सियाचिन का वो शूरवीर जिसने -30 डिग्री पर ऐसे पाकिस्तानी सेना को चटाई थी धूल

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राष्टीय न्यूज़

1.सियाचिन का वो शूरवीर जिसने -30 डिग्री पर ऐसे पाकिस्तानी सेना को चटाई थी धूल:-

दुनिया का सबसे ऊंचा रण क्षेत्र…तापमान शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस नीचे…जहां पानी के लिए भी बर्फ को पिघलाना पड़ता है। जहां अगर खुले हाथ किसी राइफल के ट्रिगर को छू लिया जाए, तो महज 15 सेकेंड में हाथ हमेशा के लिए सुन्न हो सकता है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में जहां हम और आप जैसे लोग पांच मिनट भी नहीं टिक सकते, वहां हमारे सैनिक 365 दिन अदभ्य साहस का परिचय दे रहे हैं। बर्फीले तूफान में यहां कोई कब, कौन और कैसे दफन हो जाए, यह कोई नहीं जानता। इन सब की परवाह किए बगैर हमारे सैनिक ऐसे अदभ्य साहस का परिचय दे रहा हैं, जिनका जीता-जागता उदाहरण हमारे सामने ‘कैप्टन बाना सिंह’ हैं। जब भी सियाचिन मोर्चे का जिक्र होता है, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह का नाम सबसे पहले सुनाई पड़ता है। पाकिस्तानी सेना के साथ भारतीय सेना की चार मुलाकातें युद्धभूमि में तो हुईं ही हैं, कुछ और भी मोर्चे हैं, जहां हिन्दुस्तान के बहादुरों ने पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर कर रख दिया। सियाचिन का मोर्चा भी इसी तरह का एक मोर्चा है, जिसमें जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री के आठवें दस्ते के नायब सूबेदार बाना सिंह को उनकी चतुराई, पराक्रम और साहस के लिए भारत सरकार द्वारा परमवीर चक्र दिया गया। बाना सिंह को सम्मान देने व उनकी वीरता को याद रखने के लिए सियाचिन में जिस चौकी को बाना सिंह द्वारा फतह किया गया था, उसका नाम ‘बाना पोस्ट’ रख दिया गया। उनकी इस बहादुरी के लिए बाना सिंह को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। दरअसल, 1949 में कराची समझौते के बाद, जब युद्ध विराम रेखा खींची गई थी, तब उसका विस्तार जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में उत्तर की तरफ खोर से लेकर दक्षिण की ओर मनावर तक था। इस तरह यह रेखा उत्तर की तरफ NJ9842 के हिमशैलों (ग्लेशियर्स) की तरफ जाती है। इस क्षेत्र में घास का एक तिनका तक नहीं उगता है, सांस लेना तक सर्द मौसम के कारण बेहद कठिन है। लेकिन कुछ भी हो, यह ठिकाना ऐसा है जहां भारत, पाकिस्तान और चीन की सीमाएं मिलती हैं, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से इसका विशेष महत्त्व है।

2.टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों से मिलेगी निजात, पेट्रोल पंपों पर मिलेगा फास्टैग:-

टोल अदायगी के मकसद से वाहन में लगाए जाने वाले आरएफआइडी फास्टैग अब पेट्रोल पंपों पर मिलेंगे। इसके लिए एनएचएआइ ने सरकारी तेल कंपनियों के साथ समझौता किया है।यह समझौता एनएचएआइ की कंपनी इंडियन हाईवेज मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आइएचएमसीएल) और इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन के बीच हुआ है। इसके तहत आइएचएमसीएल के फास्टैग इन तीनों कंपनियों के देश भर में फैले पेट्रोल पंपों पर उपलब्ध होंगे। इसकी शुरुआत दिल्ली-एनसीआर से हो रही है, जहां तीनों कंपनियों के पचास पेट्रोल पंपों से फास्टैग की खरीदारी की जा सकती है।

