सीओपी 27, मिस्र के शर्म-अल-शेख में शुरू

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1. सीओपी 27, मिस्र के शर्म-अल-शेख में शुरू

संयुक्‍त राष्‍ट्र जलवायु परिवर्तन संधि में शामिल देशों का 27वां सम्‍मेलन – सीओपी 27मिस्र के शर्म-अल-शेख में शुरू हो गया। यह सम्‍मेलन इस महीने की 18 तारीख तक चलेगा। यह सम्मेलन सीओपी-26 में लिए गए निर्णयों पर की गई कार्रवाई से आगे बढ़ेगा। पिछले सम्मेलन में जलवायु संबंधी आपातस्थिति से निपटने के लिए निर्णय लिए गए थे। सीओपी-27 सम्मेलन मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों कार्बन गैस का उत्सर्जन घटानेजलवायु परिवर्तन से निपटने की तैयारियों में विभिन्न देशों को मदद देने और तकनीकी सहयोग सुनिश्चित करने तथा विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने की गतिविधियों के लिए वित्त उपलब्ध कराने पर केन्द्रित रहेगा। सीओपी-27 सम्मेलन में पृथ्वी और पैरिस समझौते को लागू करने में विभिन्न देशों के एकजुटता के संकल्प को दोहराया जाएगा। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्‍द्र यादव भारतीय प्रतिनिधिमण्‍डल का नेतृत्‍व कर रहे हैं। सीओपी के निवर्तमान अध्यक्ष आलोक शर्मा ने कहा है कि विश्व नेताओं को धरती के बढ़ते तापमान की समस्‍या से निपटने की आवश्यकता है।

2. भारत ने सबसे सस्ती विनिर्माण लागत में 100 प्रतिशत स्कोर किया

अमेरिकी मीडिया कंपनी यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट ने हाल ही में बेस्ट कंट्रीज 2022 रैंकिंग जारी की। बेस्ट कंट्रीज 2022 रैंकिंग ने 73 विशेषताओं में 85 देशों का मूल्यांकन किया, जिन्हें 10 उप-श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें साहसिक, चपलता, उद्यमिता, व्यवसाय के लिए खुला, सामाजिक उद्देश्य और जीवन की गुणवत्ता शामिल है। 85 देशों को 4 बेंचमार्क के आधार पर चुना गया था:

  1. उच्च जीडीपी वाले शीर्ष 100 देश
  2. उच्च एफडीआई प्रवाह
  3. 2016 और 2020 के बीच अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन आगमन
  4. 2015 और 2019 के बीच संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक में शीर्ष 150 देश

यह रिपोर्ट यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट, बीएवी ग्रुप और यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया के व्हार्टन स्कूल का संयुक्त प्रयास है। यह रैंकिंग विशेषज्ञों, व्यापारिक नेताओं और वैश्विक नागरिकों के सर्वेक्षण पर आधारित है। 2022 के सर्वेक्षण ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध, मुद्रास्फीति और आर्थिक गिरावट के डर, COVID-19 महामारी के बाद, महिला नेतृत्व और वैश्विक नेतृत्व को ध्यान में रखा। 14.52 प्रतिशत का उच्चतम वेटेज “जीवन की गुणवत्ता” पैरामीटर को दिया गया है, जिसमें अच्छी नौकरी, आर्थिक रूप से स्थिर, परिवार के अनुकूल, आय समानता, राजनीतिक रूप से स्थिर और सुरक्षित सार्वजनिक शिक्षा जैसी उप श्रेणियां हैं। 85 देशों में भारत 31वें स्थान पर रहा। ओपन-टू-बिजनेस उप-श्रेणी के तहत, भारत ने सबसे सस्ती विनिर्माण लागत में 100 प्रतिशत स्कोर किया। समग्र रैंकिंग में, स्विट्जरलैंड शीर्ष प्रदर्शनकर्ता है, उसके बाद जर्मनी, कनाडा, अमेरिका और स्वीडन का स्थान है। पावर और चपलता रैंकिंग जैसे कई उप-श्रेणियों में अमेरिका शीर्ष पर था। रैंकिंग में सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में बेलारूस (85वीं रैंक), उज्बेकिस्तान (8 वीं रैंक) और ईरान (83वीं रैंक) हैं ।

