-साथ समय की आवश्यकता होती है। रिचर्ड ब्रैनसन की वर्जिन ऑर्बिट इसे आसान बनाना चाहती है। यही कारण है कि वे एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रही है जो रॉकेट को सस्ता और जल्द लॉन्च कर सकता है। इसके जरिये जल्द राकेट पहली उड़ान भरने जा रहा है। इस योजना में एक रॉकेट को शामिल किया गया है, जिसे लॉन्चर वन कहा जाता है, जो वर्जिन अटलांटिक बोइंग 747-400 विमान के पंखों के नीचे रखा जाता है। पारंपरिक रॉकेट के विपरीत यह विमान 30 हजार फीट तक जाएगा और लॉन्चर वन इसे उड़ान के दौरान अंतरिक्ष में छोड़ेगा। कक्षा में उड़ान भरने के दौरान उपग्रह की गति आवाज से 20 गुना ज्‍यादा होगी। इसके जरिये व्‍यावसायिक और सरकारी उपभोक्‍ताओं को लक्षित किया गया है। इसकी लागत करीब 6.6 मिलियन पाउंड (10 मिलियन डॉलर) है।

लांचर वन 70 फीट लंबा है। एक बार ईंधन भरने के बाद राकेट का वजन 57,000 पाउंड या 25,800 किलो है, जो 25 छोटी फेमिली कारों के बराबर है। लांचरवन को कंपनी द्वारा छोटे उपग्रहों के रूप में एक किफायती सवारी के रूप में तैयार किया गया है। इसमें व्‍यावसायिक और सरकारी उपभोक्‍ताओं को टारगेट किया गया है।

वर्जिन ऑर्बिट जिस विमान का उपयोग कर रहा है, वह प्रमाणित रूप से भारी भरकम या दैत्‍याकार नहीं है, जिसका उपयोग आप हवाई अड्डे पर करते हैं। वर्जिन अटलांटिक ने अपने बोइंग 747-400 विमान में से एक को इस प्रोजेक्‍ट में प्रयोग के लिए लिया है, जिसे ‘कॉस्मिक गर्ल’ कहा जाता है। इसे रॉकेट के साथ लॉन्च करने के लिए बड़ा बदलाव किया गया है। विमान के भीतर से सीटों, अतिरिक्‍त सजावट और अनावश्यक सब कुछ को हटा दिया गया है, जिसका विमान उपयोग नहीं करेगा।

इंजीनियरों ने रॉकेट को पकड़ने और लांच के लिए उपयोगी बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ-साथ विमानों की गति में भी बदलाव किया है। यह ‘कॉस्मिक गर्ल’ को दुनिया का पहला विमान वाणिज्यिक ग्रेड रॉकेट के रूप में सक्षम बनाता है।

वर्जिन ऑर्बिट का कहना है कि वे 24 घंटे के भीतर अधिकांश हवाई अड्डों से कक्षाओं में सेटेलाइट लॉन्च कर सकते हैं। इस प्रोजेक्‍ट ने अभी तक पहली उड़ान नहीं भरी है। वर्जिन ऑर्बिट को पहले प्रयास पर सफलता प्राप्त करने की उम्मीद है। यदि यह प्रोजेक्‍ट सफल हो जाता है तो पृथ्वी की कक्षा में हल्‍का अंतरिक्ष उपकरण वितरित करने वाली विभिन्न एजेंसियों के लिए यह एक सस्ता और तेज़ विकल्प हो सकती है। हैं।

रिचर्ड ब्रैनसन ने कहा कि बोइंग-747 के लिए मेरे दिल में खास जगह है। हमने 747 सेवा को पट्टे पर लेकर पहली एयरलाइन वर्जिन अटलांटिक की सेवा शुरू की थी। मैंने कल्पना भी नहीं की थी कि  हमारे बोइंग 747 को फिर दूसरा मौका मिलेगा और इससे अंतरिक्ष तक पहुंचने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि मैं रोमांचित हूं कि ‘कॉस्मिक गर्ल’ वर्जिन परिवार में शामिल है।

