राफेल डील पर डसॉल्ट के सीईओ का बयान, रिलायंस का चयन हमने खुद किया

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राष्टीय न्यूज़

1.राफेल डील पर डसॉल्ट के सीईओ का बयान, रिलायंस का चयन हमने खुद किया:-

राफेल डील पर डसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर का कहना है कि हमने खुद अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस का चयन किया था। रिलायंस के अलावा हमारे सामने 30 लोगों ने प्रस्ताव दिया था। इंडियन एयरफोर्स डील को इसलिए आगे बढ़ा रही थी क्योंकि उसे यकीन था कि राफेल फाइटर जेट उनकी सभी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं। श्री एरिक ट्रैपियर ने कहा कि वो जानते हैं कि इस मुद्दे पर कुछ विवाद हैं। लेकिन सच ये भी है चुनावों के मौके पर घरेलू राजनीति की वजह से इस तरह के मामले सामने आते हैं। उनके लिए सबसे जरूरी बात है कि सच क्या है और सच यही है कि यह क्लीन डील है और भारतीय वायुसेना भी इस डील से खुश है। श्री एरिक ट्रैपियर ने कहा कि वो झूठ नहीं बोलते हैं। इस संबंध में वो सच्चाई सबके सामने रख चुके हैं और जो कुछ भी कहा है कि वो पूरी तरह तथ्यों को आधार बनाकर सच्चाई के करीब है। उनकी ख्याति न तो झूठ बोलने की है और न ही सीईओ जैसे पद पर आसीन होकर झूठ बोल सकते हैं। राफेल जेट की कीमतों को समझाते हुए एरिक ट्रैपियर कहते हैं कि 36 राफेल विमानों के सौदे की कीमत 18 फ्लायावे के बराबर है। आप जानते हैं कि 36, 18 का दूना होता है। इस लिहाज से 36 विमानों की कीमत वहीं होनी चाहिए थी। लेकिन सरकार-सरकार के बीच समझौते होने की वजह से इसके दाम दूना होना चाहिए था। ये बात जानकार आपको हैरानी होगी कि डसॉल्ट को प्राइस बढ़ाने की जगह 9 फीसद कीमत घटानी पड़ी। जहां तक रिलायंस में पैसे डालने की बात है तो ये बात गलत है। सौदे का पैसा डसॉल्ट-रिलायंस ज्वाइंट वेंचर में जा रहा है। डसॉल्ट के इंजीनियर और कर्मचारी इसके औद्योगिक उत्पादन में अग्रणी भूमिका में हैं। डसॉल्ट की जिम्मेदार सिर्फ बेहतर उत्पाद मुहैया कराने की है और उस दिशा में हम आगे बढ़ चुके हैं।

2.डॉ. सत्‍य पाल सिंह ने लीडरशिप फॉर एकेडेमिशियंस प्रोग्राम (एलईएपी) तथा शिक्षण में ऐनुअल रिफ्रेशर प्रोग्राम इन टीचिंग लांच किया:- 

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मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री डॉ. सत्‍य पाल सिंह ने  नई दिल्‍ली में दो नई पहल – लीडरशिप फॉर एकेडेमिशियंस प्रोग्राम (एलईएपी) तथा ऐनुअल रिफ्रेशर प्रोग्राम इन टीचिंग – को लांच किया। उन्‍होंने इन दोनों पहलों की सूचना पुस्तिका भी जारी की। समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. सत्‍य पाल सिंह ने कहा कि अच्‍छे शिक्षकों को विकसि‍त करना कठिन कार्यहै और यदि शिक्षक पर्याप्‍त संकल्‍प दिखाते हैं तो एआरपीआईटी फैकल्‍टी को सशक्‍त बनाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्‍होंने कहा कि  संकल्‍पबद्ध शिक्षक विश्‍वास और सक्षमता विकसित करेंगे तथा प्रभावशाली संवादकर्ता होंगे, ताकि वे सूर्य की किरणों की तरह ज्ञान बिखेरने में प्रभावशाली संवादकर्ता होंगे। मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री ने कहा कि अच्‍छे शिक्षक के गुणों तथा प्रभावशाली नेतृत्‍व का मेलजोल करना काफी कठिन कार्य है, लेकिन यह कार्य अंसभव नहीं है। उन्‍होंने कहा कि एलईएपी इस महत्‍वपूर्ण आवश्‍यकता को पूरा करेगा, जिससे उच्‍च शिक्षण संस्‍थान बेहतर विद्या‍र्थी विकसित करने की भूमिका निभाएंगे। डॉ. सत्‍य पाल सिंह ने कहा कि नेतृत्‍व को वर्तमान और भविष्‍य सभी पीढि़यों की बात करनी होगी, तभी संस्‍थागत विकास हासिल किया जा सकता है।