3. शिक्षा मंत्रालय देशभर के शिक्षण संस्थानों में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाएगा

शिक्षा मंत्रालय देशभर के विद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाएगा। इस दिन जनजातीय समुदायों में भगवान कहे जाने वाले बिरसा मुंडा की जयंती है। पिछले वर्ष, केंद्र सरकार ने जनजातीय स्‍वतंत्रता सेनानियों की स्‍मृति में इस दिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। बिरसा मुंडा स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और जनजातीय समुदाय के नेता थे। उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार के शोषण के विरूद्ध आवाज उठाई थी और आंदोलन का नेतृत्‍व किया। स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा ने जनजातीय समुदायों को अपने सांस्कृतिक मूल्‍यों को समझने और एकता में बंधे रहने के लिए प्रोत्साहित किया। बिरसा मुंडा ने जनजातीय समुदायों को एकत्र कर उलगुलान आंदोलन शुरू किया।

4. नासा ने सूर्य की सतह पर काले धब्बे वाली एक तस्वीर खींची

हाल ही में नासा ने सूर्य की सतह पर काले धब्बे वाली एक तस्वीर खींची है जो आँखों और मुस्कान जैसी दिखती है। इन धब्बों को ‘कोरोनल होल‘ कहा जाता है, जो पराबैंगनी प्रकाश में देखे जा सकते हैं लेकिन आमतौर पर इन्हें सामान्य आँखों से नहीं देखा जा सकता। ये सूर्य की सतह पर ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ से तेज़ सौर हवा अंतरिक्ष में फैलती है। इन क्षेत्रों में चुंबकीय क्षेत्र इंटरप्लेटरी स्पेस के लिये खुला होता है, जिससे सौर सामग्री तीव्र धारा और गति के साथ सौर तूफ़ान में परिवर्तित हो जाती है जिसे भू-चुंबकीय तूफान कहा जाता है। उनका तापमान कम होता है और वे अपने आसपास की तुलना में काफी गहरे दिखाई देते हैं, क्योंकि उनमें सौर सामग्री कम होती है। कोरोनल होल कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक रह सकते हैं। कोरोनल होल कोई अनोखी घटना नहीं है, यह सूर्य के लगभग 11 साल के सौर चक्र में दिखाई देती है। कोरोनल होल सौर न्यूनतम (सोलर मिनिमम) के दौरान अधिक अवधि तक हो सकते हैं, एक ऐसी अवधि जब सूर्य पर किसी प्रकार की गतिविधि काफी कम हो जाती है।

5. कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स को मिला अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट

हाल ही में बोडोलैंड विश्वविद्यालय सहित चार भारतीय संस्थानों के वैज्ञानिकों ने कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cor-AuNPs) विकसित किये हैं, जो मानव शरीर में दवा वितरण को तेज़ और सटीक बना सकते हैं। इन नैनोकणों को जर्मनी से अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त हुआ है। इन्हें कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस और गोल्ड साल्ट के अर्क के संश्लेषण से प्राप्त किया गया है। कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस, बोडोलैंड विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेशन सेंटर’ (TIC) की प्रयोगशाला में विकसित किया गया मूल्यवान परजीवी कवक है। जंगली कॉर्डिसेप्स मशरूम, पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में पाए जाते हैं। गोल्ड साल्ट, आमतौर पर दवा में इस्तेमाल होने वाले सोने के आयनिक रासायनिक यौगिक होते हैं।

