प्रधानमंत्री ने देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की

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1 प्रधानमंत्री ने देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया और अंतरिक्ष क्षेत्र की लगभग 18 सौ करोड़ रुपये की तीन महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र की पीएसएलवी एकीकृत सुविधामहेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में नई ‘सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट सुविधा‘ और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र तिरुवनंतपुरम में ‘ट्राइसोनिक विंड टनल‘ शामिल है। श्री मोदी ने गगनयान मिशन की तैयारियों की भी समीक्षा की और इस मिशन के लिए चुने गए 4 अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की। ये अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हैं। प्रधानमंत्री ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र की यात्रा के दौरान इन चारों को एस्‍ट्रोनॉट विंग्‍स प्रदान किए। गगनयान मिशन भारत का पहला मानवयुक्‍त अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है, जिसके लिए इसरो के विभिन्न केंद्रों पर व्यापक तैयारी चल रही है।

2 प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारतीय वाहन उद्योग क्षेत्र में एम.एस.एम.ई. को बढावा देने के लिए दो महत्‍वपूर्ण पहलों का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने मदुरै में टीवीएस ओपन मोबिलिटी प्‍लेटफार्म का लोकार्पण किया। उन्‍होंने इस अवसर पर रोजगार एवं आजीविका उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र का भी उद्घाटन किया। श्री मोदी ने वाहन उद्योग से संबंधित एक सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था के विकास के लिए विनिर्माण और नवाचार दो अनिवार्य स्‍तम्‍भ हैं। उन्‍होंने कहा कि विनिर्माण उद्योग को जीरो डिफेक्‍ट जीरो इफेक्‍ट की नीति रखनी चाहिए। उनके उत्‍पाद वैश्विक स्‍तर के होने चाहिए और उनसे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। सम्‍मेलन में 5 हजार से अधिक एमएसएमई इकाइयों ने हिस्‍सा लिया।

3 न्यायमूर्ति अजय मणिकराव खानविलकर देश के नए लोकपाल होंगे

न्यायमूर्ति अजय मणिकराव खानविलकर देश के नए लोकपाल होंगे। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छह सदस्‍यों के साथ उनकी नियुक्ति की है। न्यायमूर्ति लिंगप्पा नारायण स्‍वामी, न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति रितुराज अवस्‍थी लोकपाल के न्‍यायिक सदस्‍य होंगे। लोकपाल के अन्‍य न्‍यायिक सदस्‍य सुशील चंद्र, पंकज कुमार और अजय तिर्की हैं।

4 सरकार देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में ‘मेरा पहला वोट देश के लिए’ कार्यक्रम आयोजित करेगी

सरकार आम चुनावों में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए देश भर के उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों में मेरा पहला वोट देश के लिए अभियान शुरू करेगी। इस अभियान का उद्देश्‍य राष्‍ट्र के व्यापक हित में युवाओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करना और मताधिकार की उपयोगिता बताना है। यह अभियान 6 मार्च तक चलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने युवाओं और पहली बार मतदाता बनने वालों से भारी संख्या में मतदान करने का आह्वान किया है।

4 दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान गर्भवती महिला में भ्रूण की आयु को सटीक रूप से निर्धारित करने के लिए भारत-के लिए उपयुक्त विशिष्ट मॉडल विकसित किया गया

जैव प्रौद्योगिकी नवाचार एवं अनुसन्धान परिषद – ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च एंड इन्वोवेशन काउंसिल-बीआरआईसी – ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंसेज एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट- टीएचएसटीआई) फरीदाबाद और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधकर्ताओं ने दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान गर्भवती महिला में भ्रूण की आयु को सटीक रूप से निर्धारित करने के लिए एक भारत-के लिए उपयुक्त विशिष्ट मॉडल विकसित किया है। वर्तमान में, भ्रूण की आयु [गर्भकालीन आयु (गैस्टेशनल एज- जीए)] पश्चिमी देशों की जनसंख्या के लिए विकसित एक सूत्र (फार्मूले) का उपयोग करके निर्धारित की जाती है और इसके भारतीय जनसंख्या में भ्रूण की वृद्धि में भिन्नता के कारण गर्भावस्था के बाद के भाग में लागू होने पर गलत होने की संभावना होती है। नव विकसित दूसरी और तीसरी तिमाही का जीए फॉर्मूला, गर्भिणी-जीए 2, भारतीय जनसंख्या के लिए भ्रूण की आयु का सटीक अनुमान लगाता है, जिससे त्रुटि लगभग तीन गुना कम हो जाती है। गर्भवती महिलाओं की उचित देखभाल और सटीक प्रसव तिथि निर्धारित करने के लिए सटीक जीए आवश्यक है।

