राष्टीय न्यूज़
1.सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेंगे भारत व चीन:-
अप्रैल, 2018 में चीन के शहर वुहान में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई एतिहासिक अनौपचारिक मुलाकात में द्विपक्षीय रिश्तों को नये आयाम देने को लेकर जो फैसला किया गया था उसके अमल में दोनो देशों की सरकारें जुट गई है। इस संदर्भ में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनकी समकक्ष वांगयी के बीच काफी अहम बातचीत हुई। वैसे स्वराज और यी के बीच पिछले साढ़े चार वर्षो में जितनी मुलाकातें हुई हैं उतनी मुलाकात इनकी किसी दूसरे देश के विदेश मंत्री से नहीं हुई होगी, इसके बावजूद मुलाकात काफी महत्वपूर्ण है।यह मुलाकात दो घंटे चली और इसके सिर्फ दो ही एजेंडे रहे। दोनो देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाना और आवामों के बीच आपसी समझ बूझ को बढ़ाना। दोनो देशों के मीडिया के फोरम की तीसरी बैठक को संबोधित करने के लिए विदेश मंत्री स्वराज ने वांग यी को जब ‘मेरे भाई’ कह कर संबोधित किया तो उससे साफ हो गया कि किस तरह से रिश्तों में घुले तनाव को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।दोनो देशों की तरफ से आपसी व सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए 10 आयामों की घोषणा की गई है। इसमें फिल्म व टेलीविजन से लेकर खेल व योगा तक और पर्यटन से लेकर दोनो देशों के शहरों के बीच रिश्ते कायम करने तक के विषय शामिल है। स्वराज ने कहा कि, जब तक लोगों की समझ नहीं बढ़ेगी तब तक आपसी रिश्ते भी मजबूत नहीं होंगे।चीन के विदेश मंत्रीयी ने स्वराज के साथ अपनी मुलाकात को बेहद सफल बताते हुए कहा कि दोनों देशों के रिश्ते भी ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच चुके हैं। सनद रहे कि वुहान में मोदी और चिनफिंग के बीच हुई मुलाकात ने रिश्ते में तनाव को खत्म करने में काफी अहम भूमिका निभाई है। उसके बाद इन दोनो नेताओं की दो बार और मुलाकात हो चुकी है। अन्य सभी स्तर पर भी मुलाकातों का दौर लगातार चल रहा है। द्विपक्षीय रिश्तों की दो हफ्ते पहले ही विदेश सचिव विजय गोखले और चीन के उप विदेश मंत्री कोंग शुवायू के बीच हुई मुलाकात में समीक्षा की गई थी। उसके पहले दोनो देशों के बीच एनएसए स्तर पर भी रिश्तों की समीक्षा की गई थी।
2.श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आईजीएल की सीएनजी कतार प्रबंधन प्रणाली (क्यूएमएस) और सोशल सीआरएम का शुभारंभ किया :-
सीएनजी चालित बसों को शीघ्र ही ‘हरित कॉरिडोर’ पर चलाया जाएगा
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने नई दिल्ली में इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) की विभिन्न डिजिटल ग्राहक पहलों का शुभारंभ किया। इन पहलों में सीएनजी कतार प्रबंधन प्रणाली (क्यूएमएस) और सोशल सीआरएम भी शामिल हैं।प्रदूषण स्तर में कमी लाने के लिए ‘सीओपी-21’ में भारत द्वारा व्यक्त की गई प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए श्री प्रधान ने घोषणा की कि ‘हरित गलियारों (ग्रीन कॉरिडोर)’ का अनावरण शीघ्र ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष फरवरी तक टाइप-IV सिलेंडरों का उपयोग करने वाली सीएनजी बसों का परिचालन दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-आगरा, दिल्ली-हरिद्वार और दिल्ली-जयपुर मार्गों पर शुरू हो जाएगा। उन्होंने एथनॉल मिश्रण और बायो-सीएनजी सहित गैस के उत्पादन एवं उपयोग को बढ़ावा देने के लिए की गई विभिन्न पहलों का उल्लेख किया,जिनकी बदौलत देश इस मामले में और ज्यादा आत्मनिर्भर हो जाएगा, आयात बिल घट जाएगा और पर्यावरण स्वच्छ होगा।