आइएचएमसीएल ने राष्ट्रीय राष्ट्रीय इलेक्ट्रोनिक टोल कलेक्शन प्रोग्राम (एनईटीसी) के कार्यान्वयन के साथ-साथ रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन तकनीक पर आधारित टैग ‘फास्टैग’ की बिक्री और प्रबंधन का कार्य अप्रैल, 2016 से प्रारंभ किया था। प्रोग्राम को जबरदस्त कामयाबी मिली है और अब तक राष्ट्रीय राजमार्गो के 450 टोल प्लाजाओं के अलावा चुनिंदा प्रादेशिक राजमार्गो पर इलेक्ट्रोनिक टोल संग्रह की शुरुआत हो चुकी है।एनईटीसी के तहत फिलहाल फास्टैग की बिक्री प्रमाणित बैंकों द्वारा चुनिंदा टोल प्लाजाओं और बैंक शाखाओं के अलावा ऑनलाइन तरीके से होती है। हाल में सरकार ने फास्टैग को जीएसटी से जोड़ना शुरू किया है। इससे फास्टैग की बिक्री के और चैनल खोले जाने की जरूरत महसूस की जा रही थी। पेट्रोल पंपों पर फास्टैग की बिक्री से इस जरूरत को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा।लेकिन फास्टैग की बिक्री का और विस्तार करने के लिए आइएमएचसीएल ने कुछ और उपाय किए हैं। इनमें मोबाइल एप्लीकेशन का विकास शामिल हैं। इसके लिए ‘माइफास्टैग’ तथा ‘आइएचएमसीएलपीओएस’ नाम से दो एप्लीकेशन पिछले दिनो लांच किए गए हैं। ये एप्लीकेशन ग्राहकों को अपने फास्टैग पसंदीदा बैंक खाते से लिंक करने तथा फास्टैग को यूपीआइ प्लेटफार्म के जरिए रीचार्ज करने में सहूलियत प्रदान करेंगे।इसी के साथ कंपनी वन नेशन-वन टैग मिशन के तहत फास्टैग को पूरे देश में लागू करने की दिशा में भी आगे बढ़ रही है। इसके लिए विभिन्न राज्य प्राधिकरणों/ एचपीवी के साथ आवश्यक तालमेल बिठाया जा रहा है। ताकि लोग राज्यों/नगर निगमों के प्लाजाओं पर भी फास्टैग के जरिए ही टोल की अदायगी करना पसंद करें। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश तथा हैदराबाद को पहले ही स्कीम में शामिल किया जा चुका है। जबकि बाकी राज्यों/एजेंसियों के साथ इस सिलसिले में बातचीत चल रही है।

3.नकली करंसी के लद जाएंगे दिन, भारत ने तैयार की अपनी सिक्योरिटी इंक:-

नकली करंसी का धंधा करने वालों के दिन अब लदने वाले हैं। भारत ने सिक्योरिटी इंक की टेक्नोलॉजी तैयार कर ली है और भविष्य में सिक्योरिटी इंक का प्रयोग रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नोटों की छपाई में कर सकेगी। इंडियन साइंस कांग्रेस के चौथे दिन लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में भाग लेने पहुंचे आईआईटी धनबाद से पहुंचे डॉ. विनीत कुमार राय ने लेजर सपोर्ट मैकेनिज्म पर अपना व्याख्यान देते हुए सिक्योरिटी इंक टेक्नोलॉजी पर विस्तार से चर्चा की।

डॉ. विनीत कुमार ने बताया कि सिक्योरिटी इंक से कुछ भी लिखा जाएगा वह सामान्य आंखों से किसी को दिखाई नहीं देगा। यह केवल तय वेब लेंथलेजर का प्रकाश डालने पर ही दिखाई देगा। हालांकि अदृश्य रहने वाली इंक इस समय बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन यह इंक लंबे समय काम नहीं करती है। अभी तक भारतीय करंसी के लिए विदेशों से इंक मंगवाकर उसका प्रयोग किया जा रहा है।

सिक्योरिटी इंक विदेशों से आने के कारण जब भारत ने पुराने नोटों की जगह नए 2000 व 500 के नए नोट बाजार में उतारे तो कुछ दिन बाद ही नकली नोट भी बाजार में आ गए थे। परंतु अब वैज्ञानिकों के इनोवेशन के बाद अब तैयार की गई सिक्योरिटी इंक से नकली करंसी का धंधा करने वाले कामयाब नहीं हो पाएंगे।

