1. जीसी मुर्मू को रासायनिक हथियारों के समापन के अंतर सरकारी संगठन ने बाहरी लेखा-परीक्षक चुना
देश के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक जीसी मुर्मू को रासायनिक हथियारों के समापन के प्रतिष्ठित अंतर सरकारी संगठन ने बाहरी लेखा-परीक्षक के रूप में चुना है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि है कि रासायनिक हथियार निषेध संगठन-ओपीसीडब्ल्यू के सदस्य देशों ने श्री मुर्मू को 2021 से शुरू हो रहे 3 वर्ष के कार्यकाल के लिए बाहरी लेखा परीक्षक चुना है। श्री मुर्मू की नियुक्ति संगठन के सम्मेलन में चुनाव प्रक्रिया के जरिए हुई जिसमें भारत को जबर्दस्त समर्थन मिला। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस पद के लिए भारत का चुना जाना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी प्रतिष्ठा का प्रतीक है। भारत को और दो वर्ष के लिए एशिया के प्रतिनिधि के रूप में संगठन की कार्यकारी परिषद का सदस्य भी चुना गया है।
2. भारतीय नौसेना ने लापता इंडोनेशियाई पनडुब्बी की खोज और बचाव में सहायता के लिए पनडुब्बी बचाव जलपोत भेजा
भारतीय नौसेना ने इंडोनेशिया की लापता पनडुब्बी केआरआई ननग्गाला की खोज और बचाव के प्रयासों में इंडोनेशिया की नौसेना की मदद के लिए गहरे समुद्र में बचाव करने वाला पोत -डीएसआरवी वहां भेजा है। भारतीय नौसेना को अंतरराष्ट्रीय पनडुब्बी बचाव सम्पर्क कार्यालय से इंडोनेशिया की पनडुब्बी के लापता होने के बारे में चेतावनी प्राप्त हुई थी। खबर है कि यह पनडुब्बी चालक दल के 53 सदस्यों के साथ बाली के उत्तर में 25 किलोमीटर दूर अभ्यास कर रही थी। भारत दुनिया के ऐसे गिनेचुने देशों में शामिल है जिनके पास डीएसआरवी के जरिये खराब पनडुब्बी की खोज और बचाव की क्षमता है। भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापक रणनीतिक भागीदारी समझौते के तहत दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच संचालनगत सहयोग के साथ मजबूत भागीदारी है।
3. मंगल ग्रह के वायुमंडल में विद्यमान कार्बन डाइ ऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने में कामयाबी
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मंगल यान परसीवरेंस ने मंगल ग्रह के वायुमंडल में विद्यमान कार्बन डाइ ऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने में कामयाबी हासिल की है। अमरीका के मंगल अभियान ने मिनी हैलीकॉप्टर उड़ाने में सफलता प्राप्त की थी। उसके बाद ऑक्सीजन बनाकर टेक्नोलाजी का दूसरा सफल प्रदर्शन किया गया है। ऑक्सीजन गैस बनाने का कार्य रोवर यान में मॉक्सी-यानी मार्स ऑक्सीजन इन सिटू रिसोर्स यूटिलाइजेशन एक्सपेरीमेंट नाम की एक छोटी सी इकाई में किया गया। इसमें 5 ग्राम ऑक्सीजन बनायी गयी जो मंगल ग्रह में किसी व्यक्ति के करीब 10 मिनट तक सांस लेने के लिए काफी है। नासा ने भविष्य में मंगल ग्रह के लिए अपने अभियान बढ़ाने की योजना बनायी है जिसके लिए धरती से ऑक्सीजन लेकर जाने की बजाय वहीं यह गैस बनाने के लिए बड़े आकार की मॉक्सी इकाई बनानी होगी। मंगल ग्रह के वायुमंडल में कार्बन डाइ ऑक्साइड का बाहुल्य है। अनुमान है कि प्रति घंटे 10 ग्राम ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकेगा।
4. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑक्सीजन की आपूर्ति और उपलब्धता की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को विभिन्न राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई निर्बाध और सुचारू रूप से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। श्री मोदी ने देशभर में रोगियों के इलाज में काम आने वाली आक्सीजन की उपलब्धता की आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा की और इसे बढ़ाने के तौर-तरीकोकं पर भी विचार विमर्श किया। उन्होंने सप्लाई में किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न होने पर स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी तय करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने मंत्रालयों को निर्देश दिये कि वे ऑक्सीजन का उत्पादन और आपूर्ति बढाने के विभिन्न तौर तरीकों का पता लगाएं।
5. राफेल विमानों की पांचवीं खेप भारत पहुंची
राफेल विमानों की पांचवीं खेप भारत पहुंची। इन विमानों ने लगभग आठ हजार किलोमीटर की उड़ान पूरी की जिसके लिए फ्रांस और संयुक्त अरब अमारात की वायुसेना ने हवा में ही ईंधन भरने की सुविधा उपलब्ध करायी। एक ट्वीट में भारतीय वायुसेना ने दोनों देशों की वायुसेना को इस सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। इससे पहले वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने फ्रांस के मैरीनेक वायुसेना केंद्र से इन विमानों को झंडी दिखाकर रवाना किया। श्री भदौरिया इन दिनों फ्रांस की यात्रा पर हैं।
6. इस्लामिक विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन खान का निधन
जाने-माने इस्लामिक विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन खान का निधन हो गया है। वे 96 वर्ष के थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जाने-माने इस्लामिक विद्वान मौलाना वहिदुद्दीन खान के निधन पर दुख व्यक्त किया है। श्री कोविंद ने एक ट्वीट में कहा कि पद्म विभूषण से सम्मानित मौलाना वहिदुद्दीन ने समाज में शांति, सद्भाव और सुधारों के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौलाना वहीदुद्दीन खान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
7. इसरो IIT- दिल्ली स्थित स्पेस टेक्नोलॉजी सेल की आठ संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं का समर्थन करेगा
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) ने घोषणा की है कि वह IIT- दिल्ली स्थित स्पेस टेक्नोलॉजी सेल (Space Technology Cell) की आठ संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं का समर्थन करेगा। इसरो ने अपने रिस्पॉन्ड प्रोग्राम (RESPOND Programme) के अंतर्गत इन परियोजनाओं का समर्थन किया है। इसरो ने वर्ष 1970 के दशक में रिस्पॉन्ड प्रोग्राम (अनुसंधान प्रायोजित) शुरू किया था, जिसका उद्देश्य विभिन्न अंतरिक्ष अनुसंधान गतिविधियों में भाग लेने और योगदान के लिये शिक्षाविदों को प्रोत्साहित करना था।इसरो इस प्रोग्राम के अंतर्गत भारत में शैक्षणिक संस्थानों में अंतरिक्ष विज्ञान, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों से संबंधित अनुसंधान तथा विकास गतिविधियों के संचालन के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करता है।यह इसरो का एकेडेमिया (Academia) में अंतरिक्ष के उभरते क्षेत्रों पर बाह्य अनुसंधान को बढ़ावा देने वाला प्रमुख प्रोग्राम है।
8. नई वैश्विक समुद्री पहल ब्लू नेचर एलायंस
आगामी पाँच वर्षों में महत्त्वपूर्ण जलीय क्षेत्रों और महासागरों का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिये एक नई वैश्विक समुद्री पहल शुरू की गई है। ‘ब्लू नेचर एलायंस’ नामक इस पहल को विभिन्न परोपकारी संगठनों, राष्ट्रीय सरकारों, स्थानीय समुदायों, स्वदेशी लोगों, वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों के सहयोग से शुरू किया गया है। ‘ब्लू नेचर एलायंस’ प्रारंभ में अपने संरक्षण कार्यों के तहत 4.8 मिलियन वर्ग किलोमीटर (1.9 मिलियन वर्ग मील) क्षेत्र में फैले तीन समुद्री क्षेत्रों यथा- फिजी का लाउ सीस्केप, अंटार्कटिका का दक्षिणी महासागर और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में ट्रिस्टन दा कुन्हा द्वीप को कवर करेगा। इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाले स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर कार्य करना है और ऐसे में यह पहल समुद्री संरक्षण में मददगार होने के साथ-साथ पारिस्थितिकी तंत्र का लचीलापन बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकती है। पृथ्वी की सतह के दो-तिहाई से अधिक हिस्से पर मौजूद महासागर मानवीय जीवन को काफी अधिक प्रभावित करते हैं और ये तटीय या छोटे द्वीप क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों की आजीविका के लिये विशेष तौर पर महत्त्वपूर्ण होते हैं। इसके बावजूद दुनिया भर में महासागर गंभीर तनाव का सामना कर रहे हैं।
9. शिव सुब्रमणियम रमण सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक
हाल ही में शिव सुब्रमणियम रमण ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला है। इस संबंध में जारी आधिकारिक सूचना के मुताबिक, सुब्रमणियम रमण की नियुक्ति कुल वर्षीय कार्यकाल के लिये की गई है। इस नियुक्ति से पूर्व सुब्रमणियम रमण राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ लिमिटेड (NeSL) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में सेवारत थे। तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले सुब्रमणियम रमण वर्ष 1991 बैच के भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा (IA&AS) अधिकारी हैं। इसके अलावा वे वर्ष 2015-2016 के झारखंड के प्रधान महालेखाकार के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। वहीं भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की स्थापना 2 अप्रैल, 1990 को संसद के एक अधिनियम के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास हेतु एक प्रमुख वित्तीय संस्था के रूप में की गई थी।
10. इजरायल : गूगल और AWS को निंबस प्रोजेक्ट के लिए चुना गया
इजरायल सरकार ने अपनी सैन्य और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के लिए क्लाउड सेवाएं प्रदान करने के लिए गूगल और अमेज़न वेब सेवाओं(AWS) को चुना है। इस परियोजना को चार चरणों में लागू किया जाना है और इसे “निम्बस” परियोजना का नाम दिया गया है। निम्बस परियोजना 1 बिलियन अमरीकी डालर की अनुमानित लागत से कार्यान्वित की जाएगी। यह इजरायल में क्लाउड साइट्स स्थापित करेगा।ये साइटें कड़ी सुरक्षा दिशानिर्देशों के तहत इजरायल की सीमाओं के भीतर जानकारी रखेंगी। इस परियोजना के चार चरण इस प्रकार हैं:
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क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर का अधिग्रहण और निर्माण
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क्लाउड पर माइग्रेट करने के लिए सरकारी नीति तैयार करना
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इंटीग्रेशन और माइग्रेशन
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क्लाउड गतिविधि का नियंत्रण और अनुकूलन