अमित पंघाल ने विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में इतिहास रचा
• भारत के अमित पंघाल ने रूस के एकातेरिनबर्ग में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2019 के 52 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीतकर नया इतिहास रचा है.
• टूर्नामेंट में अमित पंघाल को दूसरी वरीयता दी गई थी. वे कजाकिस्तान के साकेन बिबोसिनोव को हराकर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2019 के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बॉक्सर बने थे.
• उनसे पूर्व विजेंदर सिंह (2009), विकास कृष्ण (2011), शिव थापा (2015) और गौरव बिधुड़ी (2017) में विश्व चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं.
ऑस्कर पुरस्कारों के लिए गली-बॉय भारत की ओर से नामित
• भारत की ओर से ज़ोया अख्तर द्वारा निर्मित गली-बॉय को अधिकारिक प्रविष्टि के रूप में नामित किया गया है.
• गली-बॉय में रणवीर सिंह मुख्य भूमिका में हैं जिसमें वे एक संघर्षरत रैपर के रूप में दिखाए गये हैं. उनके साथ इस फिल्म में आलिया भट्ट सहायक भूमिका में हैं.
• फिल्म को इससे पहले बेस्ट एशियन फिल्म कैटेगरी में NETPAC अवॉर्ड मिला था. ये अवॉर्ड समारोह साउथ कोरिया में आयोजित हुआ था.
अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस-2019
• प्रत्येक वर्ष 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी.
• यह दिवस उन सभी लोगों को समर्पित है जो सुन या बोल नहीं सकते तथा अपनी बात रखने के लिए सांकेतिक भाषा का सहारा लेते हैं.
• अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस-2019 का विषय है – सभी को सांकेतिक भाषा के अधिकार. इसका अर्थ है कि सभी सामान्य भाषाओं की तरह ही सांकेतिक भाषा को भी महत्व दिया जाना चाहिए.
वर्ष 2019 अब तक का सबसे गर्म वर्ष: सं.रा. रिपोर्ट
• संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2019 की समाप्ति तक यह अब तक के इतिहास का सबसे गम वर्ष बन जायेगा.
• यह रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय मौसम विभाग ने तैयार की है जिसे संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से पहले जारी किया गया है. इस सम्मेलन में 60 से अधिक देशों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं.
• पृथ्वी के मौसम की जानकारी का रिकॉर्ड 1850 से रखा जाने लगा है और संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसी रिकॉर्ड के हवाले से 2019 को अब तक का सबसे गर्म वर्ष कहा गया है.
नोबेल पुरस्कार क्यों शुरू किये गए थे?
अल्फ्रेड नोबेल के बारे में (About Alfred Nobel)
डायनामाइट के आविष्कारक के नाम से मशहूर प्रसिद्द वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल का जन्म 1833 में स्टॉकहोम (स्वीडन) में हुआ था. अल्फ्रेड नोबेल जब 18 साल के थे तो उन्हें रसायन विज्ञान की पढ़ाई के लिए अमेरिका भेजा गया था. अल्फ्रेड नोबेल ने 1867 में डाइनामाइट की खोज की थी.
अल्फ्रेड नोबेल बहुत ही जिज्ञाशु प्रवृत्ति के थे, यही कारण है कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में कुल 355 आविष्कार (innovations) किए थे. हालाँकि उनकी सबसे क्रांतिकारी खोज 1867 में डायनामाइट के रूप में थी. उन्होंने डायनामाइट का आविष्कार करके बहुत दौलत और शोहरत कमाई थी.
अपनी पढाई पूरी करने के बाद वह अपने पिता के स्वीडन स्थित कारखाने में विस्फोटकों और खासकर “नाइट्रोग्लिसरीन” के अध्ययन में लग गए. सितंबर 3, 1864 को भयानक विस्फोट के कारण पिता का कारखाना नष्ट हो गया और इस घटना में अल्फ्रेड के छोटे भाई की भी मौत हो गयी थी.
अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु इटली में दिल का दौरा पड़ने से 10 दिसंबर 1896 को हुई थी.
नोबेल पुरस्कार शुरू होने के पीछे की घटना:
दरअसल नोबेल पुरस्कार को शुरू करने के पीछे एक अखबार में गलती से छपी एक खबर थी. सन 1888 में एक अखबार ने गलती से छाप दिया “मौत के सौदागर की मृत्यु” अर्थात अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु हो गयी है. अख़बार ने अल्फ्रेड को डाइनामाइट का आविष्कार करने के कारण हजारों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार भी ठहराया था. अपनी मौत की यह झूठी खबर खुद अल्फ्रेड ने भी पढ़ी.