6. इसरो के रिसैट-2 ने पृथ्वी के वायुमंडल में संभावित प्रभाव बिंदु पर फिर से प्रवेश किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 2009 में लॉन्च किया गया रिसैट-2 (RISAT-2) उपग्रह ने संभावित प्रभाव बिंदु पर पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित रूप से साढ़े 13 साल बाद फिर से प्रवेश किया। इसरो ने कहा कि केवल 300 किलोग्राम वजन के उपग्रह ने 30 अक्तूबर को जकार्ता के पास हिंद महासागर में संभावित प्रभाव बिंदु पर पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित होने के बाद फिर से प्रवेश किया। RISAT-2 भारत का पहला “आई इन द स्काई” उपग्रह है जिसके माध्यम से घुसपैठ और आतंकवाद विरोधी अभियानों के हिस्से के रूप में देश की सीमाओं की निगरानी होती है। रिसैट-2 का मुख्य सेंसर (जिसे ‘जासूसी’ उपग्रह माना जाता है) इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ का एक X -बैंड सिंथेटिक-एपर्चर रडार था। रिसैट-1 उपग्रह के लिये स्वदेश में विकसित हो रहे सी-बैंड में देरी होने के कारण वर्ष 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद रिसैट-2 को अधिक तेज़ी से विकसित किया गया था। भारत के पहले समर्पित इस टोही उपग्रह में दिन-रात कार्य करने के साथ-साथ सभी मौसमों में निगरानी करने की क्षमता है। इसका उपयोग समुद्र में सैन्य खतरा माने जाने वाले जहाज़ों को ट्रैक करने के लिये भी किया जाता था। रिसैट-2 को 20 अप्रैल, 2009 को PSLV-C12 प्रक्षेपण यान द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।

7. तोखू इमोंग त्योहार नगालैंड में आयोजित

अमूर फाल्कन के अतिरिक्त पक्षियों की अन्य प्रजातियों को शामिल करने के लिये चार दिवसीय पहला प्रलेखन (Documentation) अभ्यासतोखू इमोंग बर्ड काउंट (TEBC) नगालैंड में आयोजित किया जा रहा है। इस त्योहार के लिये नागालैंड के वोखा ज़िले में प्रभुत्त्व रखने वाले नागा समुदाय लोथाओं की फसल कटाई के बाद का समय निर्धारित किया गया है। धर्म, संस्कृति और मनोरंजन के लिये आदर्श माने जाने वाले वोखा ज़िले में, ‘तोखू इमोंग’ धूमधाम से व्यापक स्तर पर मनाया जाता है। प्रतिवर्ष 7 नवंबर से मनाया जाने वाला यह त्योहार 9 दिनों तक चलता है। ‘तोखू’ का अर्थ है घर-घर जाकर प्राकृतिक संसाधनों और भोजन के रूप में टोकन एवं उपहार एकत्र करना तथा ‘इमोंग’ का अर्थ है उस समय चयनित स्थान पर रुकना। इस त्योहार के महत्त्वपूर्ण आकर्षण सामुदायिक गीत, नृत्य, दावत, मस्ती आदि हैं। इस त्योहार के माध्यम से यहाँ के लोग दशकों पहले रचित अपने पूर्वजों की कहानियों को फिर से जीते हैं। त्योहार के दौरान अनुग्रही चढ़ावा चढ़ाकर आकाश एवं पृथ्वी के देवताओं से आशीर्वाद की कामना की जाती है।

8. सक्रिय ज्वालामुखी मौना लोआ में निकट भविष्य में विस्फोट हो सकता है

दुनिया के सबसे बड़े सक्रिय ज्वालामुखी मौना लोआ में निकट भविष्य में विस्फोट हो सकता है। मौना लोआ उन पाँच ज्वालामुखियों में से एक है जो मिलकर हवाई द्वीप बनाते हैं। यह हवाई द्वीप समूह का सबसे दक्षिणी द्वीप है। यह सबसे ऊँचा नहीं है (सबसे ऊँचा मौना की है) लेकिन सबसे बड़ा है और द्वीपीय भूमि का लगभग आधा हिस्से का निर्माण करता है। यह किलाऊआ ज्वालामुखी के ठीक उत्तर में स्थित है, वर्तमान में इसके क्रेटर में विस्फोट हो रहा है। किलाऊआ वर्ष 2018 के विस्फोट के लिये प्रसिद्ध है जिसने 700 घरों को नष्ट कर दिया और इसका लावा खेतों एवं समुद्र में फैल गया था। मौना लोआ में आखिरी बार 38 साल पहले विस्फोट हुआ था।

