भारत सरकार या केंद्र सरकार देश की वह शासन अधिकारी है जो राष्ट्र को भारत के संविधान के अनुसार नियंत्रित करती है। भारत सरकार का आधिकारिक नाम संघीय सरकार है। सरकार अपना सारा कामकाज देश की राजधानी दिल्ली से करती है। भारत का पूरा गणराज्य केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। भारत गणराज्य में 29 राज्य और सात केंद्र शासित प्रदेश हैं। भारत सरकार का गुण लोकतांत्रिक है।
“भारतीय सरकार की शाखाएं”
भारत की केंद्रीय सरकार में तीन विशिष्ट शाखाएं हैं:
- कार्यकारी
- विधायी
- न्यायपालिका
“कार्यकारी”
केंद्र सरकार की इस शाखा में राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारत के कैबिनेट मंत्री आते हैं और ये सब विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की नौकरशाही के रोजमर्रा के कामों के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होते हैं।
राष्ट्र का मुखिया होने के नाते भारत के राष्ट्रपति देश की सरकार के प्रमुख हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद ;1द्ध के अनुसार भारत के राष्ट्रपति के पास कार्यकारी और संवैधानिक अधिकार होते हैं जिसे वह सीधे या अपने अधीन अधिकारियों के जरिए प्रयोग करते हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 74 में कहा गया है कि देश का राष्ट्रपति सरकार के मुखिया देश के प्रधानमंत्री की सलाह के अनुसार कार्य करता है। हालांकि प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा ही की जाती है। प्रधानमंत्री की नियुक्ति के अलावा राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्री परिषद और सरकार में कई उच्च अधिकारियों को भी नियुक्त करते हैं।
राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र सेना का प्रमुख विधि सम्मत कमांडर भी होता है।
राष्ट्रपति के बाद सरकार में दूसरा रैंक उप राष्ट्रपति का होता है और उप राष्ट्रपति के पास राज्य सभा के अध्यक्ष के रुप में कार्य करने की विधायी शक्तियां होती हैं। राष्ट्रपति के इस्तीफे, पद से हटाए जाने या राष्ट्रपति की मौत की स्थिति में उप राष्ट्रपति भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रुप में कार्य कर सकते हैं। हालांकि कार्यवाहक राष्ट्रपति का कार्यकाल छह महीने से ज्यादा नहीं हो सकता।
“विधायी”
भारत सरकार की इस शाखा को आमतौर पर संसद कहते हैं जिसमें भारत के राष्ट्रपति, राज्य सभा जिसे उच्च सदन भी कहते हैं और लोक सभा होती है। सरकार के इस संसदीय रुप को द्विसदनीय भी कहते हैं क्योंकि इसमें दो सदन होते हैं। राज्य सभा में सदस्य अप्रत्यक्ष तौर पर और लोक सभा में सदस्य सीधे चुने गए होते हैं। यूनाइटेड किंगडम में प्रचलित वेस्टमिंस्टर प्रणाली के आधार पर सरकार के इस रुप के पास प्रधानता तो होती है पर उसके कानून की न्यायिक समीक्षा भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की जा सकती है। कैबिनेट के सदस्य जिसमें प्रधानमंत्री और मंत्री परिषद शामिल है या तो संसद सदस्य होते हैं या पदभार ग्रहण करने से पहले छह माह के भीतर निर्वाचित होते हैं।
विधायी सरकार के सदस्यों की दो जिम्मेदारियां होती हैं, सामूहिक और व्यक्तिगत। सामूहिक जिम्मेदारी के तौर पर कैबिनेट के मंत्री और प्रधानमंत्री सरकार की किसी भी नीति की विफलता के लिए जवाबदार होते हैं।
व्यक्तिगत जिम्मेदारी के तौर पर परिषद के हर सदस्य को सौंपे गए एक या उससे ज्यादा मंत्रालय का भार संभालना होता है।
“न्यायपालिका”
