राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वियतनाम और ऑस्ट्रेेलिया की यात्रा के बाद स्व देश लौटे:-

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1.राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद वियतनाम और ऑस्‍ट्रेलिया की यात्रा के बाद स्‍वदेश लौटे:-

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद वियतनाम और ऑस्‍ट्रेलिया की यात्रा के बाद स्‍वदेश लौट आये हैं। भारत की एक्‍ट-ईस्‍ट यानी पूर्वी देशों को प्राथमिकता देने की नीति और इससे दोनों देशों के साथ आपसी संबंध मजबूत बनाने के मद्देनजर यात्रा महत्वपूर्ण रही।राष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान कुल नौ अहम समझौते हुए। इस दौरे में वियतनाम के साथ कुल चार और ऑस्ट्रेलिया के साथ पांच समझौते हुए हैं। रामनाथ कोविंद भारत के पहले ऐसे राष्ट्रपति है जिन्होंने वियतनाम की संसद को संबोधित भी किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने चार म्यूजियम और मिसो का भी भ्रमण किया जिसका जुड़ाव हिन्दुओं और चम्पा सभ्यता से है। यात्रा के दौरान राष्ट्रपति के दोनों देशों के राष्ट्रीयाध्यक्षों से भी मुलाकात हुई और द्विपक्षीय वार्ता में एक दूसरे के सहयोग और अन्य पहलुओं पर चर्चा हुई। भारत के किसी राष्ट्रपति की ऑस्ट्रेलिया की यह पहली यात्रा थी।

2.अपेक्षा के स्‍थान पर स्‍वीकार करने और खण्‍डन करने की बजाए चर्चा करने से संवाद अधिक प्रभावी होगा : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी:- 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि अपेक्षा की बजाय स्‍वीकार करने और खारिज करने की बजाय चर्चा करने से संवाद अधिक प्रभावी हो सकता है। मन की बात कार्यक्रम की 50वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए उन्‍होंने कहा कि वे विभिन्‍न कार्यक्रमों या सोशल मीडिया के माध्‍यम से युवाओं के साथ लगातार बातचीत के प्रयास करते रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने रेडियो को संचार का सबसे प्रभावशाली माध्‍यम बताते हुए कहा कि पहुंच और व्‍यापकता के लिहाज से कोई भी माध्‍यम रेडियो की बराबरी नहीं कर सकता।रेडियो जन-जन से जुड़ा हुआ है और रेडियो की बहुत बड़ी ताकत है। कम्‍यूनिकेशन की रीच और उसकी गहराई शायद रेडियो की बराबरी कोई नहीं कर सकता और जब मैंने मई 2014 में एक प्रधान सेवक के रूप में कार्यभार संभाला तो मेरे मे इच्‍छा थी कि देश की एकता, हमारे भव्‍य इतिहास, उसका शौर्य, भारत की यह कहानी जन-जन तक पहुंचनी चाहिए और बस उसी में से ये मन की बात की यात्रा प्रारंभ हो गई ।श्री मोदी ने कहा कि आकाशवाणी के एक सर्वेक्षण के अनुसार, मन की बात कार्यक्रम से समाज में सकारात्‍मकता को प्रोत्‍साहन मिला है। उन्‍होंने कहा कि इस कार्यक्रम से समाज में जन आंदोलनों को बढ़ावा मिला है। श्री मोदी ने कहा कि मन की बात में स्‍वच्‍छता, सड़क सुरक्षा और मादक पदार्थ-मुक्‍त भारत, सेल्‍फी विद डॉटर जैसे विषयों को मीडिया ने नये तरीके से एक अभियान का रूप देकर आगे बढ़ाने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि मन की बात के माध्‍यम से रेडियो और अधिक लोकप्रिय हो रहा है।