3.स्वच्छ भारत स्थायी स्वच्छता कार्यशालाओं की शुरुआत हुई, अब पूरे देश में आयोजित होंगी:-

“स्थायी स्वच्छता” के लिए पहली क्षेत्रीय समीक्षा बैठक नागपुर में हुई

भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने महाराष्ट्र के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के सहयोग से स्थायी स्वच्छता को लेकर क्षेत्रीय समीक्षा बैठकों की श्रंखला में आज पहली ऐसी बैठक का आयोजन किया। ये क्षेत्रीय समीक्षा नागपुर में आयोजित की गई जिसमें ग्रामीण स्वच्छता का जिम्मा संभालने वाले राज्य सचिवों, मिशन निदेशकों और अन्य राज्य स्वच्छ भारत मिशन अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इनके अलावा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात के 25 जिलों के प्रतिनिधि भी इसमें मौजूद थे।इस समीक्षा बैठक की अध्यक्षता पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर ने की और उनके साथ में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के महानिदेशक (विशेष परियोजना) श्री अक्षय राउत, महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री श्यामलाल गोयल, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के उप महानिदेशक श्री हिरण्य बोरा और पेयजल एंव स्वच्छता मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री समीर कुमार ने हिस्सा लिया।स्वच्छ भारत मिशन के कार्यान्वयन तंत्र में गुणवत्ता और स्थिरता दोनों पर समान रूप से ध्यान दिया गया है, खासकर अब जब देश भर में ज्यादातर जिले खुले में शौच से मुक्त होने का स्तर पा चुके हैं। इस समीक्षा बैठक का लक्ष्य स्थायित्व पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करके काम करने और जमीनी स्तर पर हुए काम की गुणवत्ता को सुधारने पर था। गुणवत्ता पहलों के लिए संचार सुधारने और बुनियादी ढांचे व आंकड़ों को बेहतर करने के लिए इस बैठक में गुणवत्ता और स्थायित्व के संकेतकों की श्रंखला का दायरा छुआ गया। अपने भाषण में श्री अक्षय राउत ने साझा किया कि ऐसे में जब स्वच्छ भारत मिशन कार्यान्वयन के अपने पांचवें और आखिरी चरण में प्रवेश कर रहा है, तब देश की स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए एक नए लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने के जनांदोलन के लिए ये साल स्पष्ट रूप से मील का पत्थर है। राज्यों ने भी अपने यहां के जियोटैगिंग, ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्ति) सत्यापनों, सूचना, शिक्षा व संचार गतिविधियों जैसे स्थिरता संकेतकों के स्तर को प्रस्तुतियों के माध्यम से दिखाया जिसके बाद ये चर्चा हुई कि आगे कैसे बढ़ा जाए। अपनी अंतिम टिप्पणी में श्री परमेश्वरन अय्यर ने राज्यों द्वारा अब तक किए गए प्रयासों की तारीफ की और कहा कि भारत के स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य को सुरक्षित करने में गुणवत्ता और स्थायित्व पर ध्यान केंद्रित करने से ही मदद मिलेगी। यह क्षेत्रीय बैठक 24 अक्टूबर को नई दिल्ली में आधिकारिक रूप से शुरू हुई कार्यशाला के बाद हुई है। उस कार्यशाला में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने गुणवत्ता व स्थिरता मिशन के कई संदेशों की समीक्षा और संचार के लिए राज्य स्वच्छ भारत मिशन अधिकारियों से मुलाकात की। देश भर में होने जा रही क्षेत्रीय स्थायी स्वच्छता कार्यशालाओं की श्रंखला के लिए अगला एक महीना तय किया गया है जिसमें सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का दायरा पूरा किया जाना है। मौजूदा जगहों में चेन्नई (तमिलनाडु), नैनीताल (उत्तराखंड), गुवाहाटी (असम) और कोलकाता (पश्चिम बंगाल) शामिल हैं। अक्टूबर 2018 तक ग्रामीण स्वच्छता का दायरा बढ़कर 95 प्रतिशत तक हो चुका है जो स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत के समय 2014 में 39 प्रतिशत था। ग्रामीण भारत में 8.7 करोड़ निजी घरेलू शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है जिस वजह से 5.15 लाख गांवों, 530 जिलों और 25 राज्यों व केंद्रशासित