9. सीएम मनोहर लाल ने लांच किया ई-उपहार पोर्टल और सीएम डैश बोर्ड

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सीएम डैशबोर्ड और सीएम उपहार पोर्टल को लांच किया। सीएम डैशबोर्ड पोर्टल से सभी विभागों की वास्तविक समीक्षा की जा सकेगी। सभी मुख्य योजनाओं पर उच्च स्तरीय निर्णयों की जानकारी इस पर उपलब्ध होगी। समीक्षा के दौरान अधिकारियों को मौजूद नहीं रहना होगा। किस अधिकारी व विभाग ने तय समय में काम किया, कितने डिफाल्टर हुए, कौन से काम में देरी हुई, ये सब मुख्यमंत्री को ऑनलाइन दिखेगा। सभी विभागों की कार्यप्रणाली और योजनाओं की जानकारी मुख्यमंत्री के लिए सभी बड़े व छोटे स्तरों पर उपलब्ध होगी। इस पर कार्यप्रणाली की ट्रैकिंग की जा सकेगी और रिपोर्टों का विश्लेषण करना आसान होगा। पुराने और नये डाटा की तुलना की जा सकेगी। यह डैशबोर्ड अत्याधुनिक बिजनेस इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर के साथ इन हाउस विकसित किया गया है। उपहार पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्राप्त सभी बहुमूल्य भेंटों को पूरे पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन नीलाम किया जाएगा।

10. सुभ्रकांत पांडा चुने गए फिक्की के नए अध्यक्ष

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने सुभ्रकांत पांडा को अपना अगला अध्यक्ष नियुक्त किया। इंडियन मेटल्स एंड फेरो अलॉयज लिमिटेड (आईएमएफए) के प्रबंध निदेशक पांडा वर्तमान में फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।

11. निवा बूपा ने बैंकएश्योरेंस के लिए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पार्टनर के साथ भागीदारी की

Niva Bupa Health Insurance Company Limited ने बैंक के ग्राहकों को स्वास्थ्य-बीमा समाधान प्रदान करने के लिए IDFC फर्स्ट बैंक के साथ साझेदारी की घोषणा की है। निवा बूपा के श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य बीमा समाधानों के साथ बैंक की उन्नत डिजिटल क्षमता ग्राहकों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करेगी। यह साझेदारी दोनों संस्थानों को ग्राहकों की बेहतर सेवा करने और उन्हें स्वस्थ जीवन जीने में मदद करने के लिए सशक्त बनाएगी।

12. स्विट्जरलैंड ने सबसे लंबी यात्री ट्रेन चलाने का रिकॉर्ड बनाया

स्विट्जरलैंड ने दुनिया की सबसे लंबी यात्री ट्रेन का रेकॉर्ड बनाया है। इस ट्रेन में 100 डिब्बे थे जो आल्प्स की पहाड़ियों में चली है। इस ट्रेन की लंबाई लगभग दो किमी है। रैटियन रेलवे (RhB) ने घोषणा की कि उसने स्विट्जरलैंड के प्रसिद्ध रेलवे सिस्टम की 175वीं वर्षगांठ पर दुनिया की सबसे लंबी यात्री ट्रेन का विश्व रेकॉर्ड तोड़ दिया है। ये ट्रेन 1,910 मीटर है। ट्रेन 25 अलग-अलग मल्टी-यूनिट ट्रेनों या 100 कोचों को जोड़ कर बनी है। यह ट्रेन यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल अल्बुला/बर्निना रूट से होते हुए अल्वेन्यू और लैंडवासर से होकर गुजरेगी। भारतीय रेलवे ने 15 अगस्त को आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारत की सबसे लंबी मालगाड़ी चलाई थी। रेलवे के अनुसार, सुपर वासुकी नाम से चली यह मालगाड़ी 3.5 किलोमीटर लंबी थी। इस मालगाड़ी में कुल 27 हजार टन वजन लोड था। इस मालगाड़ी में कुल 295 डिब्बे लगे हुए थे।

