प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में 9वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह को संबोधित किया

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1 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में 9वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह को संबोधित किया

दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में 9वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कपड़ा क्षेत्र में जो योजनाएं शुरू की गई हैं, वे बुनकरों और कारीगरों को न्याय दिलाती हैं। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर लोगों से स्थानीय उत्पादों को लोकप्रिय बनाने की प्रतिबद्धता का भी आग्रह किया। कार्यक्रम के दौरान, श्री मोदी ने कपड़ा और शिल्प के एक भंडार ‘भारतीय वस्त्र एवं शिल्प कोष‘ के ई-पोर्टल शुभारंभ किया, जिसे राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान निफ्ट द्वारा विकसित किया गया है। कार्यक्रम में कपड़ा और एमएसएमई क्षेत्रों के 3000 से अधिक हथकरघा और खादी बुनकरों, कारीगरों और हितधारकों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, सरकार ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाना शुरू किया और इस तरह का पहला उत्सव स्वदेशी उद्योग और विशेषकर हथकरघा बुनकर 7 अगस्त, 2015 को आयोजित किया गया था। इस तारीख को विशेष रूप से स्वदेशी आंदोलन के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में चुना गया था, जिसे 7 अगस्त, 1905 को शुरू किया गया था।

2 उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर में हिंसा प्रभावित लोगों के राहत और पुनर्वास के लिए उच्‍च न्‍यायालय की पूर्व महिला न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय समिति का गठन

उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर हिंसा मामले में उच्च न्यायालयों की पूर्व महिला न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय समिति गठित की है। इसके अलावा 42 विशेष जांच दलों की भी घोषणा की। शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने घोषणा की कि यह समिति अभी चल रही जांच के दायरे से आगे मानवीय पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह एक व्यापक आधार वाली समिति होगी। यह राहत, सुधार और पुनर्वास उपायों तथा आवास और पूजा स्थलों के पुनरुद्धार जैसे मामले देखेगी। इस समिति की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल करेंगी और इसमें बम्‍बई उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश शालिनी फणसलकर जोशी और दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशा मेनन शामिल होंगी।

3 न्यायालयों में लंबित मामलों को कम करने के लिए संसद ने मध्यस्थता विधेयक 2023 पारित किया

संसद में मध्यस्थता विधेयक 2023 पारित हो गया है। लोकसभा ने इसे पारित किया। राज्‍य सभा इसे पहले ही मंजूरी दे चुकी है। लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह विधेयक जीवन में सुगमता लाएगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से मध्यस्थता केंद्रों को कानूनी मदद मिलेगी। श्री मेघवाल ने कहा कि इससे मुकदमों पर खर्च और उसका बोझ कम होगा। विधेयक में व्यक्तियों को किसी भी न्यायालय या न्यायाधिकरण में जाने से पहले मध्यस्थता के माध्यम से विवादों को निपटाने का अवसर मिलेगा। एक पक्ष दो मध्यस्थता सत्रों के बाद मध्यस्थता से हट सकता है। मध्यस्थता प्रक्रिया 180 दिनों के अन्‍दर पूरी की जानी चाहिए तथा इसे और 180 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है। विधेयक में भारतीय मध्यस्थता परिषद की स्थापना का प्रावधान भी है। विधेयक पर चर्चा जारी है।

4 संसद ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 पारित किया

संसद में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक-2023 पारित हो गया है। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 131 सांसदों ने जबकि विपक्ष में 102 सांसदों ने वोट किया। यह विधेयक लोकसभा में पिछले सप्‍ताह ही पारित हो गया था। इस विधेयक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम 1991 में संशोधन का प्रावधान है। यह केंद्र सरकार को अधिकारियों के कार्यों, नियमों और सेवा की अन्य शर्तों सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के मामलों के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देता है। इसमें राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के गठन का भी प्रावधान है। इस प्राधिकरण में दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्य सचिव और दिल्ली के प्रधान गृह सचिव शामिल होंगे। प्राधिकरण अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्तियों तथा अनुशासनात्मक कार्रवाईयों के मामलों के संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल को सिफारिशें देगा। केंद्र सरकार इस संबंध में इसी साल मई में अध्यादेश लाई थी।

5 संसद ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण को सरल बनाने और इसे डिजिटल बनाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी

राज्‍यसभा से मंजूरी के बाद संसद ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक-2023 पारित कर दिया है। लोकसभा ने इसे 1 अगस्त को ही पारित कर दिया था। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि यह विधेयक जन्म और मृत्यु पंजीकरण को आसान बनाने के लिए लाया गया है और यह पूरी तरह से डिजिटल होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल डेटा से लोगों के लाभ के लिए सामाजिक योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी। श्री राय ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश जैसे विभिन्न कार्यों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज होगा। मंत्री ने कहा कि विधेयक के मुताबिक, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र सात दिनों के भीतर बनवाया जा सकता है। यह विधेयक जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन का प्रावधान करता है।

 6 “डॉक्‍टर इन साड़ी” के नाम से जाना जाने वाला एक समूह ने दुबई में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को उत्‍साह के साथ मनाया

दुबई में दो सौ अस्‍सी डॉक्टरों के समूह ने संस्कृति और परंपरा के एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को उत्‍साह के साथ मनाया है। इस समूह को “डॉक्‍टर इन साडी” के रूप में जाना जाता है और समूह ने इस संबंध में एक वीडियो भी जारी किया है। प्रतिवर्ष 7 अगस्त को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्देश्य भारत के साथ साथ अन्‍य देशों में हथकरघा की समृद्ध विरासत को बढ़ावा देना है। संयुक्‍त अरब अमीरात में डॉक्टर इन साड़ी समूह का प्रतिनिधित्व करने वाली डॉक्‍टर पूनम बिजलानी ने इस बारे में अधिक जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि हथकरघा बुनाई में रचनात्मकता, ध्‍यान देना, धैर्य तथा एकाग्रता शामिल हैं और ये सभी गुण चिकित्सकों के साथ अच्छी तरह मेल खाते हैं। हथकरघा की बनी साड़ियाँ देशभक्ति, संस्कृति तथा स्वतंत्रता का प्रतीक हैं।

7 कंबोडियाई, पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के पुत्र – हुन मैनेट- को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया

कंबोडियाई नरेश नोरोडोम सिहामोनी ने पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के पुत्र – हुन मैनेट– को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। कंबोडियाई नरेश नोरोडोम सिहामोनी द्वारा एक शाही फरमान जारी कर बताया गया कि संसद के 7वें जनादेश के लिए डॉ. हुन मैनेट को कंबोडिया साम्राज्य के प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। देश का अगला प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद हुन मैनेट और उनके मंत्रिमंडल को पद ग्रहण करने के लिए संसद में 22 अगस्त को विश्वास मत जीतना होगा।

8 उत्‍तर भारत में कंजक्टिवाइटिस के बढ़ते मामले के बीच एम्स के चिकित्सकों ने स्टेरॉयड के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की

राजधानी दिल्‍ली सहित उत्‍तर भारत में कंजक्टिवाइटिस यानी कि आई फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान- एम्‍स के वरिष्‍ठ चिकित्सकों ने उपचार के लिए स्टेरॉयड के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की है। एम्‍स में डॉक्‍टर राजेन्‍द्र प्रसाद नेत्र रोग चिकित्‍सा केन्‍द्र के प्रमुख डॉक्‍टर जे एस ति‍ति‍याल ने कहा कि स्टेरॉयड वाले आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने के दो सप्‍ताह बाद कॉर्निया में धब्‍बे आ सकते हैं। इसके अलावा आंखों पर दबाव भी बढ़ सकता है। उन्‍होंने बताया कि एम्‍स में कंजक्टिवाइटिस के इलाज में स्‍टेरॉयड वाली दवाओं को शामिल नहीं किया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि आई ड्रॉप तभी डालना चाहिए जब आवश्यक हो। स्‍टेरॉयड के इस्‍तेमाल से तुरंत राहत तो मिल सकती है लेकिन बाद में आंखों को नुकसान पहुंचने और दृष्टि कमजोर होने का खतरा बढ़ सकता है। एंटीबायोटिक्‍स के इस्‍तेमाल के बारे में उन्‍होंने सलाह दी कि इसे डॉक्‍टर की देखरेख में ही लिया जाना चाहिए। 20 से 30 प्रतिशत मरीजों में एडिनोवायरस के अलावा बैक्टीरिया का संक्रमण भी देखा जा रहा है। ऐसे मरीजों को एंटीबायोटिक दी जा सकती है।

9 भारतीय वायु सेना को मिली इजरायली स्पाइक मिसाइलें

इंडियन एयर फोर्स (आईएएफ) ने इजरायल से एयर-लॉन्चड स्पाइक नॉन लाइन ऑफ साइट (NLOS) एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) प्राप्त किए हैं, जो हेलीकॉप्टर से 50 किमी और भूमि से 32 किमी तक टारगेट्स को मार सकती हैं। NLOS मिसाइल्स को रूसी मूल के मी-17वी5 हेलीकॉप्टरों के फ्लीट से मिलाया जाएगा, जो काजान हेलीकॉप्टर्स द्वारा निर्मित हैं। Spike नॉन लाइन ऑफ साइट (NLOS) मिसाइल इजरायली कंपनी रफ़ाएल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स ने डिज़ाइन किया गया है। इसके विभिन्न कॉन्फ़िगरेशन उपलब्ध हैं, जिनमें मैन-पोर्टेबल, वाहन-प्रयोजित और हेलीकॉप्टर-वरिंट्स प्रकार शामिल हैं।

10 स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत 98,911 संस्थाओं को मान्यता

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने 16 जनवरी, 2016 को लॉन्च होने के बाद से स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत 98,911 संस्थाओं को मान्यता दी है। इस पहल के पीछे प्राथमिक लक्ष्य एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जो नवाचार को बढ़ावा देता है, उद्यमिता को प्रोत्साहित करता है और स्टार्टअप क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करता है, जिससे स्थायी आर्थिक विकास होता है और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। 19 फरवरी, 2019 की अधिसूचना के अनुसार पात्रता शर्तों को पूरा करने वाली संस्थाओं को डीपीआईआईटी द्वारा स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत ‘स्टार्टअप’ के रूप में मान्यता दी गई थी।

11 RBI ने चार सरकारी कंपनियों पर लगाया जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ओवरसीज इन्वेस्टमेंट की देर से जानकारी देने को लेकर 4 सरकारी कंपनियों पर जुर्माना लगाया है। इन कंपनियों में ONGC विदेश लिमिटेड (OVL)इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेडGAIL (इंडिया) लिमिटेड और ऑयल इंडिया लिमिटेड शामिल हैं। इन चारों कंपनियों को 2000 करोड़ रुपये का लेट सबमिशन फीस (LSF) देना होगा। इसका मतलब है कि प्रत्येक कंपनी पर 500-500 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।

12 भारत में पहली बार हिमालयी गिद्ध का कैप्टिव में जन्म

हाल ही में गुवाहाटी में असम राज्य चिड़ियाघर ने भारत में पहली बार कैद में दुर्ग्राह्य हिमालयी गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) का सफलतापूर्वक प्रजनन कराकर एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। इसके अतिरिक्त केटोप्रोफेन और एसिक्लोफेनाक के विरचन, विक्रय और वितरण पर रोक लगाने के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्णय ने गिद्ध संरक्षणवादियों और विशेषज्ञों में एक उम्मीद जगाई है। विश्व के प्राचीनतम एवं सबसे बड़ी गिद्ध प्रजातियों में से एक हिमालयी गिद्ध के डैने विशालकाय और दुर्जेय होते हैं। इनके पंखों पर काले और भूरे रंग की प्रधानता होती है, जो ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाकों में इन्हें स्वयं को छिपाने में मदद करती है। मज़बूत व मुड़ी हुई चोंच और गहन दृष्टि की विशेषता के कारण गिद्ध, पर्यावरण के सबसे कुशल अपमार्जक होते है, जो सड़े-गले जैविक पदार्थों (विशेषकर मृत जीवों) को खाकर पारिस्थितिकी तंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

13 केरल ने अतिधि पोर्टल (Athidhi Portal) लॉन्च किया

केरल सरकार पंजीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है और राज्य में प्रवासी श्रमिकों के लिए एक विशिष्ट पहचान प्रणाली शुरू कर रही है। हाल ही में प्रवासी श्रमिकों द्वारा बच्चों के खिलाफ किए गए कथित यौन अपराधों के जवाब में, सरकार ने ‘अतिधि पोर्टल’ शुरू किया है। इस उपयोगकर्ता-अनुकूल वेब पोर्टल का उद्देश्य “अतिथि श्रमिकों” के पंजीकरण को सुव्यवस्थित करना और उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

14 “Still Unprepared” रिपोर्ट जारी की गई

2022 मेंभारत ने 365 दिनों में से 314 दिनों में देश को प्रभावित करने वाली चरम मौसमी घटनाओं का अनुभव किया। जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन में तेजी आ रही है, जलवायु जोखिमों से निपटने की तात्कालिकता सर्वोपरि हो जाती है, खासकर प्रमुख भारतीय बैंकों के लिए। बेंगलुरु स्थित थिंक टैंक क्लाइमेट रिस्क होराइजन्स द्वारा “Still Unprepared” शीर्षक से किया गया हालिया विश्लेषण जलवायु जोखिमों का सामना करने में भारत के बैंकिंग क्षेत्र की तैयारियों पर प्रकाश डालता है। क्लाइमेट रिस्क होराइजन्स की रिपोर्ट भारत के 34 सबसे बड़े बैंकों के आकलन पर आधारित है, जिनका कुल मिलाकर बाजार पूंजीकरण 29.5 ट्रिलियन रुपये है। इस अध्ययन में चरम मौसम की घटनाओं के बढ़ते प्रभाव के बीच जलवायु जोखिमों को मापने, प्रबंधित करने और कम करने की बैंकों की क्षमता का मूल्यांकन किया गया।

15 आईआईटी हैदराबाद और काठमांडू विश्वविद्यालय शोध के सभी क्षेत्रों में पीएचडी स्तर पर जेडीपी उपलब्ध कराने पर सहमत हुए

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-हैदराबाद और काठमांडू विश्वविद्यालय शोध के सभी क्षेत्रों में पीएचडी स्तर पर संयुक्त डॉक्टोरल कार्यक्रम उपलब्ध कराने पर सहमत हुए हैं। आईआईटी-हैदराबाद के प्रतिनिधि मंडल के हाल के काठमांडू विश्वविद्यालय दौरे में दोनों संस्थानों के बीच संबंध मजबूत करने के बारे में कई फैसले लिए गए। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत भारत और नेपाल के विद्यार्थियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, डिजाइन और चिकित्सा नवाचार क्षेत्रों में काम करने का अवसर मिलेगा। काठमांडू विश्वविद्यालय में संयुक्त डॉक्टोरल कार्यक्रम में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों को आईआईटी-हैदराबाद में, छात्रवृत्ति पर एक वर्ष अध्ययन का मौका मिलेगा। इसी प्रकार का अवसर आईआईटी-हैदराबाद के विद्यार्थियों को काठमांडू विश्वविद्यालय में मिलेगा।

16 राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता फिर से हुई बहाल

लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी है। यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आपराधिक मानहानि मामले में श्री राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने के बाद लिया गया है। राहुल गांधी केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं। राहुल गांधी को इस वर्ष मार्च में लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। श्री गांधी लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद, संसद पहुंचे और संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

17 पैलियो प्रॉक्सी

हाल ही में यह घोषणा की गई थी कि जुलाई 2023 का एक विशेष दिन 100,000 से अधिक वर्षों में सबसे गर्म दिन था, जो वैज्ञानिक रूप से निराधार है। यह दावा थर्मामीटर के आविष्कार से पहले के तापमान अनुमानों पर आधारित था, जो “पैलियो प्रॉक्सी (Palaeo Proxies)” पर निर्भर हैं और दैनिक समय-सीमा तापमान प्रदान नहीं कर सकते हैं। पैलियो प्रॉक्सी, पैलियोक्लाइमेट प्रॉक्सी (Paleoclimate Proxies) या पैलियोएन्वायरमेंटल प्रॉक्सी (Paleoenvironmental Proxies) का संक्षिप्त रूप है, जो वैज्ञानिकों द्वारा अतीत की जलवायु तथा पर्यावरणीय स्थितियों के पुनर्निर्माण के लिये उपयोग किये जाने वाले संकेतक या रिकॉर्ड हैं। ये प्रॉक्सी आमतौर पर भौतिक, जैविक या रासायनिक प्रक्रियाओं से प्राप्त होते हैं जो तापमान या अन्य जलवायु कारकों में परिवर्तन होने पर प्रतिक्रिया करते हैं। चूँकि सुदूर अतीत की जलवायु की प्रत्यक्ष माप संभव नहीं है, वैज्ञानिक अतीत की जलवायु विविधताओं तथा दीर्घकालिक रुझानों को समझने के लिये इन प्रॉक्सी रिकॉर्ड पर भरोसा करते हैं।

18 अफ्रीकी जीन वैरिएंट CHD1L: HIV नियंत्रण में सहायक

नेचर जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि अफ्रीकी मूल के कुछ व्यक्तियों में एक अद्वितीय जीन संस्करणक्रोमोडोमैन हेलिकेज़ DNA बाइंडिंग प्रोटीन 1 लाइक (CHD1L) होता है, जो ह्यूमन इम्यूनोडिफिसिएंसी वायरस (HIV) के प्रसार को नियंत्रित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। CHD1L जीन का यह प्रकार विशेष रूप से अफ्रीकी आबादी में पाया जाता है और इसे HIV के सबसे खतरनाक HIV-1 के वायरल लोड को कम करने से जोड़ा गया है। जीन के कार्य में प्रोटीन के लिये कोडिंग शामिल है जो DNA क्षति की मरम्मत की सुविधा प्रदान करती है। परिणामस्वरूप वायरस फैलाने की उसकी क्षमता कम हो जाती है और बीमारी के प्रसार की दर धीमी हो जाती है। हालाँकि अफ्रीकी मूल के 4% से 13% व्यक्तियों में यह जीन वैरिएंट हो सकता है, लेकिन जिस तंत्र द्वारा यह वायरल लोड को प्रभावित करता है वह अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं गया है।

19 हेनरीएटा लैक्स: HeLa कोशिकाएँ

हाल ही में हेनरीएटा लैक्स के परिवार ने एक बायोटेक कंपनी के विरुद्ध मुकदमा समाप्त किया है जिस पर आरोप था कि कंपनी ने बिना सहमति लिये उनकी कोशिकाओं से मुनाफा कमाया है तथा इससे चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति आ गई है। हेनरीएटा लैक्स एक अफ्रीकी-अमेरिकी मूल की महिला थीं जिनकी वर्ष 1951 में 31 वर्ष की आयु में सर्वाइकल कैंसर से मृत्यु हो गई थी। उनकी जानकारी या सहमति के बिना डॉक्टरों ने उनके ट्यूमर का नमूना लिया तथा इसे एक प्रयोगशाला में भेज दिया गया। प्रयोगशाला में पता चला कि उनकी कोशिकाओं में अनिश्चित काल तक वृद्धि हो सकती हैं। उनकी कोशिकाएँ जिन्हें HeLa कोशिकाएँ भी कहा जाता है, पहली अमर मानव कोशिका रेखा बन गई तथा बायोमेडिकल अनुसंधान में सबसे व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली कोशिकाओं में से एक है। HeLa कोशिकाओं ने अनेक वैज्ञानिक सफलताओं में योगदान दिया है जैसे कि पोलियो वैक्सीन का विकास, जीन मैपिंग, कैंसर का इलाज, एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) अनुसंधान, क्लोनिंग, स्टेम सेल अध्ययन और कोविड-19 वैक्सीन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 13 अक्तूबर, 2021 को हेनरीएटा लैक्स को मरणोपरांत WHO महानिदेशक के पुरस्कार से सम्मानित किया था। यह पुरस्कार उनकी असाधारण कहानी को स्वीकार करता है तथा विज्ञान एवं स्वास्थ्य के लिये उनकी विश्व-परिवर्तनकारी विरासत को मान्यता देता है। WHO महानिदेशक का पुरस्कार, WHO द्वारा उन व्यक्तियों अथवा समूहों को दी जाने वाली एक प्रतिष्ठित मान्यता है, जिन्होंने वैश्विक स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने में उत्कृष्ट योगदान दिया है, क्षेत्रीय स्वास्थ्य मुद्दों के लिये नेतृत्व के साथ प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है, साथ ही आजीवन समर्पण, निरंतर वकालत और मानवता के लिये निस्वार्थ सेवा को अपनाया है। गर्भाशय ग्रीवा कैंसर, एक प्रकार का कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में प्रारंभ होता है। गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय (गर्भ) का निचला, संकीर्ण सिरा है। गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय को योनि (जन्म नलिका) से जोड़ती है।

20 सऊदी, कुवैत ने विवादित गैस क्षेत्र पर ईरान के दावों को खारिज किया

सऊदी अरब और कुवैत ने हाल ही में विवादित अराश-डोर्रा गैस क्षेत्र पर अपना एकमात्र स्वामित्व होने का दावा किया है, यह एक संसाधन संपन्न अपतटीय क्षेत्र है जिस पर ईरान भी दावा करता है। इस क्षेत्र को लेकर तीनों देश लंबे समय से विवाद में उलझे हुए हैं और स्थिति तब और बिगड़ गई है जब ईरान ने सऊदी अरब और कुवैत की आपत्तियों के बावजूद अन्वेषण जारी रखने की धमकी दी है। ईरान में अराश और कुवैत और सऊदी अरब में डोर्रा के नाम से जाना जाने वाला अराश-डोर्रा गैस क्षेत्र तीन देशों के बीच विवाद का केंद्र बिंदु रहा है। इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्राकृतिक गैस भंडार हैं, जो इसे सभी शामिल पक्षों के लिए अत्यधिक मूल्यवान संसाधन बनाता है। विवाद की जड़ें 1960 के दशक में खोजी जा सकती हैं जब ईरान और कुवैत ने अलग-अलग कंपनियों – क्रमशः एंग्लो-ईरानी ऑयल कंपनी (अब बीपी) और रॉयल डच शेल को अपतटीय रियायतें दी थीं। अराश-डोर्रा क्षेत्र के उत्तरी भाग में रियायतें ओवरलैप हो गईं, जिससे स्वामित्व और शोषण अधिकारों पर परस्पर विरोधी दावे और असहमति पैदा हो गई।