DAILY CURRENT GK
1.नेपाल ने पर्वतारोहण दुर्घटनाएं कम करने के लिए माउंट एवरेस्टU और अन्यह चोटियों पर अकेले चढ़ाई करने पर रोक लगाई :-
नेपाल ने माउंट एवरेस्टन सहित अपने यहां कई अन्यढ पर्वत श्रेणियों पर एकल पर्वतारोहण पर रोक लगा दी है।
सांस्कृतिक, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव महेश्वोर न्यूरपाने ने बताया कि पर्वतारोहण को बेहतर और सुरक्षित बनाने तथा इस दौरान होने वाली मौतों से बचने के लिए एकल पर्वतारोहण पर पाबंदी लगाई गई है। इस रोक से एसे एकल पर्वतारोहियों में काफी असंतोष फैलने की आशंका है जो अकेले ही पर्वतारोहण के रोमांच को पसन्द करते हैं। उनकी पहले ही शिकायत थी कि विश्वो की सर्वाधिक ऊंची पर्वत चोटी पर व्याेवसायिक पर्वतारोहण अभियानों से पर्वतारोहण के दौरान ऑक्सी्जन की कमी, अधिक भीड़भाड़ और अन्य परेशानियां होती हैं।
Nepal bans mounting Mount Everest and other peaks alone to reduce mountaineering accidents :-
Nepal has banned single mountaineering on many other mountain ranges including Mount Everest.
Maheshwar Nupanna, Secretary, Ministry of Cultural, Tourism and Civil Aviation said that single mountaineering has been banned to make mountaineering better and secure and to prevent deaths during this period. There is a possibility of a lot of dissatisfaction among such mountaineering climbers which alone enjoy the advent of mountaineering. He had already complained that due to mountaineering, there is lack of oxygen, excessive crowding and other problems during mountaineering by professional mountaineering expeditions in the world’s highest mountain peak.
2.न्यूयॉर्क टाइम्स रिपोर्ट के अनुसार अमरीका का आतंकवादी गुटों के खिलाफ कार्रवाई न करने के कारण पाकिस्ता न को पच्चीरस करोड़ पचास लाख डॉलर की सहायता पर रोक लगाने का विचार :-
पाकिस्तारन द्वारा आतंकवादी गुटों के खिलाफ कार्रवाई न करने के कारण अमरीका उसे दी जाने वाली सहायता पर रोक लगाने का विचार कर रहा है। द न्यूियॉर्क टाइम्स के अनुसार ट्रम्पा प्रशासन इस सिलसिले में पाकिस्तारन को पच्ची स करोड़ पचास लाख डॉलर की सहायता पर रोक लगाने को लेकर गंभीरता से विचार कर रहा है। राष्ट्रनपति डॉनल्डी ट्रम्पा ने जब घोषणा की कि पाकिस्ता न अराजकता, हिंसा और आतंक फैलाने वालों के लिए सुरक्षित शरण स्थिल है, तब से अमरीका और पाकिस्ता न के बीच तनाव पैदा होना शुरू हो गया। अमरीका ने 2002 के बाद से पाकिस्ताअन को 33 अरब डॉलर से भी अधिक की सहायता प्रदान की थी लेकिन उसने अगस्त में कहा कि जब तक पाकिस्ताान आतंकी गुटों के खिलाफ और कार्रवाई नहीं करता तब तक वह पच्चीअस करोड़ पचास लाख डॉलर की सहायता राशि रोक रहा है।
According to the New York Times report, the idea of barring Pakistan’s assistance of 25 million dollars due to not taking action against militant groups :-
Due to Pakistan not taking action against militant groups, the US is considering banning aid given to him. According to The New York Times, the Trump administration is seriously considering the possibility of a 25 million-five-million-dollar ban on Pakistan in this regard. When President Donald Trump announced that Pakistan is a safe haven for chaos, violence and terrorists, tensions have started between the United States and Pakistan since then. The US has provided assistance to Pakistan more than $ 33 billion since 2002, but in August it said that unless Pakistan takes further action against terrorist groups it is stopping up to 25 million dollars of aid .