भारत की अपनी सिक्योरिटी इंक वेब लेंथलेजर होगी, जिसे वेब लेंथलेजर प्रकाश में पढ़ा जा सकेगा। इसकी जानकारी सिर्फ रिजर्व बैंक के चंद अधिकारियों को ही होगी, या फिर नोट गिनने व देखने वाली मशीन में पहले से उसी वेव लेंथलेजर लाइट को फिट किया जाएगा, जिससे मशीन का प्रयोग कर करंसी के असली व नकली होने का पता किया जा सके।मैटीरियल लेजर्स का प्रयोग सिर्फ करंसी में ही नहीं बल्कि कैंसर थैरेपी में भी कारगर साबित हो जा रहा है। कैंसर थैरेपी से रेडिएशन टारगेट बनाकर मरीज के शरीर के उन्हीं सेल्स को दी जाती है जो कैंसर सेल होते हैं। इससे मरीज के शरीर के दूसरे हिस्से में रेडिएशन के दुष्प्रभाव से बचे रहते हैं।

4.सूचना और प्रसारण मंत्री ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मीडिया पर नजर रखने के लिए निजी एजेंसियों की सेवाएं लेने की ख़बरों का खंडन किया:-

सूचना और प्रसारण मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने इन ख़बरों का खंडन किया है कि सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मीडिया पर नजर रखने के लिए निजी एजेंसियों की सेवाएं लेने के बारे में विचार कर रही है। एक समाचार पोर्टल ने हाल ही में, एक ख़बर प्रकाशित की थी जिसमें कहा गया था कि पत्र सूचना कार्यालय ने पिछले महीने एक टेंडर जारी किया है जिसमें प्रिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर ख़बरों के संग्रह, विश्‍लेषण और फीडबैक के लिए निजी एजेंसियों से प्रस्‍ताव आमंत्रित किए हैं।अपने ट्वीटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्‍ट के जरिए सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि प्रिंट और इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया पर समाचारों के संग्रह के लिए पहले भी इसी प्रकार के अनुबंध जारी किए गए थे।

5.KBC में अमिताभ बच्‍चन के ‘कंप्यूटर जी’ को ज्ञान देती थी बिहार की यह बेटी:-

मेगा शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (केबीसी) के दिलचस्प सवालों और अमिताभ बच्चन की प्रभावपूर्ण संवाद प्रस्तुति की दुनिया मुरीद हो गई है। कम ही लोगों को पता होगा कि केबीसी के प्रश्नों और संवाद की प्रभावपूर्ण प्रस्तुति के पीछे बिहार के बेगूसराय की एक बेटी की प्रतिभा भी काम कर रही थी।
अर्चना शर्मा ने अमिताभ के अलावा शाहरुख खान द्वारा होस्ट किए गए केबीसी में भी कंटेंट एडिटिंग टीम को लीड किया। यही नहीं, सलमान खान के शो ‘दस का दम’ और ‘बिग बॉस’ की कंटेंट एडिटिंग का जिम्मा भी अर्चना ने बेहद खूबसूरती के साथ संभाला। किरण बेदी के शो ‘आप की कचहरी’ सहित बोमन ईरानी और शत्रुघ्न सिन्हा के शो के लिए भी अर्चना ने काम किया। बेगूसराय जिले के तेघड़ा प्रखंड में आने वाले मधुरापुर गांव की निवासी हैं अर्चना। उनके दादा सूर्यनारायण सिंह सांसद रह चुके हैं। अरुणा और अजय कुमार सिंह की तीन पुत्रियों में मंझली अर्चना ने 11 साल तक कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम की कंटेंट एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली और शो को बुलंदियों पर पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई। कंटेंट एडिटिंग यानी शो की अहम विषय वस्तु को संपादित और सुव्यवस्थित कर अंतिम रूप देना। यह बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। खासकर तब जब शो केबीसी या बिग बॉस जैसा हो और होस्ट अमिताभ, शाहरुख और सलमान जैसे हों। उसे करोड़ों लोग देख रहे हों और लोकप्रियता चरम पर हो। उस पर इस सफलता को हर पल बरकरार रखा जाना भी जरूरी हो।अर्चना ने इस चुनौती को जिस सफलता के साथ पूर्ण कर दिखाया, वह तारीफ के काबिल है। श्रेय हालांकि उसे ही मिलता है, जो सामने दिख रहा हो, जैसे कि अमिताभ, सलमान या शाहरुख को मिला। लेकिन पर्दे के पीछे काम करने वालों को श्रेय से कहीं अधिक चाह संतुष्टि की होती है। देर-सवेर दुनिया उनके काम को पहचान जाती है और उन्हें उनके हिस्से का श्रेय सूद समेत दे देती है। ऐसा ही अर्चना के साथ हुआ।2016 में पति कृष्ण मुरारी शर्मा के असामयिक निधन से सदमे में आईं अर्चना ने कंटेंट एडिटर के पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन अब वह फिर से तैयार हैं एक नई पारी के लिए। अर्चना ने बेगूसराय के सरकारी स्कूल के बच्चों का सामान्य ज्ञान और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए एक क्विज क्लब शुरू किया है। एक अच्छी किताब की कमी महसूस हुई तो अंग्रेजी में जनरल नॉलेज की एक सीरीज नॉलेज विंडो और हिंदी में ज्ञान पल्लव लिखी। साथ ही एनसीईआरटी सिलेबस के आधार पर स्टेप टो स्कॉलर नाम का क्विज एप उन्होंने इन बच्चों के लिए तैयार किया है। इससे बच्चे बहुत आसानी से अपने सब्जेक्ट की प्रैक्टिस कर सकते हैं।अर्चना शर्मा 2016 तक बिग सिनर्जी मीडिया लिमिटेड में कंटेंट एडिटर रहीं। इस दौरान उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति प्रोग्राम के सभी सीजन के प्रश्न तैयार किए। सेट पर जो प्रश्न पूछे जाते या उससे संबंधित जो जानकारी दी जाती थी, उसे बारीकी के साथ तैयार करने वाली वाली टीम अर्चना के नेतृत्व में काम करती थी।