प्रदेशों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जा चुका है।

 

4.जलमार्ग पर कंटेनर ढुलाई की शुरुआत करेगी पेप्सिको:-

देश में अंतर्देशीय जलमार्गो पर मंगलवार से शुरू हो रही आजाद भारत की पहली कंटेनर ढुलाई पेप्सिको की खेप के साथ होगी। इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आइडब्ल्यूएआइ) के अधिकारियों ने कहा कि पेप्सिको कोलकाता से वारणसी तक एनडब्ल्यू-1 जहाज पर 16 कंटेनर भेजेगी। इनमें 16 ट्रक लोड के बराबर फूड और स्नैक्स होंगे। इसे लेकर एमवी आरएन टैगोर जहाज करीब 9-10 दिनों में वाराणसी पहुंचेगी। मौके पर जहाजरानी मंत्रलय और आइडब्ल्यूएआइ के वरिष्ठ अधिकारियों के मौजूद रहने की उम्मीद है। जहाज इफको के उर्वरक के साथ वापस लौटेगी, जिसकी खरीदारी प्रयागराज के निकट उसके फूलपुर संयंत्र से होगी। सरकार जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत हल्दिया से वाराणसी तक राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (गंगा नदी) का विकास कर रही है। यह मार्ग 1390 किलोमीटर का होगा। इस पर 5,369 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। विश्व बैंक इस परियोजना के लिए तकनीकी तथा वित्तीय सहयोग कर रहा है। पेप्सिको डिजिटाइजेशन को विकास के लिए एक बड़ा अवसर मान रही है और वह तकनीक का उपयोग बैकवार्ड व फॉरवार्ड दोनों तरह के कारोबारी एकीकरण के लिए करना चाहती है। लेज, कुरकुरे और पेप्सी बनाने वाली कंपनी ऐसी कंपनियों के साथ बैठकें कर रही है, जो एक करोड़ रिटेलरों और 60 करोड़ उपभोक्ताओं को आपूर्तिकर्ताओं के साथ जोड़ने के लिए काम कर रही हैं।

 

अंतरराष्ट्रीय न्यूज़

5.प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ यामानाशी में अनौपचारिक वार्ता की:-

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को  जापान में यामानाशी में प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ अनौपचारिक बातचीत की। उन्‍होंने  यामानाशी का दौरा किया, जहां श्री आबे ने एक होटल में उनकी अगवानी की और दोपहर के भोज का आयोजन किया। हमारे संवाददाता ने बताया है कि श्री मोदी ने बाद में श्री आबे के साथ यामानाशी में रोबोटिक्‍स कम्‍पनी-फानुक में विभिन्‍न सुविधाओं का जायजा लिया। भारत और जापान के बीच अवशोधन और टेक्‍नोलॉजी विकास के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग को मद्देनज़र रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की रॉबोटिक संस्‍थान को भेंट काफी महत्‍वपूर्ण रखती है। इंटरनेट तथा बिग डेटा के क्षेत्र में भी सारा जापान सहकारी दिन पर दिन मजबूत होता जा रहा है। दोनों देशों में बढ़ता सहचर्य भी विभिन्‍न क्षेत्रों में देखा जा सकता है। भारत में मेट्रो रेल विकास में जापान की भूमिका अहम रही है।  जापान की पहचान माने जाने वाले माउ सान्धिय में दोनों नेताओं में हुई चर्चा आपसी संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाएगी।

 

खेल न्यूज़

6.ओमान में एशियाई चैम्पियंस हॉकी के फाइनल में भारत का मुक़ाबला पाकिस्‍तान से होगा:-

एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी के फाइनल में भारत का मुक़ाबला पाकिस्तान से होगा। प्रतियोगिता में अपराजेय रही भारतीय टीम ने मस्कट में सेमीफाइनल में पूर्व चैम्पियन जापान को तीन-दो से हराया।

 

7.जापान को 3-2 से हरा भारतएशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकीके फाइनल में पहुंचा:-

मौजूदा चैंपियन भारत ने एशियन गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता जापान को 3-2 से हराकर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी के फाइनल में प्रवेश किया।  फाइनल में भारत का सामना चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से होगा। राउंड रॉबिन मुकाबले में भारत ने जापान को 9-0 से हराया था। भारत के युवा स्ट्राइकर गुरजंत सिंह ने मैच के 19वें मिनट में गोल करके भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई। हालांकि तीन मिनट बाद ही जापान के वाकुरी ने पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदलकर अपनी टीम को बराबरी पर ला दिया। इसके बाद 44वें मिनट में चिंगलेनसना सिंह ने गोल करके भारत को एक बार फिर बढ़त दिला दी। 55वें मिनट में भारत के दिलप्रीत सिंह ने भारत की बढ़त को 3-1 कर दिया। यहां से जापान के लिए वापसी करना मुश्किल हो गया। हालांकि एक मिनट बाद जापान के जेंदाना ने पेनाल्टी कार्नर को गोल में तब्दील करके स्कोर को 3-2 कर दिया। इसके बाद भारतीय डिफेंस ने बेहद ही शानदार खेल दिखाया और जापान को कोई और गोल करने का मौका नहीं दिया। नतीजा यह रहा कि भारत ने यह मुक़ाबला 3-2 से जीत लिया।

बाज़ार न्यूज़

8.एयर इंडिया शुरू करेगी घरेलू रूटों पर किफायती ‘रेड-आइ’ फ्लाइट:-

Image result for Air India will launch affordable 'red-eye' flights on domestic routesampions Trophy hockey final

सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया ने देश के कुछ रूटों पर देर रात की फ्लाइट शुरू करने की घोषणा की है। इस तरह की ‘रेड-आइ’ फ्लाइट की शुरुआत दिल्ली-गोवा की उड़ान के साथ होगी। यह फ्लाइट अगले महीने के अंत तक शुरू होगी। आमतौर पर रेड-आइ फ्लाइट देर रात रवाना होती है और अगली सुबह पहुंचती है। रात में संचालित उड़ानों का किराया सामान्य से कम होता है। विदेशों में खासकर अमेरिका और यूरोप में ये फ्लाइट काफी लोकप्रिय हैं। एयर इंडिया ने एक बयान में कहा कि उसकी रेड-आइ फ्लाइट का किराया सामान्य से कम होगा। ये फ्लाइट दिल्ली-गोवा, दिल्ली-कोयंबटूर और बेंगलुरु-अहमदाबाद जैसे रूटों पर संचालित होंगी। इनकी शुरुआत 30 नवंबर से होगी। ये सेवाएं रोजाना संचालित होंगी।1देर रात की रेड-आइ फ्लाइट लोकप्रिय होने के कई कारण हैं। सबसे पहले इनका किराया काफी कम होता है।एयर इंडिया के अनुसार उसकी एआइ883 फ्लाइट दिल्ली से गोवा के लिए रात दस बजे रवाना होगी और रात्रि 12.35 पर गोवा पहुंचेगी। वापसी में यह रात 1.15 पर चलकर 3.40 पर दिल्ली आएगी। इसी तरह एआइ547 फ्लाइट दिल्ली से रात 9.15 पर रवाना होकर कोयंबटूर 12.30 बजे पहुंचेगी। वापसी में रात एक बजे चलकर सुबह चार बजे दिल्ली आएगी। बेंगलुरु से एआइ589 फ्लाइट रात 12.30 बजे रवाना होकर अहमदाबाद 2.35 बजे पहुंची। वापसी में 3.05 बजे चलकर 5.25 बजे बेंगलुरु पहुंचेगी।