सभी ग्राम पंचायतों को BharatNet परियोजना के तहत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सरकार :-

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राष्ट्रीय न्यूज़

1.विनीत गोयनका की नई पुस्तक है जिसका शीर्षक है “डेटा संप्रभुता – सर्वोच्चता का उद्देश्य :-

पुस्तक , “डेटा संप्रभुता का कार्य – सर्वोच्चता का उद्देश्य ‘।इसे लेखक, सचिव, विनित गोयनका ने लिखा है। वह गवर्निंग काउंसिल- CRIS (रेलवे सूचना प्रणाली के लिए केंद्र) और रेल मंत्रालय के एक सदस्य हैं।पुस्तक डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक सक्षम डेटा केंद्रों का निर्माण करने के लिए आवश्यक कदमों और ठोस कार्यों पर केंद्रित है। पुस्तक डेटा उत्पादन और खपत के पहलू को बताती है।यह डेटा स्थानीयकरण पर नीति निर्माताओं को प्रोत्साहित करता है और डेटा की क्षमता और डेटा के निहितार्थ पर लोगों के बीच जागरूकता पैदा करता है।

2.श्री थावरचंद गहलोत ने अंतर्राष्‍ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्‍करी निरोध दिवस पर ‘17वें मादक पदार्थ निरोध रन’ को झंडी दिखाकर रवाना किया :-  

केन्‍द्रीय सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने आज नई दिल्‍ली के जवाहरलाल नेहरू स्‍टेडियम में ‘अंतर्राष्‍ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्‍करी निरोध दिवस’ के अवसर पर ‘17वें मादक पदार्थ निरोध रन’ को झंडी दिखाकर रवाना किया। सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता राज्‍य मंत्री श्री कृष्‍ण पाल गुर्जर, श्री रामदास अठावले, श्री रतनलाल कटारिया, सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में सचिव श्रीमती नीलम साहनी और अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति उपस्थित थे। गणमान्‍य व्‍यक्तियों ने बैंड के साथ इस ‘सांकेतिक वॉक’ का नेतृत्‍व किया। इस अवसर पर एक सांस्‍कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया और जिसमें भाग लेने वाले लोगों को प्रमाण-पत्र, पुरस्‍कार और प्रशस्ति पत्र दिए गए।

‘अंतर्राष्‍ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्‍करी निरोध दिवस’ पर पिछले 16 वर्षों से एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में ‘मादक पदार्थ निरोध रन’ का सफल आयोजन किया जा रहा है। भारत सरकार के सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के इस आयोजन में 1992 की एशियाई मैराथन चैंपियन डॉ. सुनीता गोदारा सहयोगी हैं। एनआईएसडी, नारकोटिक्‍स कंट्रोल ब्‍यूरो, दिल्‍ली सरकार के निषेध निदेशालय जैसी शीर्ष एजेंसियों के साथ संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसियां और ओएनजीसी, गेल, इंडियन ऑयल, आईजीएल, पेट्रोनेट, एनडीएमसी, आईटीएस, एलपीयू जैसी साझेदार कंपनियां इस वार्षिक आयोजन में सहयोग करते हैं। यह आयोजन मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम पर आधारित जागरूकता के लिए काफी महत्‍वपूर्ण साबित हुआ है। मादक पदार्थों की रोकथाम के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 26 जून, 2019 को आयोजित विश्‍व मादक पदार्थ निरोध दिवस की पहल के लिए मूल विषय के रूप में ‘पहले सुनो’ का चयन किया गया है। बच्‍चों और युवाओं को सुनना, उनके स्‍वास्‍थ्‍य और सुरक्षा को बढ़ाने में उनकी मदद करने में पहला कदम है। इस आयोजन में सभी अर्द्ध-सैन्‍य बलों, पुलिस, क्‍लबों, टीम लीडरों, स्‍कूलों, महाविद्यालयों और गैर-सरकारी संगठनों का काफी सहयोग रहा और वे बड़ी संख्‍या में उपस्थित हुए।

