प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तक मिले अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची

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भारतीय रिज़र्व बैंक ने आईडीबीआई को निजी बैंक घोषित किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 14 मार्च 2019 को आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) को निजी क्षेत्र के बैंक की श्रेणी में रख दिया है. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा आईडीबीआई बैंक में अधिग्रहण के बाद यह कदम उठाया गया है.

रिजर्व बैंक ने नियामकीय उद्देश्य से आईडीबीआई बैंक को निजी क्षेत्र के बैंक की श्रेणी में रखा है. एलआईसी के आईडीबीआई बैंक में चुकता शेयर पूंजी का 51 प्रतिशत अधिग्रहण के बाद बैंक को निजी श्रेणी में डाला गया है.

आरबीआई का फैसला

•    आईडीबीआई बैंक को आरबीआई के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा के अंतर्गत रखा गया है.

•    यह कंपनियों को दिये जाने वाले कर्ज तथा शाखा विस्तार, वेतन वृद्धि तथा अन्य नियमित गतिविधियों पर रोक लगाता है.

•    रिज़र्व बैंक ने अपने नये शेयरधारक एलआईसी के साथ मिलकर बैंक तथा बीमा को एक छत के नीचे लाने को लेकर पुनरूद्धार रणनीति तैयार की है.

•    आईडीबीआई में मालिकाना हक सरकार की जगह एलआईसी के हाथों जाने के बाद बैंक अब निजी क्षेत्र का उपक्रम हो गया है.

एलआईसी द्वारा आईडीबीआई का अधिग्रहण

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है जिसकी जानकारी 21 जनवरी 2019 को सार्वजनिक की गई. इस अधिग्रहण के साथ एलआईसी अब आईडीबाईआई बैंक में बहुलांश शेयरधारक हो गया है. दोनों इकाईयों का मानना है कि इससे दोनों इकाइयों के शेयरधारकों, ग्राहकों और कर्मचारियों के लिये नये अवसर पैदा किये जा सकेंगे.

पृष्ठभूमि

वित्त मंत्री ने वर्ष 2016 के अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि आईडीबीआई बैंक में बदलाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है और सरकार इस प्रक्रिया को जारी रखेगी तथा अपनी हिस्सेदारी घटाकर 50 प्रतिशत से नीचे करने के विकल्प पर विचार करेगी. एलआईसी ने बोर्ड की स्वीकृति से आईडीबीआई बैंक में नियंत्रणकारी हिस्से के अधिग्रहण के लिए भारत के बीमा नियामक तथा विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) से अनुमति मांगी थी. एलआईसी ने आईआरडीएआई से स्वीकृति प्राप्त होने पर आईडीबीआई बैंक के 51 प्रतिशत नियंत्रणकारी हिस्से के अधिग्रहण में अभिरुचि व्यक्त की थी.

मैरी कॉम ने छठा विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक जीतकर विश्व रिकॉर्ड बनाया

भारत की वरिष्ठ महिला बॉक्सिंग खिलाड़ी एम. सी. मैरी कॉम ने 24 नवंबर 2018 को आईबा महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 10वें संस्करण में 48 किलोग्राम भार वर्ग का खिताब अपने नाम किया.

मैरी कॉम ने फाइनल में यूक्रेन की हना ओखोटा को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. इसी के साथ मैरीकॉम छह वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली दुनिया की पहली खिलाड़ी बन गई हैं.

मैरी कॉम के रिकॉर्ड

•    इससे पहले मैरी कॉम ने साल 2002, 2005, 2006, 2008 और साल 2010 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब अपनी झोली में डाला था.

•    मैरी कॉम ने एक खिताब 45 किग्रा, तीन वर्ल्ड खिताब 46 किग्रा भार वर्ग और आखिरी दो खिताब 48 किग्रा वजन वर्ग मे जीते हैं.

•    इसके अलावा वर्ष 2001 में मैरी कॉम इसी भार वर्ग में उपविजेता रही थीं और उन्होंने सिल्वर पदक जीता था.

•    मैरी कॉम विश्व चैंपियनशिप (महिला एवं पुरुष) में सबसे अधिक पदक भी जीतने वाली खिलाड़ी बन गई हैं.

•    मैरी कॉम छह स्वर्ण और एक रजत जीत कर क्यूबा के फेलिक्स सेवोन (91 किलोग्राम भारवर्ग) की बराबरी की. फेलिक्स ने 1986 से 1999 के बीच छह स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तक मिले अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तक विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. विश्व के अलग-अलग मंचों पर प्रधानमंत्री मोदी दिए गये इन पुरस्कारों के कारण न केवल उनकी बल्कि भारत की साख में भी बढ़ोतरी हुई है.

प्रधानमंत्री मोदी को हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘जायेद मेडल’ से नवाजने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान भारत और यूएई के आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए दिया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तक प्राप्त हुए प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार इस प्रकार हैं:

यूएई का सर्वोच्च नागरिक सम्मान:

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 04 अप्रैल 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘जायेद मेडल’ से नवाजने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान भारत और यूएई के आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए दिया गया है. यूएई के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायेद ने ट्वीट कर इसका घोषणा किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यह सम्‍मान पाने वाले पहले भारतीय हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी को सियोल शांति पुरस्‍कार से सम्मानित किया गया था. इससे पहले यह सम्मान महारानी एलिजाबेथ, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, व्लादिमीर पुतिन, निकोलस सरकोजी, शी जिनपिंग और एंजेला मर्केल को मिल चुका है.