इस अवसर पर केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने अपने वीडियो संदेश में इन पहलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनसे शिक्षण की गुणवत्‍ता में बदलाव आएगा और नेतृत्‍व में सुधार होगा। इसके परिणामस्‍वरूप उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों की गुणवत्‍ता बढ़ेगी। उन्‍होंने पढ़ने-पढ़ाने के अनुभवों को संपन्‍न बनाने के लिए हाल की घटनाओं की नवीनतम जानकारी रखने की आवश्‍यकता पर बल दिया। उन्‍होंने कहा कि शिक्षण संस्‍थानों का नेतृत्‍व करने वालों के लिए अकादमी और प्रशासनिक नेतृत्‍व का मेलजोल करना समान रूप से आवश्‍यक है। उन्‍हांने आशा व्‍यक्‍त की कि एलईएपी भविष्‍य के लिए उच्‍च शिक्षण नेतृत्‍व सृजन में सहायक साबित होगा। उन्‍होंने उच्‍च शिक्षा फैकल्‍टी से इन दो पहलों का लाभ उठाने की अपील की।

समारोह में उच्‍च शिक्षा सचिव, विश्‍व विद्यालय अनुदान आयोग के अध्‍यक्ष, एआईसीटीई के उपाध्‍यक्ष तथा उच्‍च शिक्षा विभाग, यूजीसी तथा एआईसीटीई के वरिष्‍ठ अधिकारी उपस्थित थे। समारोह में कुलपति, निदेशक, स्‍वशासी संस्‍थाओं के प्रमुख, एआरपीआईटी के, राष्‍ट्रीय संसाधन केन्‍द्र के परियोजना समन्‍वयकर्ता और एलईएपी प्रशिक्षण संस्‍थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

उच्‍च शिक्षा सचिव श्री आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि ये दोनों पहलें अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण हैं, क्‍योंकि इनसे परिवर्तकारी शिक्षक और नेता तैयार होंगे।

यूजीसी के अध्‍यक्ष प्रोफेसर डीपी सिंह ने आश्‍वासन दिया कि यूजीसी फैकल्‍टी के करियर विकास के लिए एआरपीआईटी की मान्‍यता संबंधी अधिसूचना जारी करेगा।

लीडरशिप फॉर एकेडेमिशियंस प्रोग्राम (एलईएपी) सरकारी उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों में द्वतीय स्‍तर के अकादमिक क्षेत्र के लोगों के लिए तीन सप्‍ताह का (दो सप्‍ताह घरेलू तथा एक सप्‍ताह विदेशी प्रशिक्षण) अग्रणी नेतृत्‍व विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इसका उद्देश्‍य दूसरे स्‍तर के अकादमिक प्रमुखों को भविष्‍य में नेतृत्‍व भूमिका अपनाने के लिए तैयार करना है।

ऐनुअल रिफ्रेशर प्रोग्राम इन टीचिंग (एआईरपीआईटी) एमओओसी प्‍लेटफार्म स्‍वयं का उपयोग करते हुए 15 लाख उच्‍च शिक्षा फैकल्‍टी के ऑनलाइन पेशेवर विकास के लिए प्रमुख पहल है।

3.महाराष्ट्र / देश का दूसरा सबसे बड़ा रामकृष्ण ध्यान मंदिर बनकर तैयार:-

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18,000 स्क्वायर फीट क्षेत्र में मंदिर 9 साल में तैयार, 28 करोड़ की लागत आई, 17 नवंबर को लोकार्पण होगा156 फीट लंबाई, 76 फीट चौड़ाई है, तो 100 फीट ऊंचा बना है मंदिर, 2000 घन फीट सागौन की लकड़ी लगीअजंता-एलोरा जैसे विश्व धरोहर वाले औरंगाबाद में देश का दूसरा सबसे बड़ा रामकृष्ण ध्यान मंदिर बनकर तैयार हो गया है। 17 नवंबर को इसका लोकार्पण होगा। मंदिर को रिकॉर्ड 9 साल में बनाया गया है।18,000 स्क्वायर फीट क्षेत्र में बने मंदिर में करीब 28 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। यहां 4 वास्तु कला का संगम है। इसमें रोमन, गॉथिक, राजपूत और इस्लाम वास्तु कला की विशेषताएं देखी जा सकेंगी। मंदिर पूरी तरह भूकंपरोधी है। इसकी ऊंचाई 100 फीट है, जबकि इसका गर्भगृह 40 फीट खुदाई कर बनाया गया है।मंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम में देश-विदेश के 5000 लोग शामिल होंगे। रामकृष्ण मिशन के 350 साधु-संत देश-विदेश से शामिल होने यहां पहुंचेंगे। बता दें कि देश का सबसे बड़ा ध्यान मंदिर (रामकृष्ण मठ) पश्चिम बंगाल के बेलूर में स्थित है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़

