The Accidental Prime Minister के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिल्म, पोस्टर जारी

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राष्टीय न्यूज़

1.The Accidental Prime Minister के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिल्म, पोस्टर जारी:-

बॉलीवुड में पिछले कुछ सालों में खूब बायोपिक बनी हैं और आगे भी बनने के लिए तैयार हैं। हाल ही में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को लेकर बनाई गई फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर का ट्रेलर जारी किया जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। अब भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर भी फिल्म बनने जा रही है,  जिसका पोस्टर 7 जनवरी को जारी किया गया।फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर का ट्रेलर जब से सबके सामने आया है तब से फिल्म को लेकर खूब चर्चा है और फिल्म विवादों में भी आ गई है। बायोपिक के इस दौर में एक और बायोपिक बनने जा रही है वो भी भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर। हालांकि अभी इसको लेकर सिर्फ कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन अब इस बात की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस फिल्म का पोस्टर अनवील किया है। विवेक ओबेरॉय इस फिल्म में नरेंद्र मोदी का किरदार निभाएंगे।

इस फिल्म का नाम पीएम नरेंद्र मोदी होगा l इस फिल्म का निर्देशन उमंग कुमार कर रहे हैं। वहीं इस फिल्म का निर्माण संदीप सिंह करेंगे l फिल्म की शूटिंग जनवरी के मध्य से शुरू हो जाएगीl

आपको बता दें कि, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर इसके पहले एक डॉक्यूमेंट्री बन चुकी हैl इसका निर्देशन मंगेश हदावाले ने किया था। वही इस फिल्म को फिल्म निर्देशक आनंद एल राय ने प्रस्तुत किया थाl फिल्म चलो जीते है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाल्यकाल जीवन से प्रेरित फिल्म थी। अब उनके जीवन पर पहली बार एक बड़ी फिल्म बनने जा रही हैl

गौरतलब है कि भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जीवन पर बनी बायोपिक को लेकर इस समय विवाद भी चल रहा हैl हालांकि यह फिल्म भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की लिखी किताब पर आधारित हैl यह किताब द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के नाम से लिखी गई थीl इस फिल्म में डॉ. मनमोहन सिंह की भूमिका अभिनेता अनुपम खेर निभा रहे हैं।

2.भारत ने ईरान में चाबहार बन्दरगाह के एक भाग का प्रचालन शुरू किया:- 

भारत सरकार ने 24 दिसंबर 2018 को चाबहार त्रिपक्षीय समझौता बैठक के दौरान ईरान में शाहिद बेहिश्ती बन्दरगाह, चाबहार के एक भाग के प्रचालन का दायित्व ग्रहण कर लिया। चाबहार स्थित भारतीय एसपीवी – इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल चाबहार फ्री जोन (आईपीजीसीएफजेड) के कार्यालय का भारत, ईरान और अफगानिस्तान के शिष्टमंडलों के प्रमुखों ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। टर्मिनल एरिया, कार्गो हैंडलिंग इक्विप्मेंट और कार्यालय की इमारत को वास्तविक रूप से नियंत्रण में लेने का कार्य 29 दिसंबर 2018 तक पूरा हो जाएगा।आईपीजीसीएफजेड में वाण्जियिक प्रचारलन एक पोत के आगमन के साथ ही आरंभ हो गया। साइप्रस में पंजीकृत यह पोत 72458 एमटी मक्का के नौभार के साथ चाबहार पहुंचा। पोत एमवी मेचेराज ने 30 दिसंबर 2018 को 0130 बजे टर्मिनल पर लंगर डाला। आईपीजीसीएफजेड ने नुमैटिक अन-लोडर्स का इस्तेमाल करते हुए आयतित नौभार (एक्स ब्राजील) को डिस्चार्ज कर अपने प्रथम कार्गो प्रचालन को कार्यान्वित किया। इसके साथ ही एक लंबी यात्रा की शुरूआत हो गई। चाबहार के साथ संबंध जोड़कर भारत ने इतिहास रच दिया और अब वह चारों तरफ से जमीन से घिरे अफगानिस्तान की सहायता के लिए क्षेत्रीय सहयोग और साझा प्रयासों की अगुवाई कर रहा है। भारत द्वारा अपने भू-भाग से बाहर किसी बंदरगाह के प्रचालन का यह पहला मौका है। भारत ने चाबहार बन्दरगाह के बारे में ईरान के साथ 2003 के आसपास बातचीत शुरू की थी, लेकिन इसे महत्वपूर्ण बल 2014 की आखिरी छिमाही में मिला, जिसके परिणामस्वरूप चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए मई 2015 में दोनों देशों के बीच एमओयू पर हस्‍ताक्षर हुए। इस एमओयू को चाबहार बंदरगाह को उपकरणों से लैस करने और उसका प्रचालन करने के लिए 10 साल के औपचारिक समझौते में परिवर्तित किया गया, जिसे 23 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान निष्‍पादित किया गया।  उक्‍त समझौते को कार्यशील बनाने की राह में चुनौतियां थीं, इसलिए ईरान के राष्‍ट्रपति डॉ. हसन रुहानी की फरवरी 2018 की भारत यात्रा के दौरान एक अंतरिम अवधि के समझौते की आधारशिला रखी गई। इसके परिणामस्‍वरूप दोनों पक्षों के बीच 6 मई 2018 को औपचारिक अल्‍पावधि समझौते पर हस्‍ताक्षर किए गए।