13. एमईआईएल ने मंगोलिया में ग्रीनफील्ड तेल रिफाइनरी परियोजना का ठेका हासिल किया

मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) ने कहा कि उसने मंगोलिया की पहली ग्रीनफील्ड तेल रिफाइनरी परियोजना का ठेका हासिल किया है। कंपनी ने बताया कि इस ठेके के तहत 79 करोड़ डॉलर में तेल रिफाइनरी के एक हिस्से का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (एमईए) की विकास भागीदारी प्रशासन पहल का हिस्सा है। इसे भारत सरकार की ओर से दी जाने वाली ऋण सहायता का इस्तेमाल करके बनाया जाएगा।

14. सीएम धामी ने किया लखपति दीदी मेले का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि वर्ष 2025 में जब हमारा राज्य अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष माना रहा होगा, तब तक हम प्रदेश की सवा लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का कार्य करेंगे। यह प्रयास निश्चित रूप से महिलाओं के आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने सर्वे ऑफ इंडिया ग्राउंड, हाथीबड़कला में आयोजित लखपति दीदी मेला कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम ग्राम्य विकास विभाग की ओर से आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से एक वर्ष में एक लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित करने वाली महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ के रूप में सम्मानित किया।

15. विश्व पहेली चैम्पियनशिप में मुंबई के प्रसन्ना शेषाद्रि ने जीता भारत का पहला रजत

प्रसन्ना शेषाद्रि ने विश्व पहेली चैंपियनशिप (WPC) में 11 साल की कोशिश के बाद भारत के लिये पहला रजत पदक जीता है। इस वर्ष WPC का स्वर्ण पदक जापान के केन एंडो ने जीता है। विश्व पहेली चैंपियनशिप, वर्ल्ड पज़ल फेडरेशन द्वारा संचालित एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय पहेली प्रतियोगिता है। प्रतियोगिता में सभी पहेलियाँ सरल सिद्धांतों पर आधारित शुद्ध-तर्कपूर्ण समस्याएँ होती हैं, जिन्हें भाषा या संस्कृति की परवाह किये बिना खेलने योग्य बनाया गया है। द वर्ल्ड पज़ल फेडरेशन पहेलियों में रुचि रखने वाले कानूनी निकायों का एक संघ है। प्रत्येक देश का केवल एक संगठन, WPF से संबंधित हो सकता है।

16. मेघालय के उमियम झील में राइज़िग सन वाटर फेस्ट-2022 का उद्घाटन

राइज़िग सन वाटर फेस्ट-2022 का उद्घाटन समारोह का आयोजन मेघालय के उमियम झील (मानव निर्मित जलाशय) के प्राचीन एवं मनोरम परिवेश में किया गया। गारो आदिवासी समुदाय के सदस्य ‘दि राइज़िग सन वाटर फेस्ट-2022‘ के अवसर पर वांगला नृत्य करते हैं। वांगला को फेस्टिवल ऑफ हंड्रेड ड्रम्स के रूप में भी जाना जाता है और इसे ड्रमों पर बजाए जाने वाले लोकगीतों और भैंस के सींगों से बनी आदिम बाँसुरी की धुन पर विभिन्न प्रकार के नृत्यों के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य भगवान के सम्मान में मनाया जाता है और यह फसल कटाई के मौसम की समाप्ति का प्रतीक है। यह उत्सव सर्दियों की शुरुआत से पहले गारो जनजाति के लोगों द्वारा मैदानी क्षेत्रो में मेहनत करते हुए व्यतीत की गई लंबी अवधि के समापन को भी दर्शाता है। मेघालय में गारो जनजाति के लिये यह त्योहार उनकी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित एवं प्रोत्साहित करने का एक तरीका है और वे इस प्रकार के समारोहों में अपनी परंपरा का प्रदर्शन करते हैं।

