अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण

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राष्ट्रीय न्यूज़

1.अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण:-

भारत ने स्वदेश निर्मित परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम स्वदेश निर्मित अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह मिसाइल 700 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्य को भेद सकती है। सैन्य सूत्रों ने बताया कि सामरिक बल कमान ने अभियान तैयारियों को मजबूत करने के लिए डॉ अब्दुल कलाम द्वीप से मिसाइल का परीक्षण किया। सूत्रों ने परीक्षण को सफल बताते हुए कहा कि परीक्षण के दौरान सभी लक्ष्यों को हासिल कर लिया गया। इसकी मारक क्षमता काफी अधिक है और सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करके दुश्मनों को तबाह कर सकती है। बता दें कि अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का भी भारत सफल परीक्षण कर चुका है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा निर्मित अग्नि-5, अग्नि मिसाइल श्रृंखला का सबसे उन्नत संस्करण है।

2.सिर्फ तीन वर्ष ही रहेगी ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा:-

गुजरात में बनी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा सरदार वल्लभ भाई पटेल की ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। दरअसल, यह प्रतिमा  182 मीटर ऊंची है। इससे पहले दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा चीन में 128 मीटर थी।वहीं, 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का खिताब अपने नाम करने वाली ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ से यह खिताब अगले तीन सालों के दौरान छिन सकता है। दरअसल, महाराष्ट्र के मुंबई में अरब सागर में बन रहा शिवाजी स्मारक 190 मीटर होगा। जाहिर है यह ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ से 8 मीटर ज्यादा है। तय योजना के हिसाब से यह 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगा।ऐसे में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का खिताब ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ के पास तीन साल तक ही रहने की सभावना है। हालांकि, तसल्ली इस बात की है कि दुनिया की पहली व दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा का खिताब भारत के पास ही रहेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनवाए जा रहे छत्रपति शिवाजी मेमोरियल (शिवा स्मारक) पर तकरीबन 3800 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है, जबकि ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ पर तकरीबन 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।शिवा स्मारक समिति के अध्यक्ष विनायक मेटे के मुताबिक, मुंबई में बनने वाला 190 मीटर ऊंचे शिवा जी के स्मारक में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। उन्होंने कहा कि आधार को मिलाने पर ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ की ऊंचाई अधिक रहेगी। जहां सरदार पचेल की प्रतिमा सीधी खड़ी है, वहीं शिवा स्मारक में घोड़े व तलवार की ऊंचाई भी सम्मिलित है। बताया जा रहा है कि शिवा स्मारक में प्रतिमा के अलावा संग्रहालय, थिएटर और अस्पताल का निर्माण भी प्रस्तावित है।यहां पर बता दें कि इसी साल मई महीने में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद कहा था कि मुंबई तट पर बनने वाली छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की ऊंचाई दो मीटर बढ़ा दी गई है, ताकि पूरा होने पर वह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा हो।सीएम के मुताबिक, चीन में स्प्रिंग टेंपल बुद्धा 208 मीटर ऊंचा रखने का प्रस्ताव था और हमारा स्मारक 210 मीटर ऊंचा होना था, लेकिन चीनी अधिकारियों ने प्रतिमा की बुनियाद पर कुछ काम किया और ऊंचाई कम की गई।

3.कपड़ा मंत्रालय ने ‘फैब्रिक ऑफ यूनिटी’ का अनावरण किया:-

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने  गुरूग्राम में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर फैब्रिक ऑफ यूनिटी का अनावरण किया। मंत्री ने इस अवसर पर यूनिटी मार्च को झंडी दिखाकर रवाना भी किया। श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के कार्यालय पदाधिकारियों और कर्मचारियों तथा अपरेल ट्रेनिंग और डिजाइन सेंटर (एटीडीसी) के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलायी।

कपड़ा मंत्री ने परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) का आह्वान किया कि वह अपने कार्यालयों में यूनिटी ऑफ फैब्रिक की धारणा का प्रसार करे, जो सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। श्रीमती ईरानी ने एईपीसी से कहा की वह सरदार पटेल द्वारा भारतीय  संघ में शामिल किये गए तत्कालीन रजवाड़ों के समूचे इतिहास और वस्त्र डिजाइनों को एक साथ प्रदर्शित करें।

इस अवसर पर मंत्री ने अधिक संख्या में कुशल श्रमिकों को संगठित क्षेत्र मे लाने के लिए वस्त्र और परिधान क्षेत्र के विकास के वास्ते भारत सरकार द्वारा 2016 में दिये गए 6000 करोड़ रूपए के पैकेज की चर्चा की।

4.फ्लेक्सी फेअर (फ्लेक्सी फेअर ) योजना का पुनर्गठन:- 


समीक्षा समिति की सिफारिशों, नियंत्रण और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट और यात्रियों के प्रतिवेदन के आधार पर फ्लेक्सी फेअर योजना की समीक्षा 15 ट्रेनों से फ्लेक्सी फेअर  पूरी तरह समाप्त कम भीड़भाड़ (फरवरी, मार्च और अगस्त) के दौरान 32 ट्रेनों से फ्लेक्सी फेअर  हटाया गया श्रेणी में यात्रियों की संख्या 60 प्रतिशत से कम होने पर अंतिम किराये पर 20 प्रतिशत तक क्रमिक छूट (श्रेणीवार) दी जाएगी अधिकतम स्लैब 1.5 गुना से घटकर 1.4 गुना

रेलवे ने 9 सितम्बर, 2016 से फ्लेक्सी फेअर योजना की शुरूआत की। इस योजना को शुरू करने पर उच्च राजस्व प्राप्त हुआ लेकिन आरंभ में यात्रियों की संख्या में गिरावट आई जिसमें बाद में तेजी आ गई। किराये को तर्कसंगत बनाने के उद्देश्य से 8 सदस्यीय समिति का गठन किया गया ताकि इस योजना की समीक्षा की जा सके और इसे यात्रियों के और अनुकूल बनाया जा सके। इस योजना की समीक्षा समिति की सिफारिशों,नियंत्रण और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट और यात्रियों के प्रतिनिधित्व के आधार पर की गई। रेलवे ने फ्लेक्सी फेअर योजना की समीक्षा की और निम्नलिखित परिवर्तन किए।पिछले वर्ष जिन ट्रेनों में यात्रियों की औसत मासिक संख्या 50 प्रतिशत से कम थी उनमें फ्लेक्सी फेअर समाप्त कर दिया गया है। (अनुलग्न ए में 15 ट्रेनों की सूची दी गई है)।पिछले वर्ष कम भीड़भाड़ वाले तीन महीनों में जिन ट्रेनों में यात्रियों की औसत मासिक संख्या 50 – 75 प्रतिशत रही उनमें फ्लेक्सी फेअरसमाप्त कर दिया गया है। (अनुलग्न बी में 32 ट्रेनों की सूची दी गई है)।सभी श्रेणियों में अधिकतम वर्तमान सीमा 1.5 गुना से कम कर 1.4 गुना कर दी गई है।उन ट्रेनों में जिनमें श्रेणी वाले (2ए, 3ए, सीसी आदि) यात्रियों की संख्या कम है और हमसफर ट्रेनें जिनमें एक विशेष श्रेणी में यात्रियों की संख्या 60 प्रतिशत से कम है (ट्रेन के निर्धारित समय पर रवाना होने से 4 दिन पहले), फ्लेक्सी फेअर के साथ सभी ट्रेनों पर अंतिम किराये पर 20 प्रतिशत की क्रमिक छूट दी जाएगी। साथ ही तालिका के अनुसार 10 प्रतिशत छूट दी जाएगी :

  • 70 प्रतिशत कब्जे तक: अंतिम किराये पर 20 प्रतिशत
  • 70 से 80 प्रतिशत कब्जे तक: अंतिम किराये पर 10 प्रतिशत
  • 80 प्रतिशत से अधिक कब्जे तक: लागू नहीं
  • यात्री आरक्षण प्रणाली में आवश्यक परिवर्तन करने के बाद अग्रिम आरक्षण अवधि (एआरपी) यानि 4 महिने से परिवर्तन, 6 महीने के लिए प्रायोगिक आधार पर लागू होंगे। इन्हें नजीतों के आकंलन के बाद आगे बढ़ाया जा सकता है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़

5.कुवैत के नेताओं के साथ कई बैठकें करेंगी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज:-

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कुवैत के नेताओं के साथ कई बैठकें करेंगी। इसका उद्देश्य दोनों देशों के संबंधों को और मजबूती देना है। श्रीमती स्वराज पश्चिम एशिया के दो देशों की यात्रा के बाद कुवैत पहुंचीं। सुषमा स्वराज की यह कुवैत की पहली अधिकारिक यात्रा है। इस कड़ी में विदेशमंत्री ने कुवैत में बसे भारतीय समुदाय के साथ भी मुलाकात की। कुवैत में भारतीय दूतावास में गांधी जी की प्रतिमा को उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित किए। भारत रवाना होने के पहले श्रीमती स्वराज कुवैत के अमीर शेख सबाह अल अहमद अल जबार अल सबाह के साथ मुलाकात करेंगी। इसके अलावा कुवैत के उप प्रधानमंत्री तथा विदेश मंत्री शेख सबाह अल खालिद अल सबाह से प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में भी हिस्सा लेंगी।

 

खेल न्यूज़

6.आज ही के दिन धौनी ने बनाया था ‘वर्ल्ड रिकॉर्ड’ जो आज भी है कायम, VIDEO:-

महेंद्र सिंह धौनी ना केवल दुनिया के सबसे सफल कप्तान रहे है बल्कि अपनी बल्लेबाजी से भी उन्होंने कई बार विरोधियों की नाक में दम किया है। धौनी दुनिया के सबसे खतरनाक फीनिशर माने जाते हैं लेकिन दुनिया ने उनका पहली बार ये रूप आज के ही दिन यानी 31 अक्टूबर 2005 को देखा था, उस दिन धौनी के बल्ले से जो पारी निकली, वह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई।

31 अक्टूबर को 2005 को धौनी ने जयपुर में श्रीलंका के खिलाफ 145 गेंद पर नाबाद 183 रन की पारी खेली थी, इस दौरान उनके बल्ले से 15 चौके और 10 छक्के निकले थे। आपको बता दें कि किसी भी विकेटकीपर द्वारा वनडे क्रिकेट में ये खेली गई सबसे बड़ी पारी थी, इससे पहले ये रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के महान विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट के नाम था, जिनके नाम 172 रन दर्ज थे।उस मैच की यादों को ताजा करें तो श्रीलंका के कप्तान मर्वन अट्टापट्टू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, श्रीलंका की तरफ से कुमार संगाकार ने नाबाद 138 रन की पारी खेली तो महेला जयवर्धने ने भी शानदार 71 रन बनाए। इन दोनों की पारियों की बदौलत श्रीलंका ने 50 ओवर में 298 रन का स्कोर खड़ा किया। अब आपको तो पता ही होगा कि उस समय इस स्कोर का पीछा करना कितना मुश्किल होता था।

बड़े स्कोर का पीछा करने उतरी टीम इंडिया को शुरुआत में ही झटके लग गए। सचिन तेंदुलकर वास का शिकार बने। अब इसके बाद उस टीम के कप्तान राहुल द्रविड़ ने एक मास्टर स्ट्रोक खेला और धौनी को नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए भेज दिया। कही ना कही धौनी को भी पता है कि उनके लिए ये मौका मील का पत्थर साबित हो सकता है।

धौनी ने मौके का पूरा फायदा उठाते हुए लंका के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। उस मैच में धौनी ने कई हेलीकॉप्टर शॉट लगाए। लंका का कोई भी गेंदबाज हो उन्होंने सभी की जमकर धुनाई की। धौनी ने उस मैच में 40 गेंद पर फिफ्टी लगाई तो केवल 85 गेंद पर अपना शतक पूरा कर लिया।

7.अब देश में पहलवानों को भी मिलेगा क्रिकेटरों की तरह केंद्रीय अनुबंध:-

ओलंपिक में शामिल कुश्ती के खेल को अब जल्दी ही क्रिकेट की तरह बड़ी पहचान देने की तैयारी की जा रही है। भारत में कुश्ती के लिए अब क्रिकेट की तरह केंद्रीय अनुबंध प्रणाली को शामिल करने की तैयारी है। इसके बाद पहलवानों को ग्रेड के आधार पर केंद्रीय अनुबंध का हिस्सा बनाया जाएगा। पहलवानों को ग्रेड 5 ग्रुप में मिलेगा जिसमें एक सीनियर और बाकी जूनियर पहलवानों के लिए होगा। इसका आधार ओलिंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, यूथ ओलिंपिक और अन्य बड़ी स्पर्धाओं में प्रदर्शन होगा। इसके अलावा रेसलिंग के प्रसारण के लिए पहली बार एक बड़े स्पोर्ट्स चैनल से बातचीत की जा रही है और जानकारी के मुताबिक, यह ब्रॉडकास्ट डील अपने अंतिम दौर में है। साल 2019 से शुरू होने वाली इस डील के होने से भारत में होने वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मैचों के 100 दिन के लाइव प्रसारण की गारंटी हो जाएगी। राजधानी दिल्ली में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के मुख्यालय में इसे लेकर एक बैठक आयोजित की गई जिसें सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और दिव्या काकरान समेत करीब 15 पहलवान, फेडरेशन के अधिकारी और स्पोर्टी सॉल्यूशंस के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में पहलवानों के भविष्य को सुरक्षित करने के सुझावों पर भी विचार किया गया।

 

बाजार न्यूज़

8.आधार से जुड़ी सेवाओं को आसान करने के लिए बनाए जाएंगे ‘आधार सेवा केंद्र’:-

आधार से जुड़ी सेवाओं को आसान बनाने के लिए आधार सेवा केंद्र बनाए जाएंगे। ये सेवा केंद्र पासपोर्ट सेवा केंद्र के मॉडल पर आधारित होंगे। भारत विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण पांडे के मुताबिक आधार सेवा केंद्रों से नामांकन में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण आधार सेवा केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है।

बात दें कि आधार सेवा केंद्र बनाने का नजरिया पासपोर्ट सेवा केंद्र की तर्ज पर है। जिससे पासपोर्ट से जुड़ी हर समस्या का समाधान आसानी से पासपोर्ट सेवा केंद्र पर मिल जाता है। आधार सेवा केंद्र के तहत, नामांकन और अपडेशन सेवाओं में आसानी हो जाएगी। इसके लिए केंद्र बनाए जाएंगे। जो कि देश के 53 शहरों और कस्बों में स्थापित होंगे।

इस योजना को लेकर भूषण पांडे कहा कि आधार सेवा केंद्रों के जरिये परेशानी मुक्त और निवासियों के अनुकूल नामांकन और अपडेशन सुविधा का ढांचा तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 53 शहरों और नगरों में 114 ऐसे केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इनमें सभी राज्यों की राजधानियां शामिल हैं।

पांडे ने स्पष्ट तौर पर कहा कि ये केंद्र अभी बैंकों, डाकघरों और सरकारी परिसरों में चल रहे आधार केंद्रों के अतिरिक्त होंगे। इस पर यूआईडीएआई के सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि इन केंद्रों की निगरानी सीधे प्राधिकरण के कर्मचारियों की ओर से की जाएगी। मिली जानकारी के मुताबिक, आधार सेवा केंद्र भी पासपोर्ट सेवा केंद्र के मॉडल पर आधारित होंगे।