वाराणसी में जी-20 की 100वीं बैठक, 20 देशों के कृषि वैज्ञानिक लेंगे हिस्सा

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1. वाराणसी में जी-20 की 100वीं बैठक, 20 देशों के कृषि वैज्ञानिक लेंगे हिस्सा

प्रमुख कृषि वैज्ञानिकों की जी 20 बैठक वाराणसी में आरंभ होगी। बैठक का थीम है “Sustainable Agriculture and Food Systems for Healthy People and Planet”, जो भारत की जी20 अध्यक्षता थीम “वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर” से मेल खाता है। तीन दिन की यह बैठक कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग तथा कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय आयोजित कर रहा है। जी 20 सदस्‍य देशों के लगभग 80 विदेशी प्रतिनिधि इस बैठक में भाग लेंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक ने बताया कि जी 20 से संबंधित यह 100वीं बैठक होगी। इस दौरान खाद्य सुरक्षा और पोषण, जलवायु स्‍मार्ट कृषि, डिजिटल कृषि, सरकारी – निजी साझेदारी सहित कृषि अनुसंधान और विकास के मुद्दों पर चर्चा होगी। भारत की अध्‍यक्षता के दौरान जी 20 पहल के रूप में बाजरा और अन्‍य प्राचीन अन्‍न अंतरराष्‍टरीय अनुसंधान पहल – महर्षि पर भी विचार-विमर्श का प्रस्‍ताव है। महर्षि का उद्देश्‍य अंतरराष्‍ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 और उसके बाद अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाना और बाजरा तथा अन्‍य प्राचीन अनाज के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

2. डॉ. जितेन्द्र सिंह ने विश्व डायबिटीज सम्मेलन का उद्घाटन किया

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने नई दिल्ली में प्रतिष्ठित पेशेवर संगठन “डायबिटीज इंडिया” द्वारा आयोजित तीन दिवसीय विश्व डायबिटीज सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत में बीमारियों के विभिन्न चरणों के रोगियों का एक विशाल पूल मौजूद है, लेकिन इसके साथ-साथ ही हमारे अनुसंधानकर्ताओं में योग्‍यता, क्षमता और कौशल की भी कोई कमी नहीं है। उल्‍लेखनीय है कि डॉ.जितेन्‍द्र सिंह स्‍वयं एक प्रसिद्ध डायबिटीज विशेषज्ञ भी है। विश्व मधुमेह दिवस’ यानी ‘वर्ल्‍ड डायबिटीज डे‘ प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है।

3. भारत-पेरू संयुक्त आयोग की दूसरी बैठक में दोनों देशों ने पारंपरिक मैत्रीपूर्ण संबंधों की समीक्षा की

भारत-पेरू संयुक्त आयोग की दूसरी बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक में दोनों देशों ने पारंपरिक मैत्रीपूर्ण संबंधों की समीक्षा की, साथ ही व्यापार और निवेश सहित आपसी हित के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय में पूर्वी मामलों के सचिव सौरभ कुमार और पेरू के विदेश उप-मंत्री इग्नेशियो एग्यूरास ने बैठक की सह-अध्यक्षता की। दोनों देशों ने क्षेत्रीय और बहुपक्षीय महत्व के मौजूदा प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा की। भारत और पेरू बहुपक्षीय मंचों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में सहयोग करने पर भी सहमत हुए। पेरू ने जी20 की अध्यक्षता में ग्‍लोबल साउथ यानी विश्‍व के कम विकसित और विकासशील देशों की आवाज उठाने के लिए आभार व्यक्त किया।

4. बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग ने 16वां वीजा आवेदन केंद्र खोला