 

खेल न्यूज़

6.ये खिलाड़ी रहे भारत की जीत के हीरो, इनके बिना इतिहास रचना होता मुश्किल:-

सिडनी में टेस्ट मैच ड्रॉ होने के साथ ही भारतीय टीम ने टेस्ट सीरीज़ को 2-1 से अपने नाम कर लिया। इसी के साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज़ जीतते हुए इतिहास तो रचा ही इसके साथ ही साथ 71 साल का इंतज़ार भी खत्म हो गया। भारत की ऑस्ट्रेलिया में पहली सीरीज़ जीत के लिए पूरी टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे रहे जिन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सीरीज़ का रुख भारत की ओर मोड़ दिया। चलिए आपको बताते हैं उन खिलाड़ियो के और उनके प्रदर्शन के बारे में-

चेतेश्वर पुजारा

चेतेश्वर पुजारा ने इस सीरीज़ में बेहतरीन बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम के पसीने छुड़ा दिए। पुजारा ने इस सीरीज़ में तीन शतक के साथ 521 रन बनाए और वो इस सीरीज़ में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी रहे। पुजारा ने इस टेस्ट सीरीज़ में 1258 गेंदें खेलते हुए 1868 मिनट यानि की 31 घंटे और 08 मिनट  क्रीज़ पर बिताए। पुजारा को इस सीरीज़ में शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द सीरीज़ का अवॉर्ड भी दिया गया। उन्हें सिडनी में 193 रन की पारी के लिए मैन ऑफ द मैच भी चुना गया।

जसप्रीत बुमराह

बुमराह ने इस सीरीज़ में बेहतरीन गेंदबाज़ी करते हुए कंगारुओं की कमर तोड़ दी। बुमराह ने इस सीरीज़ में भारत की ओर से सबसे ज़्यादा 21 विकेट लिए। बुमराह और नाथन लियोन दोनों ने ही 21-21 विकेट लिए, लेकिन बुमराह ने लियोन से कम रन दिए। लियोन ने 639 रन दिए तो बुमराह ने केवल 357 रन देकर ये शिकार किए।बुमराह ने मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में बुमराह ने छह बल्लेबाजों का शिकार किया, तो दूसरी पारी में भी उन्होंने तीन अहम विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी।

मेलबर्न टेस्ट में बुमराह ने 86 रन देकर 9 विकेट लिए और वो ऑस्ट्रेलिया की धरती पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भारतीय तेज गेंदबाज भी बन गए। बुमराह से पहले अजीत अगरकर ने 2003 में खेले गए एडिलेड टेस्ट में 160 रन देकर 8 विकेट चटकाए थे। उससे भी पहले 1985 में कपिल देव ने एडिलेड में 109 रन देकर 8 विकेट लिए थे।