4.अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय “हुनरहाट” का आयोजन कर रहा है:- 

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केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आर्इआर्इटीएफ) में 14 नवंबर से 27 नवंबर तक ‘हुनरहाट’ का आयोजन करेगा। इसका औपचारिक उद्घाटन श्री नकवी 15 नवम्बर को करेंगे। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने  नई दिल्ली में बताया कि यह आयोजन दस्तकारों/शिल्पकारों का “एम्पावरमेंट-एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज” साबित हो रहा है।अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा दस्तकारों, शिल्पकारों को मौका-मार्किट मुहैया करने के मिशन के तहत देश के विभिन्न भागों में आयोजित “हुनरहाट” की श्रृंखला में यह “हुनरहाट” अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला, प्रगति मैदान में आयोजित किया जा रहा है।श्री नकवी ने कहा कि “हुनरहाट” में बड़ी संख्या में महिला दस्तकारों सहित देशभर के दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर भाग ले रहे हैं। देश के कोने-कोने से हस्तशिल्प और हैंडलूम उत्पाद इस “हुनरहाट” में प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। अज़रख, बागप्रिंट, बंधेज, बाड़मेर अज़रख और एप्लिक, बिड्रिवेयर, केनऔरबांस, कालीन, चंदेरी, चनियाचोली, चिकनकारी, कॉपरबेल उत्पाद, ताँबे के बर्तन, चीनी मिट्टी के बर्तन, ड्राईफ्लॉवर, गोटापत्ती, हैंडलूम और होम फर्निशिंग इत्यादि यहाँ उपलब्ध रहेंगे।इसके अलावा जूट क्राफ्ट, लाख-पत्थर से बनी चूड़ियाँ, लैक्रवेयर, लिनन उत्पाद, मेटल वेयर, मडवर्क, मल्बेरी सिल्क, पैठनी सिल्क, फूलकरी, पंजाबी जुत्ती, ज़री बैग आदि उपलब्ध रहेंगे। पहली बार छत्तीसगढ़ के उत्पाद, जम्मू-कश्मीर के नामदा और चिन्नॉन सिल्क भी उपलब्ध रहेंगे।श्री नकवी ने कहा कि हुनर की विरासत को मोदी सरकार के “हुनरहाट” जैसे रोजगारपरक कार्यक्रम से जबरदस्त हौसला मिला है। देशभर के प्रमुख स्थलों पर आयोजित किये जा रहे “हुनरहाट” से जहाँ एकतरफ हुनरमंद शिल्पकारों, दस्तकारों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मौका-मार्किट मुहैया हुए हैं, वहीँ बड़ी संख्या में उन्हें रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हुए हैं।श्री नकवी ने कहा कि “हुनरहाट” एक ही जगह पर देशभर के दस्तकारों, शिल्पकारों के नायाब हस्तनिर्मित स्वदेशी सामान के प्रदर्शन एवं बिक्री और विभिन्न राज्यों के लजीज़ पकवानों के स्वाद का एक विश्वसनीय एवं लोकप्रिय ब्रांड बन गया है।श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया””, “स्टैंड अप इंडिया”, “स्टार्ट अप इंडिया” के संकल्प को साकार करने का “प्रामाणिक एवं विश्वसनीय ब्रांड” बन गया है “हुनरहाट”। पिछले 1 साल में “हुनरहाट” 1 लाख 50 हजार से ज्यादा कारीगरों, दस्तकारों, शिल्पकारों एवं उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर मुहैया कराने में सफल रहे हैं। हमारा लक्ष्य “हुनरहाट” के माध्यम से 2019 तक लगभग 5 लाख लोगों को रोजगार-रोजगार के मौके उपलब्ध कराना है।अल्पसंख्यककार्यमंत्रालयद्वाराइससेपहले “हुनरहाट” इलाहाबाद (सितम्बर 2018), दिल्ली के प्रगति मैदान में लगने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (2016, 2017), बाबा खड़क सिंह मार्ग(2017, 2018); पुडुचेरी के थीडल बीच (2017, 2018) और मुंबई के इस्लाम जिमखाना, मरीन लाइन्स (2017) में आयोजित किये गए हैं। आने वाले दिनों में “हुनरहाट” का आयोजन मुंबई(दिसंबर 2018), बाबा खड़क सिंह मार्ग, दिल्ली (जनवरी 2019) और गोवा (फरवरी 2019) में किया जायेगा।