3.जीएसटी के तहत ट्रांसपोर्टरों के लिए ई वे बिल प्रणाली एक फरवरी से लागू होगी :-
माल एवं सेवा कर- जीएसटी व्यवस्था के तहत ट्रांसपोर्टरों के लिए इलेक्ट्रानिक वे बिल या ई-वे बिल प्रणाली एक फरवरी 2018 से क्रियान्वित होगी। इस प्रणाली में ट्रांसपोर्टरों को राज्यों के बीच माल की आवाजाही के लिए ई-वे बिल साथ रखना होगा। इस कदम का मकसद कर चोरी को रोकना तथा राजस्व में 20 प्रिशत की बढ़ोतरी करना है।
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि इसे उन 17 राज्यों में भी लागू किया जा रहा है जिनके पास जीएसटी से पहले से ही इलेक्ट्रानिक चालान या ई-वे बिल प्रणाली है।
जीएसटी को एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था। उस समय ई-वे बिल साथ रखने की जरूरत को टाल दिया गया था क्योंकि इसके लिए आईटी नेटवर्क तैयार नहीं था।
ई-वे बिल प्रणाली लागू होने के बाद कर चोरी काफी मुश्किल हो जाएगी क्योंकि सरकार के पास 50,000 रुपये से अधिक के सभी सामान का ब्योरा होगा और वह आपूर्तिकर्ता या खरीदार किसी के द्वारा कर रिटर्न नहीं होने पर गड़बड़ी को पकड़ लेगी।
Under the GST, the e-bill system for transporter will be applicable from February 1. :-
Goods and service tax – Electronic bill or e-way bill system for transporter under GST system will be implemented from February 2018. In this system, transporter has to keep the e-way bill for the movement of goods between the states. The purpose of this step is to curb tax evasion and increase the revenue by 20 percent.
A top government official said that it is being implemented in 17 states with GST already having electronic invoice or e-pay system.
GST was implemented on July 1, 2017. At that time the need to keep the e-way bill was avoided because IT network was not ready for it.
Tax evasion will be very difficult after the implementation of the e-system system, as the government will have all the details of all goods above Rs. 50,000 and that supplier or buyer will catch a disturbance if no tax returns from anyone.
4.नयी आवासीय इकाइयों की पेशकश में आयी 35 प्रतिशत गिरावट :-
देश के आठ बड़े शहरों में 2017 में आवासीय क्षेत्र में नयी पेशकश में 35 प्रतिशत की गिरावट आयी है और यह करीब 74 हजार इकाइयों पर सिमट गयी हालांकि इस दौरान किफायती घरों की पेशकश में छह प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट में यह बात कही गयी है।
रिपोर्ट के अनुसार, आठ बड़े शहरों दिल्ली एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद में 2017 में कुल मिला कर 73,956 नयी आवासीय इकाइयां पेश होने का अनुमान है। पिछले साल नयी परियोजनाओं में पेशकश 1,13,044 इकाई रही था। इन शहरों में नयी आवासीय इकाइयों की पेशकश में आठ से 52 प्रतिशत तक की गिरावट आयी है। इसका मुख्य कारण रियल इस्टेट नियामकीय कानून रेरा का क्रियान्वयन रहा है जिसके तहत नये और जारी परियोजनाओं का नियामक में पंजीयन कराना अनिवार्य हो गया है।
35 percent decline in new residential units offered :-
In the eight major cities of the country, the new offer has declined by 35 percent in the housing sector in 2017 and it got reduced to 74 thousand units, although in the meantime, the offer of affordable homes has increased by 6 percent. This is said in the report of Kushman & Wakefield.
According to the report, in the eight major cities of Delhi NCR, Mumbai, Chennai, Kolkata, Bengaluru, Ahmedabad, Pune and Hyderabad, in total, 73,956 new residential units will be present in 2017. Last year, there were 1,13,044 units offered in new projects. In these cities, the offer of new residential units has declined from eight to 52 percent. The main reason for this is the implementation of real estate regulatory law Rare, under which it has become mandatory to register new and ongoing projects in the regulator.