विराट कोहली

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी इस टेस्ट सीरीज़ में शानदार बल्लेबाज़ी की। उन्होंने इस सीरीज़ में 282 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक और एक अर्धशतक भी निकला। कोहली ने मेलबर्न में 82 रन की शानदार पारी खेली थी। इससे पहले उन्होंने पर्छ के मैदान पर शतक भी जड़ा था। पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में शानदार शतक जमाया था और फिर उसके बाद मेलबर्न में भी उन्होंने अर्धशतक जमाकर दिखा दिया था कि कोहली को यूं ही दुनिया का दिग्गज बल्लेबाज नहीं कहा जाता।

मोहम्मद शमी

शमी ने भी इस टेस्ट सीरीज़ में बेहतरीन गेंदबाज़ी की। उन्होंने अपना धार और रफ्तार के दम पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों की नाक में दम कर दिया। शमी ने इस सीरीज़ में 419 रन देकर 16 विकेट चटकाए। शमी ने पर्थ टेस्ट मैच में 56 रन देकर 06 विकेट लिए थे हालांकि भारत इस मैच को जीत नहीं सका था, लेकिन फिर भी शमी को काम को कम नहीं आंका जा सकता। शमी ने अहम मौकों पर भारत को विकेट दिलवाए और 71 साल के इंतज़ार को खत्म करते हुए इतिहास रचने में अहम भूमिका निभाई।

मयंक अग्रवाल

मयंक अग्रवाल ने इस सीरीज़ में सिर्फ दो ही टेस्ट मैच खेले और उन्होंने दो अर्धशतक भी जमाए। इस सीरीज़ में मयंक ने दो मैचों में 195 रन बनाए। उन्होंने ने सिडनी में 77 रन बनाए। इससे पहले उन्होंने मेलबर्न में अपने डेब्यु टेस्ट मैच की पहली पारी में अर्धशतक जमाते हुए 76 रन बनाए। इसके बाद मेलबर्न टेस्ट की दूसरी पारी में जब एक और से विकेट गिर रहे थे तो मयंक ने एक छोर को मजबूती से थामे रखा और अंगद की तरह विकेट पर जमे रहे। दूसरी पारी में उन्होंने 44 रन बनाए। मयंक ने टीम इंडिया की ओपनिंग की समस्या हल की। राहुल और मुरली के निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद मयंक ने टीम इंडिया को मेलबर्न में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

7.भारत ने रचा इतिहास, 71 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में जीती टेस्ट सीरीज़:-

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेला गया चौथा टेस्ट मैच भले ही ड्रॉ हो गया है। इस मुकाबले में मेजबान को खराब रोशनी और बारिश ने हार से बचा लिया, लेकिन कंगारू भारतीय टीम को इस बार इतिहास रचने से नहीं रोक सके। सिडनी का टेस्ट मैच के ड्रॉ होने के बावजूद भारत ने चार टेस्ट मैच की इस सीरीज़ को 2-1 से अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ ही 71 साल का ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ जीत इंतज़ार भी खत्म हो गया। ये पहला मौका है जब किसी भारतीय टीम ने कंगारुओं को हराकर उन्हीं की धरती पर टेस्ट सीरीज़ जीती है। भारतीय टीम ने इस टेस्ट सीरीज़ को जीतने के बाद 71 साल का इंतज़ार तो खत्म किया ही, इसके साथ ही साथ टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में सीरीज़ हराने वाली पहली एशियाई टीम भी बन गई है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में सिर्फ चार देश ही सीरीज़ में मात दे सके हैं। वो चार देश हैं इंग्लैंड, वेस्टइंडीज़, न्यूज़ीलैंड और द. अफ्रीका भारत और ऑस्ट्रेलिया की बीच इस सीरीज़ का पहला टेस्ट मैच एडिलेड में खेला गया था। इस मैच में को भारत ने 31 रन से जीता। दूसरे टेस्ट मैच पर्थ में खेला गया और इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को मात देकर सीरीज़ को 1-1 की बराबरी पर ला खड़ा किया। इसके बाद मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच खेला गया। इस तीसरे मुकाबले में कोहली की विराट सेना ने अपनी बेहतरीन प्रदर्शन से कंगारुओं को चारों खाने चित करते हुए सीरीज़ में 2-1 की बढ़त बना ली। इस सीरीज़ का चौथा और आखिरी टेस्ट मैच सिडनी में शुरू हुआ। इस मुकाबले में भी भारतीय टीम ने उम्दा प्रदर्शन करते हुए कंगारुओं पर शिकंज़ा कस दिया था, लेकिन खराब रोशनी और बारिश ने कंगारुओं को 3-1 से शर्मसार होने से बचा लिया और सीरीज़ का अंत 2-1 की स्कोरलाइन के साथ हुआ।