मन की बात के माध्‍यम से बड़े पैमाने पर जन आंदोलनों को बढ़ावा मिला है। हैशटेग इंडिया पोजिटिव को लेकर व्‍यापक चर्चा भी हुई है ये हमारे देशवासियों के मन में बसी पॉजिटिविटी की भावना की झलक है। मुझे यह देखकर खुशी हुई कि मन की बात के कारण रेडियो और अधिक लोकप्रिय हो रहा है। मैं मन की बात  परिवार के आप सभी सदस्‍यों को इस पर विश्‍वास जताने और इसका हिस्‍सा बनने के लिए अन्‍त:करणपूर्वक धन्‍यवाद देता हूं।श्री मोदी ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम शुरू करते समय ही उन्‍होंने निश्‍चय किया था कि इस कार्यक्रम में राजनीति की नहीं सामाजिक चर्चा की जाएगी।उन्‍होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम की सबसे बड़ी बात यह है कि हर कोई इस कार्यक्रम के माध्‍यम से किसी प्रधानमंत्री से नहीं बल्कि अपने किसी निकट साथी से सवाल पूछता महसूस करता है और यही सच्‍चा लोकतंत्र है।प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम में आवाज भले ही उनकी हो लेकिन व्‍यक्‍त भावनायें देशवासियों की होती हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कोशिश की जाती है कि मन की बात में जिन पत्रों और टिप्‍पणियों को शामिल नहीं किया जा सका है उन पर संबंधित विभाग ध्‍यान दें। उन्‍होंने मीडिया के प्रति आभार व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि मीडिया के कारण यह कार्यक्रम अधिकतम लोगों तक पहुंच सका है।प्रधानमंत्री ने कहा कि कल संविधान दिवस है और यह उन महान विभूतियों को स्‍मरण करने का एक अवसर है जिन्‍होंने व्‍यापक और विस्‍तृत संविधान दिया। प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे संविधान में निहित मूल्‍यों को आगे बढ़ायें और देश में शांति, प्रगति तथा खुशहाली के प्रयास करें।संविधान सभा देश की महान प्रतिभाओं का संगम थी। उनमें से हर कोई अपने देश को एक ऐसा संविधान देने के लिए प्रतिबद्ध था जिससे भारत के लोग सशक्‍त हों। गरीब से गरीब व्‍यक्ति भी समर्थ बने। हमारे संविधान में खास बात यही है कि राइट्स एंड डयूटीस इसके बारे में विस्‍तार से वर्णन किया गया है। नागरिक के जीवन में इन्‍हीं दोनों का तालमेल देश को आगे ले जाएगा। आइए हम सभी अपने संविधान के मूल्‍यों को आगे बढ़ाएं और अपने देश में पीस, प्रोग्रेस और प्रोसपेरिटी को सुनिश्चित करें।प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष गुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि गुरु नानक ने पूरी मानवता के कल्‍याण के लिए सोचा और देश उनके प्रकाश पर्व को भव्‍य रूप से मनाएगा।देश अगले वर्ष गुरू नानक देव जी की 550वीं जयंती समारोह को भव्‍य रूप से मनाएगा। इसका रंग देश ही नहीं दुनिया भर में बिखरेगा। इसके साथ ही गुरू नानक जी से जुड़े पवित्र स्‍थलों के मार्ग पर एक ट्रेन भी चलाई जाएगी। भारत सरकार ने एक बड़ा महत्‍वपूर्ण निर्णय किया है करतारपुर कोरिडोर बनाने का, ताकि हमारे देश के यात्री आसानी से पाकिस्‍तान में करतारपुर में गुरू नानक देव जी के उस पवित्र स्‍थल पर दर्शन कर सके।

3.भारत के पास है विश्व का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन, PM मोदी भी रह चुके हैं सदस्य:-

