DAILY CURRENT GK
1.महिला ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवार्ड्स 2017 :-
भारत में महिलाओं की उत्कृष्ट उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिये, नीति आयोग ने मायगोव और संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी में, महिला ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवार्ड्स, 2017 के विजेताओं की घोषणा की।
इस साल यह पुरस्कार बारह महिलाओं को दिए गए हैं। ज़िन्दगी से ,प्रकृति से,समाज से , संस्कृति से ,रिश्ते नातों से,राजनीति से ,सिस्टम से संघर्ष करतीं आगे बढ़ीं यह महिलाएं अपने आप में ख़ास हैं और इन्होने हर विकट परिस्थिति को पीछे छोड़ते हुए भारत का नाम रोशन किया।
पुरस्कार विजेताओं में महिलाओं पर घरेलु हिंसा के विरुद्ध आवाज उठाने वाली लक्ष्मी अग्रवाल, महिलाओं के लिए वैकल्पिक आजीविका के अवसर तैयार करने वाली बकरी पशुचिकित्सक सुनीता कांबले,एक स्मार्ट दस्ताने जो मिरगी आने से पहले ही भविष्यवाणी कर सकते हैं बनाने वाली राजीव बोरताकुर,ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने वाली सफीना हुसैन,माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय दिव्यांग महिला अरुणिमा सिन्हा तथा झारखंड में अपने गांव के करीब 50 हेक्टेयर जंगल संरक्षित करने वाली जमुना टुडू शामिल है।
NITI Aayog Announces Women Transforming India Awards 2017 :-
Celebrating the outstanding achievements of women in India, NITI Aayog, in partnership with MyGov and the United Nations, announces winners of the Women Transforming India Awards, 2017.
Awards ceremony recognizes the exceptional work of 12 women in critical areas such as preventing violence against women; bridging the gender gap in education; providing healthcare; building livelihoods and enterprises for women; and promoting inclusion for persons with disabilities.
The awardees included Lakshmi Agrawal a champion of violence against women, goat veterinarian Sunita Kamble for creating alternative livelihood opportunities for women, Raji Borthakur for creating a smart glove which can predict epileptic seizures before they occur, Safeena Husain for her work to transform girls’ education in rural areas and Arunima Sinha for being India’s first amputee to climb Mount Everest Jamuna Tudu for conserved 50 hectares of forest land around her village in Jharkhand.
2.इराकी प्रधान मंत्री ने कुर्द जनमत को ‘असंवैधानिक‘ बताया :-
इराकी प्रधान मंत्री हैदर अल-अबदी ने कहा कि कुर्दिस्तान के अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र की स्वतंत्रता पर जनमत “असंवैधानिक” था, और जनमत संग्रह में नृजातीय-मिश्रित किर्कुक प्रांत को शामिल करने के कुर्दों के प्रयासों को खारिज कर दिया।
अरब और तुर्कमेन काउंसिल के सदस्यों ने इस सत्र का बहिष्कार किया क्योंकि तेल समृद्ध किर्कुक प्रांत में उनके समुदाय के लोग कुर्दिस्तान क्षेत्र में शामिल होने का विरोध करते हैं।
किर्कुक की इमारतों पर केवल इराकी झंडे फहराने के पक्ष में 328 सीट वाले संसद के 186 सांसदों के मत के बाद इराकी संसद ने किर्कुक प्रांतीय परिषद के निर्णय को खारिज कर दिया।
बगदाद और कुर्द क्षेत्रीय सरकार के बीच असहमति कई वर्षों से गंभीर रही है, क्योंकि नृजातीय कुर्दों ने उत्तरी तेल समृद्ध प्रांत किर्कुक,निनवे का कुछ भाग, दीयाला और सलाहुदीन के कुछ हिस्सों को “विवादित क्षेत्रों” के रूप में माना है और उन्हें कुर्द क्षेत्र में शामिल करना चाहते हैं।
Iraqi PM Slams Kurdish Referendum as ‘Unconstitutional’ :-
Iraqi Prime Minister Haider al-Abadi said the referendum on the independence of the semi-autonomous region of Kurdistan was “unconstitutional” and rejected the Kurdish attempts to include the ethnically-mixed province of Kirkuk in the referendum.
The Arab and Turkoman council members boycotted the session, as their communities in the oil-rich Kirkuk province oppose joining the Kurdistan region.