5 सर्प विष को निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडी

बंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्त्ताओं ने एक सिंथेटिक मानव एंटीबॉडी बनाई है जो कोबरा, किंग कोबरा, करैत और ब्लैक माम्बा जैसे एलापिडे साँपों द्वारा स्रावित/उत्पादित शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन को बेअसर करने में सक्षम है। एलापिड्स, विषैले साँपों का एक विविध परिवार है, इसके सामने के दाँत नुकीले होते हैं जो ज़हर फैलाते हैं और इसमें विश्व स्तर पर विभिन्न आवासों में 300 प्रजातियाँ शामिल हैं। भारतीय विज्ञान संस्थान की टीम ने एक नए एंटीबॉडी को संश्लेषित करने के लिये HIV और कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडी की स्क्रीनिंग हेतु पहले से सफल दृष्टिकोण अपनाया, जो सर्पदंश के उपचार के लिये इस रणनीति के पहले अनुप्रयोग को चिह्नित करता है।

6 बायोएशिया शिखर सम्मेलन 2024 शुरू हुआ

एशिया के प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी और जीवन विज्ञान सम्मेलन बायोएशिया का 21वां संस्करण 27 फरवरी, 2023 को हैदराबाद, भारत में शुरू हुआ। वार्षिक कार्यक्रम में अग्रणी वैश्विक वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, राजनेताओं और उद्योग कप्तानों की भागीदारी देखी जाती है जो नवीनतम विकास और भविष्य के अवसरों पर चर्चा करते हैं। तेलंगाना सरकार द्वारा 2003 में शुरू की गई प्रमुख पहल, यह फार्मा दिग्गजों से लेकर स्टार्टअप तक विविध हितधारकों को एक साथ लाने वाले वैज्ञानिक अनुसंधान और व्यवसाय के चौराहे पर एक अग्रणी विचार विनिमय मंच बन गई है। वर्तमान वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय “Transforming Life Sciences with Data and AI” है, जो साक्ष्य आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से दवा की खोज, स्वास्थ्य देखभाल वितरण आदि में क्रांति लाने के लिए मशीन लर्निंग वादों के साथ-साथ उन्नत एनालिटिक्स को तैनात करने की अपार क्षमता पर प्रकाश डालता है।

7 भारतीय सेना ने 46 मीटर के मॉड्यूलर ब्रिज का निर्माण किया

भारतीय सेना ने 46 मीटर के मॉड्यूलर ब्रिज का निर्माण करके पुल बनाने की अपनी कुशलता को और बेहतर किया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डीआरडीओ द्वारा तैयार इस पुल की रूपरेखा प्रणाली को औपचारिक रूप से नई दिल्‍ली के मानेकशॉ सेन्‍टर में एक समारोह में सौंपा गया। इस समारोह में सेना प्रमुख जनरल मनोज पाण्‍डे उपस्थित थे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार कुल 41 ऐसे पुल अगले 4 वर्षों में सशस्‍त्र बलों में शामिल किये जायेंगे। ये पुल सेना को नहर और खाइयों जैसी बाधाओं को आसानी से पार करने में सहायक होंगे। मॉड्यूलर पुल वर्तमान में भारतीय सेना में प्रयोग किये जा रहे मानव निर्मित मध्यम गर्डर पुलों का स्थान लेंगे।

8 केंद्र ने जमात-ए-इस्लामी, जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ाया

केन्द्र ने जमात-ए इस्लामी, जम्मू-कश्‍मीर पर प्रतिबंध की अवधि पांच वर्षों के लिए बढा दी है। इस गुट को 28 फरवरी 2019 को पहली बार गैर-कानूनी घोषित किया गया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद और अलगाववाद को बिलकुल बर्दाश्त ना करने की नीति के तहत लिया गया है। उन्‍होंने कहा कि इस गुट की गतिविधियां देश की सुरक्षा, एकता और संप्रभुता के खिलाफ हैं।

9 मणिपुर के मुख्‍यमंत्री एन बिरेन सिंह ने मणिपुर विधानसभा में राष्‍ट्रीय ई-विधान एप्‍लीकेशन की शुरुआत की

मणिपुर के मुख्‍यमंत्री एन बिरेन सिंह ने मणिपुर विधानसभा में राष्‍ट्रीय ई-विधान एप्‍लीकेशन की शुरुआत की। इस अवसर पर विधानसभा अध्‍यक्ष थोकचोम सत्‍यब्रत सिंह, कई मंत्री और विधायक तथा राज्‍य के मुख्‍य सचिव, राज्‍य पुलिस महानिदेशक, संसदीय मंत्रालय में अपर सचिव तथा राष्‍ट्रीय ई-विधान एप्‍लीकेशन के डाक्‍टर सत्‍य प्रकाश और अन्‍य अधिकारी उपस्थित थे। इस एप्‍लीकेशन की शुरुआत के साथ ही मणिपुर विधानसभा डिजिटल विधानसभाओं का हिस्‍सा बन गई है। इस एप्‍लीकेशन को अपनाने वाली मणिपुर विधानसभा 13वीं विधानसभा है।

10 अदानी समूह ने घरेलू गोला-बारूद और मिसाइल उत्पादन सुविधा का अनावरण किया

भारतीय समूह अदानी समूह ने सशस्त्र बलों की आत्मनिर्भरता आवश्यकताओं को लक्षित करते हुए इज़राइल के एल्बिट सिस्टम्स के साथ एक संयुक्त उद्यम के माध्यम से देश की पहली घरेलू गोला-बारूद और मिसाइल उत्पादन सुविधा का अनावरण किया। उत्तर प्रदेश के कानपुर में 500 एकड़ में फैले अदानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के डिफेंस कॉरिडोर विनिर्माण परिसर का उद्घाटन सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। अदानी एल्बिट एडवांस्ड सिस्टम्स नाम की 50:50 साझेदारी में उत्तर प्रदेश में एक सेना युद्ध सामग्री संयंत्र शामिल है। यह इकाई भारतीय सेना को अन्य गोला-बारूद के अलावा 155 मिमी तोपखाने के गोले की आपूर्ति करेगी जो वर्तमान में आयात पर अत्यधिक निर्भर है। पहले चरण में भारतीय उद्योग द्वारा निर्माण के लिए गोला-बारूद के 32 प्रकारों की पहचान की गई है।

11 चिल्का झील में पाई गई समुद्री एम्फ़िपोड : परहयाले ओडियन

ओडिशा के बरहमपुर विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं ने चिल्का झील में समुद्री एम्फिपोड की एक नई प्रजाति की खोज की। ओडिशा की मूल भाषा, जो कि उड़िया है, के नाम पर इसका नाम परहयाले ओडियन (Parhyale Odian) रखा गया है। एम्फिपोड्स क्रस्टेशिआई मैलाकोस्ट्रैकन (Malacostracan Crustaceans) का एक विविध समूह है जिसका अर्थ है कि उनमें केकड़ों (क्रैब), लॉबस्टर और श्रिम्प (Shrimp) के समान कुछ विशेषताएँ होती हैं। उनका शरीर पार्श्व रूप से संकुचित होता है जिसका अर्थ है कि वे शरीर के दोनों ओर से चपटे होते हैं तथा शरीर का आकार घुमावदार होता है। व्हेल और डॉल्फिन के शरीर पर पाए जाने वाले व्हेल लाइस (जूँ) वास्तव में एक प्रकार के एम्फिपोड हैं। एम्फिपोड, जिनमें परहयाले वंश (Genus) भी शामिल है, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।