बांग्‍लादेश में भारतीय उच्चायोग ने दक्षिण-पश्चिम बांग्लादेश के कस्बा कुष्ठिया में अपना 16वां वीजा आवेदन केन्द्र खोल दिया है। उच्चायुक्‍त प्रणय वर्मा ने नए वीजा आवेदन केन्द्र का उद्घाटन किया। वीजा आवेदन केन्द्र खुलने से कुष्ठिया और इसके आस-पास के निवासियों को भारत जाने के लिए वीजा प्राप्त करने में आसानी होगी। उच्च आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि नए वीजा केन्द्र के खुल जाने से पर्यटन, व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और लोगों के बीच आदान-प्रदान बढ़ेगा। बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग का ये विश्व में सबसे बड़ा केन्द्र है। भारत आने वाले पर्यटकों में से सबसे अधिक पर्यटक बांग्लादेश के होते हैं। इनमें चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने वाले बांग्लादेशी भी शामिल हैं। वर्ष 2019-20 में ढाका में 16 लाख से अधिक वीजा जारी किए गए थे।

5. जी-7 देश वाहनों से उत्सर्जन कम करने पर हुए सहमत, जापान के सापोरो में संयुक्त बयान जारी

जी-7 देशों के पर्यावरण मंत्री वाहनों से उत्‍सर्जन कम करने के प्रयास करने पर सहमत हो गये हैं। जापान के सापोरो में जलवायु और ऊर्जा मुद्दों पर दो दिन के सम्‍मेलन के अंत में जारी संयुक्‍त बयान में कार्बन डाइआक्‍साइड के उत्‍सर्जन को वर्ष 2035 तक वर्ष 2000 के स्‍तर से 50 प्रतिशत कम करने पर सहमति बनी है। इस बात पर मुख्‍य रूप से ध्‍यान दिया गया है कि ऑटो मोबाइल से कार्बन उत्‍सर्जन को कम कैसे किया जाए। जी-7 देश लक्ष्‍य हासिल करने के लिए प्रत्‍येक वर्ष अपनी प्रगति की जांच करेंगे। समझौते में सदस्‍य देशों से हाइब्रिड सहित विभिन्‍न प्रकार के वाहनों से उत्‍सर्जन कम करने में सहायता का आह्वान किया गया है। 2040 तक समुद्र में प्‍लास्टिक के कचरे से प्रदूषण रोकने के लिए नया लक्ष्‍य भी तय किया गया है। पर्यावरण मंत्रियों ने संयुक्‍त बयान में इन समझौतों को समाहित किया है जिन पर हिरोशिमा में अगले महीने जी-7 शिखर सम्‍मेलन में विचार-विमर्श होने की संभावना है।

6. 65 साल पुरानी मैसूर पेंट्स एंड वार्निश कंपनी ने कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के दौरान उपयोग के लिए अमिट स्याही की एक लाख 30 हजार शीशियों की आपूर्ति की

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के दौरान मैसूर में मैसूरु पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड फिर से चर्चा में है क्योंकि यह एकमात्र कंपनी है जिसे भारत में लोकसभा चुनावों में इस्तेमाल होने वाली अमिट स्याही बनाने की अनुमति है। मैसूर नलवाड़ी कृष्णराज वोडेयार के महाराजा ने वर्ष 1937 में लोगों को रोज़गार प्रदान करने और आसपास के वनों से प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग हेतु कारखाने की स्थापना की। वर्ष 1962 में इसे अमिट स्याही बनाने हेतु चुना गया, जिसका पहली बार देश के तीसरे लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल किया गया। तब से अब तक कंपनी ने पूरे भारत में प्रत्येक चुनाव हेतु स्याही की आपूर्ति की है। इसने अन्य देशों को स्याही का निर्यात भी किया है। इस इकाई को वर्ष 1947 में कर्नाटक की महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में से एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी में परिवर्तित कर दिया गया था। अमिट स्याही जिसे ‘मतदाता स्याही’ के रूप में भी जाना जाता है, यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी पात्र मतदाता चुनाव में दो बार मतदान न करे, अतः यह धोखाधड़ी तथा एकाधिक मतदान से बचने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

7. हितधारकों के साथ परामर्श के लिए ‘सागरमाला नवाचार और स्टार्ट-अप नीति’ का प्रारूप जारी किया गया

भारत में समुद्री क्षेत्र में नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में ड्राफ्ट सागरमाला नवाचार और स्टार्ट-अप नीति जारी की है। इस नीति का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में स्टार्ट-अप और अन्य संस्थाओं के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाना है, जिससे सतत विकास और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सागरमाला इनोवेशन एंड स्टार्ट-अप पॉलिसी का प्राथमिक उद्देश्य भारत के बढ़ते समुद्री क्षेत्र के भविष्य का सह-निर्माण करने के लिए स्टार्ट-अप और अन्य संस्थाओं का पोषण करना है। इस नीति का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में उद्यमिता, नवाचार और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने वाला एक नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।

8. विमानन सुरक्षा नियामक ने भारत के विमानन सुरक्षा निरीक्षण के “श्रेणी 1” दर्जे को बरकरार रखा

हाल ही में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA), अमेरिका के विमानन सुरक्षा नियामक ने विमानन सुरक्षा का मूल्यांकन किया और भारत के विमानन सुरक्षा निरीक्षण के “श्रेणी 1” दर्जे को बरकरार रखा है। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन वार्षिक अवधि में अंतर्राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा मूल्यांकन (IASA) कार्यक्रम आयोजित करता है, वर्ष 2022 में किये गए परीक्षण में ऑडिट और समीक्षा शामिल थी। इस मूल्यांकन के आधार पर निर्धारित किया जाता है कि किसी देश का विमानन सुरक्षा निरीक्षण मानक अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (International Civil Aviation Organization- ICAO) सुरक्षा मानकों का अनुपालन करता है अथवा नहीं। FAA ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation- DGCA) को सूचित किया है कि भारत शिकागो अभिसमय और उसके अनुलग्नकों (Annexes ) के विमानन सुरक्षा निरीक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करता है और FAA ने IASA श्रेणी 1 का दर्जा बनाए रखा है जिसका अंतिम मूल्यांकन जुलाई 2018 में किया गया था। ‘श्रेणी-1’ के तहत सूचीबद्ध देश नागरिक उड्डयन की सुरक्षा निगरानी हेतु ICAO मानकों को पूरा करते हैं। ICAO संयुक्त राष्ट्र (United Nations-UN) की एक विशिष्ट एजेंसी है, जिसे वर्ष 1944 में स्थापित किया गया था, जिसने शांतिपूर्ण वैश्विक हवाई नेविगेशन के लिये मानकों और प्रक्रियाओं की नींव रखी। इसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में स्थित है।

9. केंद्र सरकार ने 31 वस्त्र उत्पादों के लिए 2 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश प्रारंभ करने की घोषणा की

वस्त्र मंत्रालय ने तकनीकी नियमों की अधिसूचना की उचित प्रक्रिया पूरी करने के बाद पहले चरण में 19 भू-वस्त्र उत्पाद और 12 सुरक्षात्मक वस्त्र उत्पाद वाली 31 वस्तुओं के लिये 02 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (Quality Control Orders- QCO) प्रारंभ करने की घोषणा की। ये गुणवत्ता नियंत्रण आदेश तकनीकी वस्त्र उद्योग के लिये भारत की तरफ से जारी किये गये पहले तकनीकी नियमन हैं। भू-वस्त्र उत्पाद का उपयोग बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं एवं पर्यावरणीय अनुप्रयोगों के लिये किया जाता है, जबकि सुरक्षात्मक वस्त्रों का इस्तेमाल मानव जीवन को खतरनाक तथा प्रतिकूल कार्य स्थितियों से सुरक्षित रखने हेतु होता है। जारी किये गए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश उपयोगकर्त्ताओं एवं लक्षित उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम सुरक्षा अधिमान उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। इस कदम से भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ावा मिलेगा, जो वैश्विक मानकों के समतुल्य होगी। ये दो भू-वस्त्र उत्पाद और सुरक्षात्मक वस्त्र उत्पाद गुणवत्ता नियंत्रण आदेश आधिकारिक राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से 180 दिनों के तुरंत बाद लागू होंगे। इन गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों में निर्दिष्ट अनुरूपता मूल्यांकन आवश्यकताएँ घरेलू उत्पादकों के साथ-साथ उन विदेशी निर्माताओं पर भी समान रूप से लागू होती हैं, जो भारत में अपने सामान का निर्यात करना चाहते हैं।

10. अमेरिका और फिलीपींस ने बालिकातन अभ्यास (Balikatan Drills) में भाग लिया

बालिकातन अभ्यास (Balikatan Drills) अमेरिका और फिलीपींस के बीच आयोजित होने वाला वार्षिक सैन्य अभ्यास है। “बालिकातन” नाम तागालोग शब्द “कंधे से कंधा” से लिया गया है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी को दर्शाता है। बालिकातन अभ्यास में 17,600 से अधिक सैन्यकर्मी शामिल हैं, जिनमें से लगभग 12,200 अमेरिका से और 5,400 फिलीपींस से हैं। इस अभ्यास में लाइव-फायर अभ्यास और नाव-डूबने वाले रॉकेट हमले सहित विभिन्न अभ्यास शामिल हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य अमेरिका और फिलीपीन सशस्त्र बलों की अंतरसंक्रियता और तैयारी को बढ़ाना है।

11. दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल हुए शाहरुख खान और राजामौली

फिल्म निर्देशक एसएस राजामौली और अभिनेता शाह रुख खान दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में से हैं। टाइम मैगजीन ने 2023 के लिए जारी अपनी सूची में दोनों का नाम शामिल किया है। लेखक सलमान रुश्दी और टीवी होस्ट एवं जज पद्मा लक्ष्मी ने भी इस सूची में जगह बनाई है। सूची में शामिल अन्य नामों में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के किंग चा‌र्ल्स, सीरियाई मूल की तैराक एवं सामाजिक कार्यकर्ता सारा मर्दीनी एवं युसरा मर्दीनी और अरबपति एलन मस्क के नाम भी उल्लेखनीय हैं।

12. भारत-यूरोपीय संघ का मुक्त व्यापार समझौता: सीआईआई

भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते के संभावित हस्ताक्षर को दोनों क्षेत्रों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने की एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जाता है। भारतीय उद्योग मंडल (CII) ने इस समझौते के लाभों पर जोर दिया है, जो भारत-यूरोप संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रेरक का काम कर सकता है। यदि मुक्त व्यापार समझौता हस्ताक्षरित होता है, तो यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार में वृद्धि लाने के साथ-साथ नई निवेश अवसरों के लिए भी आवेदन कर सकता है। सीआईआई के उपाध्यक्ष और आईटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने बताया है कि यह समझौता भारत-इटली संबंधों को और मजबूत कर सकता है।

13. शोधकर्त्ताओं ने अदृश्य डार्क मैटर का विस्तृत मानचित्र तैयार किया

हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने अदृश्य डार्क मैटर, जो कि ब्रह्मांड का 85% हिस्सा है, का विस्तृत मानचित्र तैयार किया है। नए निष्कर्ष आइंस्टीन के गुरुत्त्वाकर्षण के सिद्धांत पर आधारित कॉस्मोलॉजी के मानक मॉडल के अनुरूप हैं। शोधकर्त्ताओं ने अटाकामा कॉस्मोलॉजी टेलीस्कोप (ACT) का इस्तेमाल प्रारंभिक ब्रह्मांड से प्रकाश का उपयोग करके डार्क मैटर को मानचित्रण करने हेतु किया, जिसे कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) विकिरण के रूप में जाना जाता है। शोधकर्त्ताओं ने यह जानने के लिये कि आकाशगंगा एवं डार्क मैटर के समूहों जैसी विशाल वस्तुओं के गुरुत्वाकर्षण के साथ यह कैसे स्वयं को अंतर्संबंधित करती है, CMB विकिरण का उपयोग डार्क मैटर को मानचित्रित करने हेतु किया। इन वस्तुओं द्वारा उत्पन्न गुरुत्त्वाकर्षण क्षेत्र उनके माध्यम से गुज़रने वाले प्रकाश को मोड़ता एवं विकृत करता है, जिससे डार्क मैटर का पता लगाने में मदद मिलती है। “डार्क मैटर” ब्रह्मांड में मौजूद एक काल्पनिक वस्तु है, लेकिन यह अदृश्य होती है और इसका प्रकाश से कोई संबंध नहीं है। ब्रह्मांड की संरचना को समझने के लिये डार्क मैटर महत्त्वपूर्ण है। यह आकाशगंगाओं और ब्रह्मांडीय परिदृश्य में पदार्थ के वितरण को समझने में मदद करता है। ब्रह्मांड और इसके विकास की पूरी समझ विकसित करने के लिये डार्क मैटर को समझना महत्त्वपूर्ण है।

14. ग्राफीन कमरे के तापमान पर एक असामान्य विशाल चुंबकत्त्व प्रदर्शित करता है : शोध

ब्रिटेन के शोधकर्त्ताओं ने ग्राफीन के एक और गुण की खोज की है। यह कमरे के तापमान पर एक असामान्य विशाल चुंबकत्त्व (Giant Magnetoresistance- GMR) प्रदर्शित करता है। GMR परिघटना तब देखी जाती है जब आसन्न चुंबकीय क्षेत्र विद्युत प्रतिरोध की सुचालकता को प्रभावित करता है। इसका उपयोग कंप्यूटर, बायोसेंसर, ऑटोमोटिव सेंसर, माइक्रोइलेक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम और मेडिकल इमेजर्स में हार्ड डिस्क ड्राइव तथा मैग्नेटोरेसिस्टिव रैम में किया जाता है। GMR-आधारित उपकरण मूल रूप से चुंबकीय क्षेत्र संवेदन के लिये उपयोग किये जाते हैं। नए अध्ययन में पाया गया है कि ग्राफीन आधारित उपकरणों को अपने पारंपरिक फेरोमैग्नेटिक समकक्षों के विपरीत इन क्षेत्रों के संवेदन के लिये न्यूनतम तापमान की आवश्यकता नहीं होती है। ग्राफीन षट्कोणीय जाली में व्यवस्थित कार्बन परमाणुओं की एक मोटी परत है। यह ग्रेफाइट का मूलभूत घटक है। यह लचीली, पारदर्शी और अविश्वसनीय रूप से मज़बूत होने के साथ-साथ विश्व का सबसे पतला, अधिक तापीय और विद्युत प्रवाहकीय पदार्थ है। ग्राफीन को ऊर्जा एवं चिकित्सा जगत में इसकी अपार संभावनाओं के कारण एक अद्भुत पदार्थ के रूप में भी जाना जाता है।

15. हाथी बचाओ दिवस : 16 अप्रैल

हाथी बचाओ दिवस प्रत्येक वर्ष 16 अप्रैल को मनाया जाता है और इस दिन का उद्देश्य हाथियों द्वारा सामना किए जाने वाले मुद्दों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और इन राजसी जानवरों की रक्षा के प्रयासों को प्रेरित करना है। हाथी बचाओ दिवस 2023 के लिए विषय “Safeguarding Elephant Habitats for a Sustainable Tomorrow” है।

16. वर्ल्ड वॉइस डे : 16 अप्रैल

र्ल्ड वॉइस डे (WVD) एक अंतर्राष्ट्रीय आयोजन है जो हर साल 16 अप्रैल को मनाया जाता है ताकि हमारे दैनिक जीवन में मानव आवाज के महत्व को मान्यता दी जाए। सफल संचार एक स्वस्थ और ठीक से काम करने वाले आवाज पर निर्भर करता है। WVD का उद्देश्य वॉइस से संबंधित समस्याओं को रोकने, कलात्मक आवाज को प्रशिक्षित करने, क्षतिग्रस्त या असामान्य आवाज का उपचार करने और वॉइस के कार्य और उपयोग के बारे में अनुसंधान करने की वैश्विक जागरूकता को बढ़ाना है।