The Iraqi parliament rejected the decision of Kirkuk’s provincial council, after 186 lawmakers of the 328-seat parliament voted in favour of hanging only the Iraqi flag on Kirkuk’s buildings.
Disagreements between Baghdad and the Kurdish regional government have been intense for years, as the ethnic Kurds consider the northern oil-rich province of Kirkuk and parts of Nineveh, Diyala and Salahudin as “disputed areas” and seek to incorporate them into the Kurdish region.
3.अक्षय ऊर्जा के ग्रिड एकीकरण को सुधारने के लिए भारत तथा जर्मनी ने समझौते किये :-
भारत और जर्मनी ने भारत-जर्मन ऊर्जा कार्यक्रम-ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर (आईजीएन-जीईसी) के तहत तकनीकी सहयोग के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
जीआईजेड और भारत के बीच इस संबंध के परिणामस्वरूप बाजार तंत्र और नियमों में सुधार होगा और इसका उद्द्येश्य देश में नवीकरणीय ऊर्जा के ग्रिड एकीकरण के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और स्थितियों को बेहतर बनाना है।
बर्लिन में अप्रैल 2013 में आयोजित भारत-जर्मन परामर्श के आधार पर, दोनों देशों ने ग्रीन एनर्जी कॉरीडोरों पर सहयोग की पुष्टि की थी।
India, Germany Sign Pact to Improve Grid Integration of Renewable Energy :-
India and Germany signed an agreement on technical cooperation under the Indo-German Energy Programme – Green Energy Corridors (IGEN-GEC).
This relationship between GIZ and India will result in improved market mechanisms and regulations and help train manpower in India to ensure grid stability to ensure more and more integration of renewable in the country.
Based on the Indo-German consultations held in April 2013 in Berlin, both countries confirmed collaboration on the green energy corridors.
4.गोविन्दभोग चावल को भौगोलिक संसूचक का दर्ज़ा मिला :-
पश्चिम बंगाल के वर्धवान जिले से एक विशेष, गोविन्दभोग चावल को भौगोलिक संसूचक(जीआई)का दर्जा मिला है।
वर्धवान के क्षेत्र (जो पूर्वी और पश्चिम बर्दवान जिलों में विभाजित है) को बंगाल का चावल के कटोरे के रूप में जाना जाता है।
जीआई टैग प्राप्त करने के परिणामस्वरूप,अन्य क्षेत्रों से उपजे हुए अन्य किस्मों के चावल को ‘ गोविन्दभोग ‘ के रूप में ब्रांडेड नहीं किया जा सकता है।
भौगोलिक संसूचक(जीआई) के बारे में –
जीआई टैग एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति वाले उत्पादों और उनके विशेष गुणवत्ता या विशेषताओं के संबंध में सदियों से विकास के लिए प्रतीक चिन्ह है।
इसे औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण के लिए पेरिस कन्वेंशन के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के एक तत्व के रूप में शामिल किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, जीआई को विश्व व्यापार संगठन के बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित समझौतों(ट्रिप्स) द्वारा लागू किया जाता है।
दार्जिलिंग चाय भारत में जीआई टैग प्राप्त करने वाला पहला उत्पाद था।
Gobindobhog Rice Gets Geographical Indication Status :-
Gobindobhog rice,a speciality from Burdwan district of West Bengal, has got the geographical indication (GI) status.
The region of Burdwan (now divided into the districts of east and west Burdwan) is known as the rice bowl of Bengal.
As a result of getting the GI tag, as the certification is also called, rice from other regions or rice of other varieties cannot be branded as ‘Gobindobhog’.
About Geographical Indication (GI)
GI tag is an insignia on products having a unique geographical origin and evolution over centuries with regards to its special quality or reputation attributes.
It is covered as an element of intellectual property rights (IPRs) under Paris Convention for the Protection of Industrial Property. At international level, GI is governed by WTO’s Agreement on Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights (TRIPS).
Darjeeling tea was the first product to accord with GI tag in India.