इस महत्‍वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने के लिए मार्ग दर्शन और निरंतर सहायता हेतु किए गए भारत सरकार के प्रयासों को ईरान के पीएमओ तथा भारत में ईरानी दूतावास, ईरान में भारत के दूतावास,विदेश मंत्रालय, वित्‍त मंत्रालय और नीति आयोग के द्वारा पूरी तरह प्रतिफलित किया गया।

3.सभी शिक्षण संस्थाओं में कुछ समय के लिए राष्ट्रीय कैडेट कोर में सेवा अनिवार्य की जाए : उपराष्ट्रपति:-
राष्ट्रीय कैडेट कोर द्वारा दिया गया प्रशिक्षण देश के लिए बेहतर भविष्य का आश्वासन देता है उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर का उद्घाटन किया.

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि सभी शिक्षण संस्थाओं में कुछ समय के लिए राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) में सेवा को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। श्री नायडू आज नई दिल्ली में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर के उद्घाटन के अवसर पर कैडेटों को संबोधित कर रहे थे।

श्री नायडू ने कैडेटों के उत्साह और ऊर्जा और शानदार ड्रिल तथा आत्मविश्वास के लिए कैडेटों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एकता और देशभक्ति भाव भरने वाला यह शिविर यादगार और प्रेरक अनुभव प्रदान करेगा। उपराष्ट्रपति ने कैडेटों से शिविर में चलाई जाने वाली सभी गतिविधियों में लगन और संकल्प के साथ भाग लेकर शिविर का बेहतर उपयोग करने का आग्रह किया।

श्री नायडू ने कहा कि एनसीसी  के प्रशिक्षण ने अनुशासन, नेतृत्व, भाईचारा, टीम भावना, साहस और राष्ट्रीय एकीकरण के गुणों को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इससे देश के युवाओं का समग्र विकास होगा और उनका भविष्य बेहतर होगा।

उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल देश को बेहतर तरीके से समझने का अनूठा अवसर प्रदान करेगा बल्कि कैडेटों को व्यापकता प्रदान करेगा और दूसरे देशों के समकक्ष कैडेटों के साथ अटूट मित्रता निभाने में भी सहायक होगा।

उन्होंने कहा कि एनसीसी का उद्देश्य सर्वव्यापी भाईचारा, राष्ट्रीय एकता और धर्मनिर्पेक्षता है। श्री नायडू ने संकट, भूंकप, बाढ जैसी प्राकृतिक आपदाओँ के समय में एनसीसी कैडेटों की निःस्वार्थ सेवा भावना की प्रशंसा की।

श्री नायडू ने स्वच्छ भारत अभियान, व्यस्क शिक्षा, दहेज विरोधी, कुष्ट रोग विरोधी तथा भ्रष्टाचार विरोधी जैसे सरकार प्रेरित सामाजिक कार्यक्रम के बारे में लोगों को शिक्षित करने में एनसीसी कैडेटों की भूमिका की सराहना की। एनसीसी कैडेटों के परिश्रम में विश्वास व्यक्त करते हुए श्री नायडू ने कहा कि कैडेटों के प्रयास से हमारा सामाजिक ताना-बाना मजबूत होगा।

जीवन के सभी क्षेत्रों के उत्कृष्टता के लिए कैडेटों को बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति ने खेल विशेषकर निशानेबाजी में असाधारण प्रदर्शन दिखाने के लिए कैडेटों की सराहना की। उऩ्होंने आशा व्यक्त की कि एनसीसी खिलाड़ी प्रतिभा का पोषण करेगा जो आने वाले समय मे हमारे देश को गौरवान्वित करेगा।

4.पिछड़े जिलों में बुजुर्गो की देखभाल के कार्यक्रम चलाएगा एनएसई फाउंडेशन:-

एनएसई फाउंडेशन देश के पिछड़े जिलों में बुजुर्गो की देखभाल के लिए कार्यक्रम चलाएगा। फाउंडेशन ने इस संबंध में सरकार के महत्वाकांक्षी ‘आस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम’ के तहत इस संबंध में काम करने के लिए नीति आयोग के साथ करार किया है।

नीति आयोग के साथ करार

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की मौजूदगी में आयोग के शीर्ष अधिकारियों और एनएसई फाउंडेशन की सीईओ रीमा मोहन ने इस आशय के करार पर हस्ताक्षर किए। करार के बाद मोहन ने दैनिक जागरण से कहा कि फाउंडेशन तीन जिलों- तमिलनाडु के रामनाथपुरम, राजस्थान के करौली और महाराष्ट्र के नंदूरबार जिलों का चयन किया है। फाउंडेशन यहां बुजुर्गो की देखभाल के के साथ-साथ प्राथमिक शिक्षा, स्वच्छता व पेयजल जैसे क्षेत्रों में काम करेगा। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन की पूरे देश में 35 परियोजनाएं चल रही हैं।

एनएसई फाउंडेशन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड से संबद्ध है और यह सीएसआर गतिविधियां करता है।

इस मौके पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि आस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट कार्यक्रम के जरिए सरकार जमीनी स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण सहित सामाजिक आर्थिक विकास की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर रही है। इससे जमीनी स्तर पर बदलाव दिखना शुरु हो गया है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़

5.बांग्‍लादेश में शेख हसीना लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगी:-

बांग्लादेश में अवामी लीग अध्‍यक्ष शेख हसीना लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगी। जनवरी 2009 के बाद से शेख हसीना के नेतृत्‍व में यह तीसरी सरकार होगी। इससे पहले 1996 से 2001 तक वे प्रधानमंत्री थीं। 299 सदस्‍यों की संसद के लिए हुए आम चुनाव में अवामी लीग और सहयोगी दलों को 288 सीटें मिली हैं।

 

खेल न्यूज़

6.भारत ने एएफसी एशियाई कप फुटबाल टूर्नामेंट में पहली जीत दर्ज की:-

भारत ने एएफसी एशियाई कप फुटबाल टूर्नामेंट में 55 साल बाद पहली जीत दर्ज की। आबूधाबी में भारतीय टीम ने पहले मैच में थाईलैंड को चार-एक से हराया। कप्‍तान सुनील छेत्री ने दो गोल किए।

7.भारतीय क्रिकेट टीम ने श्रृंखला दो-एक से जीतकर ऑस्‍ट्रेलिया को उसकी जमीन पर हराकर इतिहास रचा, राष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री ने टीम को बधाई दी:-

भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार क्रिकेट टैस्‍ट श्रृंखला जीतकर इतिहास रचा है। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर 72 साल और 11 श्रृंखला के बाद टैस्ट श्रृंखला अपने नाम की है। सिडनी में चौथा और अंतिम क्रिकेट टेस्‍ट मैच ड्रा रहा। और इस तरह भारतीय टीम ने यह श्रृंखला 2-1 से जीत कर इतिहास रच दिया। श्रृंखला में 521 रन बनाने वाले चेतेश्‍वर पुजारा को मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज घोषित किया गया। सीरीज में जसप्रीत बुमराह ने सबसे अधिक 21 और मोहम्मद शमी ने 16 विकेट  लिए।

पांचवें दिन का खेल बारिश के कारण शुरू नहीं हो सका। भारत ने अपनी पहली पारी सात विकेट पर 622 रन पर घोषित की थी। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 300 रन बनाए थे और फालोऑन के बाद दूसरी पारी में उसने बिना किसी नुकसान के छह रन बनाए थे।भारतीय क्रिकेट की एतिहासिक जीत पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने टीम को बधाई दी है। श्री कोविंद ने एक टवीट् में कहा कि दृढ़ निश्‍चय के साथ बल्‍लेबाजी, जोरदार तेज गेंदबाजी और टीम की बेहतरीन कोशिश ने देश को गर्व का अनुभव कराया है।  प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भी ऐतिहासिक जीत पर भारतीय क्रिकेट टीम को बधाई दी है। श्री मोदी ने एक टवीट् में कहा है कि इस श्रृंखला में कुछ स्‍मरणीय खेल का प्रदर्शन किया गया और टीम की एकजुटता देखने को मिली। प्रधानमंत्री ने आगामी विभिन्‍न मैचों के लिए भी भारतीय टीम को शुभकामनाएं भी दी हैं।

 

बाजार न्यूज़

8.भीम ऐप के माध्यम से लेन-देन का आंकड़ा दिसंबर 2018 में एक लाख करोड़ रुपये के पार हुआ:-

 

भीम ऐप के माध्यम से लेन-देन का आंकड़ा दिसंबर 2018 में एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इस ऐप पर आधारित भुगतान का मूल्य पिछले साल दिसंबर में एक लाख दो हजार पांच सौ 94 करोड़ रुपये था। श्री प्रसाद ने बताया कि भीम वित्तीय लेन-देन का अनूठा माध्यम है जो लोगों में बहुत लोकप्रिय है।

9.मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारतीयों को नवाचार उद्यमी बनने की महत्वाकांक्षा रखने वाला चाहिये:-

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि भारतीयों को केवल नवाचारों की पहल करने वाला नहीं, बल्कि नवाचार उद्यमी बनने की महत्वाकांक्षा रखने वाला चाहिये। जालंधर में आठवीं महिला विज्ञान कांग्रेस के समापन समारोह में श्री जावड़ेकर ने कहा कि भारत के लोग दूसरों के लिये नवाचार लेकर आते हैं, लेकिन यही उचित समय है जब उन्हें अपने नवाचारों का स्वामी बनना चाहिये।