 

बाजार न्यूज़

8.आधार की बचत करा सकती है आयुष्मान भारत जैसी तीन योजनाओं के लिए फंडिग: अरुण जेटली:-

आधार को गेमचेंजर बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इसके क्रियान्वयन से हुई वित्तीय बचत से आयुष्मान भारत जैसी तीन लोक कल्याणकारी योजनाओं की फंडिंग हो सकती है। यह एक महात्वाकांक्षी स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है जो कि गरीबों को मुफ्त में अस्पताल में इलाज पाने की सुविधा प्रदान करता है।उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व को आधार के सफल क्रियान्वयन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार ने अपने विरोधाभासों और अनिर्णय की वजह से इस पर अनमने तरीके से काम किया।अपने फेसबुक पोस्ट ‘आधार के लाभ-आज इसकी स्थिति क्या है’ में जेटली ने कहा कि आधार के जरिए सब्सिडी की आपूर्ति से मार्च, 2018 तक पिछले कुछ साल के दौरान 90,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। इससे कई डुप्लिकेट, अज्ञात और फर्जी लाभार्थियों को हटाने में मदद मिली।

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की डिजिटल डिविडेंड रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत आधार से हर साल 77,000 करोड़ रुपये की बचत कर सकता है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘आधार की बचत से आयुष्मान भारत जैसी तीन योजनाएं चलाई जा सकती हैं।’आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का उद्देश्य परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का ‘कवर’ देना है। इस योजना से करीब 10.74 करोड़ परिवारों को लाभ होगा। वहीं इस योजना के शुरू होने के बाद से 7 लाख गरीब मरीज अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ ले चुके हैं।

9.अब कंपनियों और सीए की भी होगी केवाईसी:-

संदिग्ध तत्वों को सिस्टम से बाहर निकालने की कोशिश के तहत कॉरपोरेट मामलों का मंत्रलय कंपनियों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कॉस्ट अकाउंटेंट्स और कंपनी सेक्रेटरीज के भी ‘नो योर कस्टमर’ (केवाईसी) विवरण हासिल करना चाहता है। मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस कवायद से मंत्रलय के पास कंपनियों ओर पेशेवरों की एक भरोसेमंद सूची तैयार होगी। प्रस्तावित योजना के तहत पहले कंपनियों की केवाईसी होगी और उसके बाद पेशेवरों की केवाईसी का मुहिम चलाया जाएगा।मंत्रलय ने पिछले साल निदेशकों की केवाईसी मुहिम चलाकर उनकी पहचान सुनिश्चित की थी। अवैध लेन-देन को लेकर संदिग्ध कंपनियों पर कार्रवाई की व्यापक कोशिश के तहत इस कवायद को अंजाम दिया गया था। कॉरपोरेट सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि निदेशकों के लिए केवाईसी की अनिवार्यता एक बड़ा कदम था।33 लाख लोगों के पास डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर्स (डीआइएन) था, लेकिन 16 लाख से कुछ अधिक ने ही केवाईसी अनिवार्यता का पालन किया। रजिस्टर्ड कंपनियों के बोर्ड में निदेशक बनने की योग्यता रखने वाले को एक विशिष्ट नंबर दिया जाता है, जिसे डीआइएन कहते हैं।

श्रीनिवास ने कहा कि मंत्रलय कंपनियों के लिए केवाईसी प्रक्रिया चला सकती है। यह एक बड़ा कदम होगा। इसके बाद एमसीए21 प्रणाली ऐसी कंपनियों का पंजीकरण नहीं करेगी, जो किसी खास मानक पर खरा नहीं उतरती है।