दुनिया के कई देशों में सभी महिलाओं और पुरुष नागरिकों के लिए कुछ समय की सैन्य सेवा अनिवार्य है। इसमें यूक्रेन, लिथुआनिया, फिनलैंड, नॉर्वे, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, इस्राइल, उत्तर कोरिया, ताइवान, ईरान, अल्जीरिया, तुर्की, रूस व चीन आदि शामिल हैं। भारत में भी अनिवार्य सैन्य सेवाओं को लेकर अक्सर बहस होती रहती है, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के पास विश्व का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन है। इन्हें न केवल सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है, बल्कि इसके बदले इन युवाओं को कई तरह के लाभ भी दिए जाते हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस वर्दीधारी युवा संगठन के सदस्य रह चुके हैं।यहां हम बात कर रहे हैं राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) की। इसकी स्थापना 16 अप्रैल 1948 को हुई थी। प्रत्येक वर्ष नवंबर माह के चौथे रविवार को एनसीसी का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्यालय दिल्ली में है। एनसीसी एक भारतीय सैन्य कैडेट कोर है, जिसमें स्वैच्छिक आधार पर स्कूल व कॉलेज के छात्रों को सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है।भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने मार्च 2018 में NCC को और अधिक सशक्त बनाने की बात कही थी। साफ है कि सरकार युवाओं में एनसीसी को और लोकप्रिय बनाना चाहती है। कर्नल गोपाल गुरुनाथ बेवूर को 31 मार्च 1948 को राष्ट्रीय कैडेट कोर का पहला निदेशक बनाया गया। इसके वर्तमान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल बीएस सहरावत हैं। ‘एकता और अनुशासन’ एनसीसी का आदर्श वाक्य है। देश के युवाओं को संवारने में लगे हुए सेना, नौसेना और वायु सेना का एक त्रिकोणीय सेवा संगठन है। इसीलिए NCC के झंडे में तीन रंग होते हैं जो तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करते हैं। लाल आर्मी के लिए, गहरा नीला नेवी के लिए और हल्का नीला वायुसेना के लिए। झंडे की तरह ही एनसीसी की वर्दी भी तीन रंग की होती है। खाकी वर्दी थलसेना का प्रशिक्षण लेने वाले कैडेट्स पहनते हैं। हल्की नीली वर्दी वायुसेना का प्रशिक्षण लेने वाले कैडेट्स पहनते हैं। सफेद वर्दी नौसेना का प्रशिक्षण लेने वाले कैडेट्स पहनते हैं।राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) सबसे पहले जर्मनी में 1866 में शुरू हुई थी। भारत में इसकी स्थापना 16 अप्रैल 1948 को हुई थी। इसे इंडियन डिफ़ेंस एक्ट 1917 के तहत बनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य आपातकाल में पूर्व प्रशिक्षित युवाओं के जरिए सैनिकों की कमी से निपटना है। NCC का उद्देश्य युवाओं में चरित्र और मिल-जुलकर काम करने की क्षमता का विकास करना भी है। इसके अलावा NCC युवाओं में नेतृत्व क्षमता और सेवा की भावना भी विकसित करती है।वर्ष 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1971 के युद्ध में NCC के कैडेट ने देश के अंदर सुरक्षा की दूसरी क़तार के रूप में काम किया था। एनसीसी कैडेट्स ने देश के आयुध कारखानों की मदद के लिए कैंप बनाए थे। युद्ध क्षेत्र में हथियार पहुंचाने में सहायता दी और पेट्रोल पार्टी की तरह भी उनका इस्तेमाल किया गया था। यूपी का ‘एन.सी.सी. निदेशालय’ 1.19 लाख कैडेट् के साथ देश के सबसे बड़े निदेशालयों में से एक है।

एनसीसी कैडेट्स को मिलने वाले लाभ

  1. राज्य और केंद्र सरकारी की नौकरियों में एनसीसी कैडेट्स को प्राथमिकता दी जाती है।
  2. NCC के ए, बी व सी प्रमाण पत्र पर दाखिले व नौकरी में अतिरिक्त अंक भी मिलते हैं।
  3. सी सर्टिफिकेट प्राप्त कैडेट को NDA और CDS के जरिए सेना में अधिकारी बनने के लिए छूट मिलती है।
  4. सी प्रमाण पत्र वाले कैडेट को शॉर्ट सर्विस कमीशन (CDS) में लिखित परीक्षा नहीं देनी पड़ती है।
  5. सशस्त्र बलों और पैरामिलिट्री फोर्सेज में भी सी प्रमाण पत्र धारक को नौकरी में विशेष छूट दी जाती है।
  6. बहुत सी निजी कंपनियां व इकाईयां भी एनसीसी प्रमाण पत्र धारक को नौकरी में प्राथमिकता देते हैं।
  7. प्रत्येक वर्ष एनसीसी दक्षिण पूर्व एशिया के 12 देशों के साथ चलने वाले यूथ एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत चुनिंदा कैडेट्स को विदेश भेजती है।
  8. चुनिंदा कैडेट्स को हर साल राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का मौका मिलता है।