भारत के सर्वोच्च या उच्चतम न्यायालय के नेतृत्व वाली न्यायपालिका में 24 उच्च न्यायालय और कई जिला सिविल कोर्ट, फैमिली और आपराधिक अदालतें होती हैं। न्यायिक पहलू का ध्यान सिविल प्रक्रिया संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय दंड संहिता में दिए गए आपराधिक और नागरिक कानूनों द्वारा किया जाता है। केंद्र और राज्य सरकारों पर लागू होने वाली कानून व्यवस्था पूरी तरह से वैधानिक कानून और आम कानून पर आधारित है।
भारत के उच्चतम न्यायालय में प्रचलित सलाहकार, अपीलीय और मूल न्याय अधिकार के अलावा भारत के संविधान का अनुच्छेद 32 मौलिक अधिकारों के अमलीकरण के लिए अन्य मूल और व्यापक अधिकार देता है।
“केंद्र सरकार के हिस्से के तौर पर भारतीय सिविल सेवा”
देश की सरकार की स्थायी नौकरशाही होने के चलते भारतीय सिविल सेवा भारत सरकार का एक हिस्सा है। सरकार के द्वारा लिए गए फैसले और कार्यकारी नीतियां भारत सरकार के उच्च पदों पर बैठे सिविल सेवकों द्वारा ही पूरे किये जाते हैं। इन सिविल सेवकों की नियुक्ति सिविल सेवा परीक्षा पास करने पर ही होती है।
“भारतीय सरकार के मौजूदा संवैधानिक पदाधिकारी”
राष्ट्रपति –
19 जून 2017 को बीजेपी के पार्टी अध्यक्ष AMIT SHAH ने कोविंद जी जो राष्ट्रपति पद के लिए NDA का उम्मेदवार घोषित किया। और 20 जुलाई 2017 को रामनाथ कोविंद जी भारत के राष्ट्रपति बन गए।
8 अगस्त 2015 कोभारत केप्रधानमंत्रीने उन्हें बिहार के गवर्नर के रूप में नियुक्त किया था। 16 अगस्त 2015 को उन्हें पटना हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस घोषित किया गया था। शपथ लेने के साथ ही कोविंद, बिहार के 36 वे गवर्नर बन चुके थे। शपथ विधि का आयोजन पटना के राज भवन में रखा गया था।
उप राष्ट्रपति –
उपराष्ट्रपति का पद भारत के राष्ट्रपति के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा पद होता है। India का उपराष्ट्रपति राज्यसभा के अध्यक्ष के तौर पर विधायी कार्य में भी हिस्सा लेकर कार्य संपन्न कराता है।
- उपराष्ट्रपति का नाम – वेंकैया नायडू
- जन्म – 1 जुलाई 1949
- वर्तमान पता – उपराष्ट्रपति निवास, 6 मौलाना आजाद रोड, नई दिल्ली
भारत के उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू 2002 से 2004 के बीच भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। केंद्र में विभिन्न विभागों के मंत्री पदों पर भी इन्होंने अपना जलवा बिखेरा है।
इन्हें 17 जुलाई 2017 को भारत के उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी घोषित किया गया। इसी के बाद 5 अगस्त 2017 को हुए चुनाव में गोपाल कृष्ण गांधी को पराजित करके। भारत के 13वें उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए। और 11 अगस्त 2017 को भारत के उपराष्ट्रपति का पद संभाला।
प्रधानमंत्री –
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी हैं। नरेन्द्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला।
भारतीय संविधान के अनुसार, राज्य में मंत्रियों की परिषद के निर्वाचित प्रमुख मुख्यमंत्री (सीएम) हैं। हालांकि, राज्यपाल आधिकारिक ‘राज्य का मुखिया’ है, फिर भी यह मुख्यमंत्री है जो ‘वास्तविक’ कार्यकारी शक्तियों से निहित है।
मुख्यमंत्री राज्य के असली प्रमुख हैं, राज्यपाल के विपरीत, जो औपचारिक सिर है। चूंकि भारत ने संवैधानिक लोकतंत्र के वेस्टमिंस्टर मॉडल को अपनाया है, यह मुख्यमंत्री है जो राज्य सरकार के दिन-प्रतिदिन कार्य करने की देखरेख करता है।
भारतीय संविधान के अनुसार, रोजमर्रा के प्रशासन में, मुख्यमंत्री को मंत्रियों की परिषद द्वारा सहायता दी जाती है, जिसमें कैबिनेट मंत्री, उप मंत्री और अन्य शामिल होते हैं। मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्त किया गया है और राज्यपाल ने शपथ ली है।