RAJASTHAN GK
राजस्थान का नामकरणकर्ता – कर्नल जेम्स टॉड
राजस्थान की स्थिति– राजस्थान भारत के उत्तरी-पश्चिमी भाग में 23’’ 3’ उत्तरी अक्षांश से 30’’ 12’ उत्तरी अक्षांश तथा 69’’ 30’ पूर्वी देशान्तर से 78’’ 17’ पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है
राजस्थान का क्षेत्रफल– 342239 वर्ग किमी
राजस्थान के सीमावर्ती राज्य :-
- सर्वाधिक सीमा वाल पङोसी राज्य – मध्य प्रदेश
- न्यूनतम सीमा वाल पङोसी राज्य – पंजाब
- राज्य से लगने वाली अन्तराष्टीय सीमा-पाकिस्तान
- पूर्वी सीमा पर-उत्तर प्रदेश
- उत्तरी सीमा पर-पंजाब व हरियाणा
- दक्षिणी सीमा पर-गुजरात
- पाकिस्तान से सीमा से लगने वाले जिल – श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर व बाङमेर
- राज्य में पाकिस्तान की सीमा का प्रारम्भ स्थान-हिन्दुमलकोट (श्रीगंगानगर)
- क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बङा जिला-जैसलमेर
- क्षेत्रफल के आधार पा सबसे छोटा जिला- धौलपुर
- राज्य में जिले – 33 जिलें
- उपखण्ड-188 (2005)
- सम्भागों की संख्या- 7
- देश में सर्वप्रथम पंचायती राज का श्रीगणेश करने वाला जिला -नागौर
- राजस्थान की भाषा-हिन्दी व राजस्थानी
- राजधानी –जयपुर
राजस्थान के प्राक़तिक विभाग :-
- पूर्वी राजस्थान – जयपुर, दौसा, अलवर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, टोंक, सीकर, अजमेर व करौली
- पश्चिमी राजस्थान – जैसलमेर, नारौग, जोधपुर, बाङमेर, जालौर, सिरोही व पाली
- उत्तरी राजस्थान – बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ व चुरू
- दक्षिण-पूर्वी राजस्थान – कोटा, बारां, बूंदी एवं झालावाङ
- दक्षिण राजस्थान –भीलवाङा, चितौङगढ, डूंगरपुर, उदयपुर, राजसमंद व बांसवाङा
राजस्थान की प्रमुख नदियों का वर्गीकरण :-
- अरब सागर की ओर बहने वाली नदियां – लूणी, माही, सोम, जाखम, साबरमती व प बनास
- गंगा-यमुना दोआब की ओर बहने वाली नदियां – चम्बल, बनास, काली सिन्ध, कोठारी, खारी, मेज, मोरेल, बाणगंगा और गम्भीर
- आन्तरिक प्रवाह वाली नदियां – घग्घर, सोता-साहिबी, काकणी, मेढां, खण्डेर, कांटली नदी
राजस्थान की नदियों के उपनाम :-
- चम्बल नदी – उप नाम कामधेनु, चर्मण्वती
- बाणगंगा – अर्जुन की गंगा
- बनास – वन की आशा
- घग्घर – म़त नदी
- माही – बागङ की गंगा
राज्य की प्रमुख नदियों की लम्बाई :-
- चम्बल नदी – 966 किमी
- बाणगंगा नदी – 380 किमी
- कोठारी नदी – 145 किमी
- माही नदी – 576 किमी
- लूणी नदी – 320 किमी
राजस्थान की झीलों का वर्गीकरण :-
- मीठे पानी की झीलें, फतेहसागर, उदयसागर, उम्मेदसागर, फांयसागर, गैब सागर, सिलीसेढ, कोलायत, पुष्कर, – जयसमंद, राजसमंद, पिछोला, आनासागर, बालसमन्द, नक्की व नवलखा आदि
- खारे पानी की झीलें – कावोद, लूणकरणसर, कछेर, सांभर, पचपद्रा, डीडवाना, फलौदी, व तालछापर
राजस्थान में वर्षा जल संग्रहण के उपाय :–
- बाबङियां – बावङियों का निर्माण गांवों या शहरों के समीप किया जाता है जिनमें वर्षा का पानी इकट्ठा होता रहता है,
- नाडी – ये छोटे-छोटे कच्चे तालाब होते हे तथा गांव के बाहर निचले किनारे पर बनाये जाते है
- सागर व तालाब – इनके जल का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है
- टांका – ये सामान्यत चूना, ईंट, पत्थर से मकानों के तलघर में बने हुए छोटे हौज होते है, यह पानी पीने के काम लिया जाता है
- खङीन – मरूस्थली भागों में यह एक मंद ढाल वाला ढालू मैदान होता है, पानी सूखने के बाद इसकी दलदली मिट्टी मे रबी की फसल बोई जाती है
राजस्थान के प्रमुख जल प्रपात :–
- चूलिया जल प्रपात – चम्बल नदी
- भीमताल जल प्रपात – मांगली नदी