एनसीसी से जुड़े अन्य तथ्य

  1. देश में एनसीसी के कुल 17 निदेशालय हैं। सभी को एनसीसी के झंडे पर कमल के फूल द्वारा दर्शाया गया है।
  2. दिल्ली में वर्ष 2017 के गणतंत्र दिवस परेड प्रतियोगिता में एनसीसी को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था।
  3. देश में एनसीसी की कुल 788 यूनिट हैं। इनमें 667 थल सेना, 60 नौ सेना की और 61 वायु सेना की है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़

4.भारतीय मिशन विदेश में अपने नागरिकों को 48 घंटे में जारी करेगा पासपोर्ट : विदेश राज्‍यमंत्री वी के सिंह:-

विदेश राज्‍यमंत्री वी के सिंह ने कहा है कि जल्‍द ही  विश्‍वभर में भारतीय मिशन विदेश में अपने नागरिकों को 48 घंटे से भी कम समय में पासपोर्ट जारी कर देंगे। वाशिंगटन में भारतीय दूतावास में पासपोर्ट सेवा परियोजना की शुरूआत करने के बाद में लोगों को संबोधित कर रहे थे।

5.भारत और रूस के बीच पहली नीतिगत आर्थिक वार्ता रूस में:- 

भारत और रूस के बीच पहली नीतिगत आर्थिक वार्ता रूस में सेंट पीट्सबर्ग में हो रही है। इसमें भारत का प्रतिनिधित्‍व नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष राजीव कुमार कर रहे हैं। रूसी शिष्‍टमंडल आर्थिक विकास मंत्री मैक्सिम ओरेश्किन के नेतृत्‍व में इस बैठक में शामिल हो रहा है। दो दिन की इस बैठक में दोनों देशों की प्रमुख व्‍यापारिक हस्तियां शामिल हो रही हैं।

 

खेल न्यूज़

6.कैनबरा में भवानी देवी सीनियर राष्ट्रमंडल तलवारबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी:-

भारत की भवानी देवी ने ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में सीनियर राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भवानी पहली भारतीय महिला हैं।

7.भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट मैच:-

क्रिकेट में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट मैच सिडनी में खेला जाएगा। तीन मैचों की श्रृंखला में भारत शून्य-एक से पीछे है।

8. 5 साल पहले कपिल देव को आया था सपना और फिर लिखी 100 गुरुद्वारों पर किताब:-

भारत को पहला क्रिकेट विश्व कप जिताने वाले पूर्व क्रिकेटर कपिल देव की पुस्तक ‘वी द सिख अराउंड द वर्ल्ड’ का प्रकाश पर्व के मौके पर विमोचन किया गया। विश्व के 100 गुरुद्वारों पर आधारित पुस्तक का विमोचन सुल्तानपुर लोधी में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने किया।पुस्तक में देश विदेश के गुरुद्वारों की जानकारी को 250 पन्नों में समेटा गया है। कपिल ने बताया कि इस किताब को लिखने का ख्याल उन्हें ऐसे ही नहीं आया। पांच साल पहले उन्हें सपना आया था। वह एक सफर के दौरान गाड़ी में सो रहे थे तभी सपना आया कि दुनियाभर के गुरुद्वारों में सद्भाव व एकजुटता के संदेश के साथ लंगर की प्रथा चलाई जाती है। इस पर एक किताब होनी चाहिए। इसके बाद उन्होंने किताब लिखने का फैसला लिया।कपिल ने कहा-चंडीगढ़ में उनके एक दोस्त हैं किरपाल सिंह। उन्हें भी इस प्रोजेक्ट में साथ जोड़ा। दुबई से अजय सेठी ने भी मदद की। कपिल ने कहा-किरपाल का इसमें बहुत योगदान रहा। विमोचन के लिए इस दिन बड़ा दिन और क्या हो सकता था। दुनिया में अगर कहीं आप को सिख मिल जाता है तो वहां गुरुद्वारा साहिब भी मिल जाता है।कपिल ने कहा कि किताब में 130 फोटों भी हैं। इस किताब में शामिल 40 गुरुद्वारे भारत के हैं। इसके अलावा पाकिस्तान व इराक के गुरुद्वारे भी हैं। राजनीति में आने के सवाल पर कपिल ने मुस्कराकर कहा-‘मुझे माफ करो जी।’