3.एनडीएमए दिल्ली और एनसीआर राज्यों में भूकंप पर मॉक अभ्यास आयोजित करेगा :-

केंद्र सरकार की 100 दिनों की कार्य योजना में यह है प्रमुख मॉक अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) राज्य सरकारों के सहयोग से शुक्रवार यानी 28 जून, 2019 को भूकंप आपदा से निपटने की तैयारियों पर एक मॉक अभ्यास का संचालन करेगा। इस अभ्यास का उद्देश्य भूकंप आने की स्थिति में स्थानीय प्रशासन की तैयारियों के साथ-साथ उसकी ओर से की जाने वाली त्वरित कार्रवाई की व्यवस्था को बेहतर बनाना है। इस दौरान दिल्ली (सभी 11 जिले), हरियाणा (4 जिले- झज्जर, फरीदाबाद, गुरुग्राम एवं सोनीपत) और उत्तर प्रदेश (3 जिले – गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और मेरठ) को कवर किया जाएगा। इस मॉक अभ्यास के अंतर्गत दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के साथ समन्वय एवं उन्मुखीकरण सम्मेलन आयोजित किए गए हैं जिनमें राज्यों और संबंधित जिलों के सभी हितधारकों ने भाग लिया। अंतिम अभ्यास से पहले सभी प्रतिभागियों के साथ एक दिवसीय टेबल टॉप अभ्यास आयोजित किया जा रहा है, ताकि यह अभ्यास सुगमतापूर्वक हो सके। सभी हितधारक विभागों जैसे कि पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, अग्निशमन, नागरिक प्रतिरक्षा, जनसंपर्क और परिवहन विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने तैयारियों से जुड़ी इन बैठकों में भाग लिया। इसके अलावा थल सेना, वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ)/केंद्रीय पुलिस संगठन (सीपीओ) के प्रतिनिधियों ने भी इनमें भाग लिया। इन अभ्यासों के तहत भूकंप और उससे जुड़ी अन्य आपदाओं जैसे परिदृश्य से निपटने के तरीके सिखाए जा रहे हैं जिनके तहत प्रतिभागियों को आपदा प्रबंधन के प्रमुख पहलुओं जैसे कि आपदा प्रतिक्रिया दलों के गठन, आपातकालीन परिचालन केंद्रों (ईओसी) को सक्रिय करना, विभिन्न प्रतिभागी एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने, बचाव एवं निकासी कार्यों के अलावा चिकित्सीय तैयारियों के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। संपूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) या तो भूकंपीय क्षेत्र IV या भूकंपीय क्षेत्र III में आता है, अतः यह इस लिहाज से अत्यंत असुरक्षित है। इस अभ्यास से विभिन्न कमियों को दूर करने और विभिन्न हितधारक एजेंसियों के बीच बेहतर संचार सुनिश्चित करने एवं बढ़िया तालमेल बैठाने में मदद मिलेगी। इससे स्थानीय जनता के बीच जागरूकता भी पैदा होगी। दरअसल, स्थानीय जनता को भूकंप के लिहाज से एनसीआर के असुरक्षित होने के बारे में सजग करने की जरूरत है। केंद्र की 100 दिनों की कार्य योजना के तहत देश भर में विभिन्न आपदाओं पर मॉक अभ्यास आयोजित करने की योजना बनाई गई है। यह इस श्रृंखला में प्रथम अभ्यास है, जबकि आगामी अमरनाथ यात्रा से पहले इसी तरह का एक अभ्यास आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। अन्य अभ्यासों में क्रमशः उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में जुलाई महीने में बाढ़ एवं भूकंप आपदाओं से निपटने की तैयारियों से जुड़े अभ्यास शामिल हैं। इन अभ्यासों का समापन  अगस्त महीने में तमिलनाडु में एक मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) अभ्यास के रूप में होगा।

4.आंध्र प्रदेश में पोलावरम परियोजना से संबंधित निर्माण कार्य को सरकार दो साल का विस्तार देती है :-