5.बैंक ऑफ इंडिया को सरकार से मिले 2,257 करोड़ रुपये :-
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया को सरकार से 2,257 करोड़ रुपये की पूंजी प्राप्त हुई। बैंक ऑफ इंडिया ने बंबई शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा, “बैंक को 29 दिसंबर को भारत सरकार से सामान्य इक्विटी टियर-1 पूंजी के रूप में 2,257 करोड़ रुपये मिले हैं। इसे शेयर आवेदन राशि के रूप में देखा जा रहा है और इसके एवज में आवंटन उचित प्रक्रिया/ शर्तें पूरी होने के बाद किया जाएगा।” सरकार ने 24 अक्तूबर को गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) की मार झेल रहे सार्वजनिक बैंकों को मजूबत करने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी बैंकों में डालने की घोषणा की थी। यह पूंजी दो सालों में डाली जाएगी, इसमें पुनर्पूंजीकरण बॉन्ड और बजटीय सहायता शामिल है।
Bank of India receives 2,257 crore from government :-
Public sector Bank of India received capital of Rs 2,257 crore from the government . Bank of India said in the information given to the Bombay Stock Exchange , “The bank has received Rs 2,257 crore as General Equity Tier- 1 capital from the Government of India on December 29 . It is being seen as the application amount of stock and will be followed by its resultant allocation proper procedures / conditions are met. “The government has 24 hit by the non-performing October asset (NPA) to stronger public banks 2.11 lakh crore was announced for putting the capital into banks. This capital will be put in two years , including recapitalization bonds and budgetary support.
6.झारखंड को इस साल मिले करोड़ों रुपये के निवेश प्रस्ताव :-
झारखंड ने इस साल आर्थिक मोर्चे पर कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज करते हुए निवेशकों से तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव हासिल किए। राज्य में सौ से ज्यादा परियोजनाओं की नींव रखी गयी तथा फिल्म नीति लागू करने पर जोर दिया गया।
फरवरी महीने में आयोजित दो दिवसीय ‘मोंमेटम झारखंड’ विश्व निवेशक सम्मेलन के दौरान इस बारे में 210सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार 2018- 19 में 50,000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है।
Jharkhand gets investment proposal of crores rupees this year :-
Jharkhand, having recorded some remarkable achievements on the economic front this year, has received investment proposals worth more than Rs. 3 lakh crores from investors. The foundation of more than 100 projects was laid in the state and emphasis was laid on the implementation of film policy.
During the two-day ‘ Manmattam Jharkhand ‘ World Investor Conference organized in February, about 210 MoUs were signed.
Government officials say that the state government is trying to provide employment to 50,000 youth in 2018-19 .
7.मेक इन इंडिया के मोर्चे पर सरकार को बड़ी कामयाबी, देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन पहली बार आयात से अधिक :-
मेक इन इंडिया के मोर्चे पर सरकार के लिए बड़ी राहत की खबर है। वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान देश में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रॉडक्ट्स का उत्पादन पहली बार आयात से आगे निकल गया। तेल के बाद देश का सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार इलेक्ट्रॉनिक्स प्रॉडक्ट्स के आयात पर ही खर्च किया जाता है। अधिकारियो के मुताबिक, 2016-17 में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन 49.5 अरब डॉलर का हुआ, जोकि आयात पर खर्च 43 अरब डॉलर से अधिक है। सरकार ने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। खासतौर पर स्मार्टफोन, अप्लायंसेज, सेट-टॉप बॉक्स और टेलिविजन आदि के उत्पादन पर जोर दिया गया है। इस क्षेत्र में आयात का बड़ा हिस्सा पड़ोसी देश चीन से आता है और भारत वित्तीय प्रोत्साहन और दूसरे कदमों से इसका मुकाबला करना चाहता है। हाल ही में कई प्रॉडक्ट्स के आयात पर शुल्क बढ़ाया गया है। मोबाइल फोन, सेट-टॉप बॉक्स, माइक्रोवेव ओवन्स और एलईडी लैंप्स जैसे उत्पादों पर आयात शुल्क में वृद्धि की गई है। कई यूनिट्स को मोडिफाइड स्पेशल इंसेंटिव पैकेज स्कीम (M-SIPS) और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC) प्रोग्राम का फायदा मिला है।
Government’s big success on the front of Make in India, electronics production in the country for the first time :-
There is news of great relief for the government on the make in India front. During the financial year 2016-17, the production of electronics products in the country exceeded the import for the first time. After oil, the country’s most foreign currency reserves are spent on the import of electronics products. According to officials, electronics production in the year 2016-17 is $ 49.5 billion, which is more than 43 billion dollars spent on imports.
Government has taken several steps to promote electronics manufacturing in the country. In particular, emphasis is on the production of smartphones, appliances, set-top boxes and television. A large part of the imports in this region comes from neighboring China and India wants to compete with financial incentives and other measures. Recently, the duty on import of many products has been increased.
Mobile phones, set-top boxes, Import duties on products such as microwave ovens and LED lamps have been increased. Many units have the advantage of the Modified Special Incentive Package Scheme (M-SIPS) and the Electronics Manufacturing Cluster (EMC) program.
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