 

खेल न्यूज़

5.प्रायोजक मिलने के बाद अब पाकिस्तानी टीम खेल सकेगी हॉकी विश्व कप:-

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हॉकी विश्व कप में पाकिस्तानी टीम के खेलने को लेकर छाए अनिश्चितता के बाद छंट गए हैं। एक क्रिकेट फ्रेंचाइजी के मालिक आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ) से प्रयोजक के तौर पर जुड़े हैं। पीएचएफ के सचिव शाहबाज अहमद ने सूचित किया कि पाकिस्तान सुपर लीग की फ्रेंचाइजी पेशावर जालमी के मालिक ने पीएचएफ के साथ बड़ा प्रायोजन करार किया है जो 2020 तक चलेगा। इस प्रायोजन करार में सीनियर और जूनियर टीम के सभी अंतरराष्ट्रीय दौरों के अलावा घरेलू हाकी भी शामिल है। शाहबाज ने कहा, यह हमारे लिए बड़ी राहत की बात है। पेशावर जालमी फ्रेंचाइजी के मालिक जावेद अफरीदी ने अपनी कंपनी हायर पाकिस्तान की ओर से पाकिस्तान हाकी के साथ प्रायोजन करार किया है।

 

बाजार न्यूज़

6.व्यापार मेला में ‘रूरल इंटरप्राइजेज’ की थीम पर सजेगा बिहार पवेलियन:-

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दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार मंडप को इस वर्ष मेले की थीम ‘रूरल इंटरप्राइजेज ऑफ इंडिया’ के अनुरूप नायाब रूप दिया जा रहा है। इस वर्ष प्रगति मैदान के हाल नं 12 में बिहार मंडप को आकर्षक स्वरूप दिया जा रहा है। बिहार पवेलियन को तैयार करने में पवेलियन के अगले हिस्से में बिहार की प्रसिद्ध मिथिला (मधुबनी) पेंटिंग और भागलपुर की मंजूषा पेंटिंग का उपयोग किया जा रहा है। बिहार पवेलियन में नायाब हस्तशिल्प एवं हैंडलूम कला, मंजूषा पेंटिंग, मिथिला पेंटिंग, टिकुली आर्ट की बेहतरीन झलक देखने को मिलेगी। पवेलियन के मुख्यद्वार एवं बाहरी हिस्सों में विभिन्न विभागों की प्रदर्शित मनमोहक झलकियां व डिजाइन आगंतुकों को बिहार पवेलियन भ्रमण के लिए आकर्षित कर देगा।

7.सॉफ्टबैंक कॉर्प 21 अरब डॉलर का बड़ा IPO लाने की तैयारी में:-

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जापान का सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प अपनी टेलीकॉम कंपनी सॉफ्टबैंक कॉर्प के एक विशालकाय प्रारंभिक पब्लिक ऑफर (आईपीओ) को लाने की तैयारी में है। यह आईपीओ 2.4 लाख करोड़ येन (21.04 अरब डॉलर) का होगा।

समूह को आईपीओ लाने की मंजूरी मिल गई है। यह दुनिया के सबसे बड़े आईपीओ में एक होगा। इसके साथ ही यह जापान में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। इससे हासिल रकम से समूह को कर्ज उतारने में मदद मिलेगी।इसके साथ ही कंपनी को नए दौर के इनोवेशन में निवेश करने के लिए भी अतिरिक्त पूंजी मिल जाएगी। समूह ने छोटे गेमिंग स्टार्टअप से लेकर एप आधारित टैक्सी सेवा कंपनी उबर टेक्नोलॉजी इंक और विशालकाय ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड तक अनेक इनोवेटिव कारोबारों में निवेश किया है

जापान के वित्त मंत्रालय में सोमवार को दाखिल एक सूचना के मुताबिक आईपीओ के तहत सॉफ्टबैंक कॉर्प के 1.6 अरब शेयर अनुमानित 1,500 येन (13 डॉलर) प्रति शेयर की दर से बिक्री के लिए पेश किए जाएंगे। आईपीओ में यदि अधिक शेयरों के लिए बोली हासिल हुई तो ऑफर का आकार 240.6 अरब येन और बढ़ाया जा सकता है, जिससे ऑफर का कुल आकार 25 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।