 

बाजार न्यूज़

9.महाराष्‍ट्र राज्‍य पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठा समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति के लिए किया सर्वेक्षण:-

महाराष्‍ट्र राज्‍य पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठा समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर अपनी रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने से पहले 43 हजार छह सौ 29 घरों का सर्वेक्षण किया। मराठा समुदाय शिक्षण संस्‍थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा है। राज्‍य के सामाजिक न्‍याय मंत्री राजकुमार बडोले ने विधान परिषद में पूछे गये प्रश्‍न के उत्‍तर में यह जानकारी दी।

10.एपल को पछाड़ माइक्रोसॉफ्ट बनी सबसे मूल्यवान अमेरिकी कंपनी:-

टेक्नोलॉजी क्षेत्र की दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट ने बाजार पूंजीकरण के लिहाज से अब तक अमेरिका की सबसे मूल्यवान कंपनी रही एपल को पछाड़ दिया है। माइक्रोसॉफ्ट का बाजार पूंजीकरण 75,330 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। वहीं, एपल का बाजार पूंजीकरण घटकर शुक्रवार के आखिर में 74,680 करोड़ डॉलर पर आ गया।वर्ष 2010 में भी एक बार माइक्रोसॉफ्ट का बाजार पूंजीकरण एपल के पूंजीकरण के बेहद करीब पहुंच गया था। लेकिन उस वक्त दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित टेक्नोलॉजी कंपनी को माइक्रोसॉफ्ट पीछे नहीं छोड़ पाई थी। इस वर्ष अगस्त में एपल ने एक लाख करोड़ डॉलर का पूंजीकरण हासिल कर अमेरिका की ऐसी पहली कंपनी होने का रुतबा हासिल किया। लेकिन हाल की कुछ खबरों के चलते कंपनी का बाजार पूंजीकरण लगातार घटता गया। इनमें आइफोन की उम्मीद से कम बिक्री तथा कंपनी के सप्लायरों की ओर से किए गए खर्च और मानव संसाधन में कटौती की खबरें प्रमुख रहीं।अब अमेरिका की सबसे मूल्यवान कंपनियों में माइक्रोसॉफ्ट और गूगल के बाद तीसरे स्थान पर अमेजन है। अमेजन का बाजार पूंजीकरण 73,660 करोड़ डॉलर है। वहीं, 72,550 करोड़ डॉलर बाजार पूंजीकरण के साथ अल्फाबेट चौथे स्थान पर है। एक स्थानीय वेबसाइट के मुताबिक सिलिकन वैली की दिग्गजों में माइक्रोसॉफ्ट ने शीर्ष चार में से तीन को पीछे छोड़ दिया है।विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक अब उन कंपनियों पर ज्यादा दांव खेल रहे हैं, जिनकी क्लाउड और सॉफ्टवेयर सर्विस बेहद मजबूत है। दुनियाभर में छोटी-बड़ी कंपनियां अपने कारोबार के विस्तार के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग कर रही हैं। फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियां अपने उपयोगकर्ताओं के डाटा सुरक्षा मसलों पर कई देशों में सघन जांच से गुजर रही हैं।

दूसरी तरफ माइक्रोसॉफ्ट के एज्योर क्लाउड ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया है। इस वर्ष पहली तिमाही में कंपनी के इंटेलीजेंट क्लाउड का राजस्व 24 फीसद उछाल के साथ 860 करोड़ डॉलर रहा। एज्योर राजस्व में 76 फीसद की बड़ी बढ़ोतरी के दम पर कंपनी के सर्वर प्रोडक्ट्स और क्लाउड सर्विसेज के राजस्व में समीक्षाधीन अवधि के दौरान 26 फीसद का उछाल दर्ज किया गया।