आंध्र प्रदेश में पोलावरम बहुउद्देशीय परियोजना से संबंधित निर्माण कार्य को सरकार ने दो साल का विस्तार दिया है। नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए, पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जोर देकर कहा कि यह परियोजना राज्य के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे लगभग तीन लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी।  उन्होंने कहा, यह विशेष रूप से विशाखापत्तनम, पूर्वी गोदावरी और पश्चिम गोदावरी और कृष्णा जिलों में 25 लाख आबादी वाले 540 गांवों को पीने के पानी की सुविधा प्रदान करेगा।

 

5.विस्तारित UNSC में स्थायी सदस्यता पाने के लिए सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता देती है :-

सरकार ने एक विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में देश के लिए एक स्थायी सदस्यता पाने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा, भारत सक्रिय रूप से UNSC सुधार पर चल रही अंतर-सरकारी वार्ता में लगा हुआ है। उन्होंने कहा, इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय प्लेटफार्मों को शामिल करते हुए कई पहल की गई हैं। मंत्री ने कहा, भारत G-4 समूह में अपनी सदस्यता के माध्यम से अन्य सुधार उन्मुख देशों के साथ काम कर रहा है, जिसमें भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी और L-69 समूह शामिल हैं, जो एशिया के विकासशील देशों का एक क्षेत्रीय क्षेत्रीय समूह है , संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के बीच समर्थन का निर्माण करने के लिए अफ्रीका और लैटिन अमेरिका। श्री मुरलीधरन ने कहा, भारत के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, बड़ी संख्या में देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सदस्यता के लिए इसकी उम्मीदवारी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, यह द्विपक्षीय अंतर-सरकारी बैठकों में विभिन्न रूपों और मंचों में व्यक्त किया गया है।

 

6.जल शक्ति मंत्री ने 2024 तक सभी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की एनडीए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया :-

जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2024 तक सभी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की राजग सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है। देश में जल संकट की चुनौतियों पर राज्यसभा में एक छोटी अवधि की चर्चा का जवाब देते हुए, मंत्री ने इस पर जोर दिया। देश में पानी की समस्या के समाधान के लिए समग्र दृष्टिकोण। उन्होंने कहा कि देश में भूजल को बचाने और इसके संरक्षण की परंपरा है। मंत्री ने कहा कि केवल सरकार की पहल पर ध्यान देने के बजाय इस दिशा में व्यक्तिगत प्रयासों के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। श्री शेखावत ने देश के कई हिस्सों में भूजल के घटते स्तर पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, इस साल 1 जून तक देश में 43% बारिश की कमी थी, जो महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों को प्रभावित कर रही है। मंत्री ने सदस्यों से जल संकट को दूर करने के लिए एमपीलैड्स से धनराशि खर्च करने का भी आग्रह किया। इससे पहले, बहस में भाग लेते हुए, AIADMK के आर वैथीलिंगम, टीएमसी के मानस रंजन भूनिया, सीपीआई (एम) के टीके रंगराजन, सीपीआई के डी राजा, शिवसेना के अनिल देसाई, आरजेडी के मनोज झा, बीजेपी के ओम प्रकाश माथुर और अन्य ने व्यक्त किए जल संकट पर चिंता। सदस्यों ने चुनौती को संबोधित करने के लिए और अधिक ठोस प्रयासों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

 

7.सभी ग्राम पंचायतों को BharatNet परियोजना के तहत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सरकार :-

सरकार की योजना देश के सभी ग्राम पंचायतों को भारतनेट परियोजना के तहत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने की है। लोकसभा में एक लिखित जवाब में, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक लाख 28 हजार और 870 ग्राम पंचायतें आज तक ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ी हैं। भारतनेट परियोजना के तहत, देश में सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में अंतिम मील कनेक्टिविटी प्रदान की जानी है। मंत्री ने बताया कि अब तक 44,140 ग्राम पंचायतों में वाई फाई स्पॉट स्थापित किए गए हैं। परियोजना का चरण I दिसंबर 2017 में पूरा हुआ, और एक लाख ग्राम पंचायतों को सेवा के लिए तैयार किया गया। द्वितीय चरण के कार्यान्वयन के अधीन है, और मार्च 2020 तक कुल 2 लाख ग्राम पंचायतों को पूरा करने का लक्ष्य है।

