पाकिस्तान नहीं, टेररिस्तान कहिए; पड़ोसी देश की धरती से ऑपरेट होते हैं ये खूंखार आतंकी संगठन

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राष्ट्रीय न्यूज़:

1.पाकिस्तान नहीं, टेररिस्तान कहिए; पड़ोसी देश की धरती से ऑपरेट होते हैं ये खूंखार आतंकी संगठन:-जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले के बाद केंद्र सरकार पर एक बार फिर से पाकिस्तान स्थित आतंकी कैंपों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव है। इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए हैं। पुलवामा आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस हमले की पड़ोसी मुल्क को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि आतंकी बड़ी गलती कर चुके हैं। हमने सुरक्षाबलों को खुली छूट दे दी है। पीएम ने कहा कि इस हमले का देश एकजुट होकर मुकाबला कर रहा है। देश एक साथ है। देश का एक ही स्वर है, क्योंकि लड़ाई हम जीतने के लिए लड़ रहे हैं।

इससे पहले 3 नवंबर 2017 को अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत और अफगानिस्तान में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और हरकत-उल-मुजाहिदीन समेत 20 आतंकी संगठनों के नामों की सूची दी थी। अमेरिकी सूची में पाकिस्तान के तीन तरह के आतंकी संगठनों की सूची है। इनमें से कई ऐसे हैं जो कश्मीर में हमले करते हैं। दूसरे, अफगानिस्तान को निशाना बनाने वाले हैं और तीसरे वह आतंकी संगठन हैं जो पाकिस्तान के अंदर ही हमले करते हैं।

2.Pulwama Terror Attack: अमेरिका की पाकिस्तान को दो टूक, जैश-ए-मुहम्‍मद को लेकर कही ये बात:-पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। अमेरिका ने पाकिस्तान से शुक्रवार को UNSC द्वारा नामित आतंकी नेटवर्क और नेताओं की निधियों पर तुरंत रोक लगाने और इनके खिलाफ कार्रवाई करने  को कहा है।

अमेरिका ने यह भी कहा कि वह पूरी तरह से जैश-ए-मोहम्मद पर ‘भविष्य के हमलों का संचालन करने से रोकने के लिए’ कार्रवाई का समर्थन करता है। बता दें कि जैश ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए।

3.Pulwama Terror Attack: शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ उनके परिवार की ऐसे करें आर्थिक मदद:-जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। इस हमले में देश ने अपने 40 वीर सपूतों को खो दिया, जबकि कई जवान गंभीर रूप से घायल हैं। लोगों की आंखें नम हैं और दिलों में दुश्मन से बदला लेने की आग धधक रही है। गुस्साए लोग जगह-जगह अपने शहीद जांबाजों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। साथ ही आतंकवाद और पाकिस्तान के पुतले फूंक रहे हैं।

इन सबके बीच बहुत से लोग शहीदों के परिवार की मदद में भी जुट गए हैं। अगर आप भी शहीदों के परिवार की आर्थिक मदद कर, उनका हौसला और सम्मान बढ़ाना चाहते हैं तो यहां बताए गए तरीकों से आप सीधे उनके परिवार के खातों में दान कर सकते हैं। शहीदों के परिवार को आर्थिक मदद करने से पहले आपके लिए ये भी जान लेना जरूरी है कि आप कहीं गलत जगह पर दान न कर दें। यहां हम आपको जो माध्यम बता रहे हैं, वो केंद्र सरकार द्वारा तैयार किया एक बेहद सुरक्षित जरिया है।

भारत सरकार के केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने शहीद जवानों के परिवार की आर्थिक मदद के लिए 2017 में विशेष तौर पर भारत के वीर (Bharat Ke Veer) नाम से वेबसाइट www.bharatkeveer.gov.in और मोबाइल एप लॉच किया था। इस सरकारी वेबसाइट के जरिए देश की आम जनता शहीदों के परिवारो को आसानी से आर्थिक मदद पहुंचा सकती है। यहां आप दो तरह से दान कर सकते हैं, पहला आप सीधे शहीद के परिवार के खाते में रकम दान कर सकते हैं और दूसरा आप भारत सरकार के वीर कोष में रुपये दान कर सकते हैं। भारत सरकार वीर कोष का इस्तेमाल शहीद और घायल जवानों व उनके परिवारों की मदद के लिए करती है।

बाज़ार न्यूज़:-

4.EPF और PPF में न हों कंफ्यूज, जानिए इसमें निवेश के फायदे:-पब्लिक प्रोविडेंट और इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड निवेश के दो बेहतरीन विकल्प हैं। कई बार लोगों को दोनों के नाम को लेकर भ्रम हो जाता है। लेकिन ये दोनों स्कीम अलग-अलग हैं।

पीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) केवल वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए है। यह एक अनिवार्य बचत योजना है जो 20 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी के कर्मचारियों के लिए लागू होती है, जिनका वेतन निर्धारित न्यूनतम राशि से अधिक है। जबकि PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड), बैंकों और डाकघरों की ओर से सभी के लिए पेश किया जाता है, इसमें वेतनभोगी होना मायने नहीं रखता।

वेतनभोगी के लिए ईपीएफ में निवेश अनिवार्य है। इसमें निवेश के लिए बेसिक और डीए का 12 फीसद तक ईपीएफ खाते में काटकर जमा किया जाता है। जबकि पीपीएफ स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना है। एक वित्तीय वर्ष में आपको न्यूनतम जमा राशि 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये करने की अनुमति है। इसमें एकमुश्त या किस्तों में योगदान किया जा सकता है।

ईपीएफ अकाउंट में जमा 1,50,000 रुपये तक की राशि पर इनकम टैक्स एक्ट 80 C के अंतर्गत कर छूट का लाभ मिलता है। आपके ईपीएफ मैच्योर होने पर मिलने वाली राशि को केवल तभी छूट दी जाती है जब आपके पास कम से कम पांच साल की निरंतर जॉब का ट्रैक रिकॉर्ड हो। इससे अलग PPF को EEE कर का दर्जा प्राप्त है। इसका मतलब है कि आपका पीपीएफ निवेश सभी स्तरों, कर, संचय और मैच्योरिटी पर कर-मुक्त है।

इंटरेस्ट रेट:  ईपीएफ पर ब्याज दर हर साल ईपीएफओ घोषित करता है। 2017-18 के लिए इसे 8.55 फीसद तय किया गया था। PPF की ब्याज दरें 10 साल के सरकारी बॉन्ड यील्ड और तिमाही आधार पर बदलती हैं। 2018-19 की अंतिम तिमाही में पीपीएफ ब्याज दर 8 फीसद की दर से मिल रही है।

5.करदाताओं को 31 मार्च तक ही कराना होगा आधार-पैन लिंक:-केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करने वालों के लिए आधार-पैन लिंक कराना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया हर हाल में इस साल 31 मार्च तक पूरी हो जानी चाहिए। सीबीडीटी ने गुरुवार को जारी एक निर्देश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2018 में आधार की संवैधानिक वैधता पर मुहर लगा दी है। इसके बाद इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 139एए के तहत और सीबीडीटी के 30 जून के आदेश के मुताबिक अब आधार-पैन लिंक कराना अनिवार्य हो गया है। आइटीआर दाखिल करने वाले पैन धारकों को यह प्रक्रिया 31 मार्च 2019 तक पूरी करनी होगी।