श्री प्रधान ने विभिन्न पहलों के लिए आईजीएल को बधाई देते हुए कहा कि इस कंपनी ने अपनी शुरुआत से लेकर वर्ष 2014 तक सिर्फ 4.5 लाख पीएनजी कनेक्शन मुहैया कराए थे,लेकिन उसके बाद से लेकर अब तक इस दिशा में बड़ी तेजी से प्रगति हुई है और केवल साढ़े चार वर्षों में ही एक मिलियन कनेक्शन का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि पीएनजी कनेक्शनों के लिए प्रतीक्षा अवधि घटकर औसतन सिर्फ एक सप्ताह रह गई है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में रहने वाले लोग अब स्वच्छ, सुविधाजनक एवं किफायती ईंधन का उपयोग कर रहे हैं।श्री प्रधान ने कहा कि इससे यह पता चलता है कि बढ़ती मांग को पूरा करने के प्रति कंपनी कितनी संवेदनशील, सक्रिय और गंभीर है। इसके साथ ही यह ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम गवर्नेंस’ का भी परिचायक है। ‘क्यूएमएस’ का शुभारंभ करने के लिए आईजीएल द्वारा की गई पहल की सराहना करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि इससे सीएनजी स्टेशनों या केन्द्रों पर वाहनों की लम्बी-लम्बी कतारों की समस्या से निपटना संभव हो जाएगा, समय की बचत होगी और अपनी बारी की प्रतीक्षा करने वाले वाहनों में ईंधन की बर्बादी थम जाएगी। इससे ईंधन के रूप में सीएनजी का इस्तेमाल करने वाले वाहन चालकों को सहूलियत होगी और उनकी आमदनी बढ़ जाएगी। उन्होंने देश में शहरी गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क का शुभारंभ कर इस मोर्चे पर बड़ी छलांग लगाने के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) को भी बधाई दी, क्योंकि इससे देश में लगभग 400 जिलों में पाइपलाइन के जरिए गैस आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। श्री प्रधान ने कहा कि देश में सीजीडी नेटवर्क में 70,000 करोड़ रुपये निवेश किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने घरेलू क्षेत्र में गैस आपूर्ति किए जाने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है और यह आयातित मूल्य के बजाय घरेलू मूल्य पर घरेलू गैस मुहैया कराने की दिशा में सरकार द्वारा लिये गए आरंभिक निर्णयों में से एक है। श्री प्रधान ने कहा कि देशभर में 1500 सीएनजी स्टेशन या केन्द्र हैं और अगले 4-5 वर्षों में सीएनजी केन्द्रों की संख्या बढ़कर 10,000 के स्तर पर पहुंच जाने की आशा है।‘ऊर्जा’ मोबाइल एप के जरिए काम करने वाली सीएनजी कतार प्रबंधन प्रणाली से वाहन चालकों को किसी भी सीएनजी स्टेशन के साथ-साथ उसके निकटवर्ती सीएनजी स्टेशन पर औसत प्रतीक्षा अवधि के बारे में सूचना मिल जाएगी। चालक वाहनों की तीन बड़ी श्रेणियों यथा बसों,कारों एवं ऑटो की प्रतीक्षा अवधि के बारे में जानकारी पा सकेंगे। वाहन चालक निकटवर्ती सीएनजी केन्द्र के साथ-साथ वाहनों की तीन श्रेणियों की प्रतीक्षा अवधि के बारे में भी जानकारी पा सकेंगे। यह एप आरंभ में 10 दिनों तक आमंत्रण के जरिए उपलब्ध होगा और 1 जनवरी,2019 से इसे डाउनलोड किया जा सकेगा। टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म ‘सोशल सीआरएम’ ग्राहकों द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों जैसे कि फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर पूछे जाने वाले प्रश्नों, सेवा अनुरोधों, दर्ज कराई जाने वाली शिकायतों का निपटान करेगा। इसका इस्तेमाल विभिन्न विचारों के विश्लेषण के जरिए शिकायत निपटान प्रक्रिया पर करीबी नजर रखने में भी किया जा सकेगा।आईजीएल ने अपने परिचालन क्षेत्रों यथा दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और रेवाड़ी में एक मिलियन (10 लाख) घरेलू पीएनजी ग्राहकों का आंकड़ा भी पार कर लिया है। कंपनी ने 10 लाखवें ग्राहक के साथ-साथ अन्य ग्राहकों और लकी ड्रॉ प्रक्रिया के जरिए चयनित कुछ विशेष वाहन चालकों का भी अभिनंदन किया। सीएनजी ग्राहकों के लिए शुरू की गई आईजीएल स्मार्ट कार्ड योजना के विजेताओं का भी अभिनंदन इस अवसर पर किया गया।
3.भारत के लिए जापान की आधिकारिक विकास सहायता ऋण के बारे में ऋण समझौतों के आदान-प्रदान पर हस्ताक्षर:-
जापान के आधिकारिक विकास सहायता ऋण के बारे में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव डॉ. सी.एस.महापात्रा और भारत में जापान के राजदूत महामहिम श्री केंजी हिरमात्सु के मध्य दस्तावेजों का आदान-प्रदान हुआ। ये ऋण चेन्नई मेट्रो परियोजना (फेज-2) और जेपीवाई के लिए 75.519 बिलियन, जेपीवाई के लिए भारत के सतत विकास लक्ष्यों के लिए जापान भारत सहयोग कार्यक्रम हेतु 15 बिलियन येन, जेपीवाई के लिए डेयरी विकास परियोजना के लिए 14.978 बिलियन येन की सहायता के रूप में दिये जा रहे है। जापान सरकार ने इन तीन परियोजनाओं के लिए कुल 105.497 बिलियन येन – (लगभग 6668.46 करोड़ रुपये) की जेआईसीए आधिकारिक विकास सहायता देने का वायदा किया था।दस्तावेजों के आदान-प्रदान के बाद चेन्नई मेट्रो परियोजना फेज-2 (I), डेयरी विकास परियोजना के लिए ऋण समझौतों पर वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव डॉ. सी.एस. महापात्रा और जेआईसीए के नई दिल्ली में मुख्य प्रतिनिधि श्री कत्सुओ मत्सुमोतो के बीच हस्ताक्षर हुये। चेन्नई मेट्रो परियोजना फेज-2 (I) का उद्देश्य बदतर हो रहे सड़क यातायात/यातायात प्रदूषण को कम करने के लिए मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के निर्माण द्वारा यातायात की बढ़ती हुई मांग को पूरा करना है। इससे चेन्नई महानगरीय क्षेत्र में क्षेत्रीय विकास संतुलित होगा और महानगरीय वातावरण तथा पर्यावरण स्थिति में सुधार आएगा।भारत में सतत विकास लक्ष्यों के बारे में जापान-भारत सहयोगात्मक कार्यों के लिए इस कार्यक्रम का उद्देश्य नीति ढांचे और कार्यान्वयन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए भारत सरकार के प्रयासों में सहायता प्रदान करके विशेष रूप से सामाजिक विकास में एसटीजी को बढ़ावा देने के लिए योगदान देना है। इससे 2030 तक एसटीजी को प्राप्त करने में भारत को मदद मिलेगी। डेयरी विकास परियोजना का उद्देश्य संगठित बाजार, डेयरी प्रोसेसिंग सुविधाओं को उन्नत बनाकर, विपणन बुनियादी ढांचा और उत्पादक के स्वामित्व वाली संस्थानों की क्षमता में वृद्धि करके किसानों की पहुंच में बढ़ोतरी द्वारा दूध और डेयरी उत्पादों की बिक्री बढ़ाना है। इससे परियोजना के क्षेत्र में दूध उत्पादकों की आय बढ़ाने में योगदान मिलेगा। भारत और जापान का 1958 से ही द्विपक्षीय विकास सहयोग में दीर्घकालिक और लाभदायक इतिहास रहा है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत और जापान में आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है। इससे भारत और जापान में रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी को और मजबूत बनाने मे मदद मिलेगी।
अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़
4.अमरीका ने युद्ध से बेहाल अफगानिस्तान के शांतिपूर्ण विकास में भारत के योगदान की सराहना:-
अमरीका ने युद्ध से बेहाल अफगानिस्तान के शांतिपूर्ण विकास में भारत के योगदान की सराहना की है और कहा है कि भारत इस क्षेत्र में अफगानिस्तान का सबसे भरोसेमंद सहयोगी देश है।
अमरीकी संसद में पेश रक्षा विभाग की अर्द्धवार्षिक अफगान रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अमरीका की नई दक्षिण-एशिया नीति का प्रयोग अफगानिस्तान के साथ आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के अवसर के रूप में किया गया है।
खेल न्यूज़
5.पूर्व सलामी बल्लेबाजी डब्ल्यू वी रमन महिला टीम के नये कोच नियुक्त:-
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज डब्ल्यू.वी. रमन महिला क्रिकेट टीम के नए कोच नियुक्त किए गए हैं।भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने मुम्बई में एक बयान में कहा कि 53 वर्षीय रमन का चयन श्री कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़ और सुश्री शांता रंगास्वामी की अस्थाई समिति की सिफारिशों पर किया गया है। इस पद के लिए 28 उम्मीदवारों के नाम थे।श्री रमन के नेतृत्व में भारतीय महिला क्रिकेट टीम अगले महीने न्यूजीलैंड दौरे पर जाएगी।
6.न्यूजीलैंड दौरे के लिए मिताली राज भारतीय महिला वनडे व हरमनप्रीत टी-20 टीम की कप्तान बनीं रहेंगी:-
मिताली राज और हरमनप्रीत कौर को अगले महीने होने वाले न्यूजीलैंड दौरे के लिए भारतीय महिला वनडे और टी-20 टीम का कप्तान बरकरार रखा गया जबकि खराब फॉर्म में चल रही वेदा कृष्णामूर्ति टीम से बाहर है। भारतीय टीम 24 जनवरी से न्यूजीलैंड दौरे पर तीन वनडे और तीन टी-20 मैच खेलेगी। पिछले महीने टी-20 विश्व कप से बाहर होने के बाद भारत का यह पहला दौरा है। टी-20 विश्व कप में भारत को सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने हराया था। डब्ल्यूवी रमन को मुख्य कोच बनाने के बाद भारत की वनडे और टी-20 टीम का एलान किया गया। मिताली ने चयन समिति की बैठक में भाग लिया जबकि ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश लीग खेल रही हरमनप्रीत स्काइप के जरिये जुड़ी थीं।चयन समिति की प्रमुख हेमलता काला ने बीसीसीआइ सीईओ राहुल जौहरी और कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी के सामने टीम का एलान किया। वेदा की जगह मोना मेश्राम को वनडे टीम में शामिल किया गया। शिखा पांडे ने टी-20 टीम में चोटिल पूजा वस्त्रकार की जगह ली। वहीं वेदा की जगह प्रिया पूनिया को लिया गया।
7.भारत में पहली बार होंगे NBA मैच:-
नेशनल बॉस्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए) ने गुरुवार को घोषणा की है कि भारत में उसका पहला मुकाबला अगले साल चार व पांच अक्टूबर को मुंबई के एनएससीआइ डोम में इंडियाना पेसर्स और सेक्रामेंटो किंग्स टीमों के बीच खेला जाएगा। ऐतिहासिक एनबीए इंडिया गेम्स 2019 के तहत दो मुकाबले खेले जाएंगे और दोनों ही प्री-सत्र मुकाबले होंगे। एनबीए के उपायुक्त मार्क टाटुम और एनबीए इंडिया के प्रबंध निदेशक यानिक कोलाको ने इस ऐतिहासिक पहल की घोषणा की।
इन दो एनबीए प्री-सत्र मैचों के लिए टिकट जारी करने की तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी। टिकट बुकमाइशो से ऑनलाइन खरीदे जा सकते हैं। इसके लिए हालांकि प्रशंसकों को खुद को रजिस्टर कराना होगा, जिससे कि उन्हें टिकट बिक्री की तारीख की पूर्व जानकारी दी जा सके। दो मुकाबलों के अलावा लीग और इसके पार्टनर इस दौरान फैन इंटरेक्टिव एक्टीविटीज का भी आयोजन करेंगे। इस दौरान मुंबई में जूनियर एनबीए यूथ बॉस्केटबॉल प्रोग्रामिंग और एनबीए केयर्स कम्यूनिटी आउटरीच कार्यक्रम होंगे।
बाजार न्यूज़
8.ईज ऑफ डूईंग बिजनेस इंडेक्स में शीर्ष 50 देशों में आने की कवायद तेज:-
सरकार ने विश्व बैंक के ईज ऑफ डूईंग बिजनेस इंडेक्स में पहले पचास देशों की सूची आने की कवायद तेज कर दी है। इसके लिए सरकार ने 11 ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जहां बिजनेस शुरू करने से लेकर उसके संचालन से संबंधित नियमों व प्रक्रिया को और आसान बनाया जाना आवश्यक है। सरकार का इरादा है कि साल 2019 के इंडेक्स में भारत को पहले 50 देशों में स्थान मिले।इस साल अक्टूबर में विश्व बैंक की ईज ऑफ डूईंग बिजनेस इंडेक्स में भारत को 77वां स्थान मिला था। जबकि पिछले वर्ष भारत इस सूची में 100वें स्थान पर था। सरकार मान रही है कि दो साल प्रयासों से दुनिया में भारत की स्थिति काफी मजबूत हुई है। यही वजह है कि सरकार इस साल बिजनेस शुरू और उसका संचालन करने के रास्ते में आ रही बची हुई प्रक्रियागत अड़चनों को दूर करना चाहती है।इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक दस्तावेज के मुताबिक ईज ऑफ डूईंग बिजनेस को सरल बनाने के लिए 11 क्षेत्रों की पहचान की गई थी। अब इन क्षेत्रों में चल रही इस कवायद को गति प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है। इनमें बिजनेस शुरू करना, कंस्ट्रक्शन परमिट लेना, बिजली का कनेक्शन लेना, संपत्ति का रजिस्ट्रेशन, कर्ज की सुगमता, अल्पमत निवेशकों के हितों की सुरक्षा, कर भुगतान, विदेशों में कारोबार, करारों पर अमल, विवादों का निपटारा और श्रम संबंधी नियमन शामिल हैं।
इस वर्ष सरकार का जोर विवादों का निपटारे और कर्ज की प्रक्रिया को सुगम बनाने पर अधिक है। इसके अतिरिक्त श्रम संबंधी नियमों को भी सरल बनाये जाने पर सरकार का जोर है। सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय इन सभी क्षेत्रों में नीतिगत सुधारों को सूचना प्रौद्योगिकी का आधार उपलब्ध कराएगा। सूत्र बताते हैं कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने अपने मंत्रालय को उन सभी विभागों की आवश्यकता का पता लगाने का निर्देश दिया है जहां प्रक्रियागत खामियों को दूर करने के लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन की आवश्यकता या संभावना है।सूत्र बताते हैं कि आइटी मंत्रालय ने जो कार्यसूची तैयार की है उसके तहत इन सभी 11 मानकों में शामिल सभी प्रक्रियाओं को मैन्यूअल से ऑनलाइन करना शामिल है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य आवेदक के मंत्रालयों में टच प्वाइंट को समाप्त करना है। इसके लिए मंत्रालय ने काम तेज कर दिया है और चेकलिस्ट तैयार की जा रही है।