अन्तराष्ट्रीय न्यूज़

8.IOC ने स्विट्जरलैंड के लॉज़ेन में अपने 145 मिलियन डॉलर के नए मुख्यालय का उद्घाटन किया :-

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी)  145 मिलियन स्विस फ़्रैंक (145 मिलियन $) एक समारोह में ओलंपिक हाउस नामित का उद्घाटन किया। यह स्विट्जरलैंड के लुसाने में ओलंपिक हाउस के लेकसाइड मैदान में आयोजित किया जाता है। ओलंपिक खेलों के ठीक 125 साल बाद इसका उद्घाटन किया जाता है। नया निर्मित मुख्यालय डेनमार्क की आर्किटेक्चर फर्म 3XN द्वारा डिजाइन किया गया है। यह 95% पुरानी सामग्रियों से बना है

नए भवन की हस्ताक्षर सुविधा एक केंद्रीय सीढ़ी है। एक छत के नीचे लगभग 500 आईओसी के कर्मचारी। आईओसी के सदस्य इटली से मिलान-कोरटिना और स्वीडन के स्टॉकहोम के बीच 2026 शीतकालीन खेलों की मेजबानी के लिए लुसाने में एकत्रित हुए।

 

9.अमेरिकी संसद में पास हुआ ये विधेयक तो NATO का सदस्‍य बन जाएगा भारत :-

वर्ष 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर तालिबानी आतंकी हमले के बाद अमेरिका की विदेश नीति वैश्विक आतंकवाद उन्मूलन केंद्रित हो गई। अमेरिका के नेतृत्व में नाटो देशों के सैनिकों से बनी अंतरराष्ट्रीय फौजों की ऑपरेशन एन्ड्योरिंग फ्रीडम के जरिये अफगानिस्तान में तैनाती हुई। नाटो ने इसके लिए अपने सामूहिक सुरक्षा प्रावधान (अनुच्छेद 5) के जरिए 9/11 की आतंकी घटना का प्रतिकार किया। यह प्रावधान कहता है कि नाटो के किसी एक सदस्य पर किया गया हमला पूरे नाटो पर किया गया हमला माना जाएगा और नाटो उसका जवाब देगा।नाटो की सेनाओं के अलावा अमेरिका के नेतृत्व में ग्लोबल काउंटर टेररिज्म फोरम का गठन किया गया और इस 30 देशों वाले फोरम का सदस्य भारत भी है। इसके अलावा अमेरिका ने अपने भूक्षेत्र में आतंकियों को रोकने के उद्देश्य से फॉरेन टेररिस्ट ट्रैकिंग टास्क फोर्स का गठन किया था। उल्लेखनीय है कि नाटो यानी नॉर्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन एक सैन्य गठबंधन है जिसकी स्थापना वर्ष 1949 में की गई थी। इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है। संगठन ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है जिसके तहत सदस्य राज्य बाहरी हमले की स्थिति में सहयोग करने के लिए सहमत होंगे। भारत अमेरिका सामरिक समझौता अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भारत-अमेरिका के बीच अच्छे रिश्तों की शुरुआत की नींव रखी गई और 2001 के बाद दोनों देश सामरिक साझेदार बन गए। वर्ष 2004 में सामरिक साझेदारी के अगले चरण पर समझौता हुआ जिसका मतलब था दोनों देशों के बीच असैन्य नाभिकीय सहयोग, मिसाइल प्रतिरक्षा संबंध, असैन्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहयोग और उच्च प्रौद्योगिकी व्यापार के क्षेत्र में सहयोग हो सकेगा। वर्ष 2008 में भारत को नेचुरल पार्टनर का दर्जा मिला, 2016 में ग्लोबल स्ट्रेटेजिक पार्टनर और मेजर डिफेंस पार्टनर का दर्जा अमेरिका ने दिया। इन सब