फिलिप कोटलर पुरस्कार:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 14 जनवरी 2019 को नई दिल्ली में पहली बार फिलिप कोटलर प्रेसिडेंसियल सम्मान सम्मानित किया गया था. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में बताया गया था कि हर वर्ष राष्ट्रीय नेता को दिए जाने वाले इस सम्मान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बार सम्मानित किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चयन ‘‘देश को उत्कृष्ट नेतृत्व’’ प्रदान करने के लिये किया गया था. इसके अनुसार, अथक ऊर्जा के साथ भारत के लिये उनकी निःस्वार्थ सेवा की वजह से देश ने बेहतरीन आर्थिक, सामाजिक और प्रौद्योगिकीय विकास किया है. फिलिप कोटलर नॉर्थवेस्टरन यूनिवर्सिटी, केलॉग स्कूल ऑफ मेनेजमेंट में मार्केटिंग प्रोफेसर हैं. इन्हीं के सम्मान में हर वर्ष यह पुरस्कार देश के सबसे लोकप्रिय नेता को दिया जाता है. वे मार्केटिंग (विपणन) पर 55 से अधिक विपणन पुस्तकों के लेखक है.

सियोल शांति पुरस्कार:

सियोल शांति पुरस्कार-2018 के चेयरमैन क्वॉन ई-हायोक की अध्यक्षता में सियोल के जंग-यू में हुई चयन समिति की बैठक के बाद 24 अक्टूबर 2018 को यह फैसला लिया गया कि भारत में अमीर और गरीब के बीच के सामाजिक और आर्थिक अंतर को कम करने हेतु प्रधानमंत्री मोदी ने मोदीनॉमिक्स द्वारा सराहनीय कार्य किया है जिसके चलते उन्हें सियोल शांति पुरस्कार दिया जायेगा.

बारह सदस्यीय चयन समिति ने विश्व भर के 100 से ज्यादा प्रत्याशियों के बीच से एक कड़ी, उद्देश्यपरक और गहन मंत्रणा के बाद विजेता का चुनाव किया है. अब तक 13 अन्य लोगों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है जिनमें से चार को नोबेल शांति पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है.

चैंपियंस ऑफ द अर्थ 2018′ पुरस्कार:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सितंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र का सबसे बड़ा पर्यावरण सम्मान भी दिया गया था. यूएन ने मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों को संयुक्त रूप से ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ’ अवॉर्ड से सम्मानित किया था. यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को लेकर अग्रणी एवं उत्साही कार्यों के लिए और पर्यावरणीय कार्यों में सहयोग के नये क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इमैनुएल मैक्रों को ‘नीति नेतृत्व’ श्रेणी के तहत प्रदान किया गया.

फिलिस्तीन ग्रैंड कॉलर पुरस्कार:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 10 फरवरी 2018 को फिलिस्तीन में ‘ग्रैंड कॉलर’ सम्मान से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार विदेशी मेहमानों को दिया जाने वाला फिलिस्तीन का सर्वश्रेष्ठ सम्मान है. प्रधानमंत्री मोदी को भारत और फिलिस्तीन के रिश्तों की बेहतर के लिए पीएम द्वारा उठाए गए कदमों के लिए यह सम्मान दिया गया था. पीएम मोदी को यह सम्मान फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने प्रदान किया.

फिलिस्तीन सरकार द्वारा ‘ग्रैंड कॉलर’ सम्मान किसी विदेशी मेहमान को दिए जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है. यह किसी देश के राजा, राज्य के प्रमुख या ऐसे ही किसी पद पर मौजूद सम्मानित लोगों को दिया जाता है. यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी से पहले साउदी अरब के किंग सलमान, बहरीन के किंग हामाद, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग आदि को दिया गया है.

आमिर अमानुल्लाह खान पुरस्कार:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 04 जून 2016 को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान आमिर अमानुल्लाह खान पुरस्कार से सम्मानित किया गया. ऐतिहासिक अफगान-भारत मैत्री बांध के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को इस सम्मान से नवाजा गया. अफगानिस्तान के नागरिकों के साथ-साथ विदेशी नागरिकों को उनकी सेवाओं की प्रशंसा में अफगान सरकार द्वारा दिया जाने वाला यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान है.

इस पुरस्कार का नाम अफगानिस्तान के राष्ट्रीय नायक, अमानुल्लाह खान (गाजी) के नाम पर रखा गया है जो अफगानिस्तान की स्वतंत्रता के शूरवीर थे. अफगानिस्तान सरकार ने इस पुरस्कार का साल 2006 में गठन किया था.

किंग अब्दुलअजीज सैश पुरस्कार:

प्रधानमंत्री मोदी को 03 अप्रैल 2016 को सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान किंग अब्दुलअजीज सैश से सम्मानित किया गया. एक विशेष सम्मान के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान किंग अब्दुलअजीज सैश से सम्मानित किया गया.

इस सम्मान से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को सम्मानित किया जा चुका है.