17. अमर्त्य सेन जन्मदिवस

अमर्त्य सेन का जन्म 03 नवंबर, 1933 में कोलकाता में हुआ था। उनकी शिक्षा कोलकाता के शांति निकेतन, ‘प्रेसीडेंसी कॉलेज’ तथा कैंब्रिज के ट्रिनीटी कॉलेज से हुई। इसके अतिरिक्त उन्होंने जादवपुर विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स तथा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी अध्यापन का कार्य किया है। वे एक महान अर्थशास्त्री एवं दार्शनिक हैं। गौरतलब है कि द्वितीय पंचवर्षीय योजना में अमर्त्य सेन का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। अमर्त्य सेन ने महालनोविस के द्वि-विभागीय क‌मियों को दूर करने के लिये चार विभागों वाला एक वैज्ञानिक मॉडल प्रस्तुत किया जिसे ‘राज-सेन मॉडल’ के नाम से जाना जाता है। इस मॉडल को उन्होंने प्रोफेसर के.एन. राज के साथ मिलकर तैयार किया था। उन्होंने जहाँ एक ओर संवृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया, वहीं बेरोज़गारी उन्मूलन को प्राथमिकता देने की बात कही। सेन के अनुसार, भारत जैसे देश में गरीबी उन्मूलन के लिये ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को समुचित संस्थानिक प्रोत्साहन तथा उत्पादन के कारकों को बढ़ावा दिया जाना चाहिये। सेन ने अकाल की बदलती प्रवृत्ति एवं कारणों पर भी समुचित प्रकाश डाला। वर्ष 1999 में भारत रत्न से सम्मानित अमर्त्य सेन को वर्ष 1998 में अर्थशास्त्र के लिये नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।

18. शकुंतला देवी जन्मदिवस

शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर, 1929 को बंगलुरु,कर्नाटक में हुआ था। उन्हें “मानव कंप्यूटर” के रूप में जाना जाता है। बचपन से ही वह अद्भुत प्रतिभा की धनी थीं और बड़ी से बड़ी संखाओं की गणना पल भर में ही कर लेती थीं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए वर्ष 1982 में उनका नाम ‘गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज कर लिया गया। 6 वर्ष की उम्र में मैसूर विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें अपनी गणना क्षमता का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। वर्ष 1977 में शकुंतला ने 201 अंकों की संख्या का 23वाँ वर्गमूल बिना किसी कागज़ व कलम की सहायता लिये ही निकाल दिया था तथा उनका उत्तर UNIVAC 1101 कंप्यूटर में देखने के लिये US ब्यूरो ऑफ स्टैंडर्ड को विशेष प्रोग्राम तैयार करना पड़ा था। बौद्धिक रूप से धनी शकुंतला देवी लेखिका भी थी और उनके द्वारा लिखित पुस्तक का शीर्षक “दी वर्ल्ड ऑफ होमोसेक्सुअल (1977)” है। वर्ष 1969 में फिलीपींस विश्वविद्यालय ने उन्हें “वुमेन ऑफ़ दी ईयर” का दर्जा देते हुए सम्मानित किया था। उन्हें रामानुजन गणित ज्ञाता पुरस्कार भी दिया गया। हृदय संबंधी समस्या के कारण 21 अप्रैल, 2013 को उनका देहांत हो गया।

19. देशबंधु चित्तरंजन दास जन्मदिवस

चित्तरंजन दास का जन्म 5 नवंबर, 1870 को कोलकाता में हुआ था। चित्तरंजन दास को प्‍यार से ‘देशबंधु‘ कहा जाता था। वे महान राष्ट्रवादी तथा प्रसिद्ध विधि-शास्त्री थे। चित्तरंजन दास ने वकालत छोड़कर गांधीजी के असहयोग आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और पूर्णतया राजनीति में आ गए। भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के सिद्धांतों का प्रचार करते हुए उन्होंने पुरे देश का भ्रमण किया। चित्तरंजन दास वर्ष 1922 में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त किये गए लेकिन उन्होंने भारतीय शासन विधान के अंतर्गत संवर्द्धित धारासभाओं से अलग रहना ही उचित समझा। संपन्न परिवार से संबंध रखने वाले चित्तरंजन दास ने अपनी समस्त संपत्ति राष्ट्रीय हित में समर्पित कर दी। कलकत्ता के नागरिकों के हित के लिये उन्हें नौकरियों में अधिक जगह देकर हिन्दू-मुस्लिम मतभेदों को दूर करने का प्रयास किया। भारतीय समाज के लिये समर्पित, अधिक परिश्रमी तथा जेल जीवन की कठिनाइयों से जूझते हुए चित्तरंजन दास बीमार पड़ गए और 16 जून, 1925 को उनका निधन हो गया।