कामों के साथ भारत को नाटो से जोड़ने के पीछे अमेरिका के दीर्घकालिक हित काम कर रहे हैं। एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन को संतुलित करने के तरीके अमेरिका लगातार खोज रहा है। चीन के दक्षिण चीन सागर के स्पार्टले और पारासेल द्वीपों और पूर्वी चीन सागर में सेनकाकू द्वीपों पर अवैध कब्जे का प्रयास, चीन द्वारा पापुआ न्यूगिनी में नौसैनिक अड्डे के निर्माण का प्रस्ताव, वन बेल्ट वन रोड पहल, मैरीटाइम सिल्क रूट, मोतियों की लड़ी की नीति के जरिये समूचे हिंद महासागर को अड्डों का नेटवर्क बनाने का प्रयास जैसे तथ्य अमेरिका के हित में नहीं है। इस दृष्टि से भारत को नाटो से जोड़कर अमेरिका क्वाड्रीलैटरल ग्रुप और मालाबार जैसे संयुक्त अभ्यासों को एशिया पैसिफिक क्षेत्र को बचाने के लिए नई ऊर्जा भर सकता है। अमेरिका और भारत दोनों के अफगानिस्तान में सामरिक हित हैं।आतंक से निपटने में मददगार वर्ष 2014 में अमेरिका के नेतृत्व में 79 देशों के ग्लोबल कोएलिशन टू डिफीट आइएस का गठन किया गया, इस गठजोड़ का नाटो भी सदस्य है। आइएस ने हाल के समय में अफगानिस्तान और अन्य जगहों पर भारतीयों को बंधक बनाया, कश्मीर में नए प्रांत बनाने का दावा किया। इस खतरे से निपटने के लिए नाटो से जुड़ाव कारगर रहेगा। अफगनिस्तान में आइएस खोरासान से निपटने और तहरीक-ए-तालिबान से निपटने के लिए भी यह जरूरी है। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान की सीमाओं पर नशीले पदार्थों की तस्करी, अतिवाद, धार्मिक कट्टरता आदि से निपटना नाटो और भारत दोनों के लिए जरूरी है। भारत को आज गिलगित बाल्टीस्तान, डोकलाम, तवांग, सरक्रीक की सुरक्षा के लिए जो सैन्य सूचना सहयोग चाहिए, उसका मार्ग नाटो से जुड़ाव से खुलेगा। वर्ष 2016 में भारत को प्रमुख सैन्य साझेदार का दर्जा मिलने और उसके पहले व बाद में किए गए चार प्रतिरक्षा समझौते इस बात को सिद्ध करते हैं कि अमेरिका ने भारत को नाटो से जोड़ने की बात काफी पहले सोची होगी। वर्ष 2002 में भारत अमेरिका ने जनरल सिक्योरिटी ऑफ मिलिट्री इंफॉर्मेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया जबकि 2018 में पहली टू प्लस टू वार्ता के तहत कॉमकासा एग्रीमेंट किया गया। कम्युनिकेशन कंपैटीबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट दोनों देशों के मध्य सैन्य सूचना सटीक समय पर साझा करने का समझौता है। इससे भारत को समुद्री निगरानी में मदद मिलेगी। अनेक संबंधित जानकारियों को भारतीय नौसेना मुख्यालय पर 2019 में ही स्थापित कम्युनिकेशन सिस्टम तक रियल टाइम में पहुंचा दी जाएगी। यदि दोनों देशों के लिए घातक कोई आतंकी किसी तीसरे देश में योजना बना रहा है तो इसकी भी सूचना मिनटों में पहुंचा दी जा सकेगी। इसके साथ ही दोनों देशों ने 2016 में लीमोआ समझौता यानी लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन पर हस्ताक्षर किया जिसका मूल उद्देश्य एक दूसरे को सैन्य अभियानों के समय जरूरी उपकरण का विनिमय करना है। दोनों