रैमन मैग्सेसे पुरस्कार को जीतने वाले भारतीय

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रैमन मैग्सेसे पुरस्कार की स्थापना अप्रैल 1957 में हुई थी। यह पुरस्कार फिलीपींस के दिवंगत राष्ट्पति  रैमन मैग्सेसे की याद में दिया जाता है।  रैमन मैग्सेसे पुरस्कार एशिया का प्रमुख और सर्वोच्च सम्मान वाला पुरस्कार है। यह एशिया में अच्छी भावना और परिवर्तनकारी नेतृत्व को सम्मानित करता है। पुरस्कार फिलीपींस के मनीला शहर में फिलीपींस के बेहद सम्मानित राष्ट्रपति जिनके आदर्शों ने इस पुरस्कार की नींव डाली, के जन्म दिवस 31 अगस्त को, एक औपचारिक समारोह में प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार 6 श्रेणियों में दिया जाता है।

ये श्रेणियां हैं–

  1. सरकारी नौकरी (जीएस)
  • लोक सेवा (पीएस)
  • सामुदायिक नेतृत्व (सीएल)
  • पत्रकारिता, साहित्य एवं रचनात्मक संचार कला (जेएलसीसीए)
  • शांति एवं अंतरराष्ट्रीय समझ (पीआईयू)
  • अनपेक्षित नेतृत्व (ईएल)

वर्ष 2009 से, रैमन मैग्सेसे पुरस्कार संघ ने उपरोक्त छह श्रेणियों में पुरस्कार देने की परंपरा शुरु की है। रैमन मैग्सेसे पुरस्कार को एशिया का नोबल पुरस्कार भी कहा जाता है।

रैमन मैग्सेसे पुरस्कार जीतने वाले भारतीयों की सूची

नाम वर्ष श्रेणी
विनोबा भावे 1958 सामुदायिक नेतृत्व
चिंतामन देशमुख 1959 सरकारी नौकरी
अमिताभ चौधरी 1961 पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला
मदर टेरेसा 1962 शांति और अंतरराष्ट्रीय समझ
दारा खुरोदे 1963 सामुदायिक नेतृत्व
वर्गिज कुरियन 1963     सामुदायिक नेतृत्व
त्रिभुवनदास पटेल 1963 सामुदायिक नेतृत्व
वेल्दी फिशर 1964 शांति और अंतरराष्ट्रीय समझ
जयप्रकाश नारायण 1965 लोक सेवा
कमलादेवी चट्टोपाध्याय 1966 सामुदायिक नेतृत्व
सत्यजीत रे 1967 पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला
मोनकाम्पू संबासिवन स्वामीनाथन 1971 सामुदायिक नेतृत्व
एम.एस. सुब्बालक्ष्मी 1974 लोक सेवा
बूबलि जॉर्ज वर्गिज 1975 पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला
हेनिंग हॉल्क– लार्सन 1976 शांति और अंतरराष्ट्रीय समझ
ईला रमेश भट्ट 1977 सामुदायिक नेतृत्व
माबेली अरोली 1979 सामुदायिक नेतृत्व
रजनीकांत अरोली 1979 सामुदायिक नेतृत्व
गौर किशोर घोष 1981 पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला
प्रमोद करण सेठी 1981 सामुदायिक नेतृत्व
चांदी प्रसाद भट्ट 1982 सामुदायिक नेतृत्व
मणिभाई देसाई 1982 लोक सेवा
अरुण शौरी 1982 पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला
रासीपुरम लक्ष्मण 1984 पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला
मुरलीधर आम्टे 1985 लोक सेवा
लक्ष्मी चांद जैन 1989 लोक सेवा
के. बी. सुब्बान्ना 1991 पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला
रवि शंकर 1992 पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला
बन्नो जाहंगीर कोयाजू 1993 लोक सेवा
किरण बेदी 1994 सरकारी नौकरी
पांडुरंग अठावले 1996 सामुदायिक नेतृत्व
तिरुनेल्लई शेषण 1996 सरकारी नौकरी
महाश्वेता देवी 1997 पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला
जॉकिन अरपुथम 2000 शांति और अंतरराष्ट्रीय समझ
अरुणा रॉय 2000 सामुदायिक नेतृत्व
राजेन्द्र सिंह 2001 सामुदायिक नेतृत्व
संदीप पांडे 2002 अनपेक्षित नेतृत्व
जेम्स माइकल लिंग्दोह 2003 सरकारी नौकरी
शांति सिन्हा 2003 सरकारी नौकरी
लक्ष्मीनारायण रामदास 2004 शांति और अंतरराष्ट्रीय समझ
वी. शांता 2005 लोक सेवा
अरविन्द केजरीवाल 2006 अनपेक्षित नेतृत्व
पालागुम्मी साईनाथ 2007 पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला
    मंदाकिनी आम्टे 2008 सामुदायिक नेतृत्व
दीप जोशी 2009 सामुदायिक नेतृत्व
नीलिमा मिश्रा 2011 अनपेक्षित नेतृत्व
हरीश हांडे 2011 सामुदायिक नेतृत्व
कुलानदेई फ्रांसिस 2012 अनपेक्षित नेतृत्व
अंशु गुप्ता और संजीवचतुर्वेदी 2015 अनपेक्षित नेतृत्व

वर्ष 2015 के मैग्सेसे पुरस्कार विजेताओं ने अब तक एशिया के सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करने वाले 307 अन्य मैग्सेसे पुरस्कार विजेताओं के समुदाय में अपना स्थान बना लिया।

संजीव चतुर्वेदी: भारतीय वन अधिकारी संजीव चतुर्वेदी, जिन्हें एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी के पद से हटा दिया गया था और स्वयंसेवी संगठन ‘गूंज’ की स्थापना करने वाले अंश गुप्ता, ये दो भारतीय हैं जिन्हें इस वर्ष (2015) के रैमन मैग्सेसे पुरस्कार के लिए चुना गया है।

अंशु गुप्ताः जिन्होंने भारत में दान देने की संस्कृति को रचनात्मक दृष्टि से आगे बढाया | कपड़ों को गरीबों के लिए सतत विकास के संसाधन के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए इनके उद्यमी नेतृत्व को इस संगठन ने सराहा और विश्व को यह याद दिलाने के लिए कि सच में किया जाने वाला दान हमेशा मनुष्य की गरिमा का सम्मान करता और उसे बनाए रखता है, के लिए यह पुरस्कार दिया है।