लेकिन इस अख़बार में उनके लिए इस्तेमाल किये गए शब्द “मौत के सौदागर” ने अल्फ्रेड नोबेल को बुरी तरह से झकझोर दिया था. सहसा उन्होंने सोचा कि उनकी मौत की यह खबर कभी ना कभी तो सच अवश्य होगी; तो क्या दुनिया उन्हें इसी नाम से जानेगी ? उन्होंने निश्चय किया कि वह अपने व्यक्तित्व पर लगने वाले इस दाग को मिटा देंगे.
अल्फ्रेड नोबेल ने 27 नवंबर 1895 को अपनी वसीयत लिखी जिसमें उन्होंने अपनी संपत्ति का सबसे बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट बनाने के लिए अलग कर दिया.
सभी करों को काटने के बाद अल्फ्रेड नोबेल की कुल संपत्ति का 94% हिस्सा अर्थात 31,225,000 स्वीडिश क्रोनोर को पांच नोबेल पुरस्कार की स्थापना के लिए आवंटित कर दिया गया था.
अल्फ्रेड नोबेल की इच्छा थी कि इस रकम पर मिलने वाले ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए जिनका काम मानवजाति के लिए सबसे कल्याणकारी पाया जाए.
इस प्रकार नोबेल पुरस्कार हर साल 6 क्षेत्रों में उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने मानव कल्याण को बढ़ाने की दिशा में कार्य किया होता है. यही कारण है कि नोबेल पुरस्कार ज्यादातर उन्ही लोगों को दिया गया हैजिन्होंने किसी बीमारी को दूर करने के लिए कोई दवाई या टीका विकसित किया होता है या विश्व में शांति एवं सौहार्द्र बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किये हों.
नोबेल पुरस्कार राशि की व्यवस्था कैसे होती है?
सन 1895 में जब नोबेल पुरस्कारों के लिए कोष की स्थापना की गयी थी उस समय कोष में 31,225,000 स्वीडिश क्रोनोर जमा किया गये थे. वर्तमान में नोबेल कोष में 1,702 मिलियन स्वीडिश क्रोनोर जमा हैं और एक नोबेल पुरस्कार विजेता को 9 मिलियन स्वीडिश क्रोनोर दिए जाते हैं.
इस प्रकार नोबेल समिति हर साल लगभग 54 मिलियन स्वीडिश क्रोनोर पुरस्कार राशि के रूप में बाँटती है.
नोबेल पुरस्कारों की इनामी राशि हर साल नोबेल फाउंडेशन की आय पर निर्भर करती है.
“नोबेल कोष में जमा पैसे को सुरक्षित माने जाने वाली सिक्योरिटीज में निवेश कर दिया जाता है और इससे प्राप्त होने वाले ब्याज को नोबेल पुरस्कार विजेताओं में बांटा जाता है”
सन 1901 से 2017 के बीच 585 नोबेल पुरस्कार 923 लोगों को दिये गए हैं. वर्ष 2017 में नोबेल अवार्ड विजेता को रु. 72,227,297 (सात करोड़ 22 लाख, 27 हजार, दो सौ, नब्बे-सात और पैंतीस पैसे) दिए गये थे जो कि 90 लाख स्वीडिश क्रोनोर के बराबर है.
ज्ञातव्य है कि अब तक 8 भारतीयों को नोबेल पुरस्कार मिल चुका है और नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय रबिन्द्र नाथ टैगोर थे.