देशों ने बेसिक एक्सचेंज एंड कॉपरेशन एग्रीमेंट किया है। इसके जरिये भारत अमेरिका के भूस्थानिक मानचित्रों का इस्तेमाल कर ऑटोमेटेड हार्डवेयर सिस्टम्स और क्रूज एवं बैलिस्टिक मिसाइलों की सटीक सैन्य जानकारी प्राप्त कर सकेगा। इस प्रकार ये चार प्रतिरक्षा समझौते भारत और नाटो के संबंधों को और मजबूती देने के लिए एक उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहे हैं। इससे भारत का वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य में बढ़ता महत्व साफ नजर आता है। नाटो भारत के लिए इसलिए भी उपयोगी है, क्योंकि उसकी आतंकवाद निरोधी नीति दिशानिर्देश इस गठबंधन को तीनों बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहती है- जागरूकता, क्षमता और संलग्नता। नाटो के पास उसके मुख्यालय ब्रुसेल्स में एक आतंकवाद सूचना प्रकोष्ठ है जो नाटो के सभी आतंक निरोधी गतिविधियों में समन्वय स्थापित करता है। यह अपने अवाक्स इंटेलिजेंस फ्लाइट्स के जरिये भी आतंक से लड़ने में निपुण है। हिंद महासागर और प्रशांत क्षेत्र में समुद्री डकैती से निपटने में भी नाटो भारत का बेहतर सहयोगी साबित हो सकता है। अमेरिकी बाजार पर असर आखिर अमेरिका अचानक आर्थिक मोर्चे पर हमलावर क्यों हो गया है। भारत और अमेरिका के बीच वस्तुओं और सेवाओं के द्विपक्षीय व्यापार में व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में है। यानी भारत का अमेरिका में निर्यात ज्यादा है और भारतीय बाजार में अमेरिकी वस्तुओं का आयात कम होता है। वर्ष 2017 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 126 बिलियन डॉलर था जो 2018 में 142 बिलियन डॉलर पहुंच गया। वर्ष 2017 में अमेरिका ने 77.2 बिलियन डॉलर मूल्य के भारतीय वस्तुओं व सेवाओं का आयात किया जबकि इसी वर्ष भारतीय बाजार में अमेरिकी निर्यात 48.8 बिलियन डॉलर ही रहा। इस असंतुलन से अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया कि वह अमेरिकी वस्तुओं को समतामूलक बाजार पहुंच नहीं दे रहा है। दरअसल अमेरिका जीएसपी और अन्य कार्यक्रमों के द्वारा दुनिया भर के देशों को जिस तरह से शुल्क मुक्त बाजार पहुंच देता है उससे वर्तमान में उसका व्यापारिक घाटा रिकॉर्ड 891 बिलियन डॉलर पहुंच गया है। इसी बीच वह चीन से भी व्यापार युद्ध में उलझा हुआ है। अमेरिका का आरोप है कि चीन भी अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं को समतामूलक बाजार पहुंच अपने यहां नहीं देता है। अमेरिका और चीन के मध्य द्विपक्षीय वस्तु और सेवा व्यापार 2018 में 737.1 बिलियन डॉलर रहा है। अमेरिका ने कुल 557.9 बिलियन डॉलर मूल्य के चीनी वस्तु और सेवाओं का आयात किया जबकि चीन के बाजार में अमेरिका का निर्यात मात्र 179.3 बिलियन डॉलर रहा। यहां भी व्यापार संतुलन चीन के पक्ष में है। ट्रंप को यह बात पसंद नहीं आई और उन्होंने 2018 में 250 बिलियन डॉलर मूल्य वाले चीनी वस्तुओं पर टैरिफ 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दिया।

आखिर वह करें भी क्यों नहीं, क्योंकि चीन से अमेरिका का व्यापार घाटा 420 बिलियन डॉलर का जो है। इसके पहले अमेरिका ने एल्यूमीनियम और स्टील पर टैरिफ रेट बढ़ा दिया था और यूरोप के देशों और कनाडा व मैक्सिको से भी अमेरिका की व्यापारिक तनातनी बनी रही। इसी को दुनिया ट्रंप कीआर्थिक संरक्षणवादी नीति के नाम से जानती है। ट्रंप सरकार ने विकासशील देशों में भेदभाव मुक्त बाजार पहुंच सुनिश्चित करने की कवायद जारी रखते हुए भारत पर आरोप लगाया कि वह अमेरिका के हार्ले डेविडसन मोटरबाइकों पर भारी ड्यूटी लगाए बैठा है। भारत ने यह शुल्क हाल में 100 प्रतिशत से घटा कर 50 प्रतिशत कर दिया है, फिर भी अमेरिका को लगता है कि यह बहुत ज्यादा है।

अमेरिका भारत के अन्य देशों के साथ प्रतिरक्षा संबंधों में भी दखलंदाजी देने में लगा है। अमेरिका ने यह चेतावनी दी है कि यदि भारत रूस से एस यू-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदता है तो उसे इसका दंड भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। ऐसे में भारत को सतर्क होकर निर्णय लेना पड़ेगा। भारत को अपने विदेश नीति के मूल सिद्धांतों, न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन के आदर्शों को याद रखने की जरूरत है। साथ ही अपने भू-राजनीतिक, भू-आर्थिक और भू-सामरिक हितों की सुरक्षा के लिए नाटो के गठजोड़ का कोई अवसर भी हमें नहीं गंवाना चाहिए।

 

खेल न्यूज़

10.IOC स्ट्रिप वर्ल्ड बॉक्सिंग बॉडी AIBA ऑफ़ ओलंपिक स्टेटस :-

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने आज परेशान विश्व मुक्केबाजी निकाय AIBA से ओलंपिक दर्जा छीन लिया। नतीजतन, आईओसी अब 2020 टोक्यो खेलों के लिए क्वालीफाइंग और अंतिम टूर्नामेंट आयोजित करेगा। IOC के सदस्यों ने AIBA की ओलंपिक स्थिति को निलंबित करने के लिए पिछले महीने कार्यकारी बोर्ड की सिफारिश का समर्थन करने के लिए मतदान किया था।ओलंपिक जांच पैनल के अध्यक्ष नेनाड लालोविक ने स्विट्जरलैंड के लुसाने में कहा कि एआईबीए ने आईओसी और उसके अमेरिकी हितधारकों के लिए बहुत ही गंभीर प्रतिष्ठित, कानूनी और वित्तीय जोखिम पैदा किए हैं।

लुसाने स्थित AIBA ने कहा है कि यह लगभग 17 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण के साथ दिवालियापन के पास है। यह टोक्यो राजस्व से भविष्य की आय से कट जाता है, और रूस में पुरुषों और महिलाओं के लिए 2019 विश्व चैंपियनशिप अब ओलंपिक क्वालीफायर नहीं हैं। एआईबीए के अध्यक्ष, गफूर राखिमोव पूर्वी यूरोपीय संगठित अपराध के संदिग्ध लिंक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय प्रतिबंधों के तहत है।

 

11.ICC विश्व कप: पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड को हरायावेस्ट इंडीज का सामना करने के लिए भारत :-

ICC क्रिकेट विश्व कप में, पाकिस्तान ने अपनी सेमीफाइनल की उम्मीदों को बनाए रखने के लिए कल रात बर्मिंघम में न्यूजीलैंड को छह विकेट से हरा दिया। गेंदबाजी करने का विकल्प चुनने के बाद, पाकिस्तान ने पहले कीवी टीम को 237 पर रोक दिया। 6. 19 वर्षीय तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी ने सर्वाधिक तीन विकेट हासिल किए। फिर, बल्ले के साथ, पाकिस्तान ने मैच के मैन ऑफ द मैच बाबर आज़म के नाबाद 101, जो कि उनका पहला विश्व कप शतक था और एकदिवसीय मैचों में 10 वां था, पर सवारी करते हुए, पांच गेंदों के साथ लक्ष्य को ओवरहाल किया। टीम इंडिया आज जब मैनचेस्टर में अपने छठे राउंड-रॉबिन मैच में वेस्टइंडीज से भिड़ेगी तो उसकी नाबाद लकीर बरकरार रहेगी।

बाज़ार न्यूज़

12.बैंकों को टैक्स डिफॉल्टर्स की संपत्ति का ब्योरा देगा इनकम टैक्स विभाग :-

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इनकम टैक्स (आइटी) विभाग को आदेश दिया है कि जनहित में वे ऐसे लोन डिफॉल्टर्स की संपत्तियों और अकाउंट्स का ब्योरा सरकारी बैंकों को दें, जिनके बारे में बैंकों ने विभाग से ब्योरे की मांग की हो। इस कदम का मकसद डिफॉल्टर्स पर शिकंजा कसना और जनता के पैसे की वसूली करने में मदद करना है। सीबीडीटी के ताजा आदेश के मुताबिक टैक्स विभाग इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) में से ये सूचनाएं निकालेगा।

सीबीडीटी ने बुधवार को अपने सभी फील्ड अधिकारियों को यह आदेश जारी किया। सीबीडीटी आइटी विभाग की नीति तय करता है। सीबीडीटी ने कहा कि कई सरकारी बैंकों की ओर से डिफॉल्टर्स की सूचनाओं के लिए आवेदन मिले हैं, जिनमें बैंकों ने रिकवरी के लिए लोन डिफॉल्टर्स की अचल संपत्तियों का ब्योरा मांगा है। इसके बाद जनहित को देखते हुए यह आदेश जारी किया जा रहा है।सीबीडीटी का मानना है कि लोन डिफॉल्टर्स की संपत्तियों का ब्योरा सरकारी बैंकों से साझा करना जनहित में है और ये सूचनाएं दी जा सकती हैं। यदि सरकारी बैंक की ओर से अनुरोध किया गया हो, तो संपत्ति के ब्योरे के अलावा बैंक अकाउंट्स और लोन डिफॉल्टर्स के देनदारों के भी विवरण साझा किए जा सकते हैं। डिफॉल्टर्स के आंकड़े इनकम टैक्स कानून की धारा 138 (एक)(बी) के तहत साझा किए जाएंगे। आदेश में कहा गया है कि विभाग के पास ये सूचनाएं 50 लाख रुपये सालाना से अधिक आय वाले व्यक्ति या हंिदूू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) की ओर से जमा किए गए आइटीआर के जरिये उपलब्ध होती है। सीबीडीटी ने कहा है कि टैक्स अधिकारी सिर्फ कर्जदाता, मोर्टगेजर और गारंटर की सूचनाएं ही साझा कर सकते हैं। बैंक को सूचना देते समय बैंक और उसके एक अधिकारी से लिखित गारंटी ली जाएगी कि इन सूचनाओं का उपयोग सिर्फ वसूली के लिए होगा।

 

13.RBI सभी बैंकों को सभी संप्रदायों के सिक्के स्वीकार करने की सलाह देता है :-

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी बैंकों को सभी संप्रदायों के सिक्कों को स्वीकार करने के लिए तुरंत अपनी सभी शाखाओं को निर्देशित करने की सलाह दी है।
विभिन्न बैंकों की शाखाओं द्वारा सिक्कों को स्वीकार नहीं किए जाने की शिकायतें मिलने के बाद आरबीआई की सलाह कल आई। रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को लेन-देन या विनिमय के लिए अपने काउंटरों पर टेंडर किए गए सभी संप्रदायों के सिक्के स्वीकार करने की सलाह दी और मामले में कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया।