देश में एक नई स्तनपायी प्रजाति- ‘व्हाइट चीक्ड मकाक’ की खोज

0
122

1.प्रधानमंत्री कल वर्चुअल माध्यम से वन ओशन शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 11 फरवरी को एक वीडियो संदेश के माध्‍यम से वन ओशन शिखर सम्‍मेलन की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करेंगे। शिखर सम्मेलन को जर्मनी, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, जापान और कनाडा सहित कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्‍यक्ष भी संबोधित करेंगे। फ्रांस के ब्रेस्‍ट में संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक के सहयोग से 9 से 11 फरवरी तक वन ओशन शिखर सम्‍मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सम्‍मेलन का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वस्थ और टिकाऊ समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण और समर्थन के लिए ठोस कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करना है।

2.भारतीय रिजर्व बैंक ने द्विमासिक नीति की घोषणा की, प्रमुख ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर चार प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट को तीन दशमलव तीन-पांच प्रतिशत यथावत ही रखा है। द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि बैंक दर और मार्जिनल स्टेंडिंग फैसेलिटी – एमएसएफ दर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया और यह चार दशमलव दो-पांच प्रतिशत ही रहेगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि मौद्रिक नीति समिति ने पांच-एक के फैसले से ब्याज दरों पर अभी उदार रूख बनाये रखा है।

3.1975 से अब तक इसरो कुल 342 उपग्रह प्रक्षेपित कर चुका है: डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह

भारतीय अं‍तरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो 1975 से लेकर अब तक स्‍वदेश निर्मित 129 उपग्रह और 36 दूसरे देशों के कुल 342 उपग्रह प्रक्षेपित कर चुका है। केन्‍द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह ने राज्‍यसभा में यह जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि इस समय भारत के कुल 53 उपग्रह काम कर रहे हैं। इनमें से 21 संचार उपग्रह, आठ दिशा सूचक उपग्रह, 21 निगरानी उपग्रह और तीन विज्ञान उपग्रह हैं। इन उपग्रहों से मिले आंकड़े विभिन्न क्षेत्रों में इस्‍तेमाल किये जा रहे हैं। जिनमें टेलीविजन प्रसारण, डायेरेक्‍ट टू होम सेवा, एटीएम, मोबाइल संचार, टेली एजुकेशन, टेली मेडिसीन और मौसम शामिल हैं।

4.राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्‍ट्रपति भवन के वार्षिक उद्यानोत्‍सव का उद्घाटन किया

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्‍ट्रपति भवन के वार्षिक उद्यानोत्‍सव का उद्घाटन किया। आम जनता के लिए मुगल गार्डन आगामी शनिवार से 16 मार्च तक खुला रहेगा। पर्यटक सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक गार्डन में घूम सकेंगे। वहीं, रखरखाव की दृष्टि से सोमवार को मुगल गार्डन बंद रहेगा। इस वर्ष कोविड महामारी के कारण मुगल गार्डन में सीधे प्रवेश नहीं मिल सकेगा। लोगों को केवल ऑनलाइन बुकिंग के माध्‍यम से ही गार्डन देखने की अनुमति होगी। गार्डन देखने के दौरान लोगों को मास्‍क पहनने और सुरक्षित दूरी बनाए रखने जैसे कोविड के दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। राष्‍ट्रपति भवन के गेट नम्‍बर 35 से गार्डन में प्रवेश और निकास होगा। पर्यटक, मुगल गार्डन के अलावा, राष्‍ट्रपति भवन और राष्‍ट्रपति भवन संग्रहालय भी ऑनलाइन बुकिंग के जरिए देखे जा सकते हैं।

5.सात एएआई हवाई अड्डों को एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल द्वारा वॉयस ऑफ कस्टमर रिकॉग्निशन 2021 के लिए चुना गया

एएआई के सात हवाई अड्डों अर्थात –चेन्नई, कोलकाता, गोवा, पुणे, पटना, भुवनेश्वर तथा चंडीगढ़ जिन्होंने एसीआई-एएसक्यू सर्वे 2021 में भाग लिया था , को एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) द्वारा विश्व के वॉयस ऑफ कस्टमर इनिशिएटिव के तहत वॉयस ऑफ कस्टमर रिकॉग्निशन के लिए चुना गया है। एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल ने ऐसे हवाई अड्डों को सम्मानित करने तथा उन्हें स्वीकृति देने के लिए ‘वॉयस ऑफ कस्टमर‘ इनिशिएटिव नामक पहल की शुरुआत की है जिन्होंने लगातार अपने ग्राहकों को प्राथमिकता दी तथा यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि वर्तमान में जारी कोविड-19 महामारी के दौरान भी निरंतर उनकी आवाज सुनी जाए। एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी (एएसक्यू) सर्वे एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) द्वारा संचालित यात्रियों, जब वे एक हवाई अड्डे के माध्यम से यात्रा करते हैं, की संतृष्टि की माप करने वाला विश्व में विख्यात तथा अंतरराष्ट्रीय रूप से स्थापित एक बेंचमार्किंग प्रोग्राम है। एएसक्यू पुरस्कार विश्व भर के उन हवाई अड्डों को सम्मानित करता है जो अपने यात्रियों की राय में सर्वश्रेष्ट ग्राहक अनुभव प्रदान करते हैं।

6.SERB ने ग्रीष्मकालीन सत्र के लिये ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना के कार्यक्रम ‘अभ्यास’ के तहत आवेदन आमंत्रित किये

हाल ही में ‘विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड’ (SERB) ने ग्रीष्मकालीन सत्र के लिये ‘एक्सीलेरेट विज्ञान‘ योजना के एक कार्यक्रम ‘अभ्यास‘ के तहत आवेदन आमंत्रित किये हैं। ‘विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड’ (SERB) विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST)केंद्रीय विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय का एक स्वायत्त निकाय है। ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ (AV) योजना वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने और एक वैज्ञानिक कार्यबल तैयार करने का प्रयास करती है, जो अनुसंधान कॅरियर और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में उद्यम कर सकता है। ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ (AV) योजना का लक्ष्य देश में अनुसंधान आधार का विस्तार करना है, जिसमें तीन व्यापक लक्ष्य शामिल हैं- सभी वैज्ञानिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का समेकन/एकत्रीकरण, हाई-एंड अभिविन्यास कार्यशालाएँ शुरू करना और प्रशिक्षण एवं कौशल इंटर्नशिप के अवसर पैदा करना। अभ्यास, ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना का एक प्रमुख घटक है, जिसका लक्ष्य स्नातकोत्तर (Post-Graduate) एवं पीएचडी के छात्रों को उनके संबंधित विषय में कौशल विकास के लिये प्रोत्साहित करना है। इस कार्यक्रम के दो उप-घटक ‘कार्यशाला’ (KARYASHALA) और ‘वृत्तिका’ (VRITIKA) हैं। यह उन शोधकर्त्ताओं के लिये विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है जिनके पास सीखने की क्षमता/सुविधाओं/अवसंरचना तक पहुँचने के सीमित अवसर हैं। ‘सम्मोहन’ घटक कार्यक्रम के 2 उप-घटक संयोजिका (SAONJIKA) और संगोष्ठी (SANGOSHTI) हैं।

7.भू-चुंबकीय तूफान में स्टारलिंक ने दर्जनों उपग्रह खो दिये

हाल ही में एलन मस्क के स्टारलिंक ने दर्जनों उपग्रह खो दिये जो लॉन्च होने के एक दिन बाद भू-चुंबकीय तूफान में फँस गए थे। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) द्वारा लॉन्च किये गए हाई-स्पीड इंटरनेट स्टारलिंक सैटेलाइट्स में से कुछ सैटेलाइट्स भू-चुंबकीय तूफान (Geomagnetic storm) की वजह से तबाह हो गए, जो इस घटना से एक दिन पहले ही लॉन्च किये गए थे। इन उपग्रहों को पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश के दौरान जलाने की व्यवस्था की गई थी ताकि अंतरिक्ष में मलबा न रह जाए। हालाँकि इस घटना में लॉन्च बैच के 40 उपग्रहों के नुकसान को एक विशाल घटना के रूप में वर्णित किया गया है। स्टारलिंक एक स्पेसएक्स प्रोजेक्ट है, यह परिक्रमा करने वाले अंतरिक्षयान के एक समूह के साथ ब्रॉडबैंड नेटवर्क बनाने के लिये है जो अंततः हज़ारों की संख्या में हो सकते हैं। स्टारलिंक उपग्रह जो कक्षा में गतिशीलता व ऊँचाई बनाए रखने और मिशन के अंत में अंतरिक्षयान को वापस वायुमंडल में मार्गदर्शन हेतु आवेग उत्पन्न करने के लिये बिजली और क्रिप्टन गैस का उपयोग करते हैं। स्टारलिंक नेटवर्क अंतरिक्ष से डेटा संकेतों को प्राप्त करने के लिये किये जा रहे कई प्रयासों में से एक है। सौर तूफान सूर्य के धब्बों (सूर्य पर ‘अंधेरे’ क्षेत्र जो आसपास के फोटोस्फीयर – सौर वातावरण की सबसे निचली परत की तुलना में ठंडे होते हैं) से जुड़ी चुंबकीय ऊर्जा के निकलने के दौरान आते हैं और कुछ मिनटों या घंटों तक रह सकते हैं।

8.देश में एक नई स्तनपायी प्रजाति- ‘व्हाइट चीक्ड मकाक’ की खोज

हाल ही में ‘ज़ूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया’ (ZSI) के वैज्ञानिकों ने देश में एक नई स्तनपायी प्रजाति- ‘व्हाइट चीक्ड मकाक’ (मकाका ल्यूकोजेनिस) की खोज की है। इस प्रजाति को पहली बार चीन में वर्ष 2015 में खोजा गया था, इससे पहले भारत में इसके अस्तित्व के बारे में नहीं पता था। अब भारतीय वैज्ञानिकों ने मध्य अरुणाचल प्रदेश के सुदूर अंजॉ ज़िले में इसकी उपस्थिति का पता लगाया है। नवीनतम खोज से भारत में स्तनपायी जानवरों की संख्या 437 से 438 हो गई है। व्हाइट चीक्ड मकाक के गाल सफेद होते हैं, गर्दन पर लंबे और घने बाल होते हैं तथा लंबी पूँछ होती है, यह अन्य मैकाक से काफी अलग होती है। यह दक्षिण पूर्व एशिया में खोजा गया अंतिम स्तनपायी है। अरुणाचल मकाक और व्हाइट चीक्ड मकाक दोनों पूर्वी हिमालय में एक ही जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट में मौजूद हैं।

9.एंड्यूरेंस 22 अभियान केप टाउन से रवाना

एंड्यूरेंस 22 अभियान (Endurance 22 Expedition) हाल ही में केप टाउन से निर्धारित समय पर रवाना हुआ। यह अंटार्कटिका में वेडेल सागर (Weddell Sea) की ओर अग्रसर हुआ है। एंड्यूरेंस 22 अभियान को फाॅकलैंड्स मैरीटाइम हेरिटेज ट्रस्ट द्वारा रवाना किया गया था। इस अभियान का उद्देश्य प्रसिद्ध ध्रुवीय खोजकर्त्ता सर अर्नेस्ट शेकलटन (Sir Ernest Shackleton) के खोए हुए जहाज़ एंड्यूरेंस का पता लगाना, सर्वेक्षण और फिल्म बनाना है। इस अभियान को कुल 35 दिनों के लिये समुद्र में संचालित किया जाएगा। इस अभियान का संचालन एसए अगुलहास II (SA Agulhas II) से किया जाएगा, जो दक्षिण अफ्रीकी बर्फ तोड़ने वाला ध्रुवीय आपूर्ति और अनुसंधान जहाज़ है। इस अभियान का नेतृत्व डॉ. जॉन शियर्स द्वारा किया जा रहा है, जो एक ध्रुवीय भूगोलवेत्ता और खोजकर्त्ता हैं।

10.मनरेगा (MGNREGA) में काम करने के दिनों की संख्या को 150 तक बढ़ाया जा सकता है

संसदीय समिति ने हाल ही में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम के गारंटीकृत दिनों को 100 से बढ़ाकर 150 करने की सिफारिश की है। समिति ने ऐसे समय में सिफारिशें दीं, जब कोविड -19 महामारी के बीच अपने गांवों में लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए यह योजना सुरक्षा जाल बन गई है। इसके अलावा, इस योजना के तहत काम की मांग वित्तीय वर्ष 2021-2022 में अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसने बजटीय आवंटन को अधिक व्यावहारिक तरीके से करने की सिफारिश की, ताकि मजदूरी और भौतिक हिस्से के भुगतान के लिए धन का प्रवाह निर्बाध रूप से बनाए रखा जा सके और किसी भी समय धन की कमी न हो। इस समिति ने मौजूदा प्रावधानों पर भी ध्यान दिया और कहा कि मनरेगा ग्रामीण लोगों के लिए आखिरी ‘फॉल बैक’ विकल्प है। इसने ग्रामीण विकास विभाग को 100 से 150 दिनों के काम के गारंटीकृत दिनों की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए योजना की समीक्षा करने की सिफारिश की। इस समिति ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को इस योजना के तहत मजदूरी दरों को मुद्रास्फीति के अनुरूप सूचकांक से जोड़कर बढ़ाने के लिए भी कहा है। वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय बजट 2022-23 में मनरेगा के लिए आवंटन में वृद्धि नहीं की है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मंत्रालय ने इसे 73,000 करोड़ रुपये पर बरकरार रखा है।

11.RBI ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के मुक्ति मूल्य की घोषणा की

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के समय से पहले मुक्ति (redemption) के लिए मोचन मूल्य की घोषणा की, जो 8 फरवरी, 2022 को होने वाला था। रिडेम्पशन मूल्य 4,813 रुपये प्रति यूनिट था। यह 2,600 रुपये के इश्यू प्राइस से लगभग 85% प्रीमियम है, जो जनवरी 2016 में तय किया गया था। रिडेम्पशन मूल्य 31 जनवरी- 04 फरवरी, 2022 के लिए सोने की बंद कीमत के साधारण औसत के आधार पर निर्धारित किया गया था। SGB ​​सरकारी प्रतिभूतियां हैं, जो सोने के ग्राम में अंकित हैं। वे भौतिक सोने के विकल्प हैं। निवेशकों को निर्गम मूल्य का भुगतान नकद में करना होता है और बांड परिपक्वता के बाद नकद में भुनाए जाते हैं। यह बांड भारत सरकार की ओर से RBI द्वारा जारी किया जाता है। सरकार की अधिसूचना के अनुसार, SGB जारी करने की तारीख से पांचवें वर्ष के बाद, जिस तारीख को ब्याज देय है, मोचन की अनुमति दी जा सकती है। जनवरी 2016 में, सरकार ने सरकार की स्वर्ण बांड योजना की दूसरी किश्त जारी की थी। गोल्ड बॉन्ड स्कीम नवंबर 2015 में शुरू की गई थी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पहली किश्त नवंबर, 2015 में खरीदने के लिए उपलब्ध थी।

12.भारत के आधार की तर्ज पर श्रीलंका जारी करेगा ‘Unitary Digital Identity’

भारत ‘Unitary Digital Identity Framework’ को लागू करने के लिए श्रीलंका को अनुदान प्रदान करने पर सहमत हो गया है। यूनिटी डिजिटल आइडेंटिटी फ्रेमवर्क जाहिर तौर पर आधार कार्ड पर तैयार किया गया है। श्रीलंका सरकार इस फ्रेमवर्क को राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम के रूप में लागू करने को प्राथमिकता देगी। श्रीलंका के मंत्रिमंडल ने अनुदान प्राप्त करने और इस परियोजना को शुरू करने के लिए भारत के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए राष्ट्रपति राजपक्षे द्वारा किए गए इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। Unitary Digital Identity Framework के तहत, बायोमेट्रिक डेटा के आधार पर एक व्यक्तिगत पहचान सत्यापन उपकरण पेश किया जाएगा, जो साइबर स्पेस में व्यक्तियों की पहचान का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक डिजिटल उपकरण है।

13.तमिलनाडु ने फिर से नीट विरोधी बिल को अपनाया

8 फरवरी, 2022 को, तमिलनाडु विधानसभा के एक विशेष विधानसभा सत्र ने NEET विरोधी विधेयक को फिर से अपनाया। इस बिल को जनवरी में गवर्नर आर.एन. रवि ने लौटाया था। इस बिल को वापस करने के राज्यपाल के फैसले को राज्य सरकार द्वारा टकराव माना गया, क्योंकि वह बिल से सहमत नहीं थे। बिल को फिर से अपनाने और इसे फिर से राज्यपाल को भेजने के साथ, इस विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजे जाने की संभावना है। यह विधेयक तमिलनाडु में स्नातक मेडिकल डिग्री पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए NEET को समाप्त करने का प्रयास करता है। यह विधेयक योग्यता परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर दंत चिकित्सा, चिकित्सा, भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रदान करेगा। यह सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए मेडिकल प्रवेश में 7.5% क्षैतिज कोटा भी प्रदान करता है।

14.विश्व बैंक के पूर्व सलाहकार प्रदीप शाह फाइजर इंडिया के अध्यक्ष बने

फाइजर इंडिया (Pfizer India) ने आरए शाह के इस्तीफे के बाद प्रदीप शाह को अपने बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया है। वह क्रिसिल (Crisil) के पूर्व प्रबंध निदेशक और संस्थापक सदस्य हैं। क्रिसिल की स्थापना से पहले, उन्होंने 1977 में एचडीएफसी की स्थापना में सहायता की। उन्होंने USAID, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के सलाहकार के रूप में भी काम किया है।

15.संजय मल्होत्रा बने वित्त मंत्रालय में DFS सचिव

संजय मल्होत्रा को वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग में सचिव के रूप में नामित किया गया है। वह 1990 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले संजय मल्होत्रा आरईसी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे। उन्होंने देबाशीष पांडा (Debashish Panda) का स्थान लिया है, जिन्होंने 31 जनवरी, 2022 को डीएफएस सचिव के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। मल्होत्रा के पास विद्युत क्षेत्र का व्यापक अनुभव है। 2025-26 तक लागू होने वाली सुधार-आधारित परिणाम-लिंक्ड बिजली वितरण क्षेत्र योजना का उद्देश्य भारत के एटी एंड सी नुकसान को 12-15% तक कम करना है और 2024-25 तक बिजली की लागत और जिस कीमत पर इसे ‘शून्य’ पर आपूर्ति की जाती है, के बीच घाटे को धीरे-धीरे कम करें।

16.ताइवान की पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाएगा अमेरिका

अमेरिकी सरकार ने हाल ही में ताइवान की पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली की मरम्मत करने और सुधारने के लिए 100 मिलियन डालर मूल्य के उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दी है। इससे सिस्टम अपग्रेड होगा। यह फैसला 2019 में ट्रंप प्रशासन के दौरान किया गया था। अमेरिका के ताइवान के साथ आधिकारिक संबंध नहीं हैं। दिसंबर 2021 में, चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ताइवान की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित कर रहा है तो देशों के बीच एक सैन्य संघर्ष हो सकता है। पैट्रियट मिसाइल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। यह अमेरिकी कंपनी रेथियॉन (Raytheon) द्वारा निर्मित है। पैट्रियट मिसाइलें नाइके हरक्यूलिस प्रणाली की जगह लेने के लिए बनाई गई थीं। इसकी सीमा लगभग 70 किलोमीटर है।

17.2020 में नौकरी छूटने के कारण बढ़ी आत्महत्या करने वालों की संख्या : NCRB

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, पहले महामारी वर्ष, 2020 में बेरोजगारों के बीच आत्महत्या की सबसे अधिक संख्या देखी गई। आत्महत्या करने वालों का आंकड़ा पहली बार 3,000 का आंकड़ा पार कर गया है। राज्य मंत्री (गृह) नित्यानंद राय के लिखित उत्तर के अनुसार, 3548 लोगों की आत्महत्या से मृत्यु हुई। 2020 में आत्महत्या करने वालों की कुल संख्या 1.53 लाख थी, जबकि 2019 में यह संख्या 1.39 लाख थी। 2018 और 2020 के बीच, दिवालिएपन या कर्ज के कारण आत्महत्या से 16,091 लोगों की मौत हुई। इसमें 2019 में 5908 जबकि 2020 में 5213 लोगों की मौत हुई। NCRB के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में कर्नाटक में बेरोजगारों में आत्महत्या करने वालों की संख्या सबसे अधिक (720) दर्ज की गई। इसके बाद महाराष्ट्र (625), तमिलनाडु (336), असम (234), और उत्तर प्रदेश (227) का स्थान है। जबकि कर्ज या दिवालियेपन के कारण आत्महत्या के मामले में, महाराष्ट्र 1341 मौतों के साथ सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद कर्नाटक (1,025), तेलंगाना (947), आंध्र प्रदेश (782) और तमिलनाडु (524) का स्थान है। तमिलनाडु को छोड़कर, अन्य राज्यों में आमतौर पर अधिकांश किसान आत्महत्याएं करते हैं।

18.भारत ने ड्रोन आयात पर प्रतिबंध लगाया

9 फरवरी, 2022 को केंद्र सरकार ने सुरक्षा, अनुसंधान और रक्षा उद्देश्यों के अलावा अन्य ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने ‘मेड इन इंडिया’ ड्रोन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ड्रोन आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि ड्रोन के पुर्जों के आयात पर कोई रोक नहीं होगी। सरकार ने ड्रोन और ड्रोन घटक के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए :

  1. सरकार ने 120 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना की घोषणा की।
  2. इसने ड्रोन संचालन नियमों को उदार बनाया।
  3. सरकार ने R&D, रक्षा और सुरक्षा उद्देश्यों के लिए प्रदान किए गए अपवादों के साथ, पूरी तरह से निर्मित या सेमी-नॉक डाउन या पूरी तरह से नॉक डाउन फॉर्म में ड्रोन के लिए आयात नीति को भी प्रतिबंधित कर दिया है।
  4. अनुसंधान एवं विकास, रक्षा और सुरक्षा उद्देश्यों के लिए ड्रोन के आयात के लिए सरकारी मंजूरी की आवश्यकता होगी।
  5. नए ड्रोन नियम, 2021 जारी किए गए। इसने ड्रोन संचालित करने के लिए आवश्यक शुल्क और अनुपालन को कम कर दिया।
  6. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत का एक हवाई क्षेत्र का नक्शा लॉन्च किया, जहां उन क्षेत्रों का सीमांकन किया जा सकता है जहां ड्रोन का उपयोग बिना अनुमति के किया जा सकता है और साथ ही उन क्षेत्रों का सीमांकन भी किया गया है जहां अधिकारियों की अनुमति के बिना ड्रोन का संचालन नहीं किया जा सकता है।

19.इंस्टाग्राम ने लॉन्च किया ‘टेक अ ब्रेक’ फीचर

इंस्टाग्राम ने टेक अ ब्रेक (Take a Break) फीचर को भारत में भी लॉन्च कर दिया है। इससे पहले इसे पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में पेश किया गया था। इंस्टाग्राम का कहना है कि टेक अ ब्रेक फीचर यूजर्स के हित में लाया गया है ताकि वे कुछ देर के लिए सोशल मीडिया पर दूर रहें। इस फीचर को भारत में ‘वी द यंग (We The Young)‘, ‘ब्रेक जरूरी है (Break Zaroori Hai)‘ के साथ साझेदारी में एक अभियान के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा। ‘टेक अ ब्रेक’ को सबसे पहले यूएस, यूके, आयरलैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में लॉन्च किया गया था और अब यह विश्व स्तर पर सभी के लिए उपलब्ध है। टेक अ ब्रेक’ एक ऐसी सुविधा है जो लोगों को तब दिखाई देगी जब वे एक निश्चित समय से ज्यादा स्क्रॉल कर रहे हों। उन्हें इंस्टाग्राम से ब्रेक लेने के लिए कहा जाएगा और सुझाव दिया जाएगा कि वे भविष्य में और ब्रेक लेने के लिए रिमाइंडर सेट करें।

20.केरल ने स्वच्छ ऊर्जा तकनीक विकसित करने के लिए सोशल अल्फा के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

केरल सरकार ने केरल में अभिनव और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों का समर्थन करने के लिए सोशल अल्फा की एनर्जी लैब – “क्लीन एनर्जी इंटरनेशनल इनक्यूबेशन सेंटर (CEIIC)” के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। केरल सरकार ने केरल विकास और नवाचार रणनीति परिषद (KDISC) और ऊर्जा प्रबंधन केंद्र (EMC) के माध्यम से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। EMC केरल, केरल राज्य विद्युत बोर्ड, विद्युत निरीक्षणालय और ANERT (नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के लिए एजेंसी) सहित बिजली विभाग की एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करता है। केरल में हरित ऊर्जा विकास और ऊर्जा संरक्षण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक स्वच्छ ऊर्जा ऊष्मायन केंद्र स्थापित करना है।

21.भारत का पहला बायोमास आधारित हाइड्रोजन संयंत्र मध्य प्रदेश में स्थापित होगा

भारत का पहला व्यावसायिक स्तर का बायोमास आधारित हाइड्रोजन संयंत्र मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थापित होगा। यह संयंत्र हर दिन 30 टन बायोमास फीडस्टॉक से एक टन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। संयंत्र को 24 करोड़ रुपये के निवेश के साथ वाटोमो एनर्जी लिमिटेड (Watomo Energies Ltd) और बीज़ल ग्रीन एनर्जी (Biezel Green Energy) के संयुक्त उद्यम द्वारा लगाया जा रहा है। कंपनी के पास ‘थर्मली त्वरित एनारोबिक पाचन (टीएडी) रिएक्टर’ की तकनीक है जो बायोमास से हाइड्रोजन, मीथेन और बायोचार का उत्पादन कर सकती है। बीज़ल ग्रीन के पास अभी तक नामित संयुक्त उद्यम में 50 प्रतिशत का स्वामित्व होगा; अन्य 50 प्रतिशत इच्छुक किसानों से आएंगे।