नोबेल पुरस्कार एवं पुरस्कार विजेताओं की सूची
नोबेल पुरस्कारों की स्थापना अल्फ्रेड नोबेल के वसीयतनामे के अनुसार 1895 में हुई थी। वसीयतनामे के मुताबिक नोबेल पुरस्कारों का प्रशासकीय कार्य नोबेल फाउंडेशन देखती है। यह पुरस्कार हर वर्ष रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस, द स्वीडिश एकेडमी, द कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट, एवं द नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी द्वारा उन लोगों और संस्थाओं को प्रदान की जाती है जिन्होंने रसायनशास्त्र, भौतिकीशास्त्र, साहित्य, शांति, एवं औषधीविज्ञान के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया हो।
नोबेल पुरस्कार एवं पुरस्कार विजेताओं की सूची
2018 के नोबेल पुरस्कार विजेता |
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नाम |
क्षेत्र |
योगदान |
ऑर्थर एश्किन, गेरार्ड मौरोउ और दोन्ना स्ट्रिकलैंड |
भौतिकी |
लेजर फिजिक्स के क्षेत्र में। |
फ्रांसिस एच. अर्नोल्ड, जॉर्ज पी. स्मिथ और सर ग्रेगरी पी. विंटर |
रसायन |
क्रमविकास के सिद्धांतों का उपयोग कर जैव ईंधन से ले कर औषधि तक, हर चीज बनाने में इस्तेमाल होने वाले एंजाइम का विकास करने के लिए। |
जेम्स पी एलिसन और तासुकू होंजो |
मनोविज्ञान या चिकित्सा |
कैंसर थेरपी की खोज के लिए। |
साहित्य |
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डॉक्टर डेनिस मुकवेगे (Dr. Denis Mukwege) और नादिया मुराद (Nadia Murad) |
शांति |
यौन हिंसा के खिलाफ संघर्ष के लिए। |
विलियम डी नोर्दहॉस और पॉल एम. रोमर |
अर्थशास्त्र |
इकोनॉमिक ग्रोथ पर रिसर्च के लिए। |
रैमन मैग्सेसे पुरस्कार को जीतने वाले भारतीय
2017 के नोबेल पुरस्कार विजेता |
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नाम |
क्षेत्र |
योगदान |
रेनर वीस (जर्मनी), बैरी सी. बरिश (यूएसए) और किप एस थोरने (यूएसए) |
भौतिकी |
लीगो डिटेक्टर में निर्णायक योगदान और गुरुत्वाकर्षण तरंगों के अवलोकन के लिए। |
रसायन |
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जेफरी सी हॉल (यूएसए), माइकल रोजबाश (यूएसए) और माइकल डब्ल्यू.यंग (यूएसए) |
मनोविज्ञान या चिकित्सा |
मानव शारीर की आंतरिक जैविक घड़ी(बायोलॉजिकल क्लॉक) विषय पर किए गए शोध के लिए। |
काज़ूओ इशिगुरो (जापान) |
साहित्य |
अपने बेहद भावुक उपन्यासों से दुनिया के साथ संपर्क के हमारी मायावी समझ की गहराई पर से पर्दा उठाया। |
परमाणु हथियारों को खत्म करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अभियान (आईसीएएन) (ऑस्ट्रेलिया में स्थापित) |
शांति |
दुनिया में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के बाद भयावह परिस्थितियों से अवगत कराने के लिए उसके प्रयासों की वजह से दिया गया। |
रिचर्ड एच. थालर (यूएसए) |
अर्थशास्त्र |
व्यवहारिक अर्थशास्त्र में योगदान के लिए। |
ज्ञानपीठ सम्मान: भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान
2016 के नोबेल पुरस्कार विजेता |
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नाम |
क्षेत्र |
योगदान |
एफ. डंकन एम. हैलडेने जे. माइकल कोस्टरलिट्ज |
भौतिकी |
वस्तु के टोपोलोजिकल (topological) चरण तथा टोपोलोजिकल (topological) चरण में परिवर्तन के सिद्धांत की खोज। |
जीन पियरे साउवेग सर जे. फ्रेजर स्टोडार्ट बर्नार्ड एल. फेरिंग |
रसायन |
बाल की मोटाई से हजार गुना पतले विश्व की सबसे छोटी मशीन का डिजाइन और उसका निर्माण। |
योशिनोरी ओसुमी |
मनोविज्ञान या चिकित्सा |
ऑटोफैगी के क्रियाविधि के क्षेत्र में अनुसंधान। |
बॉब डिल्लन |
साहित्य |
महान अमेरिकी गीत परंपरा में नई काव्यात्मक भाव की रचना। |
जुआन मैनुएल सांतोस |
शांति |
कोलंबिया में पचास वर्ष से अधिक पुराने गृहयुद्ध को समाप्त करने के लिए प्रयासरत। |
ओलिवर हार्ट बेंट होम्सट्रॉम |
अर्थशास्त्र |
अनुबंध सिद्धांत में योगदान। |
इस पुरस्कार की शुरुवात 1901 में हुयी थी। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक मेडल, एक डिप्लोमा, एक मोनेटरी एवार्ड प्रदान की जाती है।