5.नीति आयोग: इज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस पर सर्वेक्षण :-
इज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस पर नीति आयोग द्वारा जारी एक सर्वेक्षण ने भारतीय उद्यमों के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य पाया है।
नीति आयोग की रिपोर्ट ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनस: ऐन एंटरप्राइज सर्वे ऑफ इंडियन स्टेट्स’ में बताया गया है कि पूरे देश में उद्यमियो के बीच राज्यों द्वारा स्थापित एकल खिड़की प्रणालियों के बारे में जागरूकता बहुत कम है।
एकल खिड़की प्रणाली व्यवसायों को एक स्थान या संस्था से विनियामक औपचारिकताओं को पूरा करने की अनुमति देती है। राज्यों में ऐसी प्रणाली की उपस्थिति के बारे में जागरूकता की कमी आश्चर्यजनक है।
यह सर्वेक्षण नीती आयोग द्वारा मुंबई स्थित थिंक टैंक आईडीएफसी संस्था के साथ-साथ किया गया।
Niti Aayog: Survey on Ease of Doing Business :-
A Niti Aayog survey on ease of doing business in India has found surprising facts about Indian enterprises.
Report of the survey, titled “Ease of Doing Business: An Enterprise Survey of Indian States”, reveals that awareness about single window systems, instituted by states, is very low among enterprises across India.
The Single window system allows businesses to complete regulatory formalities from a single location or institution. The lack of awareness about the presence of such a system in states is surprising.
The survey was carried out by Niti Aayog along with along with the IDFC Institute, a Mumbai-based think tank.
6.गृह मंत्री ने युवा योजना का उद्घाटन किया :-
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने विज्ञान भवन में आयोजित प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंर्तगत दिल्ली पुलिस की महत्वकांक्षी युवा कौशल योजना का उद्घाटन किया।
दिल्ली पुलिस के युवा पहल का उद्देश्य युवाओं में उनकी क्षमता और कौशल के अनुसार विकास करना है। यह कौशल विकास मंत्रालय के तहत प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत लाभदायक रोजगार पाने में उन्हें मदद करेगा।
दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ समझौता किया है।
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ‘प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना’ (पीएमकेवीवाई) के तहत युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) अपने क्षेत्र कौशल परिषदों,जो उद्योग से जुड़े हैं, के माध्यम से नौकरी से जुड़े प्रशिक्षण प्रदान करेगा, और इस प्रकार से नौकरी प्राप्त करने की गारंटी होगी।
Home Minister Inaugurates YUVA :-
The Union Home Minister Shri Rajnath Singh inaugurated the YUVA – a skill development programme and an initiative by Delhi Police under Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana.
The ‘YUVA’ initiative by Delhi Police aims to connect with youth by upgrading their skill as per their competencies. It will help them to get a gainful employment under Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojna under the Ministry of Skill Development.
Delhi Police has tied up with National Skill Development Corporation (NSDC) and Confederation of Indian Industry (CII).
National Skill Development Corporation shall be providing skill training to the youth under ‘Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojna’ (PMKVY) and CII will provide job linked training through its Sector Skill Councils who are connected to industry and thereby provide job guarantee.
7.एफडीआई नीति ने एयर इंडिया की शेयर बिक्री से विदेशी एयरलाइन्स को बाहर किया :-
सरकार की नई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की नीति से स्पष्ट है कि विदेशी एयरलाइंस को राष्ट्रीय एयरलाइन में हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी “समेकित एफडीआई नीति” में, शामिल एक उप-धारा जिसमे विदेशी एयरलाइंस को घरेलू यात्री वायुयानों में 49 प्रतिशत तक पूंजी निवेश करने की अनुमति दिया गया है, वह एयर इंडिया के मामले में लागू नही होगा।
एयर इंडिया के विशिष्ट वैकल्पिक तंत्र समूह, जिसके अध्यक्ष वित्त मंत्री अरुण जेटली हैं, को रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया को निर्देशित करने और वैकल्पिक तंत्र के ऋण के उपचार और उसके परिसंपत्तियों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए अनिवार्य किया गया है।
FDI Policy Rules out Air India’s Stake Sale to Foreign Airline :-
The government’s new foreign direct investment (FDI) policy suggests that foreign airlines may not be allowed to buy a stake in the national carrier Air India.
In the “Consolidated FDI Policy” released by the Ministry of Commerce and Industry, the sub-section which allows foreign airlines to invest up to 49 per cent paid-up capital of domestic passenger carriers is not applicable in the case of Air India.
The Air India-specific Alternative Mechanism group, which is headed by Finance Minister Arun Jaitley has been mandated to guide the strategic divestment process and to decide on key issues such as treatment of AI